[MISSION 2022] सिक्योर 2022: दैनिक सिविल सेवा मुख्य परीक्षा उत्तर लेखन अभ्यास: 9 जून 2022

 

How to Follow Secure Initiative?

How to Self-evaluate your answer? 

MISSION – 2022: YEARLONG TIMETABLE

 


सामान्य अध्ययन– I


 

विषय: स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान।

  1. सूरत विभाजन के क्या कारण थे? राष्ट्रीय आंदोलन पर इसके अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक प्रभावों का परीक्षण कीजिए। (250 शब्द)

प्रश्न का स्तर: सरल

सन्दर्भ: अध्याय 11 – भारत का स्वतंत्रता संग्राम: बिपिन चंद्र।

निर्देशक शब्द:

 परीक्षण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

प्रश्न का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

विषय वस्तु:

सूरत विभाजन के कारणों पर प्रकाश डालिए।

विभाजन के अल्पकालिक प्रभावों पर चर्चा कीजिए।

विभाजन के दीर्घकालिक प्रभावों पर प्रकाश डालिए।

निष्कर्ष:

निष्कर्ष निकालिए कि यद्यपि लक्ष्य स्वराज प्राप्त करना था लेकिन इसे प्राप्त करने के साधन नरमपंथियों एवं चरमपंथियों की नज़र में अलग-अलग थे एवं यह आपसी अविश्वास सूरत विभाजन की ओर ले गया।

 

विषय: सामाजिक सशक्तिकरण, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता।

  1. क्या आपको लगता है कि समान नागरिक संहिता (UCC) भारतीय समाज में सांप्रदायिकता को समाप्त करने का एक संभावित समाधान हो सकता है? आलोचनात्मक टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)

प्रश्न का स्तर: कठिन

सन्दर्भ: The Hindu

 निर्देशक शब्द: 

आलोचनात्मक टिप्पणी कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

समान नागरिक संहिता को परिभाषित कीजिए एवं इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

वर्तमान पर्सनल लॉ की कमियों पर प्रकाश डालिए एवं समझाइए कि ये समाज में सांप्रदायिकता को कैसे बढ़ाते हैं।

एक संतुलित समान नागरिक संहिता देश के विकास में क्या भूमिका निभा सकती है? विस्तार से चर्चा कीजिए।

भारत में समान नागरिक संहिता के विरुद्ध उन तर्कों पर विस्तार से चर्चा कीजिए, जो विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।

निष्कर्ष:

समान नागरिक संहिता के संबंध में एक संतुलित राय प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– II


 

विषय: संसद और राज्य विधायिका- संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियाँ एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय।

  1. लोकसभा/ विधानसभा अध्यक्ष को निष्पक्ष रहकर एवं राजनीतिक नैतिकता तथा दबाव से स्वतंत्र होकर कार्य करना आवश्यक है। हम लोकसभा/ विधानसभा अध्यक्ष की निष्पक्षता की गारंटी कैसे दे सकते हैं? (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ: Insights on India

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

संविधान द्वारा परिकल्पित लोकसभा/ विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका- उसके कार्य एवं उत्तरदायित्व का उल्लेख करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

हाल के वर्षों में लोकसभा/विधानसभा अध्यक्ष ने अपने संवैधानिक कर्तव्यों के निर्वहन के संबंध में राजनीतिक तरीके से कैसे कार्य किया है? स्पष्ट कीजिए।

संसद एवं राज्य विधानसभाओं के उदाहरण प्रस्तुत कीजिए एवं लोकसभा अध्यक्ष/ विधानसभा अध्यक्ष के पक्षपातपूर्ण आचरण के प्रभावों पर प्रकाश डालिए।

लोकसभा/ विधानसभा अध्यक्ष स्वतंत्र, निष्पक्ष बना रहे एवं संविधान द्वारा निर्देशित आदर्शों के अनुसार अपना कर्तव्य निभाए, न कि किसी भी राजनीतिक संबद्धता के अनुसार, यह सुनिश्चित करने के लिए सुधारों का सुझाव दीजिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका।

  1. तत्काल न्याय के वितरण के लिए ‘मुठभेड़’ संस्कृति में वृद्धि होना विधि के शासन का एक गंभीर उल्लंघन है एवं इस प्रथा को समाप्त करने के लिए तत्काल पुलिस सुधार की आवश्यकता है। विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

 सन्दर्भ: The Hindu

निर्देशक शब्द:

 विश्लेषण कीजिएऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

प्रश्न का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस की भूमिका पर चर्चा कीजिए।

