HINDI - INSIGHTS CURRENT EVENTS QUIZ 2020
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Welcome to Current Affairs Quiz in HINDI Medium. Hope you are happy with our Hindi Current Affairs. The following Quiz is based on the Hindu, PIB and other news sources. It is a current events based quiz. Solving these questions will help retain both concepts and facts relevant to UPSC IAS civil services exam – 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
1 pointsराष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इसे सिविल न्यायालय की सभी शक्तियाँ प्राप्त[ हैं।
- यह महिलाओं के उत्पीड़न के मामलों की सुनवाई कर सकता है और उचित दंड का आदेश दे सकता है।
- यह महिलाओं के लिए संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा उपायों की समीक्षा कर सकता है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: c)
राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women: NCW) भारतीय संसद द्वारा 1990 में पारित अधिनियम के तहत 10 जनवरी 1992 में गठित एक सांविधिक निकाय है। यह कार्यों को निष्पादित करता है:
महिलाओं के लिए संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा उपायों की समीक्षा करना;
उपचारात्मक विधायी उपायों की सिफारिश करना;
शिकायतों के निवारण की सुविधा प्रदान करना और
महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देना।
यह एक सलाहकार निकाय है, न की न्यायालय। यह शिकायतों की सुनवाई कर सकता है लेकिन केवल कार्रवाई की सिफारिश कर सकता है, न कि दंड का आदेश दे सकता है।
Incorrect
उत्तर: c)
राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women: NCW) भारतीय संसद द्वारा 1990 में पारित अधिनियम के तहत 10 जनवरी 1992 में गठित एक सांविधिक निकाय है। यह कार्यों को निष्पादित करता है:
महिलाओं के लिए संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा उपायों की समीक्षा करना;
उपचारात्मक विधायी उपायों की सिफारिश करना;
शिकायतों के निवारण की सुविधा प्रदान करना और
महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देना।
यह एक सलाहकार निकाय है, न की न्यायालय। यह शिकायतों की सुनवाई कर सकता है लेकिन केवल कार्रवाई की सिफारिश कर सकता है, न कि दंड का आदेश दे सकता है।
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Question 2 of 5
2. Question
1 pointsस्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) [SBM (G)] के द्वितीय चरण के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- यह खुले में शौच मुक्त प्लस (ODF Plus) पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें ODF की निरंतरता और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (SLWM) शामिल है।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी लोग शौचालय का उपयोग करें।
- कार्यक्रम को केंद्र से 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता के साथ लागू किया जाएगा।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2024-25 तक स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) [SBM (G)] के द्वितीय चरण को मंजूरी दे दी थी, जो खुले में शौच मुक्त प्लस (ODF Plus) पर केंद्रित होगा, जिसमें ODF की निरंतरता और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (SLWM) शामिल है। कार्यक्रम यह सुनिश्चित करने की दिशा में भी काम करेगा कि सभी लोग शौचालय का उपयोग करें।
SBM (G) चरण- II भी 2020-21 से 2024-25 तक लागू किया जाएगा।
केंद्र और राज्यों के बीच फंड शेयरिंग पैटर्न पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयी राज्यों और जम्मू-कश्मीर UT के लिए 90:10 होगा; अन्य राज्यों के लिए 60:40 और अन्य संघ शासित प्रदेशों 100: 0 होगा।
Incorrect
उत्तर: b)
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2024-25 तक स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) [SBM (G)] के द्वितीय चरण को मंजूरी दे दी थी, जो खुले में शौच मुक्त प्लस (ODF Plus) पर केंद्रित होगा, जिसमें ODF की निरंतरता और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (SLWM) शामिल है। कार्यक्रम यह सुनिश्चित करने की दिशा में भी काम करेगा कि सभी लोग शौचालय का उपयोग करें।
SBM (G) चरण- II भी 2020-21 से 2024-25 तक लागू किया जाएगा।
केंद्र और राज्यों के बीच फंड शेयरिंग पैटर्न पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयी राज्यों और जम्मू-कश्मीर UT के लिए 90:10 होगा; अन्य राज्यों के लिए 60:40 और अन्य संघ शासित प्रदेशों 100: 0 होगा।
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Question 3 of 5
3. Question
1 pointsहिंद महासागर में सूक्ष्मजीवों के जीनोम मैपिंग (genome mapping) के लिए नमूने एकत्र करने के लिए एक अनुसंधान परियोजना को शुरू किया गया है। समुद्र में जीनोम मैपिंग से मदद मिलेगी:
- हिंद महासागर के पारिस्थितिकी तंत्र की आंतरिक क्रियाप्रणाली को समझना।
- महासागरों में सूक्ष्मजीवों के आरएनए और डीएनए में परिवर्तन को नियंत्रित करने वाले कारकों की पहचान करना।
- समुद्र में नाइट्रेट्स, सल्फेट्स और सिलिकेट्स जैसे विभिन्न सूक्ष्म पोषक तत्वों के प्रति सूक्ष्मजीवों के अनुकूलन को समझना।
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correct
उत्तर: d)
समुद्र में जीनोम मैपिंग से वैज्ञानिक क्या सीखेंगे?
