HINDI INSIGHTS STATIC QUIZ 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
निम्नलिखित में से कौन-सा/से व्यय भारत की संचित निधि पर भारित है/हैं?
- भारत के राष्ट्रपति की वेतन और भत्ते।
- उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के वेतन, भत्ते और पेंशन।
- भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के कार्यालय के प्रशासनिक व्यय।
- किसी न्यायालय या मध्यस्थ न्यायाधिकरण के किसी निर्णय, डिक्री या अधिनिर्णय के लिए आवश्यक कोई राशि।
सही उत्तर कूट चुनिए:
Correct
उत्तर: b)
भारित व्यय की सूची:
राष्ट्रपति के वेतन और भत्ते तथा उनके कार्यालय से संबंधित अन्य व्यय।
राज्यसभा के सभापति और उपसभापति और लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन, भत्ते और पेंशन।
उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की पेंशन।
भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का वेतन, भत्ते और पेंशन
संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन।
इन कार्यालयों में सेवारत व्यक्तियों के वेतन, भत्ते और पेंशन सहित सर्वोच्च न्यायालय, भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के कार्यालय और संघ लोक सेवा आयोग के प्रशासनिक व्यय।
ऋण शुल्क जिसके लिए भारत सरकार उत्तरदायी है, जिसमें ब्याज, निधि शुल्क और मोचन शुल्क और ऋण जुटाने और ऋण की सेवा एवं मोचन से संबंधित अन्य व्यय शामिल हैं।
किसी भी अदालत या मध्यस्थ न्यायाधिकरण के किसी निर्णय, डिक्री या आदेश के लिए आवश्यक कोई भी राशि।
संसद द्वारा इस प्रकार भारित घोषित कोई अन्य व्यय।
न्यायाधीशों के वेतन और भत्ते, कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और पेंशन के साथ-साथ एक उच्च न्यायालय के प्रशासनिक खर्च राज्य की संचित निधि पर भारित होते हैं।
Incorrect
उत्तर: b)
भारित व्यय की सूची:
राष्ट्रपति के वेतन और भत्ते तथा उनके कार्यालय से संबंधित अन्य व्यय।
राज्यसभा के सभापति और उपसभापति और लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन, भत्ते और पेंशन।
उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की पेंशन।
भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का वेतन, भत्ते और पेंशन
संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन।
इन कार्यालयों में सेवारत व्यक्तियों के वेतन, भत्ते और पेंशन सहित सर्वोच्च न्यायालय, भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के कार्यालय और संघ लोक सेवा आयोग के प्रशासनिक व्यय।
ऋण शुल्क जिसके लिए भारत सरकार उत्तरदायी है, जिसमें ब्याज, निधि शुल्क और मोचन शुल्क और ऋण जुटाने और ऋण की सेवा एवं मोचन से संबंधित अन्य व्यय शामिल हैं।
किसी भी अदालत या मध्यस्थ न्यायाधिकरण के किसी निर्णय, डिक्री या आदेश के लिए आवश्यक कोई भी राशि।
संसद द्वारा इस प्रकार भारित घोषित कोई अन्य व्यय।
न्यायाधीशों के वेतन और भत्ते, कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और पेंशन के साथ-साथ एक उच्च न्यायालय के प्रशासनिक खर्च राज्य की संचित निधि पर भारित होते हैं।
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Question 2 of 5
2. Question
लोकसभा अध्यक्ष के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- वह भारत में विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के पदेन अध्यक्ष के रूप में कार्य करता है।
- वह लोकसभा की सभी संसदीय समितियों का अध्यक्ष होता है।
- वह सदन के नेता के अनुरोध पर सदन की ‘गुप्त‘ बैठक‘ की अनुमति दे सकता है।
उपरोक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: c)
अध्यक्ष देश में विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के पदेन अध्यक्ष के रूप में कार्य करता है।
वह लोकसभा की सभी संसदीय समितियों के अध्यक्ष की नियुक्ति करता है और उनके कामकाज की निगरानी करता है। वह स्वयं कार्य मंत्रणा समिति, नियम समिति और सामान्य प्रयोजन समिति का अध्यक्ष होता है।
जब सदन की गुप्त रूप चल रही हो तो अध्यक्ष की अनुमति के बिना कोई भी बहरी व्यक्ति सदन, लॉबी या दीर्घाओं में उपस्थित नहीं हो सकता है।
Incorrect
उत्तर: c)
अध्यक्ष देश में विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के पदेन अध्यक्ष के रूप में कार्य करता है।
वह लोकसभा की सभी संसदीय समितियों के अध्यक्ष की नियुक्ति करता है और उनके कामकाज की निगरानी करता है। वह स्वयं कार्य मंत्रणा समिति, नियम समिति और सामान्य प्रयोजन समिति का अध्यक्ष होता है।
जब सदन की गुप्त रूप चल रही हो तो अध्यक्ष की अनुमति के बिना कोई भी बहरी व्यक्ति सदन, लॉबी या दीर्घाओं में उपस्थित नहीं हो सकता है।
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Question 3 of 5
3. Question
निम्नलिखित में से कौन गणपूर्ति के अभाव में लोकसभा की बैठक को स्थगित कर सकता है?
Correct
उत्तर: c)
अध्यक्ष के पास निम्नलिखित शक्तियां और कर्तव्य होते हैं:
वह सदन के कामकाज के संचालन और उसकी कार्यवाही को विनियमित करने के लिए व्यवस्था और मर्यादा बनाए रखता है। यह उसकी प्राथमिक जिम्मेदारी है और इस संबंध में उसके पास अंतिम शक्ति होती है।
वह (ए) भारत के संविधान, (बी) लोकसभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों, और (सी) सदन के भीतर संसदीय प्रक्रिया के प्रावधानों का अंतिम व्याख्याकार है।
वह गणपूर्ति के अभाव में सदन को स्थगित करता है या बैठक को स्थगित करता है। सदन की बैठक का गठन करने के लिए गणपूर्ति सदन की कुल संख्या का दसवां हिस्सा होती है।
Incorrect
उत्तर: c)
अध्यक्ष के पास निम्नलिखित शक्तियां और कर्तव्य होते हैं:
वह सदन के कामकाज के संचालन और उसकी कार्यवाही को विनियमित करने के लिए व्यवस्था और मर्यादा बनाए रखता है। यह उसकी प्राथमिक जिम्मेदारी है और इस संबंध में उसके पास अंतिम शक्ति होती है।
वह (ए) भारत के संविधान, (बी) लोकसभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों, और (सी) सदन के भीतर संसदीय प्रक्रिया के प्रावधानों का अंतिम व्याख्याकार है।
वह गणपूर्ति के अभाव में सदन को स्थगित करता है या बैठक को स्थगित करता है। सदन की बैठक का गठन करने के लिए गणपूर्ति सदन की कुल संख्या का दसवां हिस्सा होती है।
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Question 4 of 5
4. Question
एक संघ राज्य क्षेत्र का प्रशासक, एक राज्य विधानमंडल के साथ, विधायिका के अवकाश के दौरान निम्नलिखित में से किस परिस्थिति में अध्यादेश जारी कर सकता है
- जब विधायिका को निलंबित कर दिया गया हो
- जब विधायिका को भंग कर दिया गया हो
सही उत्तर कूट चुनि:
Correct
उत्तर: d)
अनुच्छेद 239 (बी): विधान-मंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की प्रशासक की शक्ति
उस समय को छोड़कर जब पांडिचेरी संघ राज्यक्षेत्र का विधान-मंडल सत्र में है, यदि किसी समय उसके प्रशासक का यह समाधान हो जाता है कि ऐसी परिस्थितियाँ विद्यमान हैं जिनके कारण तुरंत कार्रवाई करना उसके लिए आवश्यक हो गया है तो वह ऐसे अध्यादेश प्रख्यापित कर सकेगा जो उसे उन परिस्थितियों में अपेक्षित प्रतीत हों:
परंतु प्रशासक, कोई ऐसा अध्यादेश राष्ट्रपति से इस निमित्त अनुदेश अभिप्राप्त करने के पश्चात् ही प्रख्यापित करेगा, अन्यथा नहीं :
परंतु यह और कि जब कभी उक्त विधान-मंडल का विघटन कर दिया जाता है या अनुच्छेद 239क के खंड (1) में निर्दिष्ट विधि के अधीन की गई किसी कार्रवाई के कारण उसका कार्यकरण निलंबित रहता है तब प्रशासक ऐसे विघटन या निलंबन की अवधि के दौरान कोई अध्यादेश प्रख्यापित नहीं करेगा।
Incorrect
उत्तर: d)
अनुच्छेद 239 (बी): विधान-मंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की प्रशासक की शक्ति
उस समय को छोड़कर जब पांडिचेरी संघ राज्यक्षेत्र का विधान-मंडल सत्र में है, यदि किसी समय उसके प्रशासक का यह समाधान हो जाता है कि ऐसी परिस्थितियाँ विद्यमान हैं जिनके कारण तुरंत कार्रवाई करना उसके लिए आवश्यक हो गया है तो वह ऐसे अध्यादेश प्रख्यापित कर सकेगा जो उसे उन परिस्थितियों में अपेक्षित प्रतीत हों:
परंतु प्रशासक, कोई ऐसा अध्यादेश राष्ट्रपति से इस निमित्त अनुदेश अभिप्राप्त करने के पश्चात् ही प्रख्यापित करेगा, अन्यथा नहीं :
परंतु यह और कि जब कभी उक्त विधान-मंडल का विघटन कर दिया जाता है या अनुच्छेद 239क के खंड (1) में निर्दिष्ट विधि के अधीन की गई किसी कार्रवाई के कारण उसका कार्यकरण निलंबित रहता है तब प्रशासक ऐसे विघटन या निलंबन की अवधि के दौरान कोई अध्यादेश प्रख्यापित नहीं करेगा।
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Question 5 of 5
5. Question
एक व्यक्ति को किसी राज्य की विधान सभा या विधान परिषद का सदस्य चुना और अयोग्य ठहराया जाएगा यदि वह भारत सरकार या पहली अनुसूची में निर्दिष्ट किसी राज्य की सरकार के अधीन लाभ का कोई पद धारण करता है। सदस्यों की अयोग्यता के ऐसे प्रश्नों पर निर्णय किसके द्वारा लिया जाता है?
Correct
उत्तर: d)
अनुच्छेद 192. सदस्यों की निरर्हताओं से सम्बन्धित प्रश्नों पर विनिश्चय:
(1) यदि यह प्रश्न उठता है कि किसी राज्य के विधान-मण्डल के किसी सदन का कोई सदस्य अनुच्छेद 191 के खण्ड (1) में वर्णित किसी निरर्हता से ग्रस्त हो गया है या नहीं तो वह प्रश्न राज्यपाल को विनिश्चय के लिए निर्देशित किया जाएगा और उसका विनिश्चिय अन्तिम होगा ।
(2) ऐसी किसी प्रश्न पर विनिश्चय करने से पहले राज्यपाल निर्वाचन आयोग की राय लेगा और ऐसी राय के अनुसार कार्य करेगा ।
Incorrect
उत्तर: d)
अनुच्छेद 192. सदस्यों की निरर्हताओं से सम्बन्धित प्रश्नों पर विनिश्चय:
(1) यदि यह प्रश्न उठता है कि किसी राज्य के विधान-मण्डल के किसी सदन का कोई सदस्य अनुच्छेद 191 के खण्ड (1) में वर्णित किसी निरर्हता से ग्रस्त हो गया है या नहीं तो वह प्रश्न राज्यपाल को विनिश्चय के लिए निर्देशित किया जाएगा और उसका विनिश्चिय अन्तिम होगा ।
(2) ऐसी किसी प्रश्न पर विनिश्चय करने से पहले राज्यपाल निर्वाचन आयोग की राय लेगा और ऐसी राय के अनुसार कार्य करेगा ।
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