HINDI - INSIGHTS CURRENT EVENTS QUIZ 2020
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Welcome to Current Affairs Quiz in HINDI Medium. Hope you are happy with our Hindi Current Affairs. The following Quiz is based on the Hindu, PIB and other news sources. It is a current events based quiz. Solving these questions will help retain both concepts and facts relevant to UPSC IAS civil services exam – 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
1 pointsGSLV Mk-III के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- GSLV Mk III को उपग्रहों को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) और लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) दोनों में स्थापित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- गगनयान और चंद्रयान-3 जैसे मिशन GSLV Mk-III पर लॉन्च किए जाएंगे।
- GSLV Mk III अपर स्टेज में रूसी-विकसित क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग करता है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
चंद्रयान -2 अंतरिक्ष यान को लॉन्च करने के लिए चुना गया GSLV Mk III, इसरो द्वारा विकसित तीन चरणों वाला हैवी लिफ्ट लॉन्च वाहन है। इसमें दो सॉलिड स्ट्रैप-ऑन, एक कोर लिक्विड बूस्टर और एक क्रायोजेनिक अपर स्टेज है।
GSLV Mk III को 4 टन वर्ग के उपग्रहों को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) या लगभग 10 टन के उपग्रहों को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थापित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो GSLV Mk II की क्षमता से लगभग दोगुना है।
गगनयान और चंद्रयान-3 जैसे मिशन GSLV Mk-III पर लॉन्च किए जाएंगे।
GSLV Mk-III भी अपर स्टेज में स्वदेशी रूप से विकसित क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग करता है, लेकिन, Mk-II के विपरीत, यह एक रिवर्स-इंजीनियर रूसी इंजन नहीं है। इसके बजाय, GSLV Mk-III में प्रयुक्त क्रायोजेनिक इंजन, जिसे CE20 कहा जाता है, तीन दशकों के अनुसंधान और विकास का परिणाम रहा है, और ईंधन दहन के लिए एक अलग प्रक्रिया का उपयोग करता है। यह एरियन रॉकेट में इस्तेमाल किए गए डिजाइनों के समान है, जिनका इस्तेमाल इसरो ने पहले अपने भारी उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए किया था।
Incorrect
उत्तर: b)
चंद्रयान -2 अंतरिक्ष यान को लॉन्च करने के लिए चुना गया GSLV Mk III, इसरो द्वारा विकसित तीन चरणों वाला हैवी लिफ्ट लॉन्च वाहन है। इसमें दो सॉलिड स्ट्रैप-ऑन, एक कोर लिक्विड बूस्टर और एक क्रायोजेनिक अपर स्टेज है।
GSLV Mk III को 4 टन वर्ग के उपग्रहों को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) या लगभग 10 टन के उपग्रहों को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थापित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो GSLV Mk II की क्षमता से लगभग दोगुना है।
गगनयान और चंद्रयान-3 जैसे मिशन GSLV Mk-III पर लॉन्च किए जाएंगे।
GSLV Mk-III भी अपर स्टेज में स्वदेशी रूप से विकसित क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग करता है, लेकिन, Mk-II के विपरीत, यह एक रिवर्स-इंजीनियर रूसी इंजन नहीं है। इसके बजाय, GSLV Mk-III में प्रयुक्त क्रायोजेनिक इंजन, जिसे CE20 कहा जाता है, तीन दशकों के अनुसंधान और विकास का परिणाम रहा है, और ईंधन दहन के लिए एक अलग प्रक्रिया का उपयोग करता है। यह एरियन रॉकेट में इस्तेमाल किए गए डिजाइनों के समान है, जिनका इस्तेमाल इसरो ने पहले अपने भारी उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए किया था।
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Question 2 of 5
2. Question
1 pointsघरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- अधिनियम घरेलू दुर्व्यवहार को दंडनीय अपराध के रूप में मान्यता देता है।
- अधिनियम भारतीय कानून में पहली बार “घरेलू हिंसा” की परिभाषा प्रदान करता है।
- यह सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने के लिए दीवानी और फौजदारी कानून प्रदान करता है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: c)
घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 क्या है?
यह संविधान के तहत गारंटीकृत महिलाओं के अधिकारों की अधिक प्रभावी सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक अधिनियम है, जो परिवार के भीतर होने वाली किसी भी प्रकार की हिंसा और इससे जुड़े या उसके आनुषंगिक मामलों की शिकार महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करता है।
घरेलू दुर्व्यवहार को दंडनीय अपराध के रूप में मान्यता देने, लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए इसके प्रावधानों का विस्तार करने और पीड़ितों के लिए आपातकालीन राहत प्रदान करने के लिए कानूनी समर्थन के अलावा यह भारत में प्रथम महत्वपूर्ण प्रयास है।
- यह अधिनियम भारतीय कानून में पहली बार “घरेलू हिंसा” की परिभाषा प्रदान करता है, जिसमें यह परिभाषा व्यापक है और इसमें न केवल शारीरिक हिंसा, बल्कि अन्य प्रकार की हिंसा जैसे भावनात्मक/मौखिक, यौन और आर्थिक शोषण भी शामिल है।
- यह एक दीवानी कानून है जो प्राथमिक रूप से आपराधिक प्रवर्तन के बजाय सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।
Incorrect
उत्तर: c)
घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 क्या है?
