HINDI INSIGHTS STATIC QUIZ 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
असहयोग आन्दोलन आरंभ करने के पीछे निम्नलिखित में से कौन-से कौनसे कारण थे?
- खिलाफत का मुद्दा
- 1919 का “पंजाब का मुद्दा (Punjab wrongs)”
- रौलट एक्ट के प्रति आक्रोश
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correct
उतर: d)
1919 में गांधीजी ने अंग्रेजों द्वारा पारित रौलट एक्ट के खिलाफ सत्याग्रह का आह्वान किया। इस अधिनियम ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकारों पर अंकुश लगाया और पुलिस शक्तियों को मजबूत किया।
- अप्रैल 1919 में देश में कई प्रदर्शन और उत्पीड़न हुए तथा सरकार ने उन्हें दबाने के लिए क्रूर उपायों का इस्तेमाल किया। बैसाखी के दिन अमृतसर में जनरल डायर द्वारा किया गया जलियांवाला बाग अत्याचार इस दमन का एक हिस्सा था।
- खिलाफत मुद्दा एक और ऐसा कारण था। 1920 में ब्रिटिशों ने तुर्की सुल्तान या खलीफा पर एक कठोर संधि लागू की। जलियांवाला जनसंहार के प्रति के बारे में लोगों में रोष था। इसके अलावा, भारतीय मुसलमान तत्कालीन तुर्क साम्राज्य में खलीफा का नियंत्रण बनाए रखना चाहते थे।
- खिलाफत आंदोलन के नेता मोहम्मद अली और शौकत अली ने पूर्ण असहयोग आंदोलन शुरू करने की वकालत की। गांधीजी ने उनके आह्वान का समर्थन किया और कांग्रेस से “पंजाब का मुद्दा” (जलियांवाला हत्याकांड), खिलाफत का मुद्दा और स्वराज की मांग के खिलाफ इस आंदोलन की शुरुआत की।
Incorrect
उतर: d)
1919 में गांधीजी ने अंग्रेजों द्वारा पारित रौलट एक्ट के खिलाफ सत्याग्रह का आह्वान किया। इस अधिनियम ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकारों पर अंकुश लगाया और पुलिस शक्तियों को मजबूत किया।
- अप्रैल 1919 में देश में कई प्रदर्शन और उत्पीड़न हुए तथा सरकार ने उन्हें दबाने के लिए क्रूर उपायों का इस्तेमाल किया। बैसाखी के दिन अमृतसर में जनरल डायर द्वारा किया गया जलियांवाला बाग अत्याचार इस दमन का एक हिस्सा था।
- खिलाफत मुद्दा एक और ऐसा कारण था। 1920 में ब्रिटिशों ने तुर्की सुल्तान या खलीफा पर एक कठोर संधि लागू की। जलियांवाला जनसंहार के प्रति के बारे में लोगों में रोष था। इसके अलावा, भारतीय मुसलमान तत्कालीन तुर्क साम्राज्य में खलीफा का नियंत्रण बनाए रखना चाहते थे।
- खिलाफत आंदोलन के नेता मोहम्मद अली और शौकत अली ने पूर्ण असहयोग आंदोलन शुरू करने की वकालत की। गांधीजी ने उनके आह्वान का समर्थन किया और कांग्रेस से “पंजाब का मुद्दा” (जलियांवाला हत्याकांड), खिलाफत का मुद्दा और स्वराज की मांग के खिलाफ इस आंदोलन की शुरुआत की।
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Question 2 of 5
2. Question
असहयोग आंदोलन के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में असहयोग के कार्यक्रम का समर्थन किया गया।
- आंदोलन ने ब्रिटेन से भेजे जाने वाली सामग्री के विकल्प के रूप में खादी और भारतीय सामग्री के उपयोग का आग्रह किया।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
असहयोग आंदोलन ब्रिटिश शासन से भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का एक महत्वपूर्ण लेकिन छोटा चरण था।
सितम्बर 1920 कलकत्ता में एक विशेष अधिवेशन में, कांग्रेस ने पंजाब और खिलाफत के दोषों को दूर करने और स्वराज की स्थापना तक असहयोग कार्यक्रम को मंजूरी दी। कार्यक्रम में निम्नलिखित शामिल थे-
सरकारी स्कूलों और कॉलेजों का बहिष्कार;
कानूनी अदालतों का बहिष्कार और इसके बजाय पंचायतों के माध्यम से न्याय प्रदान करना;
विधान परिषदों का बहिष्कार;
विदेशी कपड़े का बहिष्कार और उसके स्थान पर खादी का प्रयोग; हाथ से कताई करना;
सरकारी सम्मान और उपाधियों का त्याग करना
दिसम्बर 1920 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन में असहयोग कार्यक्रम का समर्थन किया गया।
Incorrect
उत्तर: b)
असहयोग आंदोलन ब्रिटिश शासन से भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का एक महत्वपूर्ण लेकिन छोटा चरण था।
