HINDI INSIGHTS STATIC QUIZ 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
पार्थिव ग्रहों (Terrestrial Planets) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- पार्थिव ग्रहों का निर्माण मूल तारे से बहुत दूर हुआ था जहाँ गैसों का ठोस कणों के रूप में संघनित होना कठिन था।
- पार्थिव ग्रह छोटे होते हैं और इनका निम्न गुरुत्व बाहर निकलने वाली गैसों को रोक नहीं पाता है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
पार्थिव/आंतरिक और बाह्य ग्रहों के बीच अंतर:
1) पार्थिव ग्रहों का निर्माण मूल तारे के पास के क्षेत्र में हुआ था, जहां अत्यधिक तापमान के कारण गैसे ठोस कणों के रूप में संघनित नहीं हो पाई थी। बाह्य ग्रहों का निर्माण काफी दूर स्थान पर हुआ था।
2) सौर पवन सूर्य के निकट सबसे तीव्र गति से प्रवाहित होती थी; इसलिए, जिसके द्वारा पार्थिव ग्रहों से अत्यधिक गैस और धूल कणों को प्रवाहित कर दिया गया। सौर पवनें इतनी तीव्र नहीं थीं कि बाह्य ग्रहों से गैसों को समान रूप से हटा दें।
3) पार्थिव ग्रह छोटे होते हैं और इनका निम्न गुरुत्व बाहर निकलने वाली गैसों को रोक नहीं पाता है।
Incorrect
उत्तर: b)
पार्थिव/आंतरिक और बाह्य ग्रहों के बीच अंतर:
1) पार्थिव ग्रहों का निर्माण मूल तारे के पास के क्षेत्र में हुआ था, जहां अत्यधिक तापमान के कारण गैसे ठोस कणों के रूप में संघनित नहीं हो पाई थी। बाह्य ग्रहों का निर्माण काफी दूर स्थान पर हुआ था।
2) सौर पवन सूर्य के निकट सबसे तीव्र गति से प्रवाहित होती थी; इसलिए, जिसके द्वारा पार्थिव ग्रहों से अत्यधिक गैस और धूल कणों को प्रवाहित कर दिया गया। सौर पवनें इतनी तीव्र नहीं थीं कि बाह्य ग्रहों से गैसों को समान रूप से हटा दें।
3) पार्थिव ग्रह छोटे होते हैं और इनका निम्न गुरुत्व बाहर निकलने वाली गैसों को रोक नहीं पाता है।
-
Question 2 of 5
2. Question
पी-तरंगों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- पी-तरंगें तीव्र गति करती हैं और सतह पर सबसे पहले पहुंचती हैं।
- पी-तरंगों के कंपन की दिशा ऊर्ध्वाधर तल में तरंग की दिशा के लंबवत होती है।
- ये ठोस और तरल पदार्थों के माध्यम से गति करती हैं।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: a)
भूकंप तरंगें मूल रूप से दो प्रकार की होती हैं – काय तरंगें ( body waves ) और धरातलीय तरंगें (surface waves)। काय तरंगें केंद्र (focus) पर ऊर्जा की मुक्ति के कारण उत्पन्न होती हैं और सभी दिशाओं में गति करती हैं। इसलिए, इन्हें काय तरंगों के नाम से जाना जाता है।
- काय तरंगें सतह की चट्टानों के साथ परस्पर क्रिया करती हैं और परिणामस्वरूप धरातलीय तरंगें उत्पन्न होती हैं। ये तरंगें सतह पर गति करती हैं। विभिन्न घनत्वों वाली सामग्री के माध्यम से यात्रा करने पर तरंगों का वेग बदल जाता है। सामग्री जितनी सघन होगी, वेग उतना ही अधिक होगा। विभिन्न घनत्वों वाली सामग्रियों के सामने आने पर उनकी दिशा भी बदल जाती है।
- काय तरंगें दो प्रकार की होती हैं। उन्हें पी और एस-तरंगें कहा जाता है। पी-तरंगें तीव्र गति करती हैं और सतह पर सबसे पहले पहुंचती हैं। इसलिए इन्हें ‘प्राथमिक तरंगें’ भी कहा जाता है। पी-तरंगें ध्वनि तरंगों के समान होती हैं। ये गैसीय, तरल और ठोस पदार्थों के माध्यम से गति करती हैं। S-तरंगें कुछ समय अंतराल के साथ सतह पर प्रकट होती हैं। इन्हें द्वितीयक तरंगें कहते हैं। S-तरंगों के बारे में एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि वे केवल ठोस पदार्थों के माध्यम से ही गति कर सकती हैं। एस-तरंगों की यह विशेषता काफी महत्वपूर्ण है। इसने वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आंतरिक भाग की संरचना को समझने में मदद की है। परावर्तन के कारण तरंगें प्रतिक्षेपित होती हैं जबकि अपवर्तन के कारण तरंगें अलग-अलग दिशाओं में गति करती हैं। सीस्मोग्राफ की मदद से तरंगों की दिशा में बदलाव का अनुमान लगाया जाता है। सीस्मोग्राफ पर रिकॉर्ड होने वाली धरातलीयत तरंगें अंतिम तरंगे हैं। ये तरंगें अधिक विनाशकारी होती हैं। वे चट्टानों के विस्थापन का कारण बनती हैं, और इसलिए, संरचनाएं ध्वस्त हो जाती हैं।
