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[Mission 2022] INSIGHTS करेंट अफेयर्स+ पीआईबी नोट्स [ DAILY CURRENT AFFAIRS + PIB Summary in HINDI ] 9 July 2022

विषयसूची

सामान्य अध्ययन-I

  1. अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण हेतु भारत का यूनेस्को की अंतर सरकारी समिति में चयन

सामान्य अध्ययन-II

  1. मेघालय जनजातीय परिषद द्वारा ‘विलय दस्तावेजों’ का पुनरावलोकन
  2. खिलाड़ियों के लिए संशोधित सामाजिक सुरक्षा योजना

सामान्य अध्ययन-III

  1. वन परिदृश्य बहाली

सामान्य अध्ययन-IV

  1. गुमनामी या प्रसिद्धि

मुख्य परीक्षा संवर्धन हेतु पाठ्य सामग्री (नैतिकता/निबंध)

  1. खेलों में लैंगिक वेतन अंतराल

प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य

  1. ड्रैगन फ्रूट की खेती
  2. खुला क्षेत्रफल लाइसेंसिंग नीति 
  3. राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम 
  4. गीगा मेश
  5. ग्लोबल लिवेबिलिटी इंडेक्स 2022
  6. ऑनकोलिटिक वायरस

 


सामान्य अध्ययनI


 

विषय: भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे। 

अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण हेतु भारत का यूनेस्को की अंतर सरकारी समिति में चयन


संदर्भ:

भारत को ‘अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ (Intangible Cultural Heritage – ICH) की सुरक्षा हेतु 2022-2026 चक्र के लिए यूनेस्को के 2003 कन्वेंशन की अंतर सरकारी समिति का सदस्य चुना गया है। 

पृष्ठभूमि:

    • अतीत में, भारत इस कन्वेंशन की अंतर-सरकारी समिति के सदस्य के रूप में दो कार्यकाल – एक 2006 से 2010 तक और दूसरा 2014 से 2018 तक – पूरे कर चुका है। 
    • भारत, यूनेस्को की ‘विश्व धरोहर समिति’ (2021-2025) का भी सदस्य है।
  • भारत, सितंबर 2005 में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए 2003 के कन्वेंशन की पुष्टि कर चुका है।              

विवरण:

  • अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा हेतु वर्ष 2003 के कन्वेंशन की अंतर सरकारी समिति में 24 सदस्य होते हैं और इसे समान भौगोलिक प्रतिनिधित्व और रोटेशन के सिद्धांतों के अनुसार कन्वेंशन की आम सभा में चुना जाता है। 
  • इस समिति के सदस्य देश चार साल की अवधि के लिए चुने जाते हैं। 
  • मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में 14 धरोहरों के साथ भारत अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में भी उच्च स्थान पर है। 
  • 2021 में दुर्गा पूजा को इसमें शामिल किए जाने के बाद भारत ने 2023 में विचार किए जाने के लिए गुजरात के गरबा का नामांकन प्रस्तुत किया था।                   

Current Affairs

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन- यूनेस्को (United Nations Educational Scientific and Cultural Organization- UNESCO): 

  • यह संयुक्त राष्ट्र (United Nations – UN) की एक विशेष एजेंसी है।
  • इसका उद्देश्य शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से शांति का निर्माण करना है।
  • यह ‘संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समूह’ (United Nations Sustainable Development Group – UNSDG) का सदस्य भी है, जोकि संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और संगठनों का एक गठबंधन है। UNSDG का उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को पूरा करना है।
  • यूनेस्को का मुख्यालय ‘पेरिस’ में स्थित है और संगठन के दुनिया भर में 50 से अधिक क्षेत्रीय कार्यालय हैं।
  • यूनेस्को के 193 सदस्य और 11 सहयोगी सदस्य हैं (अप्रैल 2020 तक) और यह महासभा और कार्यकारी बोर्ड द्वारा शासित होता है।
  • यूनेस्को के तीन सदस्य देश – कुक आइलैंड्स, नीयू और फिलिस्तीन – संयुक्त राष्ट्र के सदस्य नहीं हैं। जबकि, तीन संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश (इज़राइल, लिकटेंस्टीन, संयुक्त राज्य अमेरिका) यूनेस्को के सदस्य नहीं हैं।