सितम्बर 1920 कलकत्ता में एक विशेष अधिवेशन में, कांग्रेस ने पंजाब और खिलाफत के दोषों को दूर करने और स्वराज की स्थापना तक असहयोग कार्यक्रम को मंजूरी दी। कार्यक्रम में निम्नलिखित शामिल थे-
सरकारी स्कूलों और कॉलेजों का बहिष्कार;
कानूनी अदालतों का बहिष्कार और इसके बजाय पंचायतों के माध्यम से न्याय प्रदान करना;
विधान परिषदों का बहिष्कार;
विदेशी कपड़े का बहिष्कार और उसके स्थान पर खादी का प्रयोग; हाथ से कताई करना;
सरकारी सम्मान और उपाधियों का त्याग करना
दिसम्बर 1920 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन में असहयोग कार्यक्रम का समर्थन किया गया।
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Question 3 of 5
3. Question
असहयोग आंदोलन के परिणाम थे
- हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा।
- लोगों के मन से अंग्रेजी ‘शक्ति‘ के डर को दूर करना।
- भारतीयों को राजनीतिक रियायतें देने की ब्रिटिश सरकार की इच्छा।
सही उत्तर कूट चुनिए:
Correct
उत्तर: b)
1919-22 के दौरान, दो जन आंदोलनों- खिलाफत और असहयोग के माध्यम से अंग्रेजों का विरोध किया गया था। यद्यपि दोनों आंदोलन अलग-अलग मुद्दों को लेकर उत्पन हुए थे, लेकिन उन्होंने एक सामान्य कार्यक्रम – अहिंसक असहयोग को अपनाया था।
असहयोग आंदोलन के द्वारा, राष्ट्रवादी भावनाएँ देश के कोने-कोने तक फ़ैल गईं और आबादी के हर तबके का राजनीतिकरण कर दिया- जैसे कारीगरों, किसानों, छात्रों, शहरी गरीबों, महिलाओं, व्यापारियों आदि।
हिंदू-मुस्लिम एकता: मोपिला विद्रोह जैसी घटनाओं के बावजूद मुसलमानों की अत्यधिक भागीदारी और सांप्रदायिक एकता को बनाए रखना, इसकी महान उपलब्धियां थीं।
Incorrect
उत्तर: b)
1919-22 के दौरान, दो जन आंदोलनों- खिलाफत और असहयोग के माध्यम से अंग्रेजों का विरोध किया गया था। यद्यपि दोनों आंदोलन अलग-अलग मुद्दों को लेकर उत्पन हुए थे, लेकिन उन्होंने एक सामान्य कार्यक्रम – अहिंसक असहयोग को अपनाया था।
असहयोग आंदोलन के द्वारा, राष्ट्रवादी भावनाएँ देश के कोने-कोने तक फ़ैल गईं और आबादी के हर तबके का राजनीतिकरण कर दिया- जैसे कारीगरों, किसानों, छात्रों, शहरी गरीबों, महिलाओं, व्यापारियों आदि।
हिंदू-मुस्लिम एकता: मोपिला विद्रोह जैसी घटनाओं के बावजूद मुसलमानों की अत्यधिक भागीदारी और सांप्रदायिक एकता को बनाए रखना, इसकी महान उपलब्धियां थीं।
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Question 4 of 5
4. Question
महात्मा गांधी ने किस कारण असहयोग आंदोलन को वापस लेने की घोषणा की?
- मोतीलाल नेहरू और चित्तरंजन दास द्वारा आंदोलन के दौरान स्वराज पार्टी का गठन करना
- अंग्रेजों द्वारा महात्मा गांधी की गिरफ्तारी
- चौरी-चौरा घटना
सही उत्तर कूट चुनिए:
Correct
उत्तर: c)
चौरी-चौरा घटना (5 फरवरी, 1922) – उत्तेजित भीड़ द्वारा की गई हिंसा ने गांधी को आंदोलन वापस लेने के लिए प्रेरित किया। हालांकि, सी.आर. दास, मोतीलाल नेहरू, सुभाष बोस, जवाहरलाल नेहरू सहित अधिकांश राष्ट्रवादी नेताओं ने आंदोलन को वापस लेने के गांधी के फैसले पर आश्चर्य व्यक्त किया।
Incorrect
उत्तर: c)
चौरी-चौरा घटना (5 फरवरी, 1922) – उत्तेजित भीड़ द्वारा की गई हिंसा ने गांधी को आंदोलन वापस लेने के लिए प्रेरित किया। हालांकि, सी.आर. दास, मोतीलाल नेहरू, सुभाष बोस, जवाहरलाल नेहरू सहित अधिकांश राष्ट्रवादी नेताओं ने आंदोलन को वापस लेने के गांधी के फैसले पर आश्चर्य व्यक्त किया।
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Question 5 of 5
5. Question
निम्नलिखित में से किस अधिनियम ने सबसे पहले भारत में महिलाओं के मताधिकार को मान्यता दी?
Correct
उत्तर: b)
भारत शासन अधिनियम, 1919 ने पहली बार महिलाओं को मतदान करने की अनुमति दी।
Incorrect
उत्तर: b)
भारत शासन अधिनियम, 1919 ने पहली बार महिलाओं को मतदान करने की अनुमति दी।
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