How to Follow Secure Initiative?
How to Self-evaluate your answer?
INSIGHTS NEW SECURE – 2020: YEARLONG TIMETABLE
सामान्य अध्ययन– I
विषय: गरीबी एवं विकासात्मक मुद्दे।
1. महामारी के भयावह प्रभावों एवं भारत के आगे बढ़ने की राह पर विश्लेषण प्रस्तुत कीजिए। क्या भारत गरीबी के लिए एक वैक्सीन का निर्माण कर सकता है? समझाइए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: Times of India.
निर्देशक शब्द:
विश्लेषण कीजिए– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।
समझाइये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न से संबंधित सूचना अथवा जानकारी को सरल भाषा में प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
प्रश्न की संक्षिप्त पृष्ठभूमि प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
उत्तर के मुख्य भाग में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए:
- महामारी के भयावह प्रभावों के बारे में विस्तार से चर्चा कीजिए।
- इस समस्या के समाधान के लिए समाधान बताइए।
निष्कर्ष:
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: सा.अ.1– सामाजिक सशक्तिकरण।
सा.अ.2– स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
2. सामाजिक-आर्थिक स्थिति और महिलाओं की शैक्षणिक पृष्ठभूमि जीवन प्रत्याशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: Down to Earth.
निर्देशक शब्द:
विश्लेषण कीजिए– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
जीवन प्रत्याशा को परिभाषित कीजिए एवं उससे सम्बंधित कुछ प्रमुख तथ्यों पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
जीवन प्रत्याशा की घटती प्रवृत्ति के अंतर्निहित कारणों पर चर्चा कीजिए।
जीवन प्रत्याशा को बेहतर बनाने में महिलाएं सशक्त भूमिका कैसे निभा सकती हैं? समझाइए।
उनकी सामाजिक-आर्थिक एवं शैक्षणिक पृष्ठभूमि प्रमुख कारक कैसे सिद्ध हो सकती हैं? चर्चा कीजिए।
निष्कर्ष:
निष्कर्ष निकालिए कि स्वास्थ्य सेवा, बेहतर जीवन स्तर, बेहतर पोषण और बेहतर जल और स्वच्छता सुविधाओं के साथ संयुक्त महिला सशक्तिकरण के लिए सरकारी हस्तक्षेप से सभी उम्र में मृत्यु दर में कमी आएगी।
सामान्य अध्ययन– II
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
3. शरणार्थी संकट के पश्चात् म्यांमार में जुंटा की तबाही ने भारत में शरणार्थी सुरक्षा नीतियों और ढांचे की खामियों पर बहस को वापस ला दिया है। टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: The Hindu
निर्देशक शब्द:
टिप्पणी कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
प्रश्न की संक्षिप्त पृष्ठभूमि प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
हालाँकि अवैध प्रवास का मुद्दा किसी भी देश के सामाजिक-राजनीतिक ताने-बाने के लिए खतरा है और इसके कुछ संभावित सुरक्षा निहितार्थ भी हैं, लेकिन उत्पीड़न से बचकर भागे शरणार्थियों के साथ न्याय करने की भी आवश्यकता है।
शरणार्थियों से सम्बंधित मुद्दों से निपटने के लिए भारतीय ढांचे में उपस्थित मुद्दों पर प्रकाश डालिए।
इसके समाधान के लिए क्या किया जाना चाहिए? सुझाव दीजिए।
निष्कर्ष:
प्रवासियों के लिए एक सशक्त घरेलू कानूनों की तत्काल आवश्यकता पर बल देते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– III
विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।
4. हरित बॉन्ड क्या हैं? ये देश में पर्यावरण के अनुकूल निवेश के लिए एक प्रवेश द्वार कैसे सिद्ध हो सकते हैं? इसके गुण एवं अवगुणों पर चर्चा कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: Financial Express
निर्देशक शब्द:
चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
हरित बॉन्ड को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
इसकी प्रमुख विशेषताओं पर चर्चा कीजिए।
इसके महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
इसके गुणों एवं अवगुणों पर चर्चा कीजिए।
निष्कर्ष:
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।
