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सामान्य अध्ययन– I
विषय: विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ।
1. उष्ण कटिबंधीय एवं बहिरुष्ण कटिबंधीय चक्रवात में विभेद स्पष्ट करते हुए उष्ण कटिबंधीय चक्रवात के निर्माण के लिए अनुकूल परिस्थितियों की व्याख्या कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: सरल
सन्दर्भ: Insights on India
निर्देशक शब्द:
व्याख्या कीजिए- प्रश्न में पूछी गई जानकारी को सरल भाषा में व्यक्त कीजिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
उष्ण कटिबंधीय चक्रवात को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
उष्णकटिबंधीय चक्रवात की विशेषताओं एवं चक्रवातों के निर्माण में योगदान देने वाले कारकों के बारे में लिखिए।
उष्णकटिबंधीय एवं बहिरुष्णकटिबंधीय चक्रवातों के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।
प्रासंगिक आरेखीय प्रदर्शनों के साथ उपरोक्त पहलुओं की पुष्टि कीजिए एवं चक्रवातीय गतिविधियों के हाल के उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
निष्कर्ष:
चक्रवातों की चेतावनी के समय पर प्रसार एवं आपदा प्रबंधन अधिकारियों की बढ़ती तैयारी पर बल देते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ।
2. ग्रीष्म प्रतिचक्रवात एवं शीत प्रतिचक्रवात की तुलना कीजिए। प्रतिचक्रवात का मौसम पर क्या प्रभाव पड़ता है? (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: Insights on India
निर्देशक शब्द:
तुलना कीजिए– दोनों प्रकारों का एक विस्तृत तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत कीजिए, उनकी समान और असमान दोनों प्रकार की विशेषताओं को दर्शाइए। अभ्यर्थी को चाहिए कि वह दोनों का विस्तृत मूल्यांकन प्रस्तुत करे।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
प्रतिचक्रवात को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
ग्रीष्म प्रतिचक्रवात एवं शीत प्रतिचक्रवात के मध्य विभिन्न अंतरों के बारे में लिखिए।
क्षेत्र के मौसम पर प्रतिचक्रवात के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
निष्कर्ष:
उपरोक्त का सारांश प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– II
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
3. इक्कीसवीं सदी के लिए एक राष्ट्रीय जल नीति में जल को एक राष्ट्रीय संसाधन के रूप में मान्यता देना तथा स्थानीय समुदायों एवं संबंधित राज्य सरकारों के मध्य साझेदारी में विकेन्द्रीकृत तरीके से जल के प्रबंधन को सक्षम बनाना है। टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: Indian Express
निर्देशक शब्द:
टिप्पणी कीजिए– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
भारत में जल प्रबंधन से सम्बंधित मुद्दों के बारे में कुछ तथ्य प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
जल के अति प्रयोग एवं दुरूपयोग के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए एवं यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमारे बहुमूल्य जल संसाधनों का इष्टतम उपयोग किया जा रहा है, एक ठोस राष्ट्रीय जल नीति की आवश्यकता का वर्णन कीजिए।
गरीबी को दूर करने, देश के समग्र आर्थिक एवं सामाजिक विकास को बढ़ावा देने में जल की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
स्थानीय सरकारों और राज्यों के बीच मुख्य रूप से स्थानीय जल की आवश्यकताओं और मुद्दों के प्रबंधन के लिए और केंद्र को एक सुविधाकर्ता की भूमिका निभाने के लिए एक मजबूत समन्वय व्यवस्था की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
निष्कर्ष:
जल प्रबंधन के लिए विकेन्द्रीकृत दृष्टिकोण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
4. कोविड-19 महामारी ने छोटे बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा का समर्थन करने में माता-पिता की भूमिका के महत्व पर पुनः बल दिया है, जो राष्ट्रीय प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ECCE) पाठ्यक्रम ढांचे में अच्छी तरह से शामिल है। इसकी आवश्यकता एवं लाभों पर चर्चा कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: सरल
सन्दर्भ: The Hindu
निर्देशक शब्द:
चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
