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Welcome to Current Affairs Quiz in HINDI Medium. Hope you are happy with our Hindi Current Affairs. The following Quiz is based on the Hindu, PIB and other news sources. It is a current events based quiz. Solving these questions will help retain both concepts and facts relevant to UPSC IAS civil services exam – 2022-2023
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Question 1 of 5
1. Question
1 pointsगैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- यूएपीए अधिनियम के तहत, केवल व्यक्तियों को आतंकवादी के रूप में नामित किया जा सकता है, न कि संगठन को।
- इस अधिनियम के तहत, भारतीय और विदेशी दोनों नागरिकों पर आरोप लगाया जा सकता है।
उपरोक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम:
यूएपीए 1967 में पारित किया गया था। इसका उद्देश्य भारत में गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम करना है।
गैरकानूनी गतिविधि किसी व्यक्ति या संघ द्वारा भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को बाधित करने के उद्देश्य से की गई किसी भी कार्रवाई को संदर्भित करती है।
अधिनियम केंद्र सरकार को पूर्ण शक्ति प्रदान करता है, जिसके माध्यम से यदि केंद्र किसी गतिविधि को गैरकानूनी मानता है तो वह आधिकारिक राजपत्र के माध्यम से इसे घोषित कर सकता है।
इसमें मृत्युदंड और आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।
यूएपीए के तहत, भारतीय और विदेशी दोनों नागरिकों को दोषी ठहराया जा सकता है। यह अपराधियों पर उसी तरह लागू होगा, भले ही अपराध भारत के बाहर किसी विदेशी भूमि पर किया गया हो।
अगस्त 2019 में, केंद्र सरकार ने एक व्यक्ति को आतंकवादी के रूप में नामित करने के प्रावधान को शामिल करने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 में संशोधन किया था, इस संशोधन से पहले, केवल संगठनों को आतंकवादी संगठनों के रूप में नामित किया जा सकता था।
Incorrect
उत्तर: b)
गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम:
यूएपीए 1967 में पारित किया गया था। इसका उद्देश्य भारत में गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम करना है।
गैरकानूनी गतिविधि किसी व्यक्ति या संघ द्वारा भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को बाधित करने के उद्देश्य से की गई किसी भी कार्रवाई को संदर्भित करती है।
अधिनियम केंद्र सरकार को पूर्ण शक्ति प्रदान करता है, जिसके माध्यम से यदि केंद्र किसी गतिविधि को गैरकानूनी मानता है तो वह आधिकारिक राजपत्र के माध्यम से इसे घोषित कर सकता है।
इसमें मृत्युदंड और आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।
यूएपीए के तहत, भारतीय और विदेशी दोनों नागरिकों को दोषी ठहराया जा सकता है। यह अपराधियों पर उसी तरह लागू होगा, भले ही अपराध भारत के बाहर किसी विदेशी भूमि पर किया गया हो।
अगस्त 2019 में, केंद्र सरकार ने एक व्यक्ति को आतंकवादी के रूप में नामित करने के प्रावधान को शामिल करने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 में संशोधन किया था, इस संशोधन से पहले, केवल संगठनों को आतंकवादी संगठनों के रूप में नामित किया जा सकता था।
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Question 2 of 5
2. Question
1 pointsअक्सर समाचारों में चर्चित “लंदन कन्वेंशन” संबंधित है?
