HINDI - INSIGHTS CURRENT EVENTS QUIZ 2020
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Welcome to Current Affairs Quiz in HINDI Medium. Hope you are happy with our Hindi Current Affairs. The following Quiz is based on the Hindu, PIB and other news sources. It is a current events based quiz. Solving these questions will help retain both concepts and facts relevant to UPSC IAS civil services exam – 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
1 pointsभारत में सरकारी बॉन्ड (Government Bond) का प्रतिफल विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है। इसमें शामिल हैं:
- अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति और ब्याज दरें
- सॉवरेन रेटिंग
- सरकारी उधारी
- वैश्विक तरलता
- भूराजनीतिक घटनाक्रम
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correct
उत्तर: c)
बॉन्ड का प्रतिफल विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है और निवेशकों को निवेश करते समय घरेलू और वैश्विक विकासक्रम दोनों पर नजर रखनी होती है। यदि अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति और ब्याज दर प्रमुख कारक हैं जो प्रतिफल का निर्धारण करते हैं, तो यह आर्थिक विकास, संप्रभु रेटिंग, मुद्रा आपूर्ति, सरकारी उधार, वैश्विक तरलता और भू-राजनीतिक विकास जैसे कई अन्य कारकों से प्रभावित होता है।
Incorrect
उत्तर: c)
बॉन्ड का प्रतिफल विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है और निवेशकों को निवेश करते समय घरेलू और वैश्विक विकासक्रम दोनों पर नजर रखनी होती है। यदि अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति और ब्याज दर प्रमुख कारक हैं जो प्रतिफल का निर्धारण करते हैं, तो यह आर्थिक विकास, संप्रभु रेटिंग, मुद्रा आपूर्ति, सरकारी उधार, वैश्विक तरलता और भू-राजनीतिक विकास जैसे कई अन्य कारकों से प्रभावित होता है।
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Question 2 of 5
2. Question
1 pointsअसम के सत्र (Sattras) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- सत्र 16वीं शताब्दी के नव-वैष्णव सुधारवादी आंदोलन के दौरान निर्मित मठवासी संस्थान हैं, जो वैष्णव संत-सुधारक श्रीमंत शंकरदेव द्वारा शुरू किए गए थे।
- ये सत्र धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सुधारों के केंद्र के रूप में स्थापित हुए थे।
- अहोम शासनकाल के दौरान, असम भर में अधिकांश सत्र नष्ट हो गए थे।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: a)
सत्र 16वीं शताब्दी के नव-वैष्णव सुधारवादी आंदोलन के दौरान निर्मित मठवासी संस्थान हैं, जो वैष्णव संत-सुधारक श्रीमंत शंकरदेव (1449-1596) द्वारा शुरू किए गए थे। जैसा कि संत ने असम में यात्रा की, अपनी शिक्षाओं का प्रसार किया और एक समतामूलक समाज को प्रोत्साहित किया, इन सत्रों को 16वीं शताब्दी में धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सुधारों के केंद्र के रूप में स्थापित किया गया था। वतर्मान में, सत्र राज्य भर में फैले हुए हैं, जो संगीत (बोरगीत), नृत्य (सतरीया) और रंगमंच (भौना) के द्वारा शंकरदेव की विशिष्ट “कला के माध्यम से उपासना” का प्रचार करते है।
शंकरदेव ने भक्ति के एक रूप को एक-शरण-नाम-धर्म कहा है, और जातिगत भेदभावों, रूढ़िवादी ब्राह्मणवादी अनुष्ठानों और बलिदानों से मुक्त समानता और बंधुत्व पर आधारित समाज कि स्थापना का समर्थन किया। उनकी शिक्षा मूर्ति पूजा के बजाय प्रार्थना और जप (नाम) पर पर आधारित थी। उनका धर्म देव (भगवान), नाम (प्रार्थना), भक्त (सेवक), और गुरु (शिक्षक) के चार घटकों पर आधारित था।
हालांकि, विद्वानों का तर्क है कि शंकरदेव के निधन के बाद वैष्णव आंदोलन का स्वरूप काफी बदल गया है। “उनके निधन के बाद, उनके शिष्यों के बीच वैचारिक मतभेद के कारण, सत्र चार स्वतंत्र धार्मिक भागों में विभाजित हो गया।
अहोम शासनकाल के दौरान, राजाओं से भूमि या धन के रूप में कई प्रकार के दान प्राप्त हुए।
Incorrect
उत्तर: a)