भूकंपीय तरंगों का प्रसार
- विभिन्न प्रकार की भूकंप तरंगें अलग-अलग तरीकों से गति करती हैं। पी-तरंगें तरंग की दिशा के समानांतर कंपन करती हैं। यह प्रसार की दिशा में सामग्री पर दबाव डालती है। अन्य तीन तरंगें तरंग की दिशा के लंबवत कंपन करती हैं। S-तरंगों के कंपन की दिशा ऊर्ध्वाधर तल में तरंग की दिशा के लंबवत होती है। इसलिए, वे जिस सामग्री से गुजरती हैं उसमें गर्त और क्रस्ट का निर्माण होता हैं। धरातलीय तरंगों को सबसे विनाशकारी तरंगें माना जाता है।
Incorrect
उत्तर: a)
भूकंप तरंगें मूल रूप से दो प्रकार की होती हैं – काय तरंगें ( body waves ) और धरातलीय तरंगें (surface waves)। काय तरंगें केंद्र (focus) पर ऊर्जा की मुक्ति के कारण उत्पन्न होती हैं और सभी दिशाओं में गति करती हैं। इसलिए, इन्हें काय तरंगों के नाम से जाना जाता है।
- काय तरंगें सतह की चट्टानों के साथ परस्पर क्रिया करती हैं और परिणामस्वरूप धरातलीय तरंगें उत्पन्न होती हैं। ये तरंगें सतह पर गति करती हैं। विभिन्न घनत्वों वाली सामग्री के माध्यम से यात्रा करने पर तरंगों का वेग बदल जाता है। सामग्री जितनी सघन होगी, वेग उतना ही अधिक होगा। विभिन्न घनत्वों वाली सामग्रियों के सामने आने पर उनकी दिशा भी बदल जाती है।
- काय तरंगें दो प्रकार की होती हैं। उन्हें पी और एस-तरंगें कहा जाता है। पी-तरंगें तीव्र गति करती हैं और सतह पर सबसे पहले पहुंचती हैं। इसलिए इन्हें ‘प्राथमिक तरंगें’ भी कहा जाता है। पी-तरंगें ध्वनि तरंगों के समान होती हैं। ये गैसीय, तरल और ठोस पदार्थों के माध्यम से गति करती हैं। S-तरंगें कुछ समय अंतराल के साथ सतह पर प्रकट होती हैं। इन्हें द्वितीयक तरंगें कहते हैं। S-तरंगों के बारे में एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि वे केवल ठोस पदार्थों के माध्यम से ही गति कर सकती हैं। एस-तरंगों की यह विशेषता काफी महत्वपूर्ण है। इसने वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आंतरिक भाग की संरचना को समझने में मदद की है। परावर्तन के कारण तरंगें प्रतिक्षेपित होती हैं जबकि अपवर्तन के कारण तरंगें अलग-अलग दिशाओं में गति करती हैं। सीस्मोग्राफ की मदद से तरंगों की दिशा में बदलाव का अनुमान लगाया जाता है। सीस्मोग्राफ पर रिकॉर्ड होने वाली धरातलीयत तरंगें अंतिम तरंगे हैं। ये तरंगें अधिक विनाशकारी होती हैं। वे चट्टानों के विस्थापन का कारण बनती हैं, और इसलिए, संरचनाएं ध्वस्त हो जाती हैं।
भूकंपीय तरंगों का प्रसार
- विभिन्न प्रकार की भूकंप तरंगें अलग-अलग तरीकों से गति करती हैं। पी-तरंगें तरंग की दिशा के समानांतर कंपन करती हैं। यह प्रसार की दिशा में सामग्री पर दबाव डालती है। अन्य तीन तरंगें तरंग की दिशा के लंबवत कंपन करती हैं। S-तरंगों के कंपन की दिशा ऊर्ध्वाधर तल में तरंग की दिशा के लंबवत होती है। इसलिए, वे जिस सामग्री से गुजरती हैं उसमें गर्त और क्रस्ट का निर्माण होता हैं। धरातलीय तरंगों को सबसे विनाशकारी तरंगें माना जाता है।
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Question 3 of 5
3. Question
चक्रवातों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- उष्णकटिबंधीय चक्रवात वायु की एक वृहत प्रणाली है जो भूमध्य रेखा के उत्तर में एक वामावर्त दिशा में निम्न वायुमंडलीय दबाव के केंद्र के चारों ओर गति करती है।
- वायु की गति, वायु की दिशा, तापमान और आर्द्रता जैसे कारक चक्रवातों के निर्माण में योगदान करते हैं।
- जैसे ही चक्रवात की आंख में दबाव कमजोर होता है, उसके चारों ओर वायु की गति भी कम हो जाती है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: a)
चक्रवात क्या होता है?
