HINDI INSIGHTS STATIC QUIZ 2020-2021
Quiz-summary
0 of 5 questions completed
Questions:
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
Information
Welcome to Insights IAS Static Quiz in HINDI. We have already outlined details of this New Initiative HERE.
You have already completed the quiz before. Hence you can not start it again.
Quiz is loading...
You must sign in or sign up to start the quiz.
You have to finish following quiz, to start this quiz:
Results
0 of 5 questions answered correctly
Your time:
Time has elapsed
You have reached 0 of 0 points, (0)
Categories
- Not categorized 0%
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
- Answered
- Review
-
Question 1 of 5
1. Question
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- भारत दुनिया में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है।
- हालांकि खरीफ और रबी दोनों मौसमों में दालों को उगाया जाता है, लेकिन खरीफ में उत्पादित दालों का कुल उत्पादन में 60 प्रतिशत से अधिक का योगदान है।
- भारत में दालों के कुल उत्पादन में चने की सर्वाधिक हिस्सेदारी है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: c)
भारत, दुनिया में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है और वैश्विक उत्पादन में लगभग 24 प्रतिशत का योगदान है।
पिछले पांच-छह साल में ही, भारत में दलहन उत्पादकता, 140 लाख टन से बढ़कर 240 लाख टन से अधिक हो गई है।
वर्ष 2019-20 में, भारत में 15 मिलियन टन दलहन उत्पादन हुआ, जो विश्व के कुल दलहन उत्पादन का 23.62% है।
कुल उत्पादन में लगभग 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी में चना सबसे प्रमुख दाल है, इसके बाद तुअर / अरहर 15 से 20 प्रतिशत और उड़द और मूंग प्रत्येक की 8-10 प्रतिशत हिस्सेदारी है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक शीर्ष पांच दलहन उत्पादक राज्य हैं।
हालांकि दालों को खरीफ और रबी दोनों मौसमों में उगाया जाता है, लेकिन रबी दालों का कुल उत्पादन में 60 प्रतिशत से अधिक का योगदान है।
Incorrect
उत्तर: c)
भारत, दुनिया में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है और वैश्विक उत्पादन में लगभग 24 प्रतिशत का योगदान है।
पिछले पांच-छह साल में ही, भारत में दलहन उत्पादकता, 140 लाख टन से बढ़कर 240 लाख टन से अधिक हो गई है।
वर्ष 2019-20 में, भारत में 15 मिलियन टन दलहन उत्पादन हुआ, जो विश्व के कुल दलहन उत्पादन का 23.62% है।
कुल उत्पादन में लगभग 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी में चना सबसे प्रमुख दाल है, इसके बाद तुअर / अरहर 15 से 20 प्रतिशत और उड़द और मूंग प्रत्येक की 8-10 प्रतिशत हिस्सेदारी है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक शीर्ष पांच दलहन उत्पादक राज्य हैं।
हालांकि दालों को खरीफ और रबी दोनों मौसमों में उगाया जाता है, लेकिन रबी दालों का कुल उत्पादन में 60 प्रतिशत से अधिक का योगदान है।
-
Question 2 of 5
2. Question
शून्य बजट प्राकृतिक खेती (Zero budget natural farming : ZBNF) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- शून्य बजट प्राकृतिक खेती (ZBNF) पारंपरिक भारतीय कृषि पद्धतियों से रासायनिक मुक्त कृषि की एक विधि है।
- ZBNF विधि में गहन सिंचाई और गहन जुताई का उपयोग किया जाता है।
- ZBNF विधि मिट्टी के वातन, अंतर फसली, बंड्स और शीर्ष मृदा मल्चिंग को बढ़ावा देती है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: c)
शून्य बजट प्राकृतिक खेती (ZBNF) पारंपरिक भारतीय कृषि पद्धतियों से रासायनिक मुक्त कृषि की एक विधि है।
- इसे मूल रूप से महाराष्ट्र कृषक और पद्म श्री प्राप्तकर्ता सुभाष द्वारा प्रचारित किया गया था
पालेकर, जिन्होंने इसे 1990 के मध्य में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों और गहन सिंचाई द्वारा संचालित हरित क्रांति के तरीकों के विकल्प के रूप में विकसित किया था।
