HINDI INSIGHTS STATIC QUIZ 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
1946 के रॉयल इंडियन नेवी (RIN) विद्रोह के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इसकी शुरुआत रॉयल इंडियन नेवी में हड़ताल के रूप में हुई थी।
- कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से विद्रोह का समर्थन किया।
- विद्रोह के पीछे का उद्देश्य भारत के लिए पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना था।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: c)
रॉयल इंडियन नेवी विद्रोह, जिसे 1946 नौसेना विद्रोह भी कहा जाता है, भारत में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ भारतीय नौ सैनिकों, पुलिस कर्मियों और नागरिकों का विद्रोह था। यह बॉम्बे से प्रारंभिक हुआ था और इसे कराची से कलकत्ता तक पूरे ब्रिटिश भारत में समर्थन प्राप्त हुआ।
विद्रोह को ब्रिटिश सैनिकों और रॉयल नेवी के युद्धपोतों ने दबा दिया था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग ने विद्रोह की निंदा की, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एकमात्र ऐसी पार्टी थी जिसने विद्रोह का समर्थन किया।
RIN विद्रोह सामान्य परिस्थितियों के विरोध में 18 फरवरी को रॉयल इंडियन नेवी की रेटिंग के द्वारा एक हड़ताल के रूप में शुरू हुआ। विद्रोह के तात्कालिक मुद्दे रहने की स्थिति और भोजन से संबंधित थे।
Incorrect
उत्तर: c)
रॉयल इंडियन नेवी विद्रोह, जिसे 1946 नौसेना विद्रोह भी कहा जाता है, भारत में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ भारतीय नौ सैनिकों, पुलिस कर्मियों और नागरिकों का विद्रोह था। यह बॉम्बे से प्रारंभिक हुआ था और इसे कराची से कलकत्ता तक पूरे ब्रिटिश भारत में समर्थन प्राप्त हुआ।
विद्रोह को ब्रिटिश सैनिकों और रॉयल नेवी के युद्धपोतों ने दबा दिया था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग ने विद्रोह की निंदा की, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एकमात्र ऐसी पार्टी थी जिसने विद्रोह का समर्थन किया।
RIN विद्रोह सामान्य परिस्थितियों के विरोध में 18 फरवरी को रॉयल इंडियन नेवी की रेटिंग के द्वारा एक हड़ताल के रूप में शुरू हुआ। विद्रोह के तात्कालिक मुद्दे रहने की स्थिति और भोजन से संबंधित थे।
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Question 2 of 5
2. Question
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एटली की घोषणा को बहुत महत्व मिला। इसका क्या महत्व है?
Correct
उत्तर: a)
ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली ने तत्कालीन स्थिति को भांपते हुए 20 फरवरी, 1947 को एक घोषणा की। ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स ने भारतीय उपमहाद्वीप को छोड़ने के ब्रिटिश मंशा की घोषणा की।
सत्ता के हस्तांतरण के लिए 30 जून, 1948 की समय सीमा तय की गई थी, भले ही भारतीय राजनेता उस समय तक एक संविधान पर सहमत नहीं थे।
Incorrect
उत्तर: a)
ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली ने तत्कालीन स्थिति को भांपते हुए 20 फरवरी, 1947 को एक घोषणा की। ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स ने भारतीय उपमहाद्वीप को छोड़ने के ब्रिटिश मंशा की घोषणा की।
सत्ता के हस्तांतरण के लिए 30 जून, 1948 की समय सीमा तय की गई थी, भले ही भारतीय राजनेता उस समय तक एक संविधान पर सहमत नहीं थे।
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Question 3 of 5
3. Question
पंचशील के मूल सिद्धांत कौन-से हैं?
- गुटनिरपेक्षता
- पारस्परिक गैर-आक्रामकता
- पड़ोस पहले की नीति
- शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correct
उत्तर: c)
पंचशील संधि के रूप में ज्ञात शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांत: दूसरों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना और परस्पर क्षेत्रीय एकता अखंडता और संप्रभुता का सम्मान, राज्यों के बीच संबंधों को संचालित करने के लिए सिद्धांतों का एक समूह है।
पांच सिद्धांत, जैसा कि चीन-भारतीय समझौते 1954 के तहत निर्धारित किये गए हैं, निम्नानुसार हैं:
एक दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान,
पारस्परिक गैर-आक्रामकता,
एक दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना,
समानता और पारस्परिक लाभ, और
शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व
Incorrect
उत्तर: c)
पंचशील संधि के रूप में ज्ञात शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांत: दूसरों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना और परस्पर क्षेत्रीय एकता अखंडता और संप्रभुता का सम्मान, राज्यों के बीच संबंधों को संचालित करने के लिए सिद्धांतों का एक समूह है।
पांच सिद्धांत, जैसा कि चीन-भारतीय समझौते 1954 के तहत निर्धारित किये गए हैं, निम्नानुसार हैं:
एक दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान,
पारस्परिक गैर-आक्रामकता,
एक दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना,
समानता और पारस्परिक लाभ, और
शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व
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Question 4 of 5
4. Question
निम्नलिखित में से किसे गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) के शुरुआती दिनों की नीति के रूप में माना जा सकता है?