इंस्टा लिंक्स:

यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल

स्रोत: पीआईबी

 


सामान्य अध्ययनII


 

विषय: विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान। 

मेघालय जनजातीय परिषद द्वारा ‘विलय दस्तावेजों’ का पुनरावलोकन


संदर्भ:

मेघालय में एक जनजातीय परिषद ने ‘विलय के दस्तावेज’ (Instrument of Accession)  पर फिर से विचार करने के लिए पारंपरिक प्रमुखों की एक बैठक बुलाई है। सात दशक से भी अधिक समय पहले, इन ‘विलय दस्तावेजों’ पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद ‘खासी-प्रक्षेत्र’ (Khasi domain) भारतीय संघ का हिस्सा बन गया था।

  • ‘खासी हिल्स स्वायत्त जिला परिषद’ (Khasi Hills Autonomous District Council – KHADC) के मुख्य कार्यकारी सदस्य ने 15 दिसंबर, 1947 और मार्च 19, 1948 के बीच भारत के डोमिनियन के साथ हस्ताक्षरित विलय-दस्तावेजों और अधिग्रहण समझौते का अध्ययन किए जाने पर सहमति व्यक्त की है।
  • KHADC ने कहा कि खासी हिल्स से संबंधित प्रावधानों को छठी अनुसूची में जोड़ा जा सकता है, जिसे “संसद द्वारा संशोधित किया जा सकता है”।

  Current Affairs          

पृष्ठभूमि:

  • मेघालय को तीन क्षेत्रों में -खासी, गारो और जयंतिया- विभाजित किया गया है, इनमे कई मातृवंशीय समुदायों (Matrilineal Communities) का वर्चस्व है। खासी पहाड़ियाँ 25 ‘हिमाओं’ या राज्यों में फैली हुई हैं, जिनसे मिलकर ‘खासी राज्य संघ’ का गठन हुआ है।
  • इन राज्यों के साथ एक ‘सशर्त संधि’ (conditional treaty) पर भारत के गवर्नर-जनरल, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी द्वारा 17 अगस्त, 1948 को हस्ताक्षर किए गए थे।
  • अनुच्छेद 371A के तहत नागालैंड को विशेष दर्जा दिया गया था, जोकि ‘खासी राज्यों के संघ’ का एक विचार था।

खासी राज्य के विलय-दस्तावेज:

  • इस विलय-दस्तावेज पर खासी शासकों और भारत के डोमिनियन के बीच हस्ताक्षर किए गए थे।
  • इस समझौते (जिसे विलय-दस्तावेज के हिस्से के रूप में माना जाएगा) में खासी शासकों ने स्वीकार किया था, कि ‘डोमिनियन विधानमंडल’ किसी भी मामले के संबंध में उक्त खासी राज्यों के लिए कानून बना सकता है। 

‘छठी अनुसूची’ के बारे में:

1949 में संविधान सभा द्वारा पारित संविधान की छठी अनुसूची में असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों में जनजातीय आबादी के अधिकारों की रक्षा के लिए इन राज्यों के आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन का प्रावधान किया गया है।

  • छठी अनुसूची, ‘स्वायत्त क्षेत्रीय परिषदों’ और ‘स्वायत्त ज़िला परिषदों’ (ADCs) के माध्यम से आदिवासियों के अधिकारों की सुरक्षा का प्रावधान करती है। 
  • इन परिषदों को सार्वजनिक स्वास्थ्य, कृषि और अन्य विषयों पर कानून बनाने की शक्ति प्राप्त होती है। 
  • वर्तमान में छठी अनुसूची के अंतर्गत, चार पूर्वोत्तर राज्यों असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा की 10 स्वायत्त जिला परिषदें सम्मिलित हैं।
  • यह ‘विशेष प्रावधान’ संविधान के अनुच्छेद 244 (2) और अनुच्छेद 275 (1) के तहत किए गए हैं।

इंस्टा लिंक्स:

पांचवी अनुसूची

स्रोत: द हिंदू

 

