विषयसूची
सामान्य अध्ययन-II
1. चांडलर गुड गवर्नमेंट इंडेक्स
2. ‘लद्दाख इग्नाइटेड माइंड्स परियोजना’
3. दंतक परियोजना
सामान्य अध्ययन-III
1. ज़्यूरोंग (Zhurong)
2. आपदा प्रबंधन अधिनियम
प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य
1. बैंक के एमडी, सीईओ, निदेशक पदों के लिए 70 वर्ष की आयु सीमा
2. भारत, हेलीकाप्टरों के लिए सिंगल क्रिस्टल घटकों का निर्माण करने में सक्षम देशों में शामिल
3. चर्चित स्थल: साहेल
4. कोवलून प्रायद्वीप
सामान्य अध्ययन-II
विषय: लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका।
चांडलर गुड गवर्नमेंट इंडेक्स
(Chandler Good Government Index– CGGI)
सूचकांक के बारे में:
‘चांडलर गुड गवर्नमेंट इंडेक्स’ (Chandler Good Government Index- CGGI), विश्व भर में 104 देशों की सरकारों की क्षमताओं और प्रभावशीलता को मापने के लिए सरकारी पेशेवरों (Government Practitioners) द्वारा, सरकारी पेशेवरों के लिए तैयार किया गया एक वार्षिक सूचकांक है।
चांडलर इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस (CIG) एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन है। इसका मुख्यालय सिंगापुर में है।
सूचकांक के सात स्तंभ:
- नेतृत्व और दूरदर्शिता (leadership and foresight);
- मजबूत कानून और नीतियां (robust laws and policies);
- मजबूत संस्थान (strong institutions);
- वित्तीय प्रबंधन (financial stewardship);
- आकर्षक बाज़ार (attractive marketplace);
- वैश्विक प्रभाव और प्रतिष्ठा (global influence and reputation); और
- लोगों की उन्नति में मदद करना (helping people rise)।
सूचकांक का महत्व:
किसी राष्ट्र की सफलता में अच्छी सरकार एक निर्णायक कारक होती है। ‘चांडलर गुड गवर्नमेंट इंडेक्स’ (CGGI), नागरिकों और व्यवसायों के लिए सकारात्मक परिणामों को हासिल करने हेतु सशक्त सरकारी क्षमताओं में निवेश करने के महत्व को दर्शाता है।
CGGI– 2021 के प्रमुख बिंदु:
- सूचकांक के शीर्ष दस देशों में यूरोप के सात देश शामिल हैं, हालांकि शीर्ष दस देशों में चार महाद्वीपों का प्रतिनिधित्व है, जिसमे एशिया से सिंगापुर, ओशिनिया से न्यूजीलैंड तथा अमेरिकी महाद्वीप से कनाडा शामिल है।
- शीर्ष दस देशों में शामिल सभी देश, विश्व बैंक द्वारा के अनुसार, उच्च आय वाले देश हैं।
सूचकांक में भारत का प्रदर्शन:
CGGI- 2021 में भारत को 49 वाँ स्थान दिया गया है।
प्रीलिम्स लिंक:
- सूचकांक के बारे में।
- जारीकर्ता
- रैंकिंग में प्रयुक्त मानदंड।
- देशों का प्रदर्शन
मेंस लिंक:
‘चांडलर गुड गवर्नमेंट इंडेक्स’ पर एक टिप्पणी लिखिए।
स्रोत: द हिंदू
विषय: केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।
‘लद्दाख इग्नाइटेड माइंड्स परियोजना’
(Project Ladakh Ignited Minds)
संदर्भ:
संघ राज्यक्षेत्र लद्दाख के युवाओं के लिए बेहतर भविष्य को सुरक्षित करने के लिए, भारतीय सेना द्वारा प्रोजेक्ट लददाख इग्नाइटेड माइंड्स : उत्कृष्टता और देखभाल केंद्र (Ladakh Ignited Minds: A Centre of Excellence and Wellness) की परिकल्पना की गई है।
परियोजना के बारे में:
इस परियोजना का उद्देश्य देश के उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन करने का अवसर प्रदान करने हेतु सुविधाहीन लद्दाखी छात्रों को बेहतर शिक्षण सुविधाएं प्रदान करना है।
कार्यान्वयन:
- इस परियोजना का कार्यान्वयन ‘हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ (HPCL) के सहयोग से भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर द्वारा किया जाएगा, और इसके लिए राष्ट्रीय अखंडता और शैक्षणिक विकास संगठन (NIEDO) एक निष्पादन एजेंसी होगी। ये युवाओं के लिए एक समग्र प्रशिक्षण प्रदान करेगी।
- पहले बैच में, 20 लड़कियों सहित लेह और कारगिल जिलों के 45 छात्र, जेईई और एनईईटी प्रवेश परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
