How to Follow Secure Initiative?
How to Self-evaluate your answer?
INSIGHTS NEW SECURE – 2020: YEARLONG TIMETABLE
सामान्य अध्ययन– I
विषय: राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि- उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव।
1. वर्तमान महामारी के दौरान मानवता की आवश्यकताओं एवं पूंजीवाद के सिद्धांतों के मध्य टकराव का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: The Hindu
निर्देशक शब्द:
आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
पूंजीवाद से आप क्या समझते हैं? संक्षेप में समझाते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
उन विभिन्न तरीकों पर चर्चा कीजिए, जिनमें पूंजीवाद मानवता के विरुद्ध है।
वर्तमान कोविड संकट के मध्य उपर्युक्त के उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
आप बौद्धिक संपदा व्यवस्था के माध्यम से राज्य के कल्याणकारी स्वरूप पर पूंजीवाद के प्रभावों का एक मामला अध्ययन (केस स्टडी) प्रस्तुत कर सकते हैं।
इस समस्या के समाधान के लिए क्या किये जाने की आवश्यकता है? सुझाव दीजिए।
निष्कर्ष:
निष्कर्ष निकालिए कि सभी नागरिकों को समान रूप से सार्वजनिक वस्तु उपलब्ध कराने के लिए सरकारों को अधिक सार्वजनिक-उत्साही उद्यमों का निर्माण करना चाहिए। कंपनियों को अपने अस्तित्व के उद्देश्य पर पुनर्विचार करना चाहिए। अब यह अनिवार्य है कि अधिक मानवीय और कम धन मूल्यों को अपनाया जाए।
विषय: विश्व के इतिहास में 18वीं सदी तथा बाद की घटनाएँ यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनःसीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव।
2. वर्तमान नामीबिया के हेरेरो एवं नामा लोगों के विरुद्ध जर्मनी द्वारा किए गए नरसंहार के प्रभावों को स्पष्ट कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: Indian Express
निर्देशक शब्द:
स्पष्ट कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह पूछे गए प्रश्न से संबंधित जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
प्रश्न के संदर्भ की संक्षिप्त पृष्ठभूमि प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
उत्तर के मुख्य भाग में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए:
- जर्मनी द्वारा अतीत में किए गए जनसंहार के इतिहास पर चर्चा कीजिए।
- इसके प्रभाव एवं महत्व पर चर्चा कीजिए।
निष्कर्ष:
इसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– II
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय। भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय।
3. “सम्पूर्ण देश में बढ़ते अलगाववादी आंदोलनों की स्थिति में हिंद महासागर क्षेत्र में मालदीव से पर्यटन के कुछ भाग को लक्षद्वीप की ओर मोड़ने के लिए संघर्ष की अनदेखी में हमारे देश की संप्रभुता को चुनौती देने की स्पष्ट क्षमता है।” आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: Times of India
निर्देशक शब्द:
आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
प्रश्न की पृष्ठभूमि प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
उत्तर के मुख्य भाग में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए:
- वर्तमान मुद्दे पर विस्तार से चर्चा कीजिए, हाल के दिनों में निर्मित विवादास्पद नियमों के बारे में चर्चा कीजिए।
- हाल ही में गठित लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण (LDA) से सम्बंधित मुद्दों पर एक लेख लिखिए।
- देश भर में बढ़ते अलगाववादी आंदोलनों के बीच इस प्रकार के पहलू हमारे राष्ट्र की संप्रभुता को चुनौती देने के लिए कैसे पर्याप्त हो सकते हैं? समझाइए।
निष्कर्ष:
इस मुद्दे के समाधान के लिए सुझाव देते हुए एवं किए जाने वाले उपायों की नई श्रृंखला पर पुनः विचार करने की आवश्यकता पर बल देते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
4. कोविड-19 संकट ने विश्व भर में यह रेखांकित किया है कि निर्णय निर्धारण में सरकारों के लिए डेटा कितना महत्वपूर्ण है। इस पृष्ठभूमि में निर्णय निर्धारण में डेटा द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका को स्पष्ट कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: Indian Express
निर्देशक शब्द:
स्पष्ट कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह पूछे गए प्रश्न से संबंधित जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
यह समझाते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए कि कोविड -19 महामारी ने विश्व स्तर पर इस बात पर प्रकाश डाला है कि निर्णय निर्धारण में सरकारों के लिए डेटा कितना महत्वपूर्ण है।
विषय वस्तु:
उत्तर के मुख्य भाग में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए:
- निर्णय निर्धारण में डेटा के महत्व पर प्रकाश डालिए।
- महामारी के दौरान डेटा विश्लेषण ने कैसे सहायता की है? समझाइए।
- इसके महत्व पर बल देते हुए उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
- इससे सम्बंधित चुनौतियों पर प्रकाश डालिए।
निष्कर्ष:
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– III
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय। प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय; जन वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्य, सीमाएँ, सुधार; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन; पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र।
5. भारत को खाद्य तेलों का आयात क्यों करना पड़ता है? सरकारी कोष पर खाद्य तेलों के आयात का कितना बोझ है? खाद्य तेलों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हम क्या कर सकते हैं? विस्तार से समझाइए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: Indian Express.