- ZBNF विधि मृदा वातन, न्यूनतम जल, अंतर फसली, बंड्स और शीर्ष मृदा मल्चिंग को भी बढ़ावा देती है और गहन सिंचाई और गहन जुताई में कमी करती है।
Incorrect
उत्तर: c)
शून्य बजट प्राकृतिक खेती (ZBNF) पारंपरिक भारतीय कृषि पद्धतियों से रासायनिक मुक्त कृषि की एक विधि है।
- इसे मूल रूप से महाराष्ट्र कृषक और पद्म श्री प्राप्तकर्ता सुभाष द्वारा प्रचारित किया गया था
पालेकर, जिन्होंने इसे 1990 के मध्य में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों और गहन सिंचाई द्वारा संचालित हरित क्रांति के तरीकों के विकल्प के रूप में विकसित किया था।
- ZBNF विधि मृदा वातन, न्यूनतम जल, अंतर फसली, बंड्स और शीर्ष मृदा मल्चिंग को भी बढ़ावा देती है और गहन सिंचाई और गहन जुताई में कमी करती है।
-
Question 3 of 5
3. Question
संरक्षण कृषि (Conservation Agriculture: CA) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- संरक्षण कृषि (CA) एक कृषि प्रणाली है जो निम्नीकृत भूमि का पुनरुद्धार करते हुए कृषि योग्य भूमि के हानि को रोक सकती है।
- एग्रोकेमिकल्स जैसे बाहरी आगतों का उपयोग नहीं किया जाता है ताकि जैविक प्रक्रियाएं बाधित न हो।
- इसमें फसल-पशुधन एकीकरण और पेड़ों तथा चरागाहों का कृषि परिदृश्य में एकीकरण शामिल है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correct
उत्तर: b)
संरक्षण कृषि (CA) एक कृषि प्रणाली है जो निम्नीकृत भूमि का पुनरुद्धार करते हुए कृषि योग्य भूमि के हानि को रोक सकती है। यह एक स्थायी मिट्टी के आवरण, न्यूनतम मिट्टी की हानि और पौधों की प्रजातियों के विविधीकरण के रखरखाव को बढ़ावा देती है। यह जमीन की सतह के ऊपर और नीचे जैव विविधता और प्राकृतिक जैविक प्रक्रियाओं को बढ़ावा देती है, जो जल और पोषक तत्वों की उपयोग क्षमता में वृद्धि और फसल उत्पादन में सुधार और निरंतरता में योगदान देती हैं।
CA सिद्धांत सभी कृषि परिदृश्यों के लिए सार्वभौमिक रूप से लागू होते हैं और स्थानीय रूप से अनुकूलित प्रथाओं के साथ भूमि का उपयोग करते हैं। मृदा हानि जैसे कि यांत्रिक मिट्टी हानि को पूर्ण रूप से कम कर दिया जाता है, और बाहरी आगतों जैसे कि एग्रोकेमिकल्स और खनिज या कार्बनिक मूल के पोषक तत्वों का अनुकूलतम उपयोग किया जाता है और इस प्रकार जैविक प्रक्रियाओं बाधित नहीं किया जाता है।
गुणवत्ता बीज, और एकीकृत कीट, पोषक तत्व, खरपतवार और जल प्रबंधन आदि के उपयोग सहित अन्य ज्ञात बेहतर प्रथाओं का पूरक, CA संधारणीय कृषि उत्पादन का आधार है। यह उत्पादन क्षेत्रों के एकीकरण के लिए विकल्प को बढ़ावा देती है, जैसे कि फसल-पशुधन एकीकरण और पेड़ों और चरागाहों का कृषि परिदृश्य में एकीकरण।
Incorrect
उत्तर: b)
संरक्षण कृषि (CA) एक कृषि प्रणाली है जो निम्नीकृत भूमि का पुनरुद्धार करते हुए कृषि योग्य भूमि के हानि को रोक सकती है। यह एक स्थायी मिट्टी के आवरण, न्यूनतम मिट्टी की हानि और पौधों की प्रजातियों के विविधीकरण के रखरखाव को बढ़ावा देती है। यह जमीन की सतह के ऊपर और नीचे जैव विविधता और प्राकृतिक जैविक प्रक्रियाओं को बढ़ावा देती है, जो जल और पोषक तत्वों की उपयोग क्षमता में वृद्धि और फसल उत्पादन में सुधार और निरंतरता में योगदान देती हैं।
CA सिद्धांत सभी कृषि परिदृश्यों के लिए सार्वभौमिक रूप से लागू होते हैं और स्थानीय रूप से अनुकूलित प्रथाओं के साथ भूमि का उपयोग करते हैं। मृदा हानि जैसे कि यांत्रिक मिट्टी हानि को पूर्ण रूप से कम कर दिया जाता है, और बाहरी आगतों जैसे कि एग्रोकेमिकल्स और खनिज या कार्बनिक मूल के पोषक तत्वों का अनुकूलतम उपयोग किया जाता है और इस प्रकार जैविक प्रक्रियाओं बाधित नहीं किया जाता है।
गुणवत्ता बीज, और एकीकृत कीट, पोषक तत्व, खरपतवार और जल प्रबंधन आदि के उपयोग सहित अन्य ज्ञात बेहतर प्रथाओं का पूरक, CA संधारणीय कृषि उत्पादन का आधार है। यह उत्पादन क्षेत्रों के एकीकरण के लिए विकल्प को बढ़ावा देती है, जैसे कि फसल-पशुधन एकीकरण और पेड़ों और चरागाहों का कृषि परिदृश्य में एकीकरण।
-
Question 4 of 5
4. Question
भारत में कृषि के निम्नलिखित क्षेत्रों में से किस में परमाणु विज्ञान का उपयोग किया जा रहा है?