यह संविधान के तहत गारंटीकृत महिलाओं के अधिकारों की अधिक प्रभावी सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक अधिनियम है, जो परिवार के भीतर होने वाली किसी भी प्रकार की हिंसा और इससे जुड़े या उसके आनुषंगिक मामलों की शिकार महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करता है।
घरेलू दुर्व्यवहार को दंडनीय अपराध के रूप में मान्यता देने, लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए इसके प्रावधानों का विस्तार करने और पीड़ितों के लिए आपातकालीन राहत प्रदान करने के लिए कानूनी समर्थन के अलावा यह भारत में प्रथम महत्वपूर्ण प्रयास है।
- यह अधिनियम भारतीय कानून में पहली बार “घरेलू हिंसा” की परिभाषा प्रदान करता है, जिसमें यह परिभाषा व्यापक है और इसमें न केवल शारीरिक हिंसा, बल्कि अन्य प्रकार की हिंसा जैसे भावनात्मक/मौखिक, यौन और आर्थिक शोषण भी शामिल है।
- यह एक दीवानी कानून है जो प्राथमिक रूप से आपराधिक प्रवर्तन के बजाय सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।
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Question 3 of 5
3. Question
1 pointsनिसार (NISAR) मिशन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- निसार मिशन नासा और इसरो के बीच एक सहयोग है।
- यह पूरी पृथ्वी की निगरानी के लिए सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) का उपयोग करता है।
- इसका उद्देश्य बायोमास, प्राकृतिक खतरों, समुद्र स्तर में वृद्धि और भूजल के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए पृथ्वी के बदलते पारिस्थितिक तंत्र और गतिशील सतहों को मापना है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: d)
निसार मिशन, एक पृथ्वी-अवलोकन उपग्रह है जो नासा और इसरो के बीच अपनी तरह का पहला सहयोग है। NISAR, जो 12 दिनों के चक्र में पूरी पृथ्वी की निगरानी के लिए दो सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) का उपयोग करताहै, अभी तक GSLV Mk-II रॉकेट को शामिल करने वाला सबसे महत्वपूर्ण मिशन है।
NISAR मिशन का उद्देश्य बायोमास, प्राकृतिक खतरों, समुद्र स्तर में वृद्धि और भूजल के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए पृथ्वी के बदलते पारिस्थितिक तंत्र और गतिशील सतहों को मापना है। यह शोधकर्ताओं और उपयोगकर्ता एजेंसियों को पृथ्वी की सतह को व्यवस्थित रूप से मैप करने में मदद करेगा। इसरो द्वारा कृषि मानचित्रण, और हिमालय में ग्लेशियरों की निगरानी, भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों और समुद्र तट में परिवर्तन सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग किया जायेगा।
नासा सिंथेटिक एपर्चर रडार (एल-बैंड) में से एक प्रदान करेगा जबकि दूसरा (एस-बैंड) इसरो द्वारा प्रदान करेगा। नासा संचार और नियंत्रण प्रणाली भी प्रदान करेगा जबकि प्रक्षेपण और संबंधित सेवाओं की जिम्मेदारी इसरो की होगी।
ज्ञातव्य है कि NISAR को श्रीहरिकोटा सुविधा से 2023 की शुरुआत में लॉन्च किया जाना है।
Incorrect
उत्तर: d)
निसार मिशन, एक पृथ्वी-अवलोकन उपग्रह है जो नासा और इसरो के बीच अपनी तरह का पहला सहयोग है। NISAR, जो 12 दिनों के चक्र में पूरी पृथ्वी की निगरानी के लिए दो सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) का उपयोग करताहै, अभी तक GSLV Mk-II रॉकेट को शामिल करने वाला सबसे महत्वपूर्ण मिशन है।
NISAR मिशन का उद्देश्य बायोमास, प्राकृतिक खतरों, समुद्र स्तर में वृद्धि और भूजल के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए पृथ्वी के बदलते पारिस्थितिक तंत्र और गतिशील सतहों को मापना है। यह शोधकर्ताओं और उपयोगकर्ता एजेंसियों को पृथ्वी की सतह को व्यवस्थित रूप से मैप करने में मदद करेगा। इसरो द्वारा कृषि मानचित्रण, और हिमालय में ग्लेशियरों की निगरानी, भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों और समुद्र तट में परिवर्तन सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग किया जायेगा।
नासा सिंथेटिक एपर्चर रडार (एल-बैंड) में से एक प्रदान करेगा जबकि दूसरा (एस-बैंड) इसरो द्वारा प्रदान करेगा। नासा संचार और नियंत्रण प्रणाली भी प्रदान करेगा जबकि प्रक्षेपण और संबंधित सेवाओं की जिम्मेदारी इसरो की होगी।
ज्ञातव्य है कि NISAR को श्रीहरिकोटा सुविधा से 2023 की शुरुआत में लॉन्च किया जाना है।