उष्णकटिबंधीय चक्रवात वायु की एक वृहत प्रणाली है जो भूमध्य रेखा के उत्तर में एक वामावर्त दिशा में और दक्षिण में एक दक्षिणावर्त दिशा में निम्न वायुमंडलीय दबाव के केंद्र के चारों ओर गति करती है।
चक्रवात का निर्माण:
चक्रवात अति निम्न दबाव वाली प्रणाली का निर्माण है जिसके चारों ओर बहुत तेज गति वाली हवाएं गति करती हैं।
वायु की गति, वायु की दिशा, तापमान और आर्द्रता जैसे कारक चक्रवातों के निर्माण में योगदान करते हैं।
बादल बनने से पहले, जल वायुमंडल से ऊष्मा प्राप्त करता है और वाष्प में बदल जाता है। जब जलवाष्प वर्षा की बूंदों के रूप में वापस तरल रूप में परिवर्तित हो जाती है, तो यह ऊष्मा वायुमंडल में मुक्त हो जाती है।
वातावरण में छोड़ी गई ऊष्मा आसपास की वायु को गर्म करती है। ऊष्मा ऊपर की ओर गति करती है और निम्न दाब का निर्माण होता है। परिणामस्वरूप अत्यधिक वायु चक्रवात के केंद्र की ओर गति करने लगती है।
Incorrect
उत्तर: a)
चक्रवात क्या होता है?
उष्णकटिबंधीय चक्रवात वायु की एक वृहत प्रणाली है जो भूमध्य रेखा के उत्तर में एक वामावर्त दिशा में और दक्षिण में एक दक्षिणावर्त दिशा में निम्न वायुमंडलीय दबाव के केंद्र के चारों ओर गति करती है।
चक्रवात का निर्माण:
चक्रवात अति निम्न दबाव वाली प्रणाली का निर्माण है जिसके चारों ओर बहुत तेज गति वाली हवाएं गति करती हैं।
वायु की गति, वायु की दिशा, तापमान और आर्द्रता जैसे कारक चक्रवातों के निर्माण में योगदान करते हैं।
बादल बनने से पहले, जल वायुमंडल से ऊष्मा प्राप्त करता है और वाष्प में बदल जाता है। जब जलवाष्प वर्षा की बूंदों के रूप में वापस तरल रूप में परिवर्तित हो जाती है, तो यह ऊष्मा वायुमंडल में मुक्त हो जाती है।
वातावरण में छोड़ी गई ऊष्मा आसपास की वायु को गर्म करती है। ऊष्मा ऊपर की ओर गति करती है और निम्न दाब का निर्माण होता है। परिणामस्वरूप अत्यधिक वायु चक्रवात के केंद्र की ओर गति करने लगती है।
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Question 4 of 5
4. Question
समुद्र की सतह के तापमान (Sea Surface Temperature: SST) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- SST समुद्र की ऊपरी परत के कुछ मिलीमीटर तक सीमित जल के तापमान का माप है।
- SST काफी हद तक तेज हवाओं, वाष्पीकरण या घने बादलों से प्रभावित होता है।
- SST ऊपरी महासागर में उपलब्ध तापीय ऊर्जा के संबंध में उचित जानकारी नहीं प्रदान करता है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: d)
समुद्र की सतह के तापमान (Sea Surface Temperature: SST) का उपयोग नियमित रूप से यह अनुमान लगाने के लिए किया जाता है कि भारत को मानसून के मौसम में होने वाली वर्षा की कुल मात्रा 887.5 मिमी के दीर्घकालिक औसत से कम या अधिक होगी।
“समुद्र की सतह का तापमान केवल महासागर की पतली ऊपरी परत के बारे में जानकारी प्रदान करता है और ऊपरी महासागर में उपलब्ध तापीय ऊर्जा को प्रदर्शित नहीं करता है।
SST समुद्र की ऊपरी परत के कुछ मिलीमीटर तक ही सीमित है और बड़े पैमाने पर तेज़ हवाओं, वाष्पीकरण या घने बादलों से प्रभावित होता है।
Incorrect
उत्तर: d)
समुद्र की सतह के तापमान (Sea Surface Temperature: SST) का उपयोग नियमित रूप से यह अनुमान लगाने के लिए किया जाता है कि भारत को मानसून के मौसम में होने वाली वर्षा की कुल मात्रा 887.5 मिमी के दीर्घकालिक औसत से कम या अधिक होगी।
