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MISSION – 2022: YEARLONG TIMETABLE
सामान्य अध्ययन– I
विषय: विश्व का इतिहास, जिसमें 18वीं सदी तथा बाद की घटनाएँ यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनःसीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप तथा समाज पर उनका प्रभाव शामिल होंगे।
1. 1927 के उत्तरार्ध से ही साम्राज्यवाद-विरोधी जन-उभार का वक्र एक उल्लेखनीय ऊर्ध्वमुखी मोड़ लेने लगा। सविनय अवज्ञा आंदोलन की ओर ले जाने वाली कुछ घटनाएं कौन-कौन सी थीं? जांच कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: भारत का स्वतंत्रता संघर्ष: बिपन चंद्र।
निर्देशक शब्द:
जांच कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
असहयोग आंदोलन के पश्चात् 1927 तक की घटनाओं का सारांश प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरूआत कीजिए।
विषय वस्तु:
ब्रिटिश सरकार के कार्य (1927 में) आग जलाने वाली चिंगारी कैसे सिद्ध हुए (सविनय अवज्ञा आंदोलन)? स्पष्ट कीजिए।
समझाइए की कैसे युवाओं की एक नई लहर ने स्वतंत्रता सेनानी बनने के विचार को अपनाया, जो समाजवाद से प्रभावित थे।
नेहरू रिपोर्ट, इस रिपोर्ट पर युवाओं की प्रतिक्रिया, जिन्ना के 14 सूत्र, दिल्ली घोषणापत्र आदि का उल्लेख कीजिए।
निष्कर्ष:
लिखिए कि ब्रिटिश सरकार द्वारा गांधी की 11 सूत्रीय मांगों की अनदेखी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को जन्म दिया।
विषय: विश्व का इतिहास, जिसमें 18वीं सदी तथा बाद की घटनाएँ यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनःसीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप तथा समाज पर उनका प्रभाव शामिल होंगे।
2. राष्ट्र संघ (League of Nations) अपनी स्थापना के समय से ही एक दंत रहित बाघ था और इसलिए यह पूर्ण रूप से विफल हो गया। टिप्पणी कीजिए। (150 शब्द)
प्रश्न का स्तर: सरल
सन्दर्भ: आधुनिक विश्व का इतिहास: जैन एवं माथुर
निर्देशक शब्द:
टिप्पणी कीजिए– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
प्रथम विश्व युद्ध – लीग के गठन की पृष्ठभूमि के बारे में संक्षेप में लिखते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
लीग के क्या उद्देश्य थे? समझाइए।
इसकी सफलताओं पर प्रकाश डालिए।
इसकी विफलताओं पर विस्तार से चर्चा कीजिए।
निष्कर्ष:
लीग की विरासत पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: महिलाओं एवं महिला संगठन की भूमिका, जनसंख्या एवं संबद्ध मुद्दे।
3. भारत की वैश्विक लैंगिक अंतराल सूचकांक रेटिंग, 2021 इंगित करती है कि रोजगार क्षेत्र में ‘मातृत्व दंड’ की घटना प्रबल है। इसके कारणों की जांच कीजिए एवं इस समस्या के समाधान के लिए कुछ उपाय सुझाइए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: Live Mint
निर्देशक शब्द:
जांच कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
मातृत्व दंड को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
भारत में महिलाओं और विशेष रूप से माताओं की भर्ती प्रवृत्ति, वेतन संरचना और पदोन्नति प्रवृत्ति की कुछ जमीनी वास्तविकताओं का उल्लेख कीजिए।
महिलाओं के संदर्भ में कार्यक्षेत्र में प्रचलित लैंगिक असमानता का उल्लेख कीजिए।
मातृत्व लाभ अधिनियम में केवल माताओं के लिए भुगतान योग्य अवकाश एवं पितृत्व लाभ एवं छुट्टियों को न्यूनतम रखने के संदर्भ में इसकी कमियों को इंगित कीजिए।
कार्य स्थल पर डे केयर लाभ, घर में पुरुषों के देखभाल कर्तव्यों को स्वीकारना एवं कार्यक्षेत्र में समान वेतन सुनिश्चित करने आदि जैसे उपायों का सुझाव दीजिए।
निष्कर्ष:
निष्कर्ष निकालिए कि लिंग अंतराल वास्तव में सकल घरेलू उत्पाद की हानि की ओर ले जाता है, खासकर तब जब स्थिति कोविड के बाद की स्थिति में गंभीर है और इसके लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है।
सामान्य अध्ययन– II
विषय: जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ।
4. भारत में दलबदल विरोधी कानून के उद्देश्य एवं हमारे संसदीय लोकतंत्र में इसकी प्रभावशीलता पर चर्चा कीजिए, विशेष रूप से हाल के समय में, जब सांसदों/विधायकों में दल-बदल का चलन देखने को मिला है। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: सरल