5. भारत में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र को राहत प्रदान करने के लिए भारतीय दिवाला एवं शोधन अक्षमता कोड (IBC) संशोधन अध्यादेश 2021 की विशेषताओं का विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: Live Mint
निर्देशक शब्द:
विश्लेषण कीजिए– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
तनावग्रस्त सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए एक त्वरित एवं मूल्यों में वृद्धि करने वाले परिणाम प्रदान करने की मांग करते हुए सरकार ने भारतीय दिवाला एवं शोधन अक्षमता कोड (IBC) कानून में संशोधन करके ऐसे उद्यमों के लिए प्री-पैकेज्ड रिज़ॉल्यूशन प्रक्रिया प्रारम्भ की है।
विषय वस्तु:
समझाइए कि कोरोना वायरस महामारी से अनेक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रभावित हुए हैं और विशेषज्ञों का मानना है कि नवीनतम संशोधन, जो कुछ IBC प्रावधानों के समाप्त होने के दो सप्ताह से भी कम समय पश्चात् आया है, एक स्वागत योग्य कदम है।
संशोधन के माध्यम से शामिल किए गए प्रावधानों का विस्तार से विश्लेषण कीजिए। इसके गुणों एवं अवगुणों की व्याख्या कीजिए।
निष्कर्ष:
इसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– IV
विषय: लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; उत्तरदायित्व तथा नैतिक शासन, शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण; अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कॉरपोरेट शासन व्यवस्था।
6. सार्वजनिक प्रशासकों पर बड़ी नैतिक जिम्मेदारी होती है क्योंकि वे अधिकारों के पदों पर आसीन होते हैं, भारी मात्रा में सार्वजनिक धन को संभालते हैं, एवं उनके निर्णयों का समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। ऐसी जिम्मेदारी को संभालने के लिए आपने अपनी नैतिक क्षमता में सुधार के लिए क्या कदम उठाए हैं? चर्चा कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभिवृत्ति: लेक्सिकन प्रकाशन
निर्देशक शब्द:
चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
नैतिक क्षमता को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
समझाइए कि लोक सेवकों को महत्वपूर्ण एवं कठिन प्रशासनिक कार्य करने होते हैं। कभी-कभी उन्हें अन्य अधिकारियों और टीम के सदस्यों को जिम्मेदारियां सौंपने की भी आवश्यकता होती है। उन्हें भारी धनराशि का प्रबंधन करना होता है और जनता और राजनीतिक नेताओं के दृष्टिकोण को सुनना होता है।
नैतिक क्षमता को विकसित करने के लिए आवश्यक चरणों का सुझाव दीजिए। सुझाव के तरीकों पर भी प्रकाश डालिए।
निष्कर्ष:
इसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंधः मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्त्व, इसके निर्धारक और परिणाम; नीतिशास्त्र के आयाम; निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र, मानवीय मूल्य- महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा; मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका।
7. “मनुष्य के रूप में, हमारी महानता विश्व का पुनर्निर्माण करने में सक्षमता में निहित नहीं है- यह परमाणु युग का मिथक है- क्योंकि इसे स्वयं का पुनर्निर्माण करने में सक्षम होना है” – महात्मा गांधी। नैतिक दृष्टिकोण से टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभिवृत्ति: लेक्सिकन प्रकाशन
निर्देशक शब्द:
टिप्पणी कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
प्रश्न में उल्लिखित कथन का संक्षिप्त अर्थ समझाते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
समझाइए कि कथन बताता है कि हम मानव के रूप में तकनीकी क्षमताओं या रक्षा क्षमताओं में प्रगति के कारण महान नहीं हैं बल्कि यह समाज की बेहतरी के उद्देश्य से स्वयं का पुनर्निर्माण करने की क्षमता में निहित है।
उदाहरणों के साथ, कथन का अर्थ विस्तार से समझाइए।
स्वयं का पुनर्निर्माण करने के लिए कुछ आवश्यक उपाय सुझाइए।
निष्कर्ष:
निष्कर्ष निकालिए कि महात्मा गांधी ने न केवल अपने आप में भय, लालच और हिंसा को बदल दिया, बल्कि भारत के सैकड़ों सामान्य पुरुषों, महिलाओं और यहां तक कि बच्चों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित किया।
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