HINDI INSIGHTS STATIC QUIZ 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
महालवाड़ी व्यवस्था के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- वारेन हेस्टिंग्स इस व्यवस्था की शुरुआत की थी।
- इस व्यवस्था के तहत गांव की भूमि, वनभूमि और चारागाह शामिल थे।
- इस व्यवस्था के तहत, रैयतों द्वारा जमींदारों को राशि का भुगतान किया जाता था, जो बाद में अंग्रेजों को भुगतान करते थे।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
बंगाल प्रेसीडेंसी के उत्तर पश्चिमी प्रांतों में (इस क्षेत्र का अधिकांश क्षेत्र अब उत्तर प्रदेश में है), होल्ट मैकेंज़ी नामक एक अंग्रेज ने 1822 में इस नई प्रणाली को लागु किया गया था। उन्होंने महसूस किया कि ग्राम उत्तर भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण संस्थान थी और इसे संरक्षित करने की आवश्यकता थी। उनके निर्देशों के तहत, कलेक्टर गांव-गांव जाते थे, जमीन का निरीक्षण करते थे, खेतों की पैमाइश करते थे और विभिन्न समूहों के रीति-रिवाजों और अधिकारों को रिकॉर्ड करते थे। एक गाँव के भीतर प्रत्येक भूखंड के अनुमानित राजस्व को उस राजस्व की गणना करने के लिए जोड़ा गया था जिसे प्रत्येक गाँव (महाल) को भुगतान करना पड़ता था। इस राजस्व को समय-समय पर संशोधित किया जाता था और इसे स्थायी रूप से निर्धारित नहीं किया गया था। राजस्व एकत्र करने और कंपनी को भुगतान करने का कार्य जमींदार के बजाये ग्राम प्रधान को दिया गया था।
इस व्यवस्था के अंतर्गत शामिल भूमि में वनभूमि, चारागाह आदि सहित गाँवों की सभी भूमियां थी।
Incorrect
उत्तर: b)
बंगाल प्रेसीडेंसी के उत्तर पश्चिमी प्रांतों में (इस क्षेत्र का अधिकांश क्षेत्र अब उत्तर प्रदेश में है), होल्ट मैकेंज़ी नामक एक अंग्रेज ने 1822 में इस नई प्रणाली को लागु किया गया था। उन्होंने महसूस किया कि ग्राम उत्तर भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण संस्थान थी और इसे संरक्षित करने की आवश्यकता थी। उनके निर्देशों के तहत, कलेक्टर गांव-गांव जाते थे, जमीन का निरीक्षण करते थे, खेतों की पैमाइश करते थे और विभिन्न समूहों के रीति-रिवाजों और अधिकारों को रिकॉर्ड करते थे। एक गाँव के भीतर प्रत्येक भूखंड के अनुमानित राजस्व को उस राजस्व की गणना करने के लिए जोड़ा गया था जिसे प्रत्येक गाँव (महाल) को भुगतान करना पड़ता था। इस राजस्व को समय-समय पर संशोधित किया जाता था और इसे स्थायी रूप से निर्धारित नहीं किया गया था। राजस्व एकत्र करने और कंपनी को भुगतान करने का कार्य जमींदार के बजाये ग्राम प्रधान को दिया गया था।
इस व्यवस्था के अंतर्गत शामिल भूमि में वनभूमि, चारागाह आदि सहित गाँवों की सभी भूमियां थी।
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Question 2 of 5
2. Question
19वीं शताब्दी की शुरुआत में पॉलीगर विद्रोह का कारन था
Correct
उत्तर: b)
पॉलीगर विद्रोह तमिलनाडु के पूर्व तिरुनेलवेली साम्राज्य के पॉलीगर और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेनाओं के बीच 1799 से 1805 के बीच लंबित करों, दमनकारी भूमि राजस्व प्रणाली आदि के कारण हुआ था।
आखिरकार इसमें अंग्रेजों की विजय हुयी।
पॉलीगारों पर ब्रिटिश विजय ने ब्रिटिश नियंत्रण में तमिलनाडु के क्षेत्रों के बड़े हिस्से को कला दिया, जिससे अंग्रेजों की दक्षिणी भारत में सुदृढ़ स्थिति हो गयी।
Incorrect
उत्तर: b)
पॉलीगर विद्रोह तमिलनाडु के पूर्व तिरुनेलवेली साम्राज्य के पॉलीगर और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेनाओं के बीच 1799 से 1805 के बीच लंबित करों, दमनकारी भूमि राजस्व प्रणाली आदि के कारण हुआ था।
आखिरकार इसमें अंग्रेजों की विजय हुयी।
पॉलीगारों पर ब्रिटिश विजय ने ब्रिटिश नियंत्रण में तमिलनाडु के क्षेत्रों के बड़े हिस्से को कला दिया, जिससे अंग्रेजों की दक्षिणी भारत में सुदृढ़ स्थिति हो गयी।
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Question 3 of 5
3. Question
निम्नलिखित गवर्नर जनरल में से किसने देशी राज्यों के साथ अहस्तक्षेप की नीति को अपनाया?
