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MISSION – 2022: YEARLONG TIMETABLE
सामान्य अध्ययन– I
विषय: भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएं, भारत की विविधता।
1. भारत में, पूर्वाग्रह एवं मतभेद तथा उनके द्वारा विविधता को महत्व देते हुए राजनीति को प्रभावित करना, परस्पर सह-अस्तित्व में उपस्थित है। संबंधित राजनीति के उपस्थित न होने पर भी वैकल्पिक विचार एवं समावेशी आख्यान उपस्थित रहते हैं। टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: कठिन
सन्दर्भ: Indian Express
निर्देशक शब्द:
टिप्पणी कीजिए– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
विविधता के विभिन्न गुणों को परिभाषित करके उत्तर प्रारंभ कीजिए।
विषय वस्तु:
पूर्वाग्रहों के भेदों को प्रस्तुत करने वाले विभिन्न राजनीतिक आख्यानों का उल्लेख कीजिए।
विविधता की उपेक्षा करने वाली समरूप प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालिए।
उपरोक्त कमियों के बावजूद भारतीय समाज की आधारशिला के रूप में समावेशिता और विविधता कैसे उपस्थित है? इसके बारे में लिखिए। उदाहरण सहित सिद्ध कीजिए।
निष्कर्ष:
राजनीतिक मतभेदों पर काबू पाकर समावेशिता हासिल करने के लिए आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– II
विषय: जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं।
2. चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता (MCC) का क्या अर्थ है? क्या आपको लगता है कि इसके समान एवं प्रभावी कार्यान्वयन के लिए आदर्श आचार संहिता को विधि के अंतर्गत शामिल करने की आवश्यकता है? समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: Insights on India
निर्देशक शब्द:
समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए– ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
आदर्श आचार संहिता को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
आदर्श आचार संहिता की विभिन्न विशेषताओं एवं 1960 के बाद से इसके विकास का उल्लेख कीजिए।
विधि बनाकर आदर्श आचार संहिता को विधि के अंतर्गत लाने की आवश्यकता का उल्लेख कीजिए।
आदर्श आचार संहिता को विधान में शामिल न करने के कारणों का उल्लेख कीजिए।
निष्कर्ष:
आदर्श आचार संहिता को और अधिक प्रबल एवं प्रभावी बनाने के लिए आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं।
3. भारत में संसद एवं राज्य विधायिकाओं दोनों के लिए एक साथ चुनाव कराने की व्यवहार्यता का परीक्षण कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: सरल
सन्दर्भ: Insights on India
निर्देशक शब्द:
परीक्षण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।
विषय वस्तु:
एक साथ चुनाव कराने के लाभों के बारे में लिखिए।
भारत में एक साथ चुनाव कराने की व्यवहार्यता एवं भारत की तैयारियों के बारे में लिखिए।
भारत में एक साथ चुनाव कराने में बाधक सीमाओं के बारे में लिखिए।
निष्कर्ष:
एक साथ चुनाव कराने के संबंध में एक संतुलित राय प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– III
विषय: प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय; जन वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्य, सीमाएँ, सुधार; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन; पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र।
4. जलवायु स्मार्ट कृषि क्या है? भारत में जलवायु स्मार्ट कृषि के दायरे को चित्रित कीजिए। क्या यह खाद्य सुरक्षा प्राप्त करने एवं जलवायु परिवर्तन से निपटने के दोहरे संकट को हल कर सकता है? समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: New Indian Express
निर्देशक शब्द:
समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए– ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
जलवायु स्मार्ट कृषि की प्रमुख विशेषताओं के बारे में लिखिए।
विषय वस्तु:
सम्पूर्ण भारत में जलवायु स्मार्ट कृषि के दायरे के बारे में सोदाहरण चर्चा कीजिए।
जलवायु स्मार्ट कृषि को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सरकारी पहलों का उल्लेख कीजिए।
खाद्य सुरक्षा एवं जलवायु परिवर्तन शमन को हल करने में जलवायु स्मार्ट कृषि की क्षमताओं का उल्लेख कीजिए।
अपने तर्कों की पुष्टि करने के लिए उदाहरण एवं आँकड़े प्रस्तुत कीजिए।
निष्कर्ष:
जलवायु स्मार्ट कृषि को आगे बढ़ाने के लिए एक राह का उल्लेख करते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग तथा दैनिक जीवन पर इसका प्रभाव।
5. ऐसा प्रतीत होता है कि भारत अर्धचालक निर्माण क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए एक बड़ा प्रयास कर रहा है। इन प्रयासों को महत्वपूर्ण अर्धचालक उद्योग में अपनी क्षमताओं के विस्तार के लिए भारी पूंजी निवेश, उच्च जोखिम एवं लंबी अवधि की आवश्यकता को पूरा करने के लिए लक्षित किया जाना चाहिए। विस्तार से समझाइए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: सरल
सन्दर्भ: The Hindu
निर्देशक शब्द:
समझाइए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न से संबंधित सूचना अथवा जानकारी को सरल भाषा में प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
अर्धचालकों के सामरिक महत्व का उल्लेख करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए एवं भारत में अर्धचालक उत्पादन के संबंध में आंकड़े उद्धृत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
अर्धचालकों के विभिन्न अनुप्रयोगों एवं उनकी कमी के कारणों का उल्लेख कीजिए।
अर्धचालक निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न क़दमों का उल्लेख कीजिए।
उपर्युक्त की सीमाओं एवं उन्हें दूर करने के उपायों के बारे में लिखिए।
निष्कर्ष:
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव।
6. ई-कॉमर्स को अपनाने से, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राजस्व में वृद्धि, बेहतर बाजार पहुंच तथा ग्राहक अधिग्रहण जैसे महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त कर सकते हैं। परीक्षण कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: Live Mint
निर्देशक शब्द:
परीक्षण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
भारतीय अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के महत्व के बारे में आंकड़े प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।
विषय वस्तु:
महामारी के प्रतिकूल प्रभाव एवं सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के द्वारा सामना की जा रही वर्तमान कठिनाइयों का उल्लेख कीजिए।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों पर ई-कॉमर्स के पड़ने वाले प्रभावों के बारे में लिखिए।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए ई-कॉमर्स को अपनाने में आने वाली विभिन्न बाधाओं के बारे में लिखिए एवं उन्हें दूर करने के उपायों का सुझाव दीजिए।
निष्कर्ष:
इन मुद्दों को हल करने के लिए आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– IV
विषय: शासन व्यवस्था में ईमानदारीः लोक सेवा की अवधारणा; शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ।
7. क्या प्रतिभा (meritocracy) में निजी क्षेत्र की उपलब्धियों में सिविल सेवा सुधारों के लिए महत्वपूर्ण सबक निहित हैं? विचार-विमर्श कीजिए। (150 शब्द)
प्रश्न का स्तर: कठिन
निर्देशक शब्द:
विचार-विमर्श कीजिए– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के सम्बन्ध में अपने ज्ञान और समझ के अनुसार एक सारगर्भित रूप में उत्तर प्रस्तुत कीजिए।
उत्तरकीसंरचना:
परिचय:
प्रतिभा (meritocracy) में निजी क्षेत्र की उपलब्धियों के संदर्भ को सोदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
विषयवस्तु:
प्रतिभा (meritocracy) में निजी क्षेत्र की उपलब्धियों से सिविल सेवाओं में अपनाए जा सकने वाले मूल्यवान सबक का उल्लेख कीजिए।
ये सिविल सेवाओं के प्रदर्शन एवं प्रभावशीलता को बेहतर बनाने में कैसे सहायता करेंगे? विचार-विमर्श कीजिए।
इस प्रकार के अनुकरण की सीमाओं एवं बाधाओं का उल्लेख कीजिए।
निष्कर्ष:
सिविल सेवा सुधारों पर एक संतुलित राय प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।
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