Correct
उत्तर: c)
लंदन कन्वेंशन: इसका उद्देश्य समुद्री प्रदूषण के सभी स्रोतों के प्रभावी नियंत्रण को बढ़ावा देना और कचरे एवं अन्य पदार्थों को डंप करके समुद्र के प्रदूषण को रोकने के लिए सभी व्यावहारिक कदम उठाना है।
Incorrect
उत्तर: c)
लंदन कन्वेंशन: इसका उद्देश्य समुद्री प्रदूषण के सभी स्रोतों के प्रभावी नियंत्रण को बढ़ावा देना और कचरे एवं अन्य पदार्थों को डंप करके समुद्र के प्रदूषण को रोकने के लिए सभी व्यावहारिक कदम उठाना है।
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Question 3 of 5
3. Question
1 pointsभारत के महान्यायवादी (AG) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- भारत का महान्यायवादी (AG) देश का सर्वोच्च विधि अधिकारी है और संघ की कार्यकारिणी का एक अंग है।
- वह भारत सरकार की ओर से सभी मामलों में सर्वोच्च न्यायालय में या किसी भी मामले में किसी भी उच्च न्यायालय में, जिसमें भारत सरकार का संबंध है, उपस्थित होता है।
- AG के पद का कार्यकाल संविधान द्वारा 5 वर्ष के लिए निर्धारित किया गया है।
उपरोक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: a)
भारत के महान्यायवादी:
भारत का महान्यायवादी (AG) संघ की कार्यकारिणी का एक अंग है। AG देश का सर्वोच्च कानून अधिकारी है।
संविधान के अनुच्छेद 76 में भारत के महान्यायवादी के पद का प्रावधान है।
नियुक्ति और पात्रता:
AG की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा सरकार की सलाह पर की जाती है।
वह एक ऐसा व्यक्ति होना चाहिये जो सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त होने के योग्य हो, अर्थात् वह भारत का नागरिक हो, उसे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य करने का पाँच वर्षों का अनुभव हो या किसी उच्च न्यायालय में वकालत का 10 वर्षों का अनुभव हो अथवा राष्ट्रपति के मतानुसार वह न्यायिक मामलों का योग्य व्यक्ति हो।
हटाना: AG को हटाने की प्रक्रिया और आधार संविधान में वर्णित नहीं हैं। वह राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद धारण करता है (राष्ट्रपति द्वारा किसी भी समय हटाया जा सकता है)।
कर्तव्य और कार्य:
ऐसे कानूनी मामलों पर भारत सरकार को सलाह देना, जो राष्ट्रपति द्वारा उसे भेजे जाते हैं।
कानूनी रूप से ऐसे अन्य कर्तव्यों का पालन करना जो उसे राष्ट्रपति द्वारा सौंपे जाते हैं।
भारत सरकार की ओर से सभी मामलों में सर्वोच्च न्यायालय में या किसी भी उच्च न्यायालय में किसी भी मामले में, जिसमें भारत सरकार का संबंध है, उपस्थित होना।
संविधान के अनुच्छेद 143 (सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति) के तहत राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में किए गए किसी भी संदर्भ में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करना।
Incorrect
उत्तर: a)
भारत के महान्यायवादी:
भारत का महान्यायवादी (AG) संघ की कार्यकारिणी का एक अंग है। AG देश का सर्वोच्च कानून अधिकारी है।
संविधान के अनुच्छेद 76 में भारत के महान्यायवादी के पद का प्रावधान है।
नियुक्ति और पात्रता:
AG की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा सरकार की सलाह पर की जाती है।
वह एक ऐसा व्यक्ति होना चाहिये जो सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त होने के योग्य हो, अर्थात् वह भारत का नागरिक हो, उसे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य करने का पाँच वर्षों का अनुभव हो या किसी उच्च न्यायालय में वकालत का 10 वर्षों का अनुभव हो अथवा राष्ट्रपति के मतानुसार वह न्यायिक मामलों का योग्य व्यक्ति हो।
हटाना: AG को हटाने की प्रक्रिया और आधार संविधान में वर्णित नहीं हैं। वह राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद धारण करता है (राष्ट्रपति द्वारा किसी भी समय हटाया जा सकता है)।
कर्तव्य और कार्य:
ऐसे कानूनी मामलों पर भारत सरकार को सलाह देना, जो राष्ट्रपति द्वारा उसे भेजे जाते हैं।
कानूनी रूप से ऐसे अन्य कर्तव्यों का पालन करना जो उसे राष्ट्रपति द्वारा सौंपे जाते हैं।
भारत सरकार की ओर से सभी मामलों में सर्वोच्च न्यायालय में या किसी भी उच्च न्यायालय में किसी भी मामले में, जिसमें भारत सरकार का संबंध है, उपस्थित होना।
संविधान के अनुच्छेद 143 (सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति) के तहत राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में किए गए किसी भी संदर्भ में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करना।
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Question 4 of 5
4. Question
1 pointsएशिया/पैसिफिक ग्रुप ऑन मनी लॉन्ड्रिंग (APG) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- एशिया/पैसिफिक ग्रुप ऑन मनी लॉन्ड्रिंग (APG) एक नाटो शैली का क्षेत्रीय अंतर-सरकारी निकाय है।
- सदस्य मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मानकों (एएमएल) को लागू करने और सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार के वित्तपोषण के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उपरोक्त में से कौन सा/से कथन गलत है/हैं?
