HINDI INSIGHTS STATIC QUIZ 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
संसदीय विशेषाधिकारों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- संसदीय विशेषाधिकार कुछ ऐसे अधिकार और उन्मुक्तियां हैं जो संसद सदस्यों को सामूहिक रूप से प्राप्त होती हैं न कि व्यक्तिगत रूप से।
- अध्यक्ष या राज्यसभा सभापति विशेषाधिकार प्रस्ताव की जांच करने वाला पहला स्तर हैं।
- संसदीय विशेषाधिकार राष्ट्रपति को प्राप्त नहीं हैं, जो संसद का अभिन्न अंग होता है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
संसदीय विशेषाधिकार व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से संसद सदस्यों द्वारा प्राप्त कुछ अधिकार और उन्मुक्तियां हैं, ताकि वे “प्रभावी रूप से अपने कार्यों का निर्वहन” कर सकें।
अध्यक्ष/राज्यसभा अध्यक्ष विशेषाधिकार प्रस्ताव की जांच का पहला स्तर होता है।
संविधान उन व्यक्तियों को भी संसदीय विशेषाधिकार प्रदान करता है जो संसद के किसी सदन या उसकी किसी समिति की कार्यवाही में बोलने और भाग लेने के हकदार हैं। इनमें भारत के महान्यायवादी भी शामिल हैं।
संसदीय विशेषाधिकार राष्ट्रपति को प्राप्त नहीं हैं, जो संसद का अभिन्न अंग होता है। संविधान का अनुच्छेद 361 राष्ट्रपति के लिए विशेषाधिकार प्रदान करता है।
Incorrect
उत्तर: b)
संसदीय विशेषाधिकार व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से संसद सदस्यों द्वारा प्राप्त कुछ अधिकार और उन्मुक्तियां हैं, ताकि वे “प्रभावी रूप से अपने कार्यों का निर्वहन” कर सकें।
अध्यक्ष/राज्यसभा अध्यक्ष विशेषाधिकार प्रस्ताव की जांच का पहला स्तर होता है।
संविधान उन व्यक्तियों को भी संसदीय विशेषाधिकार प्रदान करता है जो संसद के किसी सदन या उसकी किसी समिति की कार्यवाही में बोलने और भाग लेने के हकदार हैं। इनमें भारत के महान्यायवादी भी शामिल हैं।
संसदीय विशेषाधिकार राष्ट्रपति को प्राप्त नहीं हैं, जो संसद का अभिन्न अंग होता है। संविधान का अनुच्छेद 361 राष्ट्रपति के लिए विशेषाधिकार प्रदान करता है।
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Question 2 of 5
2. Question
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- संसद कुछ रोजगार या नियुक्तियों के लिए एक शर्त के रूप में एक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के भीतर निवास सम्बन्धी शर्तें निर्धारित कर सकती है।
- भारत में नागरिकों की आवाजाही और निवास की स्वतंत्रता को, किसी भी अनुसूचित जनजाति के हितों के संरक्षण के आधार पर निर्बन्धित किया जा सकता है।
ऊपर दिए गए कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?
Correct
उत्तर: d)
दोनों कथन सही हैं।
संसद, अनुच्छेद 16 के तहत: इस अनुच्छेद की कोई बात संसद को कोई ऐसी विधि बनाने से निवारित नहीं करेगी जो [किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र की सरकार के या उसमें के किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी के अधीन वाले किसी वर्ग या वर्गों के पद पर नियोजन या नियुक्ति के संबंध में ऐसे नियोजन या नियुक्ति से पहले उस राज्य या संघ राज्यक्षेत्र के भीतर निवास विषयक कोई अपेक्षा विहित करती है।]
आवाजाही और निवास की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19 के तहत) किसी भी अनुसूचित जनजाति के हितों के संरक्षण के अधीन है। दूसरे शब्दों में, जनजातीय क्षेत्रों में बाहरी लोगों के प्रवेश, निवास और बसने का अधिकार प्रतिबंधित है।
Incorrect
उत्तर: d)
दोनों कथन सही हैं।
संसद, अनुच्छेद 16 के तहत: इस अनुच्छेद की कोई बात संसद को कोई ऐसी विधि बनाने से निवारित नहीं करेगी जो [किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र की सरकार के या उसमें के किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी के अधीन वाले किसी वर्ग या वर्गों के पद पर नियोजन या नियुक्ति के संबंध में ऐसे नियोजन या नियुक्ति से पहले उस राज्य या संघ राज्यक्षेत्र के भीतर निवास विषयक कोई अपेक्षा विहित करती है।]
आवाजाही और निवास की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19 के तहत) किसी भी अनुसूचित जनजाति के हितों के संरक्षण के अधीन है। दूसरे शब्दों में, जनजातीय क्षेत्रों में बाहरी लोगों के प्रवेश, निवास और बसने का अधिकार प्रतिबंधित है।
