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सामान्य अध्ययन- I
विषय: विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ।
1. समुद्र तल की प्रमुख उच्चावच विशेषताओं की व्याख्या कीजिए। समुद्र तल के अध्ययन का क्या महत्व है? (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: सरल
सन्दर्भ: Insights on India
निर्देशक शब्द:
व्याख्या कीजिए- प्रश्न में पूछी गई जानकारी को सरल भाषा में व्यक्त कीजिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
समुद्र तल उच्चावच का क्या अर्थ है एवं समय के साथ समुद्र तल के बारे में हमारी समझ कैसे विकसित हुई है? समझाते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
प्रमुख महासागरीय उच्चावचों पर विस्तार से चर्चा कीजिए।
महासागरीय उच्चावचों के अध्ययन के महत्व के बारे में लिखिए।
निष्कर्ष:
महासागरीय उच्चावचों के अध्ययन के समग्र महत्व पर बल देते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ।
2. हिंद महासागर के महाद्वीपीय निमग्नतट में संसाधनों के आर्थिक महत्व का परीक्षण कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: Insights on India
निर्देशक शब्द:
परीक्षण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
महाद्वीपीय निमग्नतट में उपलब्ध विभिन्न संसाधनों का उल्लेख करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।
विषय वस्तु:
प्रमुख संसाधनों को दर्शाने वाला एक सुस्पष्ट चित्र प्रस्तुत कीजिए।
परिचय में उल्लिखित संसाधनों के आर्थिक निहितार्थों को विस्तार से लिखिए।
महाद्वीपीय निमग्नतट के पोषक तत्वों की समृद्धि, विविध समुद्री जीवों को बढ़ावा देने और उनके आर्थिक महत्व का उल्लेख कीजिए।
प्रवाल एवं मैंग्रोव वनस्पतियों का उल्लेख कीजिए जो न केवल जैव विविधता को बढ़ावा देते हैं बल्कि जलवायु परिवर्तन की घटनाओं की अनियमितताओं के विरुद्ध इसकी रक्षा करके तटीय क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों की रक्षा भी करते हैं।
निष्कर्ष:
निष्कर्ष निकालिए कि हिंद महासागर का महाद्वीपीय निमग्नतट अत्यधिक संसाधन संपन्न है एवं हमें उनका दोहन करने के लिए एक स्थायी दृष्टिकोण रखने की आवश्यकता है।
सामान्य अध्ययन- II
विषय: केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।
3. भारत में जाति आधारित जनगणना की आवश्यकता एवं औचित्य का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: कठिन
सन्दर्भ: The Hindu
निर्देशक शब्द:
समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
भारत में जाति-आधारित जनगणना का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।
विषय वस्तु:
जाति आधारित जनगणना के लाभों की चर्चा कीजिए।
जाति आधारित जनगणना के दोषों की विवेचना कीजिए।
निष्कर्ष:
उपरोक्त तर्कों के आधार पर निष्कर्ष के रूप में एक निष्पक्ष एवं संतुलित दृष्टिकोण प्रस्तुत कीजिए।
सामान्य अध्ययन- III
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।
4. विश्व भर में, प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राओं (CBDC) को अपनाने एवं प्रारम्भ करने के लिए आगे बढ़ रही हैं। भारत को केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राओं से सम्बंधित चिंताओं को दूर करने के बाद इसका अन्वेषण करना चाहिए। विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: Live Mint
निर्देशक शब्द:
विश्लेषण कीजिए– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
उभरती अवधारणा केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) की व्याख्या करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।
विषय वस्तु:
केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा से सम्बंधित तकनीक की व्याख्या कीजिए। साथ ही, यह भी उल्लेख कीजिए कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा अपना मूल्य कहां से प्राप्त करेगी। भारत में केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा की बढ़ती स्वीकार्यता का उल्लेख कीजिए।