विषय: समाज के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं, इन योजनाओं के संरक्षण और बेहतरी के लिए गठित तंत्र, कानून, संस्थान और निकाय आदि।

 

खिलाड़ियों के लिए नकद पुरस्कार, राष्ट्रीय कल्याण एवं पेंशन की संशोधित योजनाओं का शुभारंभ 


संदर्भ:

हाल ही में, केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री द्वारा खिलाड़ियों के लिए नकद पुरस्कार, राष्ट्रीय कल्याण और पेंशन की संशोधित योजनाओं, खेल विभाग की योजनाओं के लिए वेब पोर्टल और राष्ट्रीय खेल विकास कोष वेबसाइट का शुभारंभ किया गया।

प्रमुख संशोधन:

  • नए संशोधनों के तहत, अब कोई भी खिलाड़ी अपनी पात्रता के अनुसार तीनों योजनाओं के लिए सीधे आवेदन कर सकता है।
  • समय सीमा में कमी: नकद पुरस्कार की समय पर प्रस्तुति और बाद में अनुमोदन सुनिश्चित करने के लिए, आवेदक को अब विशेष आयोजन के समापन की अंतिम तिथि से छह महीने के भीतर नकद पुरस्कार योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
  • सत्यापन प्रक्रिया में आसानी: इस प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने के लिए तीनों योजनाओं में सत्यापन प्रक्रिया को काफी हद तक आसान कर दिया गया है।
  • डेफलिम्पिक्स (Deaflympics) को पेंशन लाभ: डेफलिम्पिक्स का अर्थ है ‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट प्रतिस्पर्धा में भाग लेने वाले बधिर एथलीटों के लिए बधिर खेल’।
  • NSDF के लिए वेबसाइट: राष्ट्रीय खेल विकास कोष‘ (National Sports Development Fund – NSDF) के लिए एक समर्पित इंटरैक्टिव वेबसाइट nsdf.yas.gov.in विकसित की गयी है।
  • यह कोष देश में खेलों के प्रचार और विकास के लिए केंद्र व राज्य सरकारों, सार्वजनिक उपक्रमों, निजी कंपनियों और व्यक्तियों आदि के ‘कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व’ (CSR) के माध्यम से प्राप्त योगदान पर आधारित है। 

मेधावी खिलाड़ी पेंशन योजना:

मेधावी खिलाड़ी पेंशन योजना (Meritorious Sportsperson Pension Scheme), खेल में उत्कृष्टता हासिल करने हेतु हमारे देश में सर्वश्रेष्ठ खेल प्रतिभाओं को आकर्षित करने और बनाए रखने के लिए तैयार की गई है।

  • यह योजना, अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के सम्मान में मेधावी खिलाड़ियों को प्रोत्साहन के साथ-साथ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।
  • खेल में उनकी उच्च महत्वाकांक्षा और उपलब्धि की खोज में उनके द्वारा गवाए गए अवसरों के लिए क्षतिपूर्ति के लिए एक ‘सुनिश्चित मासिक आय’ प्रदान की जाएगी।

निम्नलिखित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण, रजत या कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को इस योजना के तहत मासिक पेंशन मिलेगी:

  • ओलंपिक खेल
  • ओलंपिक में ‘विश्व कप’
  • एशियाई खेल
  • राष्ट्रमंडल खेल
  • पैरालंपिक खेल

अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं और उनके प्रशिक्षकों को नकद पुरस्कार योजना:

ये नकद पुरस्कार 1986 में शुरू किए गए थे, और इनके वर्ष 2020 में संशोधन किया गया था।

उद्देश्य: उत्कृष्ट खिलाड़ियों की उपलब्धियों को प्रोत्साहित करना, उन्हें उच्च उपलब्धियों के लिए प्रोत्साहित करना और प्रेरित करना और युवा पीढ़ी को खेलों के प्रति आकर्षित करने के लिए प्रेरक रोल मॉडल के रूप में कार्य करना।

ये पुरस्कार निम्नलिखित विषयों में प्रदान किए जाते हैं:

  • ओलिंपिक खेलों/एशियाई खेलों/राष्ट्रमंडल में खेल विधाएं
  • शतरंज
  • बिलियर्ड्स और स्नूकर

