HINDI INSIGHTS STATIC QUIZ 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- वास्तविक जीडीपीमुद्रास्फीति के प्रभाव को जोड़ने के बाद प्राप्त जीडीपी है।
- वास्तविक और सांकेतिक जीडीपी के बीच का अंतर वर्ष में मुद्रास्फीति के स्तर को दर्शाता है।
उपरोक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
वास्तविक जीडीपी (जो मुद्रास्फीति के प्रभाव को हटाने के बाद की जीडीपी) एक व्युत्पन्न मापक है। बजट की सभी गणना सांकेतिक जीडीपी से शुरू होती है।
वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद = नाममात्र सकल घरेलू उत्पाद — मुद्रास्फीति दर।
हालांकि, आम लोगों के नजरिए से वास्तविक जीडीपी मायने रखती है।वास्तविक और सांकेतिक जीडीपी के बीच का अंतर वर्ष में मुद्रास्फीति के स्तर को दर्शाता है।
Incorrect
उत्तर: b)
वास्तविक जीडीपी (जो मुद्रास्फीति के प्रभाव को हटाने के बाद की जीडीपी) एक व्युत्पन्न मापक है। बजट की सभी गणना सांकेतिक जीडीपी से शुरू होती है।
वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद = नाममात्र सकल घरेलू उत्पाद — मुद्रास्फीति दर।
हालांकि, आम लोगों के नजरिए से वास्तविक जीडीपी मायने रखती है।वास्तविक और सांकेतिक जीडीपी के बीच का अंतर वर्ष में मुद्रास्फीति के स्तर को दर्शाता है।
-
Question 2 of 5
2. Question
भारत के बाहरी डेटस्टॉक में निम्नलिखित किस कारण वृद्धि हो सकती है
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
- बाहरी वाणिज्यिक उधार
- अनिवासी भारतीय जमा
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए
Correct
उत्तर: b)
बाहरी ऋण को मुख्य रूप से दीर्घकालिक और अल्पकालिक ऋण में वर्गीकृत किया जा सकता है।
दीर्घकालिक ऋण:
(a) बहुपक्षीय ऋण
(b) द्विपक्षीय ऋण
(c) ‘आईएमएफ’ में भारत का एसडीआर आवंटन
(d) एक्सपोर्ट क्रेडिट
(e) बाहरी वाणिज्यिक उधार
(f) अनिवासी भारतीय जमा (ग) रुपया डेट।
लघु अवधि ऋण:
(a) ट्रेडक्रेडिट (6 महीने तक तथा 6 महीने से अधिक और 1 वर्ष तक)
(b) विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) द्वारा सरकारी ट्रेज़री बिल और कॉर्पोरेट प्रतिभूति में निवेश
(c) विदेशी केंद्रीय बैंकों और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों आदि द्वारा ट्रेजरी-बिलों में निवेश और
(d) केंद्रीय बैंक और वाणिज्यिक बैंकों की बाहरी ऋण देयताएं।
एफडीआई से देश पर कोई कर्ज का भार उत्पन्न नहीं होता है।
Incorrect
उत्तर: b)
बाहरी ऋण को मुख्य रूप से दीर्घकालिक और अल्पकालिक ऋण में वर्गीकृत किया जा सकता है।
दीर्घकालिक ऋण:
(a) बहुपक्षीय ऋण
(b) द्विपक्षीय ऋण
(c) ‘आईएमएफ’ में भारत का एसडीआर आवंटन
(d) एक्सपोर्ट क्रेडिट
(e) बाहरी वाणिज्यिक उधार
(f) अनिवासी भारतीय जमा (ग) रुपया डेट।
लघु अवधि ऋण:
(a) ट्रेडक्रेडिट (6 महीने तक तथा 6 महीने से अधिक और 1 वर्ष तक)
(b) विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) द्वारा सरकारी ट्रेज़री बिल और कॉर्पोरेट प्रतिभूति में निवेश
(c) विदेशी केंद्रीय बैंकों और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों आदि द्वारा ट्रेजरी-बिलों में निवेश और
(d) केंद्रीय बैंक और वाणिज्यिक बैंकों की बाहरी ऋण देयताएं।
एफडीआई से देश पर कोई कर्ज का भार उत्पन्न नहीं होता है।
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Question 3 of 5
3. Question
जब भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में 50 आधार अंकों की वृद्धि की जाती है, तो निम्नलिखित में से कौन-सा/से प्रभाव होने की संभावना होती है/हैं?