यह उल्लेख करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए कि राष्ट्रीय प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ECCE) के तीन वर्ष एवं प्रारंभिक प्राथमिक ग्रेड (कक्षा 1 और 2) को सीखने की निरंतरता के रूप में प्रस्तावित किया जाता है और इसे स्कूल के मूलभूत चरण के रूप में संदर्भित किया जाता है।
विषय वस्तु:
उल्लेख कीजिए कि राष्ट्रीय प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ECCE) बच्चे के विकास के संदर्भ पर आधारित होना चाहिए एवं उनकी पृष्ठभूमि के साथ बदलता रहना चाहिए और इसलिए राष्ट्रीय प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ECCE) विस्तृत चरण-दर-चरण प्रक्रिया के बजाय केवल एक रूपरेखा प्रदान करता है।
बच्चों के संज्ञानात्मक, मोटर कौशल और अधिगम की क्षमताओं के विकास जैसे विभिन्न लाभों पर प्रकाश डालिए, जो उनके जीवन के बाद के वर्षों में स्कूल प्रतिधारण को बढ़ावा देने के लिए प्रारंभिक शिक्षा के संपर्क में आते हैं।
निष्कर्ष:
निष्कर्ष निकालिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान आंगनवाड़ी स्कूलों और शहरी क्षेत्रों में प्री स्कूलों को बच्चों में प्रारंभिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए चैनलाइज़ किया जा सकता है।
सामान्य अध्ययन– III
विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग तथा दैनिक जीवन पर इसका प्रभाव।
5. मेटावर्स अच्छी तरह से एवं सही मायने में आगे बढ़ रहा है तथा भारत को नई तकनीक के लाभों को अधिकतम करने तथा जोखिम को कम करने के लिए नीति एवं नियामक तंत्र स्थापित करना चाहिए। जांच कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: The Hindu
निर्देशक शब्द:
जांच कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
मेटावर्स को परिभाषित करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।
विषय वस्तु:
मेटावर्स की अवधारणा की व्याख्या कीजिए।
मेटावर्स के विभिन्न घटकों एवं इसके संभावित अनुप्रयोगों पर विस्तार से चर्चा कीजिए।
उन क्षेत्रों का विश्लेषण कीजिए, जिनकी भारत को नकारात्मक प्रभावों को कम करते हुए अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए सक्रिय रूप से तैयार करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष:
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन- संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध।
6. 1985 का वर्तमान नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस (NDPS) अधिनियम अपने दृष्टिकोण में सुधारात्मक की तुलना में दंडात्मक अधिक है क्योंकि ड्रग पेडलिंग संगठित अपराधों का एक भाग है। हालांकि, अधिनियम में आवश्यकता है कि उपयोगकर्ता के साथ अपराधी के बजाय पीड़ित के रूप में व्यवहार किया जाए। आलोचनात्मक टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: The Hindu
निर्देशक शब्द:
आलोचनात्मक टिप्पणी कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस (NDPS) अधिनियम के वर्तमान कड़े ढांचे पर प्रकाश डालते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।
विषय वस्तु:
इस तर्क पर प्रकाश डालिए कि ड्रग उपयोगकर्ता इसके आदी होते हैं और उन्हें आपूर्तिकर्ता की तरह कठोर दंड से गुजरने के बजाय संस्थागत देखभाल की आवश्यकता होती है।
आपूर्तिकर्ता एवं उपयोगकर्ता के विभिन्न उद्देश्यों को समझने एवं उन्हें पृथक करने के लिए जांच एजेंसियों को संवेदनशील बनाने की आवश्यकता का उल्लेख कीजिए।
अवैध दवा आपूर्ति नेटवर्क को बनाए रखने के लिए उपयोगकर्ता एवं आपूर्तिकर्ता के कारण-प्रभाव संबंधों का उल्लेख कीजिए।
निष्कर्ष:
स्वास्थ्य एवं नशीली दवाओं के उपयोग तथा आपूर्ति के कानूनी प्रभावों के बारे में अधिक संवेदीकरण की आवश्यकता और पीड़ितों की संस्थागत देखभाल को भी बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– IV
विषय: केस स्टडी।
7. नपुंसक, जिसे हिंदी में हिजड़ा कहते हैं, का अर्थ किसी भी लिंग से असंबंधित व्यक्ति से है- ने “मुगल हरम के निलिंगी प्रहरी के रूप में सेवा प्रदान की थी।” उनकी पहचान के अभाव में, यौन संक्रमण अक्सर कष्टदायी एवं कभी-कभी घातक होता है।
