HINDI INSIGHTS STATIC QUIZ 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
अरोरा (Auroras) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- अरोरा एक सौर ज्वाला के कारण होता है, जो सनस्पॉट से उत्पन्न होती है।
- ये केवल आर्कटिक और अंटार्कटिक के उच्च अक्षांश क्षेत्रों में दिखाई देते हैं।
- अरोरा रेडियो लाइनों और बिजली लाइनों को प्रभावित करते हैं।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
अरोरा आकाश में प्रकाश की एक चमक होती है जो मुख्य रूप से उच्च अक्षांश क्षेत्रों (आर्कटिक और अंटार्कटिक) में दिखाई देते हैं। इसे ध्रुवीय प्रकाश के रूप में भी जाना जाता है।
यह एक सौर ज्वाला (solar flare) के कारण होता है, जो सनस्पॉट से उत्पन्न होती है। ज्वाला एक कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) के साथ होता है – सीएमई सूर्य द्वारा उत्सर्जित विकिरण और कणों का एक बड़ा बुलबुला होता है जो उच्च गति से अंतरिक्ष में फट जाता है। इसके कारण नॉर्दर्न लाइट्स सामान्य से अधिक क्षेत्रों में दिखाई देने लगती हैं।
ये आमतौर पर उच्च उत्तरी और दक्षिणी अक्षांशों पर दिखाई देते हैं, मध्य अक्षांशों पर कम ही दिखाई देते हैं, और शायद ही कभी भूमध्य रेखा के पास देखे जाते हैं।
प्रभाव:
अरोरा संचार लाइनों, रेडियो लाइनों और बिजली लाइनों को प्रभावित करते हैं।
यहां यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि सूर्य की ऊर्जा, सौर हवा के रूप में, इस पूरी प्रक्रिया कारण होती है।
Incorrect
उत्तर: b)
अरोरा आकाश में प्रकाश की एक चमक होती है जो मुख्य रूप से उच्च अक्षांश क्षेत्रों (आर्कटिक और अंटार्कटिक) में दिखाई देते हैं। इसे ध्रुवीय प्रकाश के रूप में भी जाना जाता है।
यह एक सौर ज्वाला (solar flare) के कारण होता है, जो सनस्पॉट से उत्पन्न होती है। ज्वाला एक कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) के साथ होता है – सीएमई सूर्य द्वारा उत्सर्जित विकिरण और कणों का एक बड़ा बुलबुला होता है जो उच्च गति से अंतरिक्ष में फट जाता है। इसके कारण नॉर्दर्न लाइट्स सामान्य से अधिक क्षेत्रों में दिखाई देने लगती हैं।
ये आमतौर पर उच्च उत्तरी और दक्षिणी अक्षांशों पर दिखाई देते हैं, मध्य अक्षांशों पर कम ही दिखाई देते हैं, और शायद ही कभी भूमध्य रेखा के पास देखे जाते हैं।
प्रभाव:
अरोरा संचार लाइनों, रेडियो लाइनों और बिजली लाइनों को प्रभावित करते हैं।
यहां यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि सूर्य की ऊर्जा, सौर हवा के रूप में, इस पूरी प्रक्रिया कारण होती है।
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Question 2 of 5
2. Question
अल नीनो के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- अल नीनो एक जलवायु चक्र है जिसकी विशेषता पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में निम्न वायुदाब और पूर्वी प्रशांत में उच्च वायुदाब है।
- यह एक वैकल्पिक चक्र का एक चरण है जिसे अल नीनो दक्षिणी दोलन (ENSO) के रूप में जाना जाता है।
- अल नीनो की स्थिति आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून से जुड़ी वर्षा में वृद्धि करती है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही नहीं है/हैं?
