HINDI INSIGHTS STATIC QUIZ 2020-2021
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- Question 1 of 5
1. Question
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- 1932 के सांप्रदायिक पंचाट का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने विरोध किया था।
- इस पंचाट के द्वारा अल्पसंख्यक समुदायों के लिए एक पृथक निर्वाचक मंडल के आधार पर निर्वाचित होने के लिए विधानसभाओं में आरक्षित सीटों की संख्या आवंटित की गयी।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही नहीं है/हैं?
Correctउत्तर: d)
‘फूट डालो और राज करो‘ की ब्रिटिश नीति को 1932 की सांप्रदायिक पंचाट की घोषणा और अधिक बढ़ावा मिला।
प्रत्येक अल्पसंख्यक समुदाय को एक पृथक निर्वाचक मंडल के आधार पर निर्वाचित होने के लिए विधानसभाओं में कई सीटें आवंटित की गयी, जिसमें मुस्लिम केवल मुसलमानों द्वारा और सिखों द्वारा केवल सिखों को चुना जायेगा।
मुसलमानों, सिखों और ईसाइयों को पहले से ही अल्पसंख्यक माना जाता था। इस पंचाट ने दलित वर्गों (आज की अनुसूचित जाति) को भी पृथक निर्वाचक मंडल का हकदार अल्पसंख्यक समुदाय घोषित किया और इस तरह उन्हें बाकी हिंदुओं से पृथक कर दिया।
कांग्रेस मुसलमानों, सिखों और ईसाइयों के लिए पृथक निर्वाचक मंडल का विरोध कर रही थी क्योंकि इसने सांप्रदायिक भावना को प्रोत्साहित किया, जिनके हित भारतीयों के सामान्य हितों से अलग थे।
Incorrectउत्तर: d)
‘फूट डालो और राज करो‘ की ब्रिटिश नीति को 1932 की सांप्रदायिक पंचाट की घोषणा और अधिक बढ़ावा मिला।
प्रत्येक अल्पसंख्यक समुदाय को एक पृथक निर्वाचक मंडल के आधार पर निर्वाचित होने के लिए विधानसभाओं में कई सीटें आवंटित की गयी, जिसमें मुस्लिम केवल मुसलमानों द्वारा और सिखों द्वारा केवल सिखों को चुना जायेगा।
मुसलमानों, सिखों और ईसाइयों को पहले से ही अल्पसंख्यक माना जाता था। इस पंचाट ने दलित वर्गों (आज की अनुसूचित जाति) को भी पृथक निर्वाचक मंडल का हकदार अल्पसंख्यक समुदाय घोषित किया और इस तरह उन्हें बाकी हिंदुओं से पृथक कर दिया।
कांग्रेस मुसलमानों, सिखों और ईसाइयों के लिए पृथक निर्वाचक मंडल का विरोध कर रही थी क्योंकि इसने सांप्रदायिक भावना को प्रोत्साहित किया, जिनके हित भारतीयों के सामान्य हितों से अलग थे।
- Question 2 of 5
2. Question
पूना समझौता था
- दलित वर्गों के लिए चुनावी सीटों पर आरक्षण प्रदान करना
- गांधीजी ने यरवदा जेल में अपना व्रत समाप्त कर दिया, जो कि दलित वर्गों के लिए पृथक निर्वाचक मंडल के विरोध में किया गया था
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correctउत्तर: a)
पूना समझौता महात्मा गांधी और डॉ. अंबेडकर के बीच 1930 में ब्रिटिश भारत सरकार की विधायिका में दलित वर्ग के लिए चुनावी सीटों के आरक्षण पर दलित वर्गों और उच्च जाति के हिंदू नेताओं की ओर से एक समझौता था। इसे 24 सितंबर 1932 को पूना की यरवदा सेंट्रल जेल में निर्मित किया गया था। इस पर दलित वर्गों की ओर से अम्बेडकर द्वारा और सवर्ण हिंदुओं की ओर से मदन मोहन मालवीय द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। गांधीजी ने यरवदा जेल में अपना व्रत समाप्त कर दिया, जो कि ब्रिटिश भारत में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रैमजे मैकडॉनल्ड्स द्वारा प्रांतीय विधान सभाओं के सदस्यों के चुनाव में दलित वर्गों के लिए पृथक निर्वाचक मंडल प्रदान करने के विरोध में किया गया था।
Incorrectउत्तर: a)
पूना समझौता महात्मा गांधी और डॉ. अंबेडकर के बीच 1930 में ब्रिटिश भारत सरकार की विधायिका में दलित वर्ग के लिए चुनावी सीटों के आरक्षण पर दलित वर्गों और उच्च जाति के हिंदू नेताओं की ओर से एक समझौता था। इसे 24 सितंबर 1932 को पूना की यरवदा सेंट्रल जेल में निर्मित किया गया था। इस पर दलित वर्गों की ओर से अम्बेडकर द्वारा और सवर्ण हिंदुओं की ओर से मदन मोहन मालवीय द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। गांधीजी ने यरवदा जेल में अपना व्रत समाप्त कर दिया, जो कि ब्रिटिश भारत में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रैमजे मैकडॉनल्ड्स द्वारा प्रांतीय विधान सभाओं के सदस्यों के चुनाव में दलित वर्गों के लिए पृथक निर्वाचक मंडल प्रदान करने के विरोध में किया गया था।
- Question 3 of 5
3. Question
निम्नलिखित में से कौनसा भारत सरकार अधिनियम 1935 का प्रावधान नहीं है?