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Question 4 of 5
4. Question
1 pointsजूनोटिक रोगों (Zoonotic diseases) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- जूनोटिक रोग मुख्य रूप से संक्रामक रोग होते हैं जो स्वाभाविक रूप से कशेरुक जानवरों और मनुष्यों के बीच प्रसारित होते हैं।
- जूनोटिक रोगजनक बैक्टीरिया, वायरल या परजीवी या अपरंपरागत एजेंट भी हो सकते हैं।
- ब्रुसेलोसिस एक जूनोटिक संक्रमण है जो ब्रुसेला जीनस के बैक्टीरिया के कारण होता है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: d)
ज़ूनोसिस एक संक्रामक रोग है जो जानवर से मनुष्यों में संचरित होता हैं। जूनोटिक रोगजनक बैक्टीरिया, वायरल या परजीवी या इसमें अपरंपरागत एजेंट हो सकते हैं और सीधे संपर्क या भोजन, जल या पर्यावरण के माध्यम से मनुष्यों में फैल सकते हैं।
विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि मौजूदा और उभरती संक्रामक बीमारियों में से दो-तिहाई से अधिक जूनोटिक हैं।
हाल के वर्षों में वायरल के प्रकोप का सीमापार प्रभाव जैसे निपाह वायरस, इबोला, सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS), मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) और एवियन इन्फ्लुएंजा।
ब्रुसेलोसिस एक जूनोटिक संक्रमण है जो ब्रुसेला जीनस के बैक्टीरिया के कारण होता है।
Incorrect
उत्तर: d)
ज़ूनोसिस एक संक्रामक रोग है जो जानवर से मनुष्यों में संचरित होता हैं। जूनोटिक रोगजनक बैक्टीरिया, वायरल या परजीवी या इसमें अपरंपरागत एजेंट हो सकते हैं और सीधे संपर्क या भोजन, जल या पर्यावरण के माध्यम से मनुष्यों में फैल सकते हैं।
विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि मौजूदा और उभरती संक्रामक बीमारियों में से दो-तिहाई से अधिक जूनोटिक हैं।
हाल के वर्षों में वायरल के प्रकोप का सीमापार प्रभाव जैसे निपाह वायरस, इबोला, सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS), मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) और एवियन इन्फ्लुएंजा।
ब्रुसेलोसिस एक जूनोटिक संक्रमण है जो ब्रुसेला जीनस के बैक्टीरिया के कारण होता है।
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Question 5 of 5
5. Question
1 pointsअंतर्राष्ट्रीय आतंवाद पर व्यापक अभिसमय (Comprehensive Convention on International Terrorism: CCIT) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- यह संयुक्त राष्ट्र की एक संधि है जिसका उद्देश्य सभी प्रकार के अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद का अपराधीकरण करना और आतंकवादियों, उनके वित्तपोषकों और समर्थकों को धन, हथियारों और सुरक्षित पनाहगाहों तक पहुंच से वंचित करना है।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा के सभी सदस्यों ने अभिसमय का समर्थन नहीं किया है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही नहीं है/हैं?
Correct
उत्तर: a)
अंतर्राष्ट्रीय आतंवाद पर व्यापक अभिसमय (Comprehensive Convention on International Terrorism: CCIT) एक प्रस्तावित संधि है, इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के सभी प्रकार के अपराधीकरण और आतंकवादियों, उनके वित्तपोषण करने वालोँ और समर्थकों को धन, हथियारों और सुरक्षित ठिकानों तक पहुंच से वंचित करना है।
आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र महासभा छठी समिति (कानूनी) के 17 दिसंबर 1996 के संकल्प 51/210 द्वारा स्थापित संयुक्त राष्ट्र महासभा की तदर्थ समिति द्वारा सम्मेलन पर वार्ता चल रही है, लेकिन 2021 तक आम सहमति नहीं बन पाई है।
Incorrect
उत्तर: a)
अंतर्राष्ट्रीय आतंवाद पर व्यापक अभिसमय (Comprehensive Convention on International Terrorism: CCIT) एक प्रस्तावित संधि है, इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के सभी प्रकार के अपराधीकरण और आतंकवादियों, उनके वित्तपोषण करने वालोँ और समर्थकों को धन, हथियारों और सुरक्षित ठिकानों तक पहुंच से वंचित करना है।
आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र महासभा छठी समिति (कानूनी) के 17 दिसंबर 1996 के संकल्प 51/210 द्वारा स्थापित संयुक्त राष्ट्र महासभा की तदर्थ समिति द्वारा सम्मेलन पर वार्ता चल रही है, लेकिन 2021 तक आम सहमति नहीं बन पाई है।
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