प्रीलिम्स और मेंस लिंक:
परियोजना और इसका महत्व।
स्रोत: पीआईबी
विषय: भारत एवं इसके पड़ोसी- संबंध।
दंतक परियोजना
(Project DANTAK)
संदर्भ:
हाल ही में, भूटान में दंतक परियोजना ने 60 साल पूरे किए हैं।
परियोजना के बारे में:
- 24 अप्रैल 1961 को प्रोजेक्ट दंतक की स्थापना की गई थी
- भूटान के सामाजिक-आर्थिक विकास और तरक्की को प्रभावित करने में कनेक्टिविटी के अत्यधिक महत्व को देखते हुए, दंतक को राज्य में पथप्रदर्शक मोटर योग्य सड़कों के निर्माण का काम सौंपा गया था।
परियोजना द्वारा निष्पादित उल्लेखनीय कार्य:
पारो हवाई अड्डा, योनफुला एयरफील्ड, थिम्फू – त्रासीगंग राजमार्ग, दूरसंचार और हाइड्रो पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर, शेरुबसे कॉलेज, कांग्लुंग और इंडिया हाउस एस्टेट का निर्माण आदि।
महत्व:
- इन वर्षों में, भूटान राजशाही के परिकल्पना और लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप, दंतक परियोजना ने भूटान में असंख्य राजसी जरूरतों को पूरा किया है।
- दंतक द्वारा सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्थापित चिकित्सा और शिक्षा सुविधाएं, उन स्थानों में उपलब्ध होने वाली पहली सुविधाएँ थीं।
- सड़क के किनारे अवस्थिति भोजन की दुकानों ने भूटानी लोगों को भारतीय व्यंजनों से परिचित कराया और भारतीय भोजन के प्रति उनका स्वाद विकसित हुआ।
स्रोत: पीआईबी
सामान्य अध्ययन-III
विषय: सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरुकता।
ज़्यूरोंग (Zhurong)
संदर्भ:
चीन के पहले मार्स रोवर का नाम, उसके पारंपरिक अग्नि देवता के नाम पर, ‘ज़्यूरोंग’ (Zhurong) रखा गया है।
यह रोवर, चीन द्वारा मंगल ग्रह के लिए भेजे गए तियानवेन -1 प्रोब (Tianwen-1 probe) के साथ लगा हुआ है। तियानवेन -1 प्रोब, 24 फरवरी को मंगल की कक्षा में पहुंच चुका है, तथा ग्रह पर जीवन के साक्ष्यों की तलाश में मई माह में मंगल की सतह पर उतरेगा।
मिशन का महत्व:
वर्ष 2019 में चीन, चंद्रमा के दूर स्थित, अब तक काफी कम अन्वेषण किये गए क्षेत्र में एक अंतरिक्ष-प्रोब (space probe) उतारने वाला, तथा दिसंबर में, 1970 के दशक के बाद पहली बार चंद्रमा की चट्टानों को पृथ्वी पर लाने वाला पहला देश बन गया था।
पूर्व सोवियत संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद, मंगल पर रोबोट रोवर भेजने वाला, चीन तीसरा देश बन जाएगा।
तियानवेन –1 के बारे में:
- यह चीन का पहला मंगल प्रोब है, जिसे पहले हुक्सिंग-1 (Huoxing 1) नाम से जाना जाता था।
- इस अंतरिक्ष यान में एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर को भेजा गया है।
- इस यान को चीन के जिचांग उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र (Xichang Satellite Launch Center) से 5 मार्च को लॉन्च किया गया।
- लैंडिंग साइट: यह अन्तरिक्ष यान मंगल में उत्तरी अक्षांशों में स्थित ‘यूटोपिया प्लैनिटिया’(Utopia Planitia) नामक विशाल मैदान में उतरेगा, इसी स्थान पर वर्ष 1970 में नासा द्वारा भेजा गया वाइकिंग 2 मिशन उतरा था।
अभियान के प्रमुख वैज्ञानिक उद्देश्य:
- मंगल का भूवैज्ञानिक मानचित्र का निर्माण करना।
- मंगल की मृदा विशेषताओं का परीक्षण करना तथा पानी-बर्फ के संभावित भंडारों की खोज करना।
- मगल ग्रह के सतही पदार्थों की संरचना का विश्लेषण करना।
- मंगल ग्रह के वातावरण और जलवायु की जांच करना।
- मंगल ग्रह के विद्युत-चुम्बकीय तथा गुरुत्वाकर्षण क्षेत्रों का अध्ययन करना।
प्रीलिम्स लिंक:
- चीन के मंगल मिशन के उद्देश्य।
- अन्य मंगल मिशन
- भारत का मंगल मिशन
मेंस लिंक:
चीन के मंगल मिशन के महत्व पर चर्चा कीजिए।
स्रोत: द हिंदू
विषय: आपदा और आपदा प्रबंधन।
आपदा प्रबंधन अधिनियम
(Disaster Management Act)
संदर्भ:
‘आपदा प्रबंधन अधिनियम’ (Disaster Management Act– DM Act) को लागू करते हुए, केंद्र ने राज्यों को, निजी संयंत्रों के पास मौजूदा भंडार सहित समस्त ‘तरल ऑक्सीजन’ (liquid oxygen) सरकार को उपलब्ध कराने तथा इसका केवल चिकित्सीय उद्देश्यों में प्रयोग करने का आदेश दिया है।