Correct
उत्तर: a)
एशिया/पैसिफिक ग्रुप ऑन मनी लॉन्ड्रिंग (APG), FATF-स्टाइल रीजनल इंटर-गवर्मेंटल बॉडी (इंटरनेशनल) है, जिसके सदस्य मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ (AML), आतंकवाद के वित्तपोषण (CTF) और व्यापक संहार के हथियारों के प्रसार के वित्तपोषण से संबंधित अंतरराष्ट्रीय मानकों के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
APG की स्थापना 1997 में बैंकाक (थाईलैंड) में हुई थी, और वर्तमान में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 41 सदस्य और कई पर्यवेक्षक राष्ट्र तथा अंतर्राष्ट्रीय / क्षेत्रीय पर्यवेक्षक संगठन शामिल हैं।
APG में सदस्य या पर्यवेक्षक के रूप में शामिल राष्ट्र, वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की सिफारिशों के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
APG यह निर्धारित करने के लिए अपने सदस्यों का मूल्यांकन करता है कि वे वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण मानकों को लागू करने के लिए अपने दायित्वों का अनुपालन करते हैं या नहीं।
Incorrect
उत्तर: a)
एशिया/पैसिफिक ग्रुप ऑन मनी लॉन्ड्रिंग (APG), FATF-स्टाइल रीजनल इंटर-गवर्मेंटल बॉडी (इंटरनेशनल) है, जिसके सदस्य मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ (AML), आतंकवाद के वित्तपोषण (CTF) और व्यापक संहार के हथियारों के प्रसार के वित्तपोषण से संबंधित अंतरराष्ट्रीय मानकों के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
APG की स्थापना 1997 में बैंकाक (थाईलैंड) में हुई थी, और वर्तमान में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 41 सदस्य और कई पर्यवेक्षक राष्ट्र तथा अंतर्राष्ट्रीय / क्षेत्रीय पर्यवेक्षक संगठन शामिल हैं।
APG में सदस्य या पर्यवेक्षक के रूप में शामिल राष्ट्र, वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की सिफारिशों के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
APG यह निर्धारित करने के लिए अपने सदस्यों का मूल्यांकन करता है कि वे वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण मानकों को लागू करने के लिए अपने दायित्वों का अनुपालन करते हैं या नहीं।
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Question 5 of 5
5. Question
1 pointsसूर्यातप में भिन्नता पैदा करने वाले कारक हैं:
- वातावरण की पारदर्शिता
- भूमि का विन्यास
- दिन की लंबाई
सही उत्तर कूट चुनिए:
Correct
उत्तर: d)
पृथ्वी द्वारा प्राप्त ऊर्जा को आने वाली सौर विकिरण के रूप में जाना जाता है जिसे संक्षेप में सूर्यातप कहा जाता है।
सूर्यातप की मात्रा और तीव्रता एक दिन में, एक मौसम में और एक वर्ष में बदलती रहती है। सूर्यातप में इन भिन्नताओं का कारण बनने वाले कारक हैं:
(i) पृथ्वी का घूर्णन
(ii) सूर्य की किरणों का आपतन कोण
(iii) दिन की लंबाई
(iv) वातावरण की पारदर्शिता
(v) भूमि का विन्यास
Incorrect
उत्तर: d)
पृथ्वी द्वारा प्राप्त ऊर्जा को आने वाली सौर विकिरण के रूप में जाना जाता है जिसे संक्षेप में सूर्यातप कहा जाता है।
सूर्यातप की मात्रा और तीव्रता एक दिन में, एक मौसम में और एक वर्ष में बदलती रहती है। सूर्यातप में इन भिन्नताओं का कारण बनने वाले कारक हैं:
(i) पृथ्वी का घूर्णन
(ii) सूर्य की किरणों का आपतन कोण
(iii) दिन की लंबाई
(iv) वातावरण की पारदर्शिता
(v) भूमि का विन्यास
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