Correct
उत्तर: c)
अल नीनो एक जलवायु चक्र है जिसकी विशेषता पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में उच्च वायुदाब और पूर्वी में निम्न वायुदाब है।
इस घटना के दौरान, पूर्वी और मध्य भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान गर्म होता है।
यह एक वैकल्पिक चक्र का एक चरण है जिसे अल नीनो दक्षिणी दोलन (ENSO) के रूप में जाना जाता है।
जहाँ ला नीना की स्थिति दक्षिण-पश्चिम मानसून से जुड़ी वर्षा में वृद्धि करती है, वहीँ इसका पूर्वोत्तर मानसून से जुड़ी वर्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
Incorrect
उत्तर: c)
अल नीनो एक जलवायु चक्र है जिसकी विशेषता पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में उच्च वायुदाब और पूर्वी में निम्न वायुदाब है।
इस घटना के दौरान, पूर्वी और मध्य भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान गर्म होता है।
यह एक वैकल्पिक चक्र का एक चरण है जिसे अल नीनो दक्षिणी दोलन (ENSO) के रूप में जाना जाता है।
जहाँ ला नीना की स्थिति दक्षिण-पश्चिम मानसून से जुड़ी वर्षा में वृद्धि करती है, वहीँ इसका पूर्वोत्तर मानसून से जुड़ी वर्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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Question 3 of 5
3. Question
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- एक खनिज एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला कार्बनिक और अकार्बनिक पदार्थ होता है, जिसकी एक व्यवस्थित परमाणु संरचना और एक निश्चित रासायनिक संरचना और भौतिक गुण होते हैं।
- एक खनिज हमेशा दो या दो से अधिक तत्वों से बना होता है।
- फेल्डस्पार और क्वार्ट्ज चट्टानों में पाए जाने वाले सबसे आम खनिज हैं।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: c)
एक खनिज एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला कार्बनिक और अकार्बनिक पदार्थ है, जिसकी एक व्यवस्थित परमाणु संरचना और एक निश्चित रासायनिक संरचना और भौतिक गुण होते हैं। एक खनिज दो या दो से अधिक तत्वों से बना होता है। लेकिन, कभी-कभी सल्फर, तांबा, चांदी, सोना, ग्रेफाइट आदि जैसे एकल तत्व खनिज भी पाए जाते हैं।
पृथ्वी की क्रस्ट चट्टानों से बनी है। एक चट्टान एक या एक से अधिक खनिजों का समुच्चय होती है। चट्टान कठोर या नरम और विभिन्न रंगों की हो सकती है। उदाहरण के लिए, ग्रेनाइट कठोर होती है, सोपस्टोन नरम होती है। गैब्रो काले रंग की होती है और क्वार्टजाइट दूधिया सफेद हो सकती है। चट्टानों में खनिज घटकों की निश्चित संरचना नहीं होती है। फेल्डस्पार और क्वार्ट्ज चट्टानों में पाए जाने वाले सबसे आम खनिज हैं।
Incorrect
उत्तर: c)
एक खनिज एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला कार्बनिक और अकार्बनिक पदार्थ है, जिसकी एक व्यवस्थित परमाणु संरचना और एक निश्चित रासायनिक संरचना और भौतिक गुण होते हैं। एक खनिज दो या दो से अधिक तत्वों से बना होता है। लेकिन, कभी-कभी सल्फर, तांबा, चांदी, सोना, ग्रेफाइट आदि जैसे एकल तत्व खनिज भी पाए जाते हैं।
पृथ्वी की क्रस्ट चट्टानों से बनी है। एक चट्टान एक या एक से अधिक खनिजों का समुच्चय होती है। चट्टान कठोर या नरम और विभिन्न रंगों की हो सकती है। उदाहरण के लिए, ग्रेनाइट कठोर होती है, सोपस्टोन नरम होती है। गैब्रो काले रंग की होती है और क्वार्टजाइट दूधिया सफेद हो सकती है। चट्टानों में खनिज घटकों की निश्चित संरचना नहीं होती है। फेल्डस्पार और क्वार्ट्ज चट्टानों में पाए जाने वाले सबसे आम खनिज हैं।
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Question 4 of 5
4. Question
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- अपरदन के माध्यम से पृथ्वी की सतह की उच्चावचीय भिन्नताओं को समतल करने की घटना को श्रेणीकरण के रूप में जाना जाता है।
- बहिर्जात बल मुख्य रूप से भूमि निर्माणकारी बल हैं और अंतर्जात बल मुख्य रूप से भूमि में कमी करने वाले बल हैं।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: a)
पृथ्वी की सतह लगातार पृथ्वी के वायुमंडल के भीतर उत्पन्न होने वाली वाह्य शक्तियों और पृथ्वी के भीतर उत्पन्न होने वाली आंतरिक शक्तियों के अधीन रहती है। बाहरी बलों को बहिर्जात बलों के रूप में जाना जाता है और आंतरिक बलों को अंतर्जात बलों के रूप में जाना जाता है। बहिर्जात बलों की क्रियाओं के परिणामस्वरूप पृथ्वी की सतह, उच्चावच/ऊंचाई के अपरदन (निम्नीकरण) और घाटियों / अवसादों के निक्षेपण (उच्चयन) का परिणाम है।