भारत द्वारा केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा से प्राप्त किए जाने योग्य संभावित लाभों का उल्लेख कीजिए।
केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के संबंध में संभावित चुनौतियों का भी उल्लेख कीजिए।
निष्कर्ष:
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय।
5. उच्च विकास को बनाए रखने के लिए अर्थव्यवस्था के लिए मौद्रिक प्राधिकरणों द्वारा मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करना एक आवश्यक शर्त है। विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: सरल
सन्दर्भ: The Hindu
निर्देशक शब्द:
विश्लेषण कीजिए– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
तेल की बढ़ती कीमतों के साथ-साथ कोविड महामारी से अर्थव्यवस्था की वर्तमान धीमी पुनर्प्राप्ति पर प्रकाश डालते हुए उत्तर की शुरूआत कीजिए तथा सरकारी संपत्तियों के परिसमापन के माध्यम से राजकोषीय प्रोत्साहन की नीति पर चर्चा कीजिए।
विषय वस्तु:
फिलिप्स वक्र एवं बेरोजगारी (वृद्धि) तथा मजदूरी (मुद्रास्फीति) के बीच संबंध एवं दोनों को संतुलित करने की आवश्यकता पर चर्चा कीजिए।
इस तथ्य पर बल दीजिए कि उचित मूल्य स्थिरता देश के निवेश माहौल, व्यवसायों के उधार के रुझान, उद्योगों में उचित आपूर्ति इनपुट सुनिश्चित करने तथा कृषि उपज की लागत जैसे विभिन्न कारकों को निर्धारित करती है।
निष्कर्ष:
निष्कर्ष निकालिए कि आरबीआई को यह सुनिश्चित करने के लिए एक सख्त संतुलन बनाना होगा कि कीमतों को उचित स्तर पर बनाए रखा जाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि विकास लंबे समय तक बना रहे।
विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।
6. मौजूदा जल संकट को दूर करने एवं राष्ट्रीय जल नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए अंतर-मंत्रालयी समन्वय समय की आवश्यकता है। विस्तार से समझाइए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: The Hindu
निर्देशक शब्द:
समझाइए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न से संबंधित सूचना अथवा जानकारी को सरल भाषा में प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
भारत में उपस्थित विभिन्न जल संकटों पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।
विषय वस्तु:
स्थिति की गंभीरता को दर्शाने के लिए तथ्य भी प्रस्तुत कीजिए।
उल्लेख कीजिए कि भारत के लिए राष्ट्रीय जल नीति में केंद्र-राज्य-स्थानीय निकायों की भूमिका, शहरी-ग्रामीण उपभोग पैटर्न जैसे विभिन्न कारकों को शामिल किया जाना चाहिए।
उल्लेख कीजिए कि जल संसाधन मंत्रालय को शहरी विकास, पर्यावरण और स्थानीय स्व-सरकार के साथ सहयोग करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जल का विवेकपूर्ण दोहन और संरक्षण हो।
निष्कर्ष:
निष्कर्ष निकालिए कि राष्ट्रीय जल नीति मजबूत होनी चाहिए और अस्तित्व के उभरते मुद्दे को संबोधित करने के लिए तत्काल प्रभाव से लागू होनी चाहिए।
सामान्य अध्ययन- IV
विषय: सामाजिक प्रभाव एवं अनुनय।
7. अनुनय तर्क के माध्यम से, भावनाओं का आह्वान करके एवं वक्ता की विश्वसनीयता से दर्शकों से जुड़ने की एक कला है। चर्चा कीजिए। (150 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभिरुचि के लिए एक व्यावहारिक दृष्टिकोण: डी.के. बालाजी।
निर्देशक शब्द:
चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
अनुनय का गहन विवरण प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।
विषय वस्तु:
विभिन्न संदर्भों में अनुनय की आवश्यकता के बारे में लिखिए।
महान प्रेरक कौशल वाले व्यक्तित्वों के कुछ उदाहरण प्रस्तुत कीजिए एवं समझाइए कि अनुनय उनके संबंधित क्षेत्रों में कैसे भूमिका निभाता है।
निष्कर्ष:
अनुनय के महत्व एवं सकारात्मक परिणामों के लिए इसका उपयोग करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिए।
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