यह आदेश केंद्रीय गृह सचिव द्वारा जारी किया गया है। केंद्रीय गृह सचिव, ‘डीएम अधिनियम’, 2005 के तहत गठित ‘राष्ट्रीय कार्यकारी समिति’ के अध्यक्ष होते हैं।
निहितार्थ:
इस आदेश के पश्चात, फार्मास्युटिकल, पेट्रोलियम, परमाणु ऊर्जा और इस्पात क्षेत्रों सहित नौ उद्योगों को छोड़कर, सभी औद्योगिक उद्देश्यों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति निषिद्ध होगी।
‘तरल ऑक्सीजन’ के बारे में:
- यह आणविक ऑक्सीजन का तरल रूप होती है।
- लिक्विड ऑक्सीजन का रंग हल्का नीला होता है और यह प्रकृति में काफी अनुचुंबकीय (paramagnetic) होती है: इसे एक घोड़े की नाल के आकार की शक्तिशाली चुंबक के ध्रुवों के बीच लटकाया जा सकता है।
- इसकी प्राशीतनी अर्थात क्रायोजेनिक प्रकृति के कारण, तरल ऑक्सीजन के स्पर्श में आने वाले पदार्थ बेहद नाजुक / भंगुर हो जाते हैं।
- तरल ऑक्सीजन भी एक बहुत शक्तिशाली ऑक्सीकरण एजेंट भी होती है; अर्थात तरल ऑक्सीजन में कार्बनिक पदार्थ तेजी से जलते है।
उपयोग:
- वाणिज्यक रूप से, तरल ऑक्सीजन को एक औद्योगिक गैस के रूप में वर्गीकृत किया जाता है और औद्योगिक और चिकित्सीय प्रयोजनों के लिए व्यापक रूप से इसका उपयोग किया जाता है।
- तरल ऑक्सीजन, अंतरिक्ष यान रॉकेट अनुप्रयोगों के लिए, प्रायः तरल हाइड्रोजन, केरोसिन तेल या मीथेन के संयोजन में, सबसे आम क्रायोजेनिक लिक्विड ऑक्सीडाइजर प्रणोदक होती है।
इससे पिछले जारी किए गए आदेश:
22 अप्रैल को, ‘आपदा प्रबंधन अधिनियम’ (DM Act) के तहत केंद्र सरकार ने, जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को, मेडिकल ऑक्सीजन ले जाने वाले वाहनों की निर्बाध अंतर-राज्य आवाजाही सुनिश्चित करने तथा जिन राज्यों में ऑक्सीजन संयत्र स्थित हैं, आपूर्ति केवल वहीं तक न रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए, व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी निर्धारित किया था।
आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के बारे में:
आपदा प्रबंधन अधिनियम का उद्देश्य आपदाओं का प्रबंधन करना है, जिसके तहत शमन रणनीति तैयार करना, क्षमता-निर्माण आदि को सम्मिलित किया गया है।
- यह अधिनियम देश में जनवरी 2006 से प्रभावी हुआ है।
- यह अधिनियम “आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन तथा इससे संबंधित मामलों से निपटने हेतु प्रावधान करता है।”
- इस अधिनियम में ‘भारत के प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के गठन’ का प्रावधान किया गया है।
- यह अधिनियम, केंद्र सरकार को राष्ट्रीय प्राधिकरण की सहायता के लिए एक राष्ट्रीय कार्यकारी समिति (NEC) का गठन करने के लिए निर्देशित्त करता है।
- इसमें सभी राज्य सरकारों के लिए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के गठन को अनिवार्य किया गया है।
केंद्र सरकार के लिए प्रद्दत शक्तियां:
‘आपदा प्रबंधन अधिनियम’ (DM Act) के अंतर्गत केंद्र सरकार और NDMA के लिए व्यापक शक्तियां प्रदान की गई हैं।
- इसके तहत, केंद्र सरकार, कोई भी कानून लागू के बावजूद (ओवर-राइडिंग पॉवर सहित) भारत में कहीं भी किसी भी प्राधिकरण को आपदा प्रबंधन करने या सहायता प्रदान करने के लिए कोई भी निर्देश जारी कर सकती है।
- महत्वपूर्ण रूप से, केंद्र सरकार और NDMA द्वारा जारी किए गए ऐसे किसी भी निर्देश का केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों द्वारा पालन किया जाना अनिवार्य होता है।
- इन सभी के लिए, प्रधानमंत्री NDMA (S 6(3)) के तहत प्रद्दत सभी शक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं। इस प्रकार यह सुनिश्चित होता है, किए गए फैसलों का पर्याप्त राजनीतिक और संवैधानिक महत्व है।
प्रीलिम्स लिंक:
- आपदा प्रबंधन अधिनियम क्या है?