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Question 3 of 5
3. Question
भारत में संविधान संशोधन के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- संसद का कोई गैर सरकारी सदस्य संविधान संशोधन विधेयक पेश नहीं कर सकता
- संविधान संशोधन विधेयक को पेश करने के लिए राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है
- संविधान संशोधन विधेयक पेश करने के लिए विशेष दिन आरक्षित किया जाता हैं
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
विधेयक को या तो एक मंत्री या एक गैर सरकारी सदस्य द्वारा पेश किया जा सकता है और इसके लिए राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है। यहां एक गैर सरकारी सदस्य का अर्थ है एक ऐसा सांसद जो सत्ताधारी दल से संबंधित नहीं है।
संसद में विशेष दिन गैर सरकारी सदस्य के विधेयकों के लिए आरक्षित हैं, संविधान संशोधन विधेयक के लिए नहीं।
Incorrect
उत्तर: b)
विधेयक को या तो एक मंत्री या एक गैर सरकारी सदस्य द्वारा पेश किया जा सकता है और इसके लिए राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है। यहां एक गैर सरकारी सदस्य का अर्थ है एक ऐसा सांसद जो सत्ताधारी दल से संबंधित नहीं है।
संसद में विशेष दिन गैर सरकारी सदस्य के विधेयकों के लिए आरक्षित हैं, संविधान संशोधन विधेयक के लिए नहीं।
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Question 4 of 5
4. Question
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- मंत्रिपरिषद एक वृहत निकाय है जबकि कैबिनेट एक छोटा निकाय है
- मंत्रिमंडल मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए निर्णयों को लागू करता है
- मंत्रिपरिषद और कैबिनेट दोनों की अक्सर बैठकें होती हैं और सामूहिक कार्य होते हैं।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
Incorrect
उत्तर: b)
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Question 5 of 5
5. Question
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- संसद के किसी सदन के सत्रावसान और नए सत्र के रूप में उसके पुन: समवेत होने के बीच की अवधि को ‘अवकाश‘ कहा जाता है।
- राष्ट्रपति सत्र के दौरान सदन का सत्रावसान कर सकता है।
- जब संसद के सदन को पुन: बैठक के लिए तिथि निर्धारित किये बिना ही स्थगित कर दिया जाता है, तो इसे अनिश्चित काल के लिए स्थगन कहा जाता है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: d)
संसद का ‘सत्र’ एक सदन की पहली बैठक और उसके सत्रावसान (या लोकसभा के मामले में विघटन) के बीच की अवधि होती है।
संसद के किसी सदन के सत्रावसान और नए सत्र के रूप में उसके पुन: समवेत होने के बीच की अवधि को ‘अवकाश (recess)’ कहा जाता है।
जब संसद के सदन को पुन: बैठक के लिए तिथि निर्धारित किये बिना ही स्थगित कर दिया जाता है, तो इसे अनिश्चित काल के लिए स्थगन कहा जाता है। स्थगन और अनिश्चित काल के लिए स्थगन की शक्ति सदन के पीठासीन अधिकारी के पास होती है।
पीठासीन अधिकारी (अध्यक्ष या सभापति) सत्र का कार्य पूरा होने पर सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित घोषित कर देता है। अगले कुछ दिनों के भीतर, राष्ट्रपति सत्र के सत्रावसान के लिए एक अधिसूचना जारी करता है।
हालाँकि, राष्ट्रपति सत्र के दौरान सदन का सत्रावसान भी कर सकताहै।
Incorrect
उत्तर: d)
संसद का ‘सत्र’ एक सदन की पहली बैठक और उसके सत्रावसान (या लोकसभा के मामले में विघटन) के बीच की अवधि होती है।
संसद के किसी सदन के सत्रावसान और नए सत्र के रूप में उसके पुन: समवेत होने के बीच की अवधि को ‘अवकाश (recess)’ कहा जाता है।
जब संसद के सदन को पुन: बैठक के लिए तिथि निर्धारित किये बिना ही स्थगित कर दिया जाता है, तो इसे अनिश्चित काल के लिए स्थगन कहा जाता है। स्थगन और अनिश्चित काल के लिए स्थगन की शक्ति सदन के पीठासीन अधिकारी के पास होती है।
पीठासीन अधिकारी (अध्यक्ष या सभापति) सत्र का कार्य पूरा होने पर सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित घोषित कर देता है। अगले कुछ दिनों के भीतर, राष्ट्रपति सत्र के सत्रावसान के लिए एक अधिसूचना जारी करता है।
हालाँकि, राष्ट्रपति सत्र के दौरान सदन का सत्रावसान भी कर सकताहै।
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