- अधिक उपज वाले फसल बीजों का विकास
- उर्वरक और कीटनाशक संबंधित अध्ययन
- खाद्य पदार्थों का विकिरण प्रसंस्करण
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correct
उत्तर: d)
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) का परमाणु कृषि कार्यक्रम परमाणु तकनीकों, उर्वरक और कीटनाशक से संबंधित अध्ययनों, खाद्य पदार्थों के विकिरण प्रसंस्करण और अन्य क्षेत्रों का उपयोग करके उच्च उपज वाले फसल बीजों के विकास को बढ़ावा दे रहा है।
Incorrect
उत्तर: d)
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) का परमाणु कृषि कार्यक्रम परमाणु तकनीकों, उर्वरक और कीटनाशक से संबंधित अध्ययनों, खाद्य पदार्थों के विकिरण प्रसंस्करण और अन्य क्षेत्रों का उपयोग करके उच्च उपज वाले फसल बीजों के विकास को बढ़ावा दे रहा है।
-
Question 5 of 5
5. Question
भारत में गेहूं की खेती के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- गेहूं को उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाया जा सकता है और यह अत्यधिक ठंड और बर्फ को सहन नहीं कर सकता है।
- चिकनी दोमट या दोमट संरचना और मध्यम जल धारण क्षमता वाली मिट्टी गेहूं की खेती के लिए आदर्श होती है।
- पंजाब भारत का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक राज्य है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: a)
भारत में गेहूं मुख्य अनाज फसल है।
गेहूं की फसल में व्यापक अनुकूलन क्षमता है। इसे न केवल उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाया जा सकता है, बल्कि समशीतोष्ण क्षेत्र और सुदूर उत्तर के ठंडे इलाकों में, यहां तक कि 60 डिग्री उत्तर अक्षांशों में भी उगाया जा सकता है। गेहूं अत्यधिक ठंड और बर्फ को सहन कर सकता है और वसंत ऋतु में गर्म मौसम में वृद्धि कर सकता है। इसकी खेती समुद्र तल से 3300 मीटर की ऊँचाई तक की जा सकती है।
सबसे अच्छा गेहूं, ऐसे अनुकूल क्षेत्रों में उत्पादित किया जाता है जहाँ वृद्धि काल में शीत, नम मौसम मौसम और इसके बाद शुष्क, गर्म मौसम होना चाहिए ताकि यह ठीक से पक सके।
गेहूं भारत की विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जाता है। चिकनी दोमट या दोमट संरचना और मध्यम जल धारण क्षमता वाली मिट्टी गेहूं की खेती के लिए आदर्श होती है।
उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक राज्य है, इसके बाद पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश हैं।
Incorrect
उत्तर: a)
भारत में गेहूं मुख्य अनाज फसल है।
गेहूं की फसल में व्यापक अनुकूलन क्षमता है। इसे न केवल उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाया जा सकता है, बल्कि समशीतोष्ण क्षेत्र और सुदूर उत्तर के ठंडे इलाकों में, यहां तक कि 60 डिग्री उत्तर अक्षांशों में भी उगाया जा सकता है। गेहूं अत्यधिक ठंड और बर्फ को सहन कर सकता है और वसंत ऋतु में गर्म मौसम में वृद्धि कर सकता है। इसकी खेती समुद्र तल से 3300 मीटर की ऊँचाई तक की जा सकती है।
सबसे अच्छा गेहूं, ऐसे अनुकूल क्षेत्रों में उत्पादित किया जाता है जहाँ वृद्धि काल में शीत, नम मौसम मौसम और इसके बाद शुष्क, गर्म मौसम होना चाहिए ताकि यह ठीक से पक सके।
गेहूं भारत की विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जाता है। चिकनी दोमट या दोमट संरचना और मध्यम जल धारण क्षमता वाली मिट्टी गेहूं की खेती के लिए आदर्श होती है।
उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक राज्य है, इसके बाद पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश हैं।