Correct
उत्तर: a)
सर जॉन शोर ने देशी राज्यों के मामलों में अहस्तक्षेप की नीति और कठोर तटस्थता की नीति को अपनाया।
Incorrect
उत्तर: a)
सर जॉन शोर ने देशी राज्यों के मामलों में अहस्तक्षेप की नीति और कठोर तटस्थता की नीति को अपनाया।
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Question 4 of 5
4. Question
बक्सर के युद्ध (1764) के बाद, ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय राज्यों में रेजिडेंट नियुक्त किए। वे थे
Correct
उत्तर: c)
ये राजनीतिक या वाणिज्यिक एजेंट थे और उनका काम कंपनी के हितों की रक्षा और आगे बढ़ना था। रेजिडेंट के माध्यम से, कंपनी के अधिकारियों ने भारतीय राज्यों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया। उन्होंने यह निर्धारित करने की कोशिश की कि अगला उत्तराधिकारी कौन होगा और प्रशासनिक पदों पर किसे नियुक्त किया जाए।
Incorrect
उत्तर: c)
ये राजनीतिक या वाणिज्यिक एजेंट थे और उनका काम कंपनी के हितों की रक्षा और आगे बढ़ना था। रेजिडेंट के माध्यम से, कंपनी के अधिकारियों ने भारतीय राज्यों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया। उन्होंने यह निर्धारित करने की कोशिश की कि अगला उत्तराधिकारी कौन होगा और प्रशासनिक पदों पर किसे नियुक्त किया जाए।
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Question 5 of 5
5. Question
सामान्य सेवा प्रवर्तन अधिनियम, 1857 के विद्रोह के मुख्य कारणों में से एक था। यह अधिनियम संबंधित था:
Correct
उत्तर: d)
1856 में चार्ल्स कैनिंग द्वारा 1856 का सामान्य सेवा प्रवर्तन अधिनियम प्रस्तुत किया गया था। इसमें प्रावधान किया गया था कि यदि आवश्यक हो तो प्रत्यके भारतीय सैनिक की विदेश में तैनाती करना। यह 1857 के विद्रोह का एक मुख्य कारण था, क्योंकि उन दिनों ब्राह्मणों के लिए समुद्र पार करने करना निषेध था।
Incorrect
उत्तर: d)
1856 में चार्ल्स कैनिंग द्वारा 1856 का सामान्य सेवा प्रवर्तन अधिनियम प्रस्तुत किया गया था। इसमें प्रावधान किया गया था कि यदि आवश्यक हो तो प्रत्यके भारतीय सैनिक की विदेश में तैनाती करना। यह 1857 के विद्रोह का एक मुख्य कारण था, क्योंकि उन दिनों ब्राह्मणों के लिए समुद्र पार करने करना निषेध था।
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