सन्दर्भ: Indian Express
निर्देशक शब्द:
चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
दल-बदल विरोधी कानून का वर्णन करने वाली संविधान की अनुसूची का उल्लेख करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।
विषय वस्तु:
1985 में दलबदल विरोधी कानून लागू किए जाने के संदर्भ का उल्लेख कीजिए।
उन शर्तों का उल्लेख कीजिए, जिनमें एक विधायक को दलबदलू माना जाएगा।
उदाहरण प्रस्तुत करते हुए अनेक विधायकों के दल बदलने की बढ़ती प्रवृत्ति और पीठासीन अधिकारियों द्वारा उनके विरुद्ध कार्यवाही शुरू करने में विलम्ब पर चर्चा कीजिए।
ऐसे दलबदल को रोकने के लिए कानून की प्रभावशीलता पर चर्चा कीजिए।
निष्कर्ष:
यह उल्लेख करते हुए निष्कर्ष निकालिए कि कानून को ऐसे किसी भी दलबदलू के खिलाफ समय पर कार्रवाई का प्रावधान करना चाहिए ताकि उसकी प्रासंगिकता बनी रहे।
सामान्य अध्ययन– III
विषय: बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।
5. महामारी के बाद, वस्तुओं में उछाल एवं जलवायु संकट से निपटने के लिए कोयला खनन को कम करने के प्रयासों से वैश्विक कोयले की कीमतों ने आसमान छू लिया है। भारत में आसन्न कोयला संकट के कारणों का विश्लेषण कीजिए एवं इसे कम करने के लिए उठाए जाने योग्य आवश्यक कदमों का सुझाव दीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: Economic Times
निर्देशक शब्द:
विश्लेषण कीजिए– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
कोयले की कमी एवं बिजली उत्पादन संयंत्रों के कोयले पर उनके स्रोत के रूप में निर्भरता अनुपात के बारे में तथ्य प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
कोयला उत्पादन के निम्न स्तर के विभिन्न कारकों पर प्रकाश डालिए।
इसके विभिन्न उपायों का सुझाव दीजिए।
निष्कर्ष:
इस बात पर बल देते हुए निष्कर्ष निकालिए कि प्रौद्योगिकी की प्रगति के साथ, विद्युत के उपभोग की जरूरतें और बढ़ेंगी तथा स्वच्छ ऊर्जा की ओर भारी झुकाव के साथ एक मजबूत योजना समय की आवश्यकता है।
सामान्य अध्ययन– IV
विषय: नैतिक मार्गदर्शन के स्रोत के रूप में विधि, नियम, विनियम और विवेक।
6. जब नैतिकता विधि के अनुरूप न हो तब क्या प्रबल होना चाहिए- नैतिक सिद्धांत या विधि? (150 शब्द)
प्रश्न का स्तर: कठिन
उत्तर की संरचना:
परिचय:
नैतिकता एवं विधि के मध्य संबंधों का उल्लेख करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।
विषय वस्तु:
समझाइए कि विधि एवं नैतिकता के बीच संबंध की लोकप्रिय धारणा यह है कि विधि किसी तरह नैतिकता को बढ़ावा देने के लिए उपस्थित है, विशेषकर उन स्थितियों को संरक्षित करने के लिए जो नैतिक जीवन को संभव बनाती हैं।
संघर्ष के कारणों पर प्रकाश डालिए।
उपरोक्त की उदाहरण सहित पुष्टि कीजिए।
निष्कर्ष:
यह दर्शाते हुए निष्कर्ष निकालिए कि नैतिकता विधि की नींव, पूर्व-शर्तें बनाती है। दूसरे शब्दों में, यदि नैतिकता न हो, तो विधि का कोई आवश्यक आधार अथवा विधि के अस्तित्व का कोई कारण नहीं होता है।
विषय: सरकार में सूचना का आदान-प्रदान एवं पारदर्शिता, सूचना का अधिकार।
7. क्या आपको लगता है कि व्हिसल ब्लोइंग नैतिक रूप से उचित है? (150 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: Indian Express
उत्तर की संरचना:
परिचय:
व्हिसल ब्लोइंग क्या है? समझाते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
ऐसे प्रश्नों के उत्तर को उदाहरणों का उपयोग करके सर्वोत्तम रूप में समझाया जा सकता है। छात्रों को यह समझाना चाहिए कि कैसे व्हिसल ब्लोइंग स्थिति के आधार पर अनैतिक या नैतिक सिद्ध हो सकता है।
व्हिसलब्लोइंग का नैतिक औचित्य क्या है? स्पष्ट कीजिए।
अपने उत्तर का औचित्य सिद्ध करने के लिए उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
क्या व्हिसल ब्लोइंग नैतिक अभ्यास का कार्य है? विचार-विमर्श कीजिए।
निष्कर्ष:
एक निष्पक्ष एवं संतुलित राय प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।
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