सत्र 16वीं शताब्दी के नव-वैष्णव सुधारवादी आंदोलन के दौरान निर्मित मठवासी संस्थान हैं, जो वैष्णव संत-सुधारक श्रीमंत शंकरदेव (1449-1596) द्वारा शुरू किए गए थे। जैसा कि संत ने असम में यात्रा की, अपनी शिक्षाओं का प्रसार किया और एक समतामूलक समाज को प्रोत्साहित किया, इन सत्रों को 16वीं शताब्दी में धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सुधारों के केंद्र के रूप में स्थापित किया गया था। वतर्मान में, सत्र राज्य भर में फैले हुए हैं, जो संगीत (बोरगीत), नृत्य (सतरीया) और रंगमंच (भौना) के द्वारा शंकरदेव की विशिष्ट “कला के माध्यम से उपासना” का प्रचार करते है।
शंकरदेव ने भक्ति के एक रूप को एक-शरण-नाम-धर्म कहा है, और जातिगत भेदभावों, रूढ़िवादी ब्राह्मणवादी अनुष्ठानों और बलिदानों से मुक्त समानता और बंधुत्व पर आधारित समाज कि स्थापना का समर्थन किया। उनकी शिक्षा मूर्ति पूजा के बजाय प्रार्थना और जप (नाम) पर पर आधारित थी। उनका धर्म देव (भगवान), नाम (प्रार्थना), भक्त (सेवक), और गुरु (शिक्षक) के चार घटकों पर आधारित था।
हालांकि, विद्वानों का तर्क है कि शंकरदेव के निधन के बाद वैष्णव आंदोलन का स्वरूप काफी बदल गया है। “उनके निधन के बाद, उनके शिष्यों के बीच वैचारिक मतभेद के कारण, सत्र चार स्वतंत्र धार्मिक भागों में विभाजित हो गया।
अहोम शासनकाल के दौरान, राजाओं से भूमि या धन के रूप में कई प्रकार के दान प्राप्त हुए।
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Question 3 of 5
3. Question
1 pointsतटीय विनियमन क्षेत्र (Coastal Regulation Zone: CRZ) अधिसूचना 2011 के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- CRZ अधिसूचना 2011 के अनुसार देश के तटीय क्षेत्र और अंडमान निकोबार तथा लक्षद्वीप द्वीप समूह सहित भारत के क्षेत्रीय जल, तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) के रूप में होंगें।
- इसने किसी भी उद्योग की स्थापना और विस्तार तथा तटीय विनियमन क्षेत्रों में खतरनाक पदार्थों के निर्माण या हैंडलिंग या भंडारण या निपटान गतिविधियों को प्रतिबंधित किया है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
CRZ अधिसूचना 2011 के अनुसार देश के तटीय क्षेत्र और अंडमान निकोबार तथा लक्षद्वीप द्वीप समूह को छोड़कर भारत के क्षेत्रीय जल, तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) के रूप में होंगें। इसने किसी भी उद्योग की स्थापना और विस्तार तथा तटीय विनियमन क्षेत्रों में खतरनाक पदार्थों के निर्माण या हैंडलिंग या भंडारण या निपटान गतिविधियों को प्रतिबंधित किया है।
Incorrect
उत्तर: b)
CRZ अधिसूचना 2011 के अनुसार देश के तटीय क्षेत्र और अंडमान निकोबार तथा लक्षद्वीप द्वीप समूह को छोड़कर भारत के क्षेत्रीय जल, तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) के रूप में होंगें। इसने किसी भी उद्योग की स्थापना और विस्तार तथा तटीय विनियमन क्षेत्रों में खतरनाक पदार्थों के निर्माण या हैंडलिंग या भंडारण या निपटान गतिविधियों को प्रतिबंधित किया है।
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Question 4 of 5
4. Question
1 pointsभारत में आंशिक पूंजी खाता परिवर्तनीयता है। इसका अर्थ यह है कि
- निजी विदेशी मूल्यवर्गित ऋण को निजी निर्यात आय या भारत के विदेशी मुद्रा भंडार द्वारा पूरा किया जाना चाहिए।
- भारत की ऋणात्मक संप्रभु क्रेडिट रेटिंग होगी।
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correct
उत्तर: a)
चूंकि भारत में आंशिक पूंजी खाता परिवर्तनीयता है, इसका तात्पर्य यह है कि निजी विदेशी मूल्यवर्गित ऋण को निजी निर्यात आय या भारत के विदेशी मुद्रा भंडार द्वारा पूरा किया जाना चाहिए।
पूंजी खाता परिवर्तनीयता और संप्रभु क्रेडिट रेटिंग के बीच कोई संबंध नहीं होता है।
Incorrect
उत्तर: a)
चूंकि भारत में आंशिक पूंजी खाता परिवर्तनीयता है, इसका तात्पर्य यह है कि निजी विदेशी मूल्यवर्गित ऋण को निजी निर्यात आय या भारत के विदेशी मुद्रा भंडार द्वारा पूरा किया जाना चाहिए।
पूंजी खाता परिवर्तनीयता और संप्रभु क्रेडिट रेटिंग के बीच कोई संबंध नहीं होता है।
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Question 5 of 5
5. Question
1 pointsमैंग्रोव, ज्वारीय दलदल और समुद्री घास के मैदान जैसे तटीय पारिस्थितिकी तंत्र के तटों के लिए निम्नलिखित में से कौनसे लाभ और सेवाएं हैं
- तूफानों और समुद्र जलस्तर में वृद्धि से सुरक्षा
- तटीय जल की गुणवत्ता का संरक्षण करना
- व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण मत्स्य पालन