इंस्टा लिंक्स:

खिलाड़ियों के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कल्याण (PDUNWFS)

अभ्यास प्रश्न:

पंडित दीनदयाल उपाध्याय नेशनल वेलफेयर फॉर स्पोर्ट्सपर्सन योजना का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए और योजनाओं में किए गए प्रमुख संशोधनों पर भी चर्चा कीजिए। (15 अंक)

स्रोत: पीआईबी

 

 


सामान्य अध्ययनIII


 

विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन। 

वन परिदृश्य बहाली


संदर्भ: हाल ही में, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा ‘हरियाली महोत्सव’ (Hariyali Mahotsav) का आयोजन किया गया। यह आर्टिकल मुख्य परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

  • हरियाली महोत्सव–  हरियाली महोत्सव का आयोजन न सिर्फ वर्तमान पीढ़ी के जीवन को बनाए रखने बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित करने में पेड़ों के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए किया जा रहा है। 
  • पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने और इस धरती को इकोसिस्टम से जुड़ी विभिन्न सेवाएं प्रदान करने में वन/हरियाली की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करने के उद्देश्य से देशभर में हरियाली महोत्सव मनाया जाता है।
  • वन महोत्सव: ‘वन महोत्सव दिवस’ का इतिहास जुलाई 1947 से शुरू होता है, जब इसे पहली बार पंजाबी वनस्पतिशास्त्री एम.एस. रंधावा द्वारा आयोजित किया गया था। यह हर साल जुलाई में मनाया जाने वाला एक अखिल भारतीय वृक्षारोपण उत्सव है।

वन बहाली (Forest Restoration) की स्थिति:

  • अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) के अनुसार, वनों की कटाई और वन क्षरण, वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का लगभग 12% योगदान करते हैं।
  • भारत में 30% वनभूमि का क्षरण हो चुका है। भारत में प्राथमिक वनों के कुल क्षेत्रफल में 3.6% की कमी आई है।
  • विश्व में लगभग दो अरब हेक्टेयर (और भारत में 14 करोड़ हेक्टेयर) खराब हो चुकी भूमि में ‘वन भूमि’ के रूप में संभावित बहाली की गुंजाइश है।

आवश्यकता:

  • वन भूदृश्य पुनर्स्थापन‘ (Forest landscape restoration): वन भूदृश्य बहाली या पुनर्स्थापन, पारिस्थितिक कार्यक्षमता को पुनः प्राप्त करने और काटे जा चुके वनों या अवक्रमित वन परिदृश्यों में, मानव कल्याण में सुधार करने की प्रक्रिया है।
  • इस प्रक्रिया में, परिदृश्यों के उन्नयन हेतु पारस्परिक रूप से लाभप्रद हस्तक्षेपों को डिजाइन करने और निष्पादित करने की प्रक्रिया में समुदायों, समर्थकों, सरकार, संवेदनशील वन-आश्रित लोगों और भूस्वामियों को शामिल करने का प्रयास किया जाता है।
  • विश्व संसाधन संस्थान के शिक्षाविदों के अनुसार, वन पारिस्थितिकी तंत्र, मिट्टी की उर्वरता और पानी की उपलब्धता को समृद्ध करते हैं, कृषि उत्पादकता को बढ़ाते हैं, और बदले में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में वृद्धि करते हैं।
  • वृक्षारोपण करते समय प्रजातियों की विविधता को सुनिश्चित करना: विविध देशी वृक्ष प्रजातियों वाले प्राकृतिक वन एकल प्रजाति वृक्षारोपण की तुलना में कार्बन को अलग करने में अधिक कुशल होते हैं।
    • केस स्टडी: पंजाब में, समुदाय द्वारा सक्रिय रूप से देशी प्रजातियों जैसे कि झंड, देसी किकर और फरवान आदि वृक्षों का रोपण किया जा है, जोकि काफी लचीला और अनुकूल हैं। इनमें से अधिकांश पौधों की जीवित रहने की दर 90% है, जो स्थायी वनीकरण गतिविधियों के लिए एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है।
  • सतत वन फसलों (कृषि वानिकी) को बढ़ावा देना: यह खाद्य असुरक्षा को कम करता है और महिलाओं को सशक्त बनाता है, जिससे उन्हें अधिक पोषण आहार और नए आय-स्रोतों तक पहुंच प्राप्त करने का अवसर प्राप्त होता है।
  • कृषि वानिकी (Agroforestry) ग्रामीण-से-शहरी प्रवास को कम करती है और संसाधनों और घरेलू आय में वृद्धि में योगदान करती है।
  • ‘वृक्षारोपण’ सभी व्यक्तियों, समुदाय और पृथ्वी के समग्रकल्याण से गहराई से जुड़ा हुआ है।

अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम:

  • 2021-2030 की अवधि को संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली’ दशक घोषित किया गया है, इस दौरान वनों सहित ‘अवक्रमित स्थलीय पारिस्थितिक तंत्र’ (degraded terrestrial ecosystems) को बहाल करने के प्रयासों पर जोर दिया जा रहा है।
  • वर्ष 2011 का बॉन चैलेंज  (Bonn Challenge, 2011): इसे वर्ष 2020 तक 150 मिलियन हेक्टेयर अवक्रमित और वनों की कटाई वाले परिदृश्य को बहाल करने और वर्ष 2030 तक 350 मिलियन हेक्टेयर को बहाल करने के वैश्विक लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था।
  • भारत 2015 में ‘बॉन चैलेंज’ में शामिल हुआ, जिसमें 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर खराब और वनों की कटाई वाली भूमि को बहाल करने का वादा किया गया था। इसके तहत 2030 तक वन और वृक्षों के आवरण के माध्यम से 2.5 बिलियन-3 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर एक अतिरिक्त कार्बन सिंक बनाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

भारत के कार्यक्रम:

  • भारत में शुरू किए गए कार्यक्रमों में शामिल हैं: प्रतिपूरक वनरोपण, राष्ट्रीय वनरोपण कार्यक्रम, हरित भारत के लिए राष्ट्रीय मिशन (हरित भारत मिशन), नगर वन योजना और वन अग्नि निवारण और प्रबंधन योजना, आदि।
  • पर्यावरण और वन क्षेत्रों में रोजगार पाने की इच्छा रखने वाले युवाओं के लिए ‘हरित कौशल विकास कार्यक्रम’।
  • राज्य सरकारों के कार्यक्रम: तेलंगाना ने ड्रोन का उपयोग करके तेलंगानाकु हरिथा हराम‘  (Telanganaku Haritha Haram) नामक एक बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण कार्यक्रम शुरू किया है।

मुद्दे: भारत में वन बहाली के लिए- क्षेत्रों की पहचान, वृक्षारोपण में अनुसंधान और वैज्ञानिक रणनीतियों के महत्व की कमी, हितधारकों के हितों के टकराव और वित्तपोषण के मामले में बाधाओं का सामना करना पड़ता है।

इंस्टा लिंक

नेट-जीरो रेस में ‘वन बहाली’ की बैटन

अभ्यास प्रश्न:

‘वन बहाली’, जलवायु शमन रणनीतियों के प्रमुख तत्वों में से एक है। इस संदर्भ में, भारत में अवक्रमित वन परिदृश्य को बहाल करने के लिए किए गए उपायों का परीक्षण कीजिए। (250 शब्द)

स्रोत: द हिंदू

 


सामान्य अध्ययनIV


 

विषय: नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि

गुमनामी या प्रसिद्धि


सिविल सेवा: पद सर्वोपरि है, व्यक्ति नहीं; प्रचार पर काम हावी रहना चाहिए; सिविल सेवकों से फेसलेस रहने की अपेक्षा की जाती है।

 

सोशल मीडिया के आगमन के बाद सिविल सेवकों के बारे में जनता के नजरिए में परिवर्तन:

हाल ही में, सिविल सेवक अपने काम से संबंधित होने के बजाय अन्य सभी प्रकार के कारणों से चर्चा में रहे हैं।

उदहारण 1: हाल ही में, एक सिविल सेवक दंपति को राजधानी के एक स्टेडियम में अपने कुत्ते को टहलाते हुए पाया गया था। इसके लिए स्टेडियम को एथलीटों से खाली करा किया गया था। इस घटना के सोशल मीडिया पर फ़ैल जाने के बाद उनके तबादले भी सार्वजनिक बहस का विषय बन गए।