निर्देशक शब्द:
समझाइये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न से संबंधित सूचना अथवा जानकारी को सरल भाषा में प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
हम जिस अंतरिक्ष युग में रह रहे हैं, उसके प्रमुख तथ्यों पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
प्रश्न के संदर्भ से संबंधित कुछ प्रमुख तथ्य प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
भारत में खाद्य तेल के उपभोग की प्रवृत्तियों पर संक्षेप में चर्चा कीजिए।
खाद्य तेल का घरेलू स्तर पर कितना उत्पादन होता है एवं कितना आयात किया जाता है? समझाइए।
समझाइए कि घरेलू कीमतों में बढ़ोतरी मूल रूप से अंतरराष्ट्रीय कीमतों का प्रतिबिंब है क्योंकि भारत अपनी घरेलू मांग का 56 प्रतिशत आयात के माध्यम से पूरा करता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में हाल के महीनों में विभिन्न कारणों से खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी से उछाल आया है।
खाद्य तेलों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हम क्या कर सकते हैं? चर्चा कीजिए।
निष्कर्ष:
भारत को खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए नीतिगत उपायों और समाधानों पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और दैनिक जीवन पर इसका प्रभाव।
6. सौर भू-अभियांत्रिकी क्या है? इस तकनीक से सम्बद्ध लाभों एवं कमियों पर चर्चा कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: Economic Times
निर्देशक शब्द:
चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
सौर भू-अभियांत्रिकी की परिभाषा प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
इसकी आवश्यकता क्यों है? स्पष्ट कीजिए।
ऐसी तकनीक की क्षमताओं पर चर्चा कीजिए।
इसके क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों को प्रस्तुत कीजिए।
निष्कर्ष:
इसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– IV
विषय: लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; उत्तरदायित्व तथा नैतिक शासन, शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण; अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कॉरपोरेट शासन व्यवस्था।
7. क्या हमारे देश में सिविल सेवकों की व्यावसायिक सत्यनिष्ठा व्यवस्थित रूप से समाप्त हो गई है? सिविल सेवाओं में राजनीतिक हस्तक्षेप के मुद्दे की पृष्ठभूमि में चर्चा कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभिवृत्ति: सुब्बाराव
निर्देशक शब्द:
चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
वृत्तिक सत्यनिष्ठा से आप क्या समझते हैं? समझाते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
समझाइए कि राजनीतिक दबाव जीवन का एक तथ्य है और प्रत्येक लोक सेवक, विशेष रूप से, अखिल भारतीय सेवा का सदस्य, किसी न किसी रूप में इसके अधीन होता है।
देश में सिविल सेवकों के राजनीतिक हस्तक्षेप के मुद्दे पर प्रकाश डालिए।
समझाइए कि एक राजनेता के लिए, सिविल सेवक इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण की तरह होते हैं, जिनका दुरुपयोग किया जाता है और कभी-कभी दुर्व्यवहार भी किया जाता है। यदि कोई अधिकारी इसका विरोध करता है, तो वह मुश्किल में पड़ सकता है।
प्रशासन में राजनीतिक हस्तक्षेप के प्रभावों पर विस्तार से चर्चा कीजिए।
क्या हमारे देश में सिविल सेवकों की वृत्तिक सत्यनिष्ठा व्यवस्थित रूप से समाप्त हो गई है? विचार कीजिए।
निष्कर्ष:
इस समस्या के समाधान के लिए उपाय सुझाते हुए निष्कर्ष निकालिए।
Join our Official Telegram Channel HERE for Motivation and Fast Updates
Subscribe to our YouTube Channel HERE to watch Motivational and New analysis videos