अपरदन के माध्यम से पृथ्वी की सतह की उच्चावचीय भिन्नताओं को समतल करने की घटना को श्रेणीकरण के रूप में जाना जाता है। अंतर्जात बल पृथ्वी की सतह के कुछ हिस्सों को लगातार ऊपर उठाते या निर्मित करते रहते हैं और इसलिए बहिर्जात प्रक्रियाएं पृथ्वी की सतह की उच्चावचीय भिन्नताओं को समतल करने में विफल रहती हैं। इसलिए, जब तक बहिर्जात और अंतर्जात बलों की विरोधी क्रियाएं जारी रहती हैं, तब तक भिन्नताएं विद्यमान रहती हैं। सामान्य शब्दों में, अंतर्जनित बल मुख्य रूप से भूमि निर्माणकारी बल होते हैं और बहिर्जात बल मुख्य रूप से भूमि क्षरण करने वाले बल होते हैं।
Incorrect
उत्तर: a)
पृथ्वी की सतह लगातार पृथ्वी के वायुमंडल के भीतर उत्पन्न होने वाली वाह्य शक्तियों और पृथ्वी के भीतर उत्पन्न होने वाली आंतरिक शक्तियों के अधीन रहती है। बाहरी बलों को बहिर्जात बलों के रूप में जाना जाता है और आंतरिक बलों को अंतर्जात बलों के रूप में जाना जाता है। बहिर्जात बलों की क्रियाओं के परिणामस्वरूप पृथ्वी की सतह, उच्चावच/ऊंचाई के अपरदन (निम्नीकरण) और घाटियों / अवसादों के निक्षेपण (उच्चयन) का परिणाम है।
अपरदन के माध्यम से पृथ्वी की सतह की उच्चावचीय भिन्नताओं को समतल करने की घटना को श्रेणीकरण के रूप में जाना जाता है। अंतर्जात बल पृथ्वी की सतह के कुछ हिस्सों को लगातार ऊपर उठाते या निर्मित करते रहते हैं और इसलिए बहिर्जात प्रक्रियाएं पृथ्वी की सतह की उच्चावचीय भिन्नताओं को समतल करने में विफल रहती हैं। इसलिए, जब तक बहिर्जात और अंतर्जात बलों की विरोधी क्रियाएं जारी रहती हैं, तब तक भिन्नताएं विद्यमान रहती हैं। सामान्य शब्दों में, अंतर्जनित बल मुख्य रूप से भूमि निर्माणकारी बल होते हैं और बहिर्जात बल मुख्य रूप से भूमि क्षरण करने वाले बल होते हैं।
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Question 5 of 5
5. Question
अपक्षय (Weathering) की परिघटना हमारे लिए किस प्रकार महत्वपूर्ण है?
- यह चट्टानों और कठोर सतहों को अपरदित कर मिट्टी के निर्माण में सहायता करता है।
- यह पृथ्वी पर मूल्यवान खनिजों के संवर्धन में मदद करता है ताकि उनके वाणिज्यिक निष्कर्षण को संभव बनाया जा सके।
- यह पृथ्वी पर विशाल भू-आकृतियों को आकार देने और विखंडित करने के लिए जिम्मेदार है।
सही उत्तर कूट चुनिए:
Correct
उत्तर: d)
अपक्षय प्रक्रियाएं चट्टानों को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ने और न केवल रेगोलिथ और मिट्टी के निर्माण में, बल्कि अपरदन और वृहत संचलन में भी सहायक हैं।
बायोम और जैव विविधता मूल रूप से वनों (वनस्पति) पर निर्भर करती है और वन अपक्षयित मेंटल की गहराई पर निर्भर करते हैं।
यदि चट्टानों का अपक्षय न हो तो अपरदन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया नहीं हो सकती है।
अपक्षय के बिना, एक ही मूल्यवान सामग्री का सांद्रण, दोहन, संसादित और परिष्कृत करने के लिए पर्याप्त और आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं हो सकता है क्योंकि वे एक बड़े क्षेत्र में बिखरे हुए होंगे।
अपक्षय वृहद क्षरण, अपरदन और उच्चावच के क्षरण तथा भू-आकृतियों में परिवर्तन में सहायता करता है, जो अपरदन का परिणाम हैं।
Incorrect
उत्तर: d)
अपक्षय प्रक्रियाएं चट्टानों को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ने और न केवल रेगोलिथ और मिट्टी के निर्माण में, बल्कि अपरदन और वृहत संचलन में भी सहायक हैं।
बायोम और जैव विविधता मूल रूप से वनों (वनस्पति) पर निर्भर करती है और वन अपक्षयित मेंटल की गहराई पर निर्भर करते हैं।
यदि चट्टानों का अपक्षय न हो तो अपरदन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया नहीं हो सकती है।
अपक्षय के बिना, एक ही मूल्यवान सामग्री का सांद्रण, दोहन, संसादित और परिष्कृत करने के लिए पर्याप्त और आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं हो सकता है क्योंकि वे एक बड़े क्षेत्र में बिखरे हुए होंगे।
अपक्षय वृहद क्षरण, अपरदन और उच्चावच के क्षरण तथा भू-आकृतियों में परिवर्तन में सहायता करता है, जो अपरदन का परिणाम हैं।
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