उदहारण 2: आईएएस टॉपर्स दंपत्ति, जिन्होंने पहले शादी कर ली और बाद में तलाक ले लिया – लगातार खबरों और सोशल मीडिया पर छाए रहे।

यह सब ‘सोशल मीडिया नौकरशाहों’ की एक नस्ल पैदा कर रहा है।

Current Affairs

अभ्यास प्रश्न

सिविल सेवाओं के संदर्भ में सार्वभौमिक प्रकृति के तीन बुनियादी मूल्यों का उल्लेख कीजिए और उनके महत्व को उजागर कीजिए। (यूपीएससी सीएसई 2018)

स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स

 


मुख्य परीक्षा संवर्धन हेतु पाठ्य सामग्री (नैतिकता/निबंध)


खेलों में लैंगिक वेतन अंतराल 

न्यूजीलैंड ने पुरुष और महिला क्रिकेटरों दोनों के लिए समान वेतन की घोषणा की है। न्यूजीलैंड का यह कदम खेलों में ‘लैंगिक वेतन अंतराल (Gender Pay Gap) को ख़त्म करने की लड़ाई में एक मील का प्रमुख पत्थर है।

  • इन समझौतों के ‘गेम-चेंजर’ साबित होने की उम्मीद है, जिससे और अधिक लड़कियों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।
  • ऐतिहासिक रूप से, सामाजिक अनुबंधन के कारण पुरुषों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। दूसरी ओर, महिलाओं को यह समझने के लिए मजबूर किया जाता है कि खेल में भागीदारी और फैंटेसी उनके लिए नहीं हैं। ऐसी बाधाओं को दूर करना और महिलाओं की खेलों तक पहुंच में सुधार करना समय की मांग है।
  • भारत में इसका एक प्रमुख उदाहरण साइना नेहवाल और पी.वी. सिंधु की सफलता है, इन खिलाडियों ने एक अच्छी तरह से संरचित प्रणाली का लाभ उठाया, सफलता पाई और अपने आप में अत्यधिक भुगतान पाने वाली स्टार बन गई।
  • ‘वेतन अंतराल’ को कम करना- निष्पक्ष और सम्मानजनक होने तथा महिलाओं द्वारा खेल में लायी जाने वाली कोशिशों और उत्कृष्टता को पहचानना भी है।

Current Affairs

 


प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य


ड्रैगन फ्रूट की खेती

संदर्भ: गुजरात और हरियाणा सरकारों के नक्शेकदम पर चलते हुए, केंद्र सरकार ने ‘ड्रैगन फ्रूट’ (Dragon Fruit) की खेती को बढ़ावा देने का फैसला किया है। ‘ड्रैगन फ्रूट’ को इसके स्वास्थ्य लाभ के लिए “सुपर फ्रूट” के रूप में जाना जाता है।

विवरण:

  • केंद्र सरकार द्वारा ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए अधिक राज्य सरकारों को प्रेरित करने के लिए एक ‘वार्षिक कार्य योजना’ पर कार्य किया जा रहा है।
  • इस फल की खेती करने वाले राज्यों में ‘मिजोरम’ सबसे ऊपर है
  • वियतनाम की सफलता: फलों के निर्यात ने वियतनाम के सकल घरेलू उत्पाद में बहुत बड़ा योगदान दिया है।

ड्रैगन फ्रूट के बारे में:

  • जलवायु की स्थिति: ‘ड्रैगन फ्रूट’ अर्ध-शुष्क और शुष्क क्षेत्रों में उग सकता है और थोड़ा सा खारापन सहन कर सकता है। ठंडे क्षेत्रों को छोड़कर, भारत के सभी राज्य ड्रैगन फ्रूट के पौधों के लिए उपयुक्त हैं।
  • इसका फूल, भारत में मानसून के मौसम के साथ खिलता है।
  • इसके फूल उभयलिंगी (एक ही फूल में नर और मादा अंग) प्रकृति के होते हैं और रात में खिलते हैं।
  • अमेरिका का स्थानिक फल: ड्रैगन फ्रूट (Hylocereus undatus) अमेरिका का स्थानिक फल है। यह ‘कैक्टि परिवार’ (Cacti Family) का सदस्य है।
  • अलग-अलग नाम: इसे दुनिया भर में पिटाया‘, ‘पिठाया‘, स्ट्रॉबेरी नाशपाती, रईस और रात की रानी के नाम से भी जाना जाता है। भारत में इसे कमलमके नाम से भी जाना जाता है।
  • सुपर फ्रूट: पौधे 20 से अधिक वर्षों तक उपज बनाए रखता है, न्यूट्रास्युटिकल गुणों (औषधीय प्रभाव वाले) में उच्च है और मूल्य वर्धित प्रसंस्करण उद्योगों के लिए अच्छा है। यह विटामिन और खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है।
    Current Affairs

खुला क्षेत्रफल लाइसेंसिंग नीति 

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा ‘ओपन एकरेज लाइसेंसिंग प्रोग्राम’ निविदा राउंड-VIII लॉन्च किया गया है। 

भारत में, अन्वेषण और उत्पादन (Exploration and Production – E&P) गतिविधियों में तेजी लाने के लिए प्रमुख चालक के रूप में जून 2017 में ‘राष्ट्रीय डेटा रिपोजिटरी’ (NDR) के साथ ‘खुला क्षेत्रफल लाइसेंसिंग नीति’ (Open Acreage Licensing Policy – OALP) शुरू की गई थी।

  • OALP के तहत, कंपनियों के लिए, जिन क्षेत्रों में वे तेल और गैस का अन्वेषण करना चाहती हैं, उन क्षेत्रो को चिह्नित एवं निर्धारित करने की अनुमति दी जाती है।
  • कंपनियां, साल भर में तीन बार किसी भी क्षेत्र के लिए ‘अभिरुचि की अभिव्यक्ति’ (expression of interest – EOI) का आवेदन कर सकती हैं। इसके बाद ‘मांगे गए क्षेत्रो को निविदा के लिए बोली लगाने हेतु रखा जाता है।  

सफलता: OALP बोली चरणों के पश्चात् सहायता व्यवस्था के सफल ‘रोल-आउट’ से भारत में अन्वेषण क्षेत्र में वृद्धि हुई है।

हाइड्रोकार्बन अन्वेषण और लाइसेंसिंग नीति 

हाइड्रोकार्बन अन्वेषण और लाइसेंसिंग नीति (Hydrocarbon Exploration and Licensing Policy – HELP) द्वारा  वर्ष 2016 में पूर्ववर्ती ‘नई अन्वेषण लाइसेंसिंग नीति’ (New Exploration Licensing Policy NELP) को प्रतिस्थापित किया गया था। इसके अंतर्गत:-

  • अन्वेषण ब्लॉकों को पारदर्शी तरीके से ई-बोली के माध्यम से निरंतर आधार पर आवंटित किया जाएगा।
  • इसके तहत हाइड्रोकार्बन अन्वेषण के लिए लाभ-साझाकरण के बजाय राजस्व बंटवारे मॉडल का अनुसरण किया जाता है।
  • सभी प्रकार के हाइड्रोकार्बन के लिए एकीकृत लाइसेंस प्रदान किया जाता है।
  • OALP बोली दौर के तहत पसंद के रकबे (क्षेत्रफल) को निकालने की स्वतंत्रता।
  • गैस का पूर्ण विपणन और मूल्य निर्धारण स्वतंत्रता।

राष्ट्रीय डेटा रिपोजिटरी (National Data Repository – National Data Repository): यह भविष्य में किए जाने वाले अन्वेषण और विकास के लिए सरकार द्वारा प्रायोजित डेटा बैंक है। उदाहरण: भूकंपीय डेटा, वेल एंड लॉग डेटा, स्थानिक डेटा, अन्य डेटा जैसे ड्रिलिंग, जलाशय, उत्पादन, भूवैज्ञानिक, गुरुत्वाकर्षण और चुंबकीय आदि।

 

राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम 

हाल ही में, ‘राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम’ (National Industrial Corridor Development Programme NICDP) के शीर्ष निगरानी प्राधिकरण की बैठक आयोजित की गयी।