- युद्धों से बाहर रहना
- किसी भी सैन्य गठबंधन में शामिल न होना
- किसी भी द्विपक्षीय या अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष के मध्यस्थ के रूप में कार्य नहीं करना
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correct
उत्तर: c)
गठबंधनों से पृथक रहने की नीति को अलगाववाद या तटस्थता नहीं माना जाना चाहिए।
गुटनिरपेक्षता अलगाववाद नहीं है क्योंकि अलगाववाद का अर्थ है दुनिया के मामलों से पृथक रहना।
इसकी तुलना में, भारत सहित गुट-निरपेक्ष देशों ने शांति और स्थिरता के कारण दो प्रतिद्वंद्वी गठबंधनों के बीच मध्यस्थता में सक्रिय भूमिका निभाई।
NAM ने नाटो या वारसा संधि में शामिल होने की वकालत नहीं की।
भारत सहित गुटनिरपेक्ष राज्य वास्तव में विभिन्न कारणों से युद्धों में शामिल थे।
उन्होंने युद्ध को रोकने के लिए भी काम किया और उन युद्धों को समाप्त करने की कोशिश की।
Incorrect
उत्तर: c)
गठबंधनों से पृथक रहने की नीति को अलगाववाद या तटस्थता नहीं माना जाना चाहिए।
गुटनिरपेक्षता अलगाववाद नहीं है क्योंकि अलगाववाद का अर्थ है दुनिया के मामलों से पृथक रहना।
इसकी तुलना में, भारत सहित गुट-निरपेक्ष देशों ने शांति और स्थिरता के कारण दो प्रतिद्वंद्वी गठबंधनों के बीच मध्यस्थता में सक्रिय भूमिका निभाई।
NAM ने नाटो या वारसा संधि में शामिल होने की वकालत नहीं की।
भारत सहित गुटनिरपेक्ष राज्य वास्तव में विभिन्न कारणों से युद्धों में शामिल थे।
उन्होंने युद्ध को रोकने के लिए भी काम किया और उन युद्धों को समाप्त करने की कोशिश की।
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Question 5 of 5
5. Question
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- प्रथम सात पंचवर्षीय योजनाओं में व्यापार की आयात प्रतिस्थापन रणनीति को अपनाया गया था।
- द्वितीय पंचवर्षीय योजना ने समाज के एक समाजवादी प्रतिरूप का निर्धारण किया था।
Correct
उत्तर: d)
- नियोजन, शब्द के वास्तविक अर्थ में, द्वितीय पंचवर्षीय योजना के साथ शुरू हुई। द्वितीय योजना (सामान्य रूप से विकास योजना में एक महत्वपूर्ण योगदान) भारतीय योजना के लक्ष्यों के बारे में बुनियादी विचारों को निर्धारित किया गया; यह योजना महालनोबिस के विचारों पर आधारित थी। इस प्रकार उन्हें भारतीय योजना का सूत्रधार माना जा सकता है।
- औद्योगिक नीति संकल्प 1956 (IPR 1956): अर्थव्यवस्था को प्रोत्सहित करने हेतु 1956 का औद्योगिक नीति संकल्प अपनाया गया था। इस संकल्प ने द्वितीय पंचवर्षीय योजना के आधार का गठन किया, जिस योजना ने समाज के समाजवादी प्रतिरूप को निर्धारित किया।
- प्रथम सात पंचवर्षीय योजनाओं में व्यापार की आयात प्रतिस्थापन रणनीति को अपनाया गया था। तकनीकी रूप से, इस रणनीति को आयात प्रतिस्थापन कहा जाता है।
Incorrect
उत्तर: d)
- नियोजन, शब्द के वास्तविक अर्थ में, द्वितीय पंचवर्षीय योजना के साथ शुरू हुई। द्वितीय योजना (सामान्य रूप से विकास योजना में एक महत्वपूर्ण योगदान) भारतीय योजना के लक्ष्यों के बारे में बुनियादी विचारों को निर्धारित किया गया; यह योजना महालनोबिस के विचारों पर आधारित थी। इस प्रकार उन्हें भारतीय योजना का सूत्रधार माना जा सकता है।
- औद्योगिक नीति संकल्प 1956 (IPR 1956): अर्थव्यवस्था को प्रोत्सहित करने हेतु 1956 का औद्योगिक नीति संकल्प अपनाया गया था। इस संकल्प ने द्वितीय पंचवर्षीय योजना के आधार का गठन किया, जिस योजना ने समाज के समाजवादी प्रतिरूप को निर्धारित किया।
- प्रथम सात पंचवर्षीय योजनाओं में व्यापार की आयात प्रतिस्थापन रणनीति को अपनाया गया था। तकनीकी रूप से, इस रणनीति को आयात प्रतिस्थापन कहा जाता है।
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