इससे वैज्ञानिकों को हिंद महासागर के पारिस्थितिकी तंत्र की आंतरिक क्रियाप्रणाली को समझने में मदद मिलेगी। अनुसंधान वैज्ञानिकों को महासागरों में डीएनए, आरएनए में परिवर्तन को नियंत्रित करने वाले कारकों और उन्हें प्रभावित करने वाले विभिन्न तनावों की पहचान करने में सक्षम करेगा। समुद्र में कई सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे नाइट्रेट, सल्फेट्स और सिलिकेट्स, लौह अयस्क और जस्ता जैसे खनिज और कैडमियम या तांबे जैसी धातुएं मौजूद हैं। जीनोम मैपिंग वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड के प्रति उनकी प्रतिक्रिया के अलावा, इन सूक्ष्मजीवों की उपस्थिति को भी प्रदर्शित करेगा। इससे यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि समुद्र के किस हिस्से में किस खनिज या तत्व की अधिक सांद्रता मौजूद है।
महासागर जीनोम की खोज वाणिज्यिक जैव प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों, जो कई एंटीकैंसर उपचारों से लेकर सौंदर्य प्रसाधन और औद्योगिक एंजाइमों, एंटीवायरल अणुओं आदि की खोज करने में सक्षम बनाएगा। एक आनुवंशिक स्तर पर महासागर की खोज के परिणामस्वरूप वर्गीकरण और अनुकूली क्षमता में नई अंतर्दृष्टि प्राप्त हो सकेगी, जो संरक्षण प्रयासों को अनुकूलित करने में मदद कर सकती है।
Incorrect
उत्तर: d)
समुद्र में जीनोम मैपिंग से वैज्ञानिक क्या सीखेंगे?