  • NICDP का लक्ष्य ‘पीएम गति शक्ति’ की परिकल्पना के तहत नए औद्योगिक शहरों (“स्मार्ट सिटीज”) और औद्योगिक कॉरिडोर (वर्तमान में NICDP 11 ऐसे कॉरिडोर विकसित कर रहा है) को विकसित करना है।
  • राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (NICDC), उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए ‘वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय’ के तहत ‘उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग’ (DPIIT) का एक विशेष प्रयोजन वाहन है।

‘पीएम गतिशक्ति’ के बारे में:

‘पीएम गतिशक्ति’ (PM Gati Shakti)- विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों के लिए मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान है।

  • पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (PMGS-NMP) 13 अक्टूबर 2021 को विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों में मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था।
  • इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के तहत. बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन हेतु रेलवे और सड़क मार्ग मंत्रालय सहित 16 मंत्रालयों को एक साथ लाया जाएगा। 
  • इसका उद्देश्य, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं हेतु समग्र योजना और इनका निष्पादन सुनिश्चित करना है।
  • पीएम गतिशक्ति के तहत अन्य योजनाएं: फ्रेट कॉरिडोर, पीएम मित्र पार्क, लॉजिस्टिक्स पार्क, आदि हैं।
    Current Affairs

गीगा मेश

गीगा मेश (Giga Mesh), ग्रामीण क्षेत्रों में विश्वसनीय कम लागत वाली इंटरनेट सेवाओं के लिए महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप ने ‘डीप-टेक’ (deep-tech) विकसित किया है।

  • GigaMesh एक अभिनव वायरलेस नेटवर्क समाधान है जो उपनगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों को सस्ती कीमत पर ऑप्टिकल फाइबर जैसी स्पीड इंटरनेट सेवाएं दे सकता है।
  • इसे महिलाओं के नेतृत्व वाली स्टार्टअप ‘एस्ट्रोम’ (Astrome) द्वारा विकसित किया गया है।
  • ‘डीप टेक’ स्टार्टअप भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बैंगलोर में इनक्यूबेट किया गया, और इसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के DST-ABI महिला स्टार्टअप प्रोग्राम का सहयोग प्राप्त है।

ग्लोबल लिवेबिलिटी इंडेक्स 2022

(Global Liveability Index)

प्रमुख निष्कर्ष:

  • विश्व का सर्वश्रेष्ठ रहने योग्य शहर: विएना
  • भारत में रहने योग्य सर्वश्रेष्ठ शहर: दिल्ली
  • भारत का सबसे कम रहने योग्य शहर: बेंगलुरु
  • इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU) द्वारा प्रकाशित किया गया।
  • थीम: रिकवरी और कठिनाई

सूचकांक की रैंकिंग पांच व्यापक श्रेणियों पर आधारित है: स्थिरता (25%), संस्कृति और पर्यावरण (25%), स्वास्थ्य सेवा (20%), शिक्षा (10%), और बुनियादी ढांचा (20%)।

ऑनकोलिटिक वायरस

हाल ही में, कैंसर को मारने वाले वायरस का मानव परीक्षण शुरू हुआ है।

  • ऑनकोलिटिक वायरस (Oncolytic viruses) इम्यूनोथेरेपी का एक रूप है, जो ऑनकोलिटिक वाइरोथेरेपी (Oncolytic Virotherapy) में कैंसर कोशिकाओं को संक्रमित और नष्ट करने के लिए वायरस का उपयोग करता है। ये वायरस कैंसर कोशिकाओं को नष्ट सकते हैं लेकिन आस-पास की स्वस्थ कोशिकाओं को बरकरार रखते हैं।
  • कार्यविधि: संवर्धित वायरस कोशिकाओं में प्रवेश करके और स्वयं की नकल करके काम करता है। संक्रमित कोशिका के नष्ट होने के बाद, एंटीजन के रूप में कार्य करने वाले हजारों नए वायरस कणों को छोड़ते हुए, यह प्रतिरक्षा प्रणाली को आस-पास की कैंसर कोशिकाओं पर हमला करने के लिए उत्तेजित करता है।Current Affairs