- भारत की GDP विकास दर में अत्यधिक वृद्धि होती है
- विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा हमारे देश में अधिक पूंजी का निवेश किया जा सकता है
- अनुसूचितवाणिज्यिक बैंकों द्वारा लैंडिंगरेट में वृद्धि की जा सकती है
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correct
उत्तर: d)
RBI द्वारा रेपो दर में वृद्धि से बैंकों की ऋण दरों में वृद्धि होगी।
Incorrect
उत्तर: d)
RBI द्वारा रेपो दर में वृद्धि से बैंकों की ऋण दरों में वृद्धि होगी।
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Question 4 of 5
4. Question
प्रगतिशील और प्रतिगामी कराधान प्रणाली को किस आधार पर विभेदित किया जाता है?
- a) राजस्व संग्रह की संभावना
- b) कराधान में समता
- c) औद्योगिक विकास पर कराधान का प्रभाव
- d) कराधान प्रणाली की स्थिरता और मजबूती
Correct
उत्तर: b)
एक प्रगतिशील कर को उस कर के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसकी दर भुगतानकर्ता की आय बढ़ने पर बढ़ती है। जो व्यक्ति उच्च आय अर्जित करते हैं, उनकी आय का एक बड़ा हिस्सा कर के तहत आता है।
दूसरी ओर, प्रतिगामी कर, भुगतानकर्ता की आय घटने पर कर की दर बढ़ जाती है।
विशेष करों को प्रतिगामी या प्रगतिशील के रूप में भी वर्गीकृत किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए उपभोग करों को प्रतिगामी कहा जाता है, क्योंकि अमीर अपनी आय के अनुपात के रूप में उपभोग वस्तुओं पर कम खर्च करते हैं (और इसलिए कम कर देते हैं)।
Incorrect
उत्तर: b)
एक प्रगतिशील कर को उस कर के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसकी दर भुगतानकर्ता की आय बढ़ने पर बढ़ती है। जो व्यक्ति उच्च आय अर्जित करते हैं, उनकी आय का एक बड़ा हिस्सा कर के तहत आता है।
दूसरी ओर, प्रतिगामी कर, भुगतानकर्ता की आय घटने पर कर की दर बढ़ जाती है।
विशेष करों को प्रतिगामी या प्रगतिशील के रूप में भी वर्गीकृत किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए उपभोग करों को प्रतिगामी कहा जाता है, क्योंकि अमीर अपनी आय के अनुपात के रूप में उपभोग वस्तुओं पर कम खर्च करते हैं (और इसलिए कम कर देते हैं)।
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Question 5 of 5
5. Question
रिजर्व मनी के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- रिजर्व मनी में बैंकों के वॉल्ट में नकदी और RBI के पास वाणिज्यिक बैंकों की जमाओं को शामिल किया जाता है।
- बैंक खाताधारकों द्वारा नकदी की मांग को पूरा करने के लिए इस रिजर्व का उपयोग करते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?
Correct
उत्तर: d)
बैंक उस धन के एक हिस्से को अपने पास रखते हैं जो लोग रिजर्व मनी के रूप में बैंक में जमा करते हैं और शेष धन को विभिन्न निवेश परियोजनाओं को ऋण के रूप में प्रदान करते हैं। रिजर्व मनी में दो चीजें होती हैं- बैंकों के वॉल्ट में नकदी और RBI के पास वाणिज्यिक बैंकों की जमाएं। बैंक खाताधारकों द्वारा नकदी की मांग को पूरा करने के लिए इस रिजर्व का उपयोग करते हैं।
Incorrect
उत्तर: d)
बैंक उस धन के एक हिस्से को अपने पास रखते हैं जो लोग रिजर्व मनी के रूप में बैंक में जमा करते हैं और शेष धन को विभिन्न निवेश परियोजनाओं को ऋण के रूप में प्रदान करते हैं। रिजर्व मनी में दो चीजें होती हैं- बैंकों के वॉल्ट में नकदी और RBI के पास वाणिज्यिक बैंकों की जमाएं। बैंक खाताधारकों द्वारा नकदी की मांग को पूरा करने के लिए इस रिजर्व का उपयोग करते हैं।
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