इससे वैज्ञानिकों को हिंद महासागर के पारिस्थितिकी तंत्र की आंतरिक क्रियाप्रणाली को समझने में मदद मिलेगी। अनुसंधान वैज्ञानिकों को महासागरों में डीएनए, आरएनए में परिवर्तन को नियंत्रित करने वाले कारकों और उन्हें प्रभावित करने वाले विभिन्न तनावों की पहचान करने में सक्षम करेगा। समुद्र में कई सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे नाइट्रेट, सल्फेट्स और सिलिकेट्स, लौह अयस्क और जस्ता जैसे खनिज और कैडमियम या तांबे जैसी धातुएं मौजूद हैं। जीनोम मैपिंग वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड के प्रति उनकी प्रतिक्रिया के अलावा, इन सूक्ष्मजीवों की उपस्थिति को भी प्रदर्शित करेगा। इससे यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि समुद्र के किस हिस्से में किस खनिज या तत्व की अधिक सांद्रता मौजूद है।
महासागर जीनोम की खोज वाणिज्यिक जैव प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों, जो कई एंटीकैंसर उपचारों से लेकर सौंदर्य प्रसाधन और औद्योगिक एंजाइमों, एंटीवायरल अणुओं आदि की खोज करने में सक्षम बनाएगा। एक आनुवंशिक स्तर पर महासागर की खोज के परिणामस्वरूप वर्गीकरण और अनुकूली क्षमता में नई अंतर्दृष्टि प्राप्त हो सकेगी, जो संरक्षण प्रयासों को अनुकूलित करने में मदद कर सकती है।
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Question 4 of 5
4. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- दजला नदी तुर्की और इराक से होकर बहती है।
- मेकांग नदी अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों से होकर बहती है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: a)
दजला (टिगरिस) नदी दो महान नदियों (दूसरी फ़रात नदी है) का हिस्सा है जो मेसोपोटामिया से प्रवाहित होती थी। नदी दक्षिण-पूर्वी तुर्की के पहाड़ों से इराक के से होकर बहती है और फारस की खाड़ी में गिरती है।
मेकांग दक्षिण पूर्व एशिया की एक सीमापारीय नदी है। तिब्बती पठार से यह नदी चीन के युन्नान प्रांत, म्यांमार, लाओस, थाईलैंड, कंबोडिया और वियतनाम से होकर बहती है।
Incorrect
उत्तर: a)
दजला (टिगरिस) नदी दो महान नदियों (दूसरी फ़रात नदी है) का हिस्सा है जो मेसोपोटामिया से प्रवाहित होती थी। नदी दक्षिण-पूर्वी तुर्की के पहाड़ों से इराक के से होकर बहती है और फारस की खाड़ी में गिरती है।
मेकांग दक्षिण पूर्व एशिया की एक सीमापारीय नदी है। तिब्बती पठार से यह नदी चीन के युन्नान प्रांत, म्यांमार, लाओस, थाईलैंड, कंबोडिया और वियतनाम से होकर बहती है।
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Question 5 of 5
5. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सी पद्धतियाँ कृषि से उत्सर्जन को कम कर सकती हैं?
- धान के खेत को वैकल्पिक रूप से आर्द्र और शुष्क रखना।
- दूध और मांस उत्पादन की उत्पादकता बढ़ाना।
- जैविक कृषि।
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correct
उत्तर: d)
ऐसी कई प्रथाएं हैं जो कृषि से उत्सर्जन को कम कर सकती हैं। धान के खेत को वैकल्पिक रूप से आर्द्र और शुष्क रखना। “सिंचाई की आवृत्ति को कम करना (खेतों को समय-समय पर आर्द्र बनाना), जल से पूरित चावल के उत्पादन से मीथेन उत्सर्जन को आधा करना।
एक अन्य तरीका है दूध और मांस उत्पादन की उत्पादकता को बढ़ाना।
जैविक कृषि में उपयोग की जाने वाली कई प्रथाएं जलवायु स्मार्ट होती हैं। जैविक कृषि प्राकृतिक पोषक चक्रण को बढ़ाती है और मृदा में कार्बनिक पदार्थों का निर्माण करती है, जो जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलेपन का समर्थन करती है और मृदा में कार्बन के प्रच्छादन को बढ़ावा देती है।
Incorrect
उत्तर: d)
ऐसी कई प्रथाएं हैं जो कृषि से उत्सर्जन को कम कर सकती हैं। धान के खेत को वैकल्पिक रूप से आर्द्र और शुष्क रखना। “सिंचाई की आवृत्ति को कम करना (खेतों को समय-समय पर आर्द्र बनाना), जल से पूरित चावल के उत्पादन से मीथेन उत्सर्जन को आधा करना।
एक अन्य तरीका है दूध और मांस उत्पादन की उत्पादकता को बढ़ाना।
जैविक कृषि में उपयोग की जाने वाली कई प्रथाएं जलवायु स्मार्ट होती हैं। जैविक कृषि प्राकृतिक पोषक चक्रण को बढ़ाती है और मृदा में कार्बनिक पदार्थों का निर्माण करती है, जो जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलेपन का समर्थन करती है और मृदा में कार्बन के प्रच्छादन को बढ़ावा देती है।
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