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सामान्य अध्ययन– I
विषय: 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय।
- भारतीय राष्ट्रवाद का उदय भेदभावपूर्ण एवं कुटिल नीतियों तथा ब्रिटिश शासन की प्रकृति के विरुद्ध एक प्रतिक्रिया थी। आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: आधुनिक भारत का संक्षिप्त इतिहास: स्पेक्ट्रम प्रकाशक।
निर्देशक शब्द:
आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्ध में भारतीय राष्ट्रवाद की उत्पत्ति का वर्णन करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।
विषय वस्तु:
भारतीय राष्ट्रवाद अंग्रेजों की नीतियों के विरुद्ध एक प्रतिक्रिया कैसे थी? विश्लेषण कीजिए।
भारतीय राष्ट्रवाद अपनी परिपक्वता का उत्पाद कैसे था? विश्लेषण कीजिए।
निष्कर्ष:
भारतीय राष्ट्रवाद की उत्पत्ति कैसे हुई? इस पर एक संतुलित निर्णय प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय।
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारवादी चरण की प्रकृति की विवेचना कीजिए। क्या आपको लगता है कि ब्रिटिश न्याय एवं निष्पक्षता की भावना में उनका महान विश्वास उनकी सबसे बड़ी कमी थी? (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: आधुनिक भारत का संक्षिप्त इतिहास: स्पेक्ट्रम प्रकाशक।
निर्देशक शब्द:
विवेचना कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न के सभी पक्षों की तार्किक व्याख्या कीजिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
कांग्रेस के उदारवादी चरण, उसकी प्रकृति एवं उसके नेताओं का उल्लेख करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।
विषय वस्तु:
कांग्रेस के उदारवादी चरण की प्रकृति का विस्तार से वर्णन कीजिए।
ब्रिटिश शासन के न्याय की भावना में नरमपंथियों के विश्वास का उल्लेख कीजिए।
इसके प्रारंभिक चरण में उल्लेख कीजिए कि नरमपंथी सम्पूर्ण संगठन पर कार्रवाई के डर से निष्कासन की मांग नहीं कर सकते थे।
निष्कर्ष:
नरमपंथियों के प्रमुख योगदानों पर प्रकाश डालिए एवं एक संतुलित निर्णय प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: महत्त्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताओं (जल-स्रोत और हिमावरण सहित) और वनस्पति एवं प्राणिजगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव।
- बाढ़ को तबाही का कारण माना जाता है लेकिन ये बाढ़ के मैदान के पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। स्पष्ट कीजिए। साथ ही, यह भी समझाइए कि बार-बार आने वाली बाढ़ के विरुद्ध लचीलापन निर्माण के लिए आप कौन-कौन से अनुकूलन उपायों का सुझाव देंगे। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: Indian Express
निर्देशक शब्द:
स्पष्ट कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह पूछे गए प्रश्न से संबंधित जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
हाल में असम में आई बाढ़ का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।
विषय वस्तु:
भारत के कुछ भागों में बार-बार आने वाली बाढ़ एवं उससे होने वाली तबाही के कारण बताइए।
पारिस्थितिकी पर इसके सकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डालिए।
बाढ़ की इन आवर्ती घटनाओं के विरुद्ध मानव एवं बुनियादी ढांचे को कैसे लचीला बनाया जा सकता है? स्पष्ट कीजिए।
निष्कर्ष:
एक सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– II
विषय: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
- भारत ने तपेदिक से निपटने में पर्याप्त प्रगति की है हालाँकि कुछ चिंताएं अभी भी बनी हुई हैं। इन चिंताओं को पहचाइए एवं उन्हें दूर करने के उपायों का सुझाव दीजिए। (150 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: The Hindu
उत्तर की संरचना:
परिचय:
कुछ परिचयात्मक पंक्तियाँ लिखिए, जो यह दर्शाती हैं कि कैसे तपेदिक स्थानिक रोगों में सबसे खराब है, प्रत्येक वर्ष 1.5 मिलियन लोग मारे जाते हैं (WHO)।
विषय वस्तु:
तपेदिक से निपटने में सरकारी कार्यक्रमों की कमियों पर प्रकाश डालिए।
इस दिशा में अधिकार-आधारित दृष्टिकोण के लाभ/आवश्यकता पर चर्चा कीजिए।
निष्कर्ष:
अपनी चर्चा के आधार पर दिए गए मुद्दे पर एक निष्पक्ष एवं संतुलित निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– III
विषय: पर्यावरण संरक्षण।
- पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 का मुख्य उद्देश्य क्या है? क्या इसके प्रावधान को ‘अपराधीकरण’ से मुक्त करने का हालिया प्रस्ताव इसकी प्रभावशीलता को कम करेगा? आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (150 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: The Hindu
निर्देशक शब्द:
आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 का संक्षेप में वर्णन करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।
विषय वस्तु:
इसके प्रमुख उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
इसमें किए गए हालिया परिवर्तनों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
क्या हाल के परिवर्तन इसकी प्रभावशीलता को कम कर देंगे- हां/नहीं :- प्रत्येक के लिए कारण स्पष्ट कीजिए।
निष्कर्ष:
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 में और क्या करने की आवश्यकता है? इस बारे में एक संतुलित राय प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– IV
विषय: उद्धरण आधारित प्रश्न।
- वर्तमान संदर्भ में निम्नलिखित उद्धरण से आपका क्या तात्पर्य है?
“परिवर्तन का रहस्य अपनी सारी ऊर्जा पुराने बातों से लड़ने पर नहीं बल्कि नवीन निर्माण पर केंद्रित करना है” – सुकरात। (150 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभिरुचि: लेक्सिकन प्रकाशन।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
आपके अनुसार परिवर्तन का क्या अर्थ है? संक्षेप में समझाते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
किसी प्राचीन अप्रचलित विचार में परिवर्तन लाने वाले सकारात्मक उदाहरणों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उन क्षेत्रों की पहचान कीजिए, जहाँ हमें परिवर्तन लाने के लिए अपनी ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करने एवं एक अधिक सकारात्मक तथा नवीन व्यवस्था (अपने भीतर एवं दुनिया दोनों में) की शुरुआत करने की आवश्यकता है।
उन कारकों पर प्रकाश डालिए, जो हमें ऐसा करने से रोक रहे हैं।
इन चुनौतियों को दूर करने के लिए समाधान प्रदान कीजिए।
निष्कर्ष:
इस मुद्दे पर एक आशावादी एवं समाधान आधारित राय प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।
- “हमारा उद्देश्य एकता होना चाहिए न कि एकरूपता। विविधता से ही हम एकता प्राप्त करते हैं। मतभेदों को एकीकृत किया जाना चाहिए, नष्ट नहीं किया जाना चाहिए, अवशोषित नहीं किया जाना चाहिए”- मैरी पार्कर फोलेट (150 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभिरुचि: लेक्सिकन प्रकाशन।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
एकता एवं एकरूपता के मध्य बुनियादी अंतर को संक्षेप में स्पष्ट करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
हमारी आजादी के बाद एवं हाल के दिनों में देश में एकता सुनिश्चित करने के लिए हमने जो विभिन्न कदम उठाए हैं, उनके बारे में चर्चा कीजिए।
उन कारकों की पहचान कीजिए, जो हमें हाल के दिनों में एकरूपता की ओर धकेल रहे हैं।
इसे नियंत्रित करने के उपायों का सुझाव दीजिए।
इस मुद्दे पर एक आशावादी एवं समाधान-आधारित राय प्रस्तुत कीजिए अथवा आप भात जैसे देश के लिए एकता सुनिश्चित करने के महत्व पर प्रकाश डाल सकते हैं।
निष्कर्ष:
इसे सुनिश्चित करने के लिए एक प्रशासक के रूप में आप क्या कदम उठा सकते हैं? अपने विचार प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।