- इस अधिनियम के तहत स्थापित निकाय
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) की संरचना
- आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्यों और केंद्र की शक्तियां
- अधिसूचित आपदा क्या है?
- NDRF के कार्य
- तरल ऑक्सीजन और इसके उपयोग के बारे में।
मेंस लिंक:
क्या आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005, देश के मुख्य आपदा प्रबंधन कानून के अनुकूल नहीं है? वर्तमान स्थिति में एक महामारी कानून की आवश्यकता का विश्लेषण कीजिए।1. डीएम एक्ट क्या है?
स्रोत: द हिंदू
प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य
बैंक के एमडी, सीईओ, निदेशक पदों के लिए 70 वर्ष की आयु सीमा
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा, निजी क्षेत्र के बैंकों में प्रबंध निदेशक (MD), मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और पूर्णकालिक निदेशक (WTD) पदों पर अधिकतम कार्यकाल 15 वर्ष तक तथा इन अधिकारियों के लिए अधिकतम आयु 70 वर्ष निर्धारित की गई है।
- बैंक में अध्यक्ष और गैर-कार्यकारी निदेशकों के लिए अधिकतम आयु सीमा 75 वर्ष निर्धारित की गई है।
भारत, हेलीकाप्टरों के लिए सिंगल क्रिस्टल घटकों का निर्माण करने में सक्षम देशों में शामिल
- हाल ही में, DRDO द्वारा सिंगल क्रिस्टल ब्लेड तकनीक विकसित की गई है और इसके द्वारा, हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड (HAL) के लिए, स्वदेशी हेलीकॉप्टर विकास कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, 60 ब्लेडों की आपूर्ति भी की जा चुकी है।
- इसके साथ ही, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस सहित, हेलीकॉप्टर इंजन में प्रयुक्त होने वाले सिंगल क्रिस्टल (single crystal- SX) घटकों का निर्माण करने की क्षमता रखने वाले देशों की श्रेणी शामिल हो गया है।
- सिंगल-क्रिस्टल, या मोनोक्रिस्टलाइन, ठोस एक ऐसा पदार्थ होता है, जिसमें पूरे नमूने का क्रिस्टल जालक अविच्छिन्न होता है, और इसके किनारों पर कोई जोड़ नहीं होते है।
चर्चित स्थल: साहेल
- पूर्व फ्रांसीसी उपनिवेश, चाड वर्तमान में समूचे साहेल (Sahel) क्षेत्र में इस्लामिक आतंकवादियों से लड़ने हेतु पश्चिमी जगत की प्रमुख चौकी बन चुकी है। साहेल क्षेत्र में अभी भी फ्रांस की मजबूत सैन्य उपस्थिति है।
- साहेल, अफ्रीका के उत्तर में सहारा और दक्षिण में सूडान सवाना के बीच संक्रमण का पारिस्थितिक और बायोग्राफिकल क्षेत्र है।
- यहाँ की जलवायु अर्ध-शुष्क है और यह क्षेत्र अटलांटिक महासागर और लाल सागर के बीच उत्तरी अफ्रीका के दक्षिण-मध्य अक्षांशों में विस्तृत है।
- अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में उत्तरी सेनेगल, दक्षिणी मॉरिटानिया, मध्य माली, उत्तरी बुर्किना फासो, अल्जीरिया का दक्षिणी भाग, नाइजर, नाइजीरिया का उत्तरी भाग, कैमरून का उत्तरी भाग और मध्य अफ्रीकी गणराज्य, मध्य चाड, मध्य और दक्षिणी सूडान, दक्षिण सूडान का सबसे उत्तरी भाग, इरिट्रिया और इथियोपिया का उत्तरी भाग शामिल हैं।
कोवलून प्रायद्वीप
(KOWLOON PENINSULA)
हांगकांग, पश्चिमी कोवलून प्रायद्वीप पर, चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा कार्यालय को शहर में अपना स्थायी बेस बनाने के लिए जगह देने के लिए तैयार है।
कोवलून प्रायद्वीप, हांगकांग के अधिकार-क्षेत्र में आने वाले मुख्य भू-भाग के दक्षिणी क्षेत्र में, विक्टोरिया हार्बर के किनारे अवस्थित प्रायद्वीप है।
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