भारत में “ट्रांसजेंडर्स” के मानवाधिकारों पर किए गए प्रथम अध्ययन में, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि ट्रांसजेंडरों के अधिकारों से “बड़े पैमाने पर समझौता” किया जाता है और व्यापक सामाजिक लैंगिक भेदभाव के मद्देनजर घरों, समुदायों और संस्थानों में उनके प्रति अलगाव की भावना रहती है। ट्रांसजेंडर लोगों को एक “लिंग-विशिष्ट भारत” में, जहां प्रत्येक वस्तु की एक लिंग पहचान है, में पहचान संकट का सामना करना पड़ रहा है। इसमें सार्वजनिक उपयोगिताओं जैसे शौचालय, हवाई अड्डों पर सुरक्षा जांच, राशन कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि शामिल हैं।
लगभग 92% ट्रांसजेंडर भारत में किसी भी प्रकार की आर्थिक गतिविधियों में भाग लेने के अधिकार से अत्यधिक वंचित हैं, यहां तक कि योग्य लोगों को भी नौकरी से वंचित कर दिया जाता है और उन्हें भीख मांगने या यौन कार्य चुनने के लिए मजबूर किया जाता है। इसमें कहा गया है कि 96% ट्रांसजेंडर लोगों को कम वेतन वाले काम या अशोभनीय काम को अपनी आजीविका के रूप में अपनाने के लिए मजबूर किया जाता है जैसे कि भीख मांगना और यौन कार्य और ग्राहकों द्वारा उनका शोषण किया जाता है और उन्हें पीटा जाता है। 89% ट्रांसजेंडर शोधकर्ताओं ने कहा कि उनमें से योग्य लोगों को भी रोजगार के अवसर नहीं मिलते हैं और 23% से अधिक यौन कार्य में संलग्न होने के लिए मजबूर होते हैं, जिसमें स्वास्थ्य संबंधी उच्च जोखिम होते हैं।
वे किसी भी राजनीतिक दल के एजेंडे में शामिल नहीं हैं क्योंकि वे ध्यान देने योग्य वोट-बैंक का निर्माण नहीं करते हैं। वे आर्थिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में पूरी तरह से अदृश्य हैं। शिक्षा का निम्न स्तर और सामाजिक बहिष्कार उनके रोजगार और आजीविका के अवसरों को सीमित करता है।
बचपन से शुरू होने वाले ट्रांसजेंडरों के प्रति भेदभाव पर विस्तार से बताते हुए, NHRC का कहना है कि ट्रांसजेंडर बच्चों के मामले में माता-पिता सक्रिय भूमिका नहीं निभाते हैं। इसके बजाय, वे अपने माता-पिता, भाई-बहनों और परिवार के अन्य सदस्यों के हाथों मौखिक और शारीरिक शोषण का शिकार होते हैं। उनमें से अधिकांश अपनी पहचान को ट्रांसजेंडर के रूप में तब तक गुप्त रखते हैं जब तक कि उनके लिए इसे हमेशा के लिए छिपाना असंभव न हो। अधिकांश माता-पिता उनकी स्थिति को शारीरिक और मानसिक दोष मानते हैं।
अध्ययन में पाया गया कि 99% ट्रांसजेंडरों को एक से अधिक मौकों पर सामाजिक अस्वीकृति का सामना करना पड़ा है। उनकी शिक्षा पर, NHRC का कहना है कि 52% ट्रांसजेंडरों को उनके सहपाठियों द्वारा और 15% को शिक्षकों द्वारा भी परेशान किया गया, एक कारण जिसके कारण वे पढ़ाई जारी नहीं रखते हैं।
जब न्याय तक पहुंच की बात आती है, तो अध्ययन से पता चलता है कि उन्हें पुलिस द्वारा परेशान किया जाता है, इसलिए वे पुलिस से संपर्क नहीं करते हैं। ट्रांसजेंडर लोगों के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले होते हैं लेकिन वे उत्पीड़न के डर से पुलिस स्टेशन नहीं जा सकते।
भारत में एक ट्रांसजेंडर को विवाह करने, पति या पत्नी बनने और अपना परिवार स्थापित करने के लिए कोई कानूनी समर्थन प्राप्त नहीं है। उन्हें अक्सर मासिक किराये या होटल दोनों में निवास से वंचित कर दिया जाता है। शोधकर्ताओं ने एक केस स्टडी का हवाला दिया, जहां मुंबई के जोगेश्वरी में एक युवा फिल्म निर्माता को एक फ्लैट खाली करने के लिए कहा गया क्योंकि वह एक ट्रांसजेंडर थी। एक अन्य ट्रांसजेंडर, जो दिल्ली में एक कॉल सेंटर में काम कर रही थी, काम में कुशल होने के बावजूद, उसे नौकरी छोड़ने के लिए कहा गया। ट्रांसजेंडरों को संपत्ति विरासत में भी कोई कानूनी अधिकार नहीं मिलता है। (250 शब्द)
- ट्रांसजेंडर समुदाय की दयनीय स्थितियों के लिए दोषी कौन है – सरकार या समाज?
- क्या आपको लगता है कि भारत के ट्रांसजेंडर समुदाय को मुख्यधारा में लाना संभव है? अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।
प्रश्न का स्तर: मध्यम
उत्तर की संरचना:
परिचय:
ट्रांसजेंडर समुदाय द्वारा सामना किए जाने वाले मुद्दों एवं भेदभाव के बारे में जानकारी प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
मामले के तथ्यों के संबंध में, स्पष्ट कीजिए कि ट्रांसजेंडरों की वर्तमान दुर्दशा के लिए कौन दोषी है – सरकार या समाज?
अपने उत्तर के औचित्यीकरण के लिए तर्क प्रस्तुत कीजिए।
भारत में ट्रांसजेंडर समुदाय को मुख्यधारा में लाने की संभावनाओं एवं सीमाओं के बारे में लिखिए।
निष्कर्ष:
भारत में ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रति भेदभाव को समाप्त करने के लिए आवश्यक कदमों का उल्लेख कीजिए।
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