Correctउत्तर: c)
भारत सरकार अधिनियम 1935 की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार थीं:
प्रांतीय द्वैध शासन का उन्मूलन और केंद्र में द्वैध शासन की शुरूआत।
भारतीय परिषद का उन्मूलन और उसके स्थान पर एक सलाहकार निकाय का गठन।
ब्रिटिश भारत क्षेत्रों और रियासतों के साथ एक अखिल भारतीय संघ का प्रावधान।
अल्पसंख्यकों के लिए विस्तृत सुरक्षात्मक उपाय।
ब्रिटिश संसद की सर्वोच्चता।
विधायिकाओं के आकार में वृद्धि, मताधिकार का विस्तार, विषयों का तीन सूचियों में विभाजन और सांप्रदायिक निर्वाचन को बनाये रखना।
बर्मा को भारत से अलग करना।
Incorrectउत्तर: c)
भारत सरकार अधिनियम 1935 की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार थीं:
प्रांतीय द्वैध शासन का उन्मूलन और केंद्र में द्वैध शासन की शुरूआत।
भारतीय परिषद का उन्मूलन और उसके स्थान पर एक सलाहकार निकाय का गठन।
ब्रिटिश भारत क्षेत्रों और रियासतों के साथ एक अखिल भारतीय संघ का प्रावधान।
अल्पसंख्यकों के लिए विस्तृत सुरक्षात्मक उपाय।
ब्रिटिश संसद की सर्वोच्चता।
विधायिकाओं के आकार में वृद्धि, मताधिकार का विस्तार, विषयों का तीन सूचियों में विभाजन और सांप्रदायिक निर्वाचन को बनाये रखना।
बर्मा को भारत से अलग करना।
- Question 4 of 5
4. Question
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के त्रिपुरी संकट में कौनसी घटनाएँ शामिल हैं:
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) का नेतृत्व संकट
- अखिल भारतीय मुस्लिम लीग की एक शाखा के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के साथ विलय को लेकर विवाद।
सही उत्तर कूट चुनिए:
Correctउत्तर: a)
1939 में कांग्रेस के अध्यक्ष के चुनाव के लिए, सुभाष चन्द्र बोष ने यह जानते हुए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की कि उनका विरोध किया जाएगा। इस समय तक नेहरू यूरोप में लंबी छुट्टी पर गए थे। 1938 में जब वे लौटे, तो गांधीजी ने उन्हें एक उम्मीदवार के रूप में उनके नाम की घोषणा करने का सुझाव दिया। लेकिन उन्होंने मना कर दिया और मौलाना आजाद का नाम सुझाया। लेकिन मौलाना आजाद ने अपना नाम वापस ले लिया और फिर एक नया नाम सामने आया जो आंध्र के एक नेता डॉ पट्टाभि सीतारमैया का था। लेकिन सुभाष चन्द्र बोष को अपनी जीत पर विश्वास नहीं था। 29 जनवरी 1939 को परिणाम घोषित किया गया और सुभाष चन्द्र बोष को 1580 वोट मिले। सीतारमैया को 1377 वोट मिले, इस प्रकार सुभाष चन्द्र बोष बहुत कम लेकिन स्पष्ट अंतर से जीत गए।
Incorrectउत्तर: a)
1939 में कांग्रेस के अध्यक्ष के चुनाव के लिए, सुभाष चन्द्र बोष ने यह जानते हुए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की कि उनका विरोध किया जाएगा। इस समय तक नेहरू यूरोप में लंबी छुट्टी पर गए थे। 1938 में जब वे लौटे, तो गांधीजी ने उन्हें एक उम्मीदवार के रूप में उनके नाम की घोषणा करने का सुझाव दिया। लेकिन उन्होंने मना कर दिया और मौलाना आजाद का नाम सुझाया। लेकिन मौलाना आजाद ने अपना नाम वापस ले लिया और फिर एक नया नाम सामने आया जो आंध्र के एक नेता डॉ पट्टाभि सीतारमैया का था। लेकिन सुभाष चन्द्र बोष को अपनी जीत पर विश्वास नहीं था। 29 जनवरी 1939 को परिणाम घोषित किया गया और सुभाष चन्द्र बोष को 1580 वोट मिले। सीतारमैया को 1377 वोट मिले, इस प्रकार सुभाष चन्द्र बोष बहुत कम लेकिन स्पष्ट अंतर से जीत गए।
- Question 5 of 5
5. Question
अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इसकी स्थापना नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने की थी।
- यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के भीतर ही एक गुट था।
- इस गुट का झुकाव वैचारिक रूप से समाजवाद और मार्क्सवाद की ओर था।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correctउत्तर: d)
अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB) भारत में एक वामपंथी राष्ट्रवादी राजनीतिक दल है। यह 1939 में सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भीतर एक गुट के रूप में उभरा। यह गुट का झुकाव वामपंथी राष्ट्रवाद; समाजवाद; साम्राज्यवाद विरोधी; और मार्क्सवाद की ओर था।
भारत की स्वतंत्रता के बाद यह गुट एक स्वतंत्र राजनीतिक दल के रूप में फिर से स्थापित हुई।
Incorrectउत्तर: d)
अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB) भारत में एक वामपंथी राष्ट्रवादी राजनीतिक दल है। यह 1939 में सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भीतर एक गुट के रूप में उभरा। यह गुट का झुकाव वामपंथी राष्ट्रवाद; समाजवाद; साम्राज्यवाद विरोधी; और मार्क्सवाद की ओर था।
भारत की स्वतंत्रता के बाद यह गुट एक स्वतंत्र राजनीतिक दल के रूप में फिर से स्थापित हुई।
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