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सामान्य अध्ययन– I
विषय: विश्व का इतिहास, जिसमें 18वीं सदी तथा बाद की घटनाएँ यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनःसीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव शामिल होंगे।
- लैटिन अमेरिकी क्रांति ने दूरदर्शी लोगों को जन्म दिया। उनमें से सबसे प्रमुख सिमोन बोलिवर थे, जिन्हें महान महाद्वीप का मुक्तिदाता माना जाता था। बोलिवर का उद्देश्य दक्षिण अमेरिका की सभी इकाइयों को शामिल करके एक गणतंत्र संघ का सृजन करना था। विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: सरल
सन्दर्भ: आधुनिक विश्व का इतिहास: जैन एवं माथुर
निर्देशक शब्द:
विश्लेषण कीजिए– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
सिमोन बोलिवर का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।
विषय वस्तु:
सिमोन बोलिवर के राजनीतिक दर्शन के बारे में लिखिए।
उनकी सैन्य उपलब्धियों के बारे में लिखिए।
निष्कर्ष:
संक्षेप में निष्कर्ष निकालिए कि उनके योगदान के कारण लैटिन अमेरिकी लोगों ने उन्हें द लिबरेटर (मुक्तिदाता) की उपाधि प्रदान की।
विषय: विश्व का इतिहास, जिसमें 18वीं सदी तथा बाद की घटनाएँ यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनःसीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव शामिल होंगे।
- उपनिवेशवाद क्या है? उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्ध में अफ्रीका में औपनिवेशीकरण के स्वरुप पर प्रकाश डालिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: आधुनिक विश्व का इतिहास: जैन एवं माथुर
निर्देशक शब्द:
प्रकाश डालिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर लेखन में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह प्रश्न से सम्बंधित प्रासंगिक जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
उपनिवेशवाद को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।
विषय वस्तु:
उपनिवेशवाद की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
अफ्रीका के औपनिवेशीकरण के बारे में लिखिए।
निष्कर्ष:
औपनिवेशीकरण के परिणामों पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: सामाजिक सशक्तिकरण।
- भारत की राष्ट्रपति बनने वाली प्रथम आदिवासी महिला के रूप में द्रौपदी मुर्मू के उत्थान का सामाजिक न्याय एवं आदिवासियों के आत्मसातीकरण पर पड़ने वाले प्रभावों की चर्चा कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: Live Mint , Indian Express
निर्देशक शब्द:
चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
प्रश्न का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरूआत कीजिए।
विषय वस्तु:
एक आदिवासी महिला को देश के सर्वोच्च पद के लिए चुने जाने के ऐतिहासिक क्षण के बारे में लिखिए।
इसका सामाजिक न्याय एवं आदिवासियों के समावेशन पर पड़ने वाले प्रभावों पर प्रकाश डालिए।
उपर्युक्त को सिद्ध करने के लिए उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
निष्कर्ष:
समावेशिता प्राप्त करने के लिए आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– II
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
- नवाचार सतत आर्थिक विकास एवं समृद्धि की आधारशिला है। देश में नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न सरकारी उपायों का मूल्यांकन कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: कठिन
सन्दर्भ: The Hindu , Insights on India
निर्देशक शब्द:
मूल्यांकन कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है की वह कथन अथवा विषय के महत्व को रेखांकित करते हुए उसकी समग्र उपयोगिता बताये।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
आँकड़ों की सहायता से देश में नवाचार के स्तर के बारे में एक संक्षिप्त जानकारी प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
नवाचार प्रणाली के महत्व पर प्रकाश डालिए।
उनके महत्व को उचित ठहराने के लिए उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
इस दिशा में सरकार द्वारा किए गए उपायों की व्याख्या कीजिए।
उनकी सफलताओं एवं सीमाओं का मूल्यांकन कीजिए।
निष्कर्ष:
इन सीमाओं को पार करने के लिए आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– III
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।
- दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (IBC) के कार्यान्वयन में शामिल विभिन्न मुद्दों का परीक्षण कीजिए, जो इसके घोषित उद्देश्यों की उपलब्धि में बाधा डालते हैं। दिवालियापन समाधान को पारदर्शी एवं निर्बाध बनाने के लिए इन्हें कैसे सुधारा जा सकता है? (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: Indian Express , Insights on India
निर्देशक शब्द:
परीक्षण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (IBC) के लक्ष्य एवं उद्देश्यों के बारे में लिखते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।
विषय वस्तु:
दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (IBC) के सृजन के बाद से इसकी विभिन्न विशेषताओं एवं उपलब्धियों को सूचीबद्ध कीजिए।
दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (IBC) के निष्पादन में शामिल विभिन्न सीमाओं का उल्लेख कीजिए।
देश के पूंजी निर्माण एवं आर्थिक विकास में इसकी सहायक भूमिका को सशक्त बनाने के लिए दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (IBC) के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के उपायों का सुझाव दीजिए।
निष्कर्ष:
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय प्रभाव आकलन।
- विश्व भर में खाद्य संकट बढ़ने के साथ ही आज के परिवेश में मृदा एवं उसके तात्कालिक वातावरण को बनाए रखने के लिए कार्रवाई करने की आवश्यकता दबाव एवं चुनौतीपूर्ण कार्य बन जाती है। टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: Live Mint , Insights on India
निर्देशक शब्द:
टिप्पणी कीजिए– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
मृदा स्वास्थ्य की स्थिति का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।
विषय वस्तु:
मृदा स्वास्थ्य से संबंधित चिंताओं का वर्णन कीजिए।
इनके प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
देश में मृदा स्वास्थ्य के संरक्षण के लिए आवश्यक कदमों के बारे में लिखिए।
निष्कर्ष:
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– IV
विषय: केस स्टडी।
- आप अनाप-शनाप न सहने वाले, ईमानदार अधिकारी हैं। आपका तबादला एक सुदूर जिले में एक ऐसे विभाग के प्रमुख के रूप में कर दिया गया है, जो अपनी अदक्षता और संवेदनहीनता के लिए कुख्यात है। आप पाते हैं कि इस घटिया कार्य-स्थिति का मुख्य कारण कर्मचारियों के एक भाग में अनुशासनहीनता है। वे स्वयं तो कार्य करते नहीं है और दूसरों के कार्य में भी गड़बड़ी पैदा करते हैं। सबसे पहले आपने उत्पातियों को सुधर जाने की, अन्यथा अनुशासनिक कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी। जब इस चेतावनी का न के बराबर असर हुआ, तब आपने नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। इसके बदले के रूप में उन्होंने अपने बीच एक महिला कर्मचारी को आपके विरूद्ध महिला आयोग में यौन-उत्पीड़न की एक शिकायत दायर करने के लिए भड़का दिया। आयोग ने तुरन्त आपका स्पष्टीकरण मांगा। आपको इससे आगे भी लज्जित करने के लिए मामला मीडिया में भी प्रसारित किया गया। इस स्थिति से निपटने के विकल्पों में से कुछ निम्नलिखित हो सकते हैं:
- आयोग को अपना स्पष्टीकरण दे दीजिए और अनुशासनिक कार्रवाई पर नरमी बरतिए।
- आयोग को नजरअंदाज कर दीजिए और अनुशासनिक कार्रवाई को मजबूती के साथ आगे बढाइए।
- अपने उच्च अधिकारियों को संक्षेप में अवगत करा दीजिए, उनसे निर्देश मांगिए और उनके अनुसार कार्य कीजिए।
कोई अन्य संभव विकल्प सुझाइए।
सभी का मूल्यांकन कीजिए और अपने कारण बताते हुए सबसे अच्छा विकल्प स्पष्ट कीजिए। (250 शब्द) (UPSC 2014)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
उत्तर की संरचना:
परिचय:
मामले के तथ्यों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
विषय वस्तु:
हितधारकों के साथ शामिल प्रमुख नैतिक मुद्दों पर प्रकाश डालिए।
ऊपर बताए गए विकल्पों के लाभ एवं हानियों का मूल्यांकन कीजिए।
आप जो दृष्टिकोण अपनाएंगे, उसे लिखिए।
निष्कर्ष:
ऐसे मामलों में भावनात्मक बुद्धिमत्ता एवं साहस के महत्व पर बल देते हुए निष्कर्ष निकालिए।