“समुद्र की सतह का तापमान केवल महासागर की पतली ऊपरी परत के बारे में जानकारी प्रदान करता है और ऊपरी महासागर में उपलब्ध तापीय ऊर्जा को प्रदर्शित नहीं करता है।
SST समुद्र की ऊपरी परत के कुछ मिलीमीटर तक ही सीमित है और बड़े पैमाने पर तेज़ हवाओं, वाष्पीकरण या घने बादलों से प्रभावित होता है।
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Question 5 of 5
5. Question
बंगाल की खाड़ी की तुलना में अरब सागर में चक्रवाती तूफानों का खतरा अपेक्षाकृत कम होता है। इसका कारण है
- बंगाल की खाड़ी अरब सागर से अधिक गर्म है।
- अरब सागर में बंगाल की खाड़ी की तुलना में कम लवणता है।
- प्रशांत महासागर में उत्पन्न होने वाले तूफान भी बंगाल की खाड़ी में चक्रवातों को प्रभावित करते हैं।
- गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों से ताजे जल का निरंतर प्रवाह बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती अवसाद के निर्माण के लिए आदर्श दशा का निर्माण करता है।
सही उत्तर कूट चुनिए:
Correct
उत्तर: b)
बंगाल की खाड़ी की तुलना में अरब सागर में चक्रवाती तूफानों की संभावना कम होती है क्योंकि:
तापमान: अरब सागर की तुलना में BOB अधिक गर्म होती है। गर्म जल का तापमान चक्रवातों के विकास और तीव्रता के लिए बुनियादी मानदंड है।
लवणता: अरब सागर में BOB की तुलना में अधिक लवणता है। कम लवणता वाले जल को गर्म करना और साथ ही वाष्पित करना आसान होता है।
स्थान: प्रशांत महासागर में उत्पन्न होने वाले टाइफून भी BOB में चक्रवातों को प्रभावित करते हैं, अरब सागर में ऐसा नहीं है।
संचलन: IMD के अनुसार अरब सागर में उत्पन्न होने वाले चक्रवातों को उत्तर-पश्चिम की ओर गति करने वाला माना जाता है। इसलिए वे वास्तव में भारतीय मुख्य भूमि से दूर चले जाते हैं।
खाड़ी में अधिक वर्षा होती है और गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों से ताजे जल का निरंतर प्रवाह होता है। इसका अर्थ यह है कि खाड़ी की सतह का जल स्वच्छ बना रहता है, जिससे गर्म जल का नीचे के ठंडे जल के साथ मिलना असंभव हो जाता है, जिससे यह अवसाद के लिए आदर्श दशा कका निर्माण करता है।
Incorrect
उत्तर: b)
बंगाल की खाड़ी की तुलना में अरब सागर में चक्रवाती तूफानों की संभावना कम होती है क्योंकि:
तापमान: अरब सागर की तुलना में BOB अधिक गर्म होती है। गर्म जल का तापमान चक्रवातों के विकास और तीव्रता के लिए बुनियादी मानदंड है।
लवणता: अरब सागर में BOB की तुलना में अधिक लवणता है। कम लवणता वाले जल को गर्म करना और साथ ही वाष्पित करना आसान होता है।
स्थान: प्रशांत महासागर में उत्पन्न होने वाले टाइफून भी BOB में चक्रवातों को प्रभावित करते हैं, अरब सागर में ऐसा नहीं है।
संचलन: IMD के अनुसार अरब सागर में उत्पन्न होने वाले चक्रवातों को उत्तर-पश्चिम की ओर गति करने वाला माना जाता है। इसलिए वे वास्तव में भारतीय मुख्य भूमि से दूर चले जाते हैं।
खाड़ी में अधिक वर्षा होती है और गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों से ताजे जल का निरंतर प्रवाह होता है। इसका अर्थ यह है कि खाड़ी की सतह का जल स्वच्छ बना रहता है, जिससे गर्म जल का नीचे के ठंडे जल के साथ मिलना असंभव हो जाता है, जिससे यह अवसाद के लिए आदर्श दशा कका निर्माण करता है।
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