त्वरित न्याय के एक माध्यम के रूप में बढ़ती मुठभेड़ों के प्रभावों का उल्लेख कीजिए।

इसके लिए उत्तरदायी प्रणालीगत कारकों, मनोवृत्ति संबंधी कारकों एवं राजनीतिक कारकों आदि का उल्लेख कीजिए।

एक कुशल, सहानुभूतिपूर्ण, संवेदनशील, उत्तरदायी एवं एक जवाबदेह पुलिस बल के लिए आवश्यक उपायों का सुझाव दीजिए।

इस संदर्भ में विभिन्न समितियों की सिफारिशों पर प्रकाश डालिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।

  1. सार्वजनिक स्वास्थ्य के महत्व को दशकों से प्रत्येक विशेषज्ञ समिति ने रेखांकित किया है। हालाँकि, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रित प्राथमिक स्वास्थ्य प्रणाली निर्माण के लिए सुधार की प्रक्रिया कमजोर रही है। क्या स्वास्थ्य का सार्वभौमिक अधिकार इसके लिए रामबाण इलाज हो सकता है? समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: कठिन 

सन्दर्भ: Indian Express

निर्देशक शब्द: 

समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।

 उत्तर की संरचना: 

परिचय:

भारत में स्वास्थ्य देखभाल के संदर्भ में संक्षिप्त जानकारी प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए एवं इसकी पुष्टि के लिए आंकड़े भी प्रस्तुत कीजिए। 

विषय वस्तु:

भारत में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डालिए।

समाज के विभिन्न कमजोर वर्गों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने तथा आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य के अधिकार की आवश्यकता का उल्लेख कीजिए।

स्वास्थ्य देखभाल को मौलिक अधिकार घोषित करने में आने वाली बाधाओं पर प्रकाश डालिए।

निष्कर्ष:

यह समझाते हुए निष्कर्ष निकालिए कि स्वास्थ्य का अधिकार जीवन के अधिकार की केवल एक विस्तृत व्याख्या है, जो पहले से ही एक संवैधानिक अधिकार है।

 


सामान्य अध्ययन– III


 

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।

  1. मुद्रास्फीतिजनित मंदी (Stagflation) क्या है? मुद्रास्फीतिजनित मंदी को बढ़ावा देने वाले कौन-कौन से कारक हैं? बढ़ते मुद्रास्फीति के दबाव के मध्य भारतीय अर्थव्यवस्था इससे कैसे बच सकती है? चर्चा कीजिए।

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ:  Live Mint The Hindu

 निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

मुद्रास्फीतिजनित मंदी (Stagflation) को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीतिजनित मंदी के लिए उत्तरदायी कारकों पर प्रकाश डालिए एवं मुद्रास्फीतिजनित मंदी के प्रभावों पर चर्चा कीजिए।

भारत में मुद्रास्फीतिजनित मंदी को प्रतिबंधित करने के लिए आवश्यक उपायों का वर्णन कीजिए।

 निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– IV


 

विषय: लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा।

 7. भारत को मादक पदार्थों की लत को एक आपराधिक चुनौती के स्थान पर नैतिक एवं एक चिकित्सा खतरे के रूप में उपचार करने का दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। विश्लेषण कीजिए। (150 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

संदर्भ: नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभिरुचि: लेक्सिकन प्रकाशन।

 निर्देशक शब्द:

 विश्लेषण कीजिएऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

यह समझाते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए कि मादक पदार्थों के खतरे का सामना करने के लिए प्रतिशोध एवं निवारक दृष्टिकोण की अवधारणा फलदायी नहीं रही है एवं इसके कारण मादक पदार्थों का नेटवर्क केवल भूमिगत हुआ है।

 विषय वस्तु:

समझाइए कि मादक पदार्थों के व्यसनी लोगों के प्रति कठोर दृष्टिकोण ने बहुत अधिक समस्या उत्पन्न की है एवं लोगों द्वारा चिकित्सा संस्थानों से संपर्क करने के इरादे में कमी आई है। कई बार अनजान एवं दिशाहीन होने से ओवरडोज तथा मौत भी हो जाती है।

पुर्तगाल मॉडल की तर्ज पर नशामुक्ति के लिए एक मानवीय एवं प्रेरक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।

निष्कर्ष:

यह समझाते हुए निष्कर्ष निकालिए कि मादक पदार्थों की लत के शिकार लोगों को दंडित करने के स्थान पर मानवाधिकार एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य को सम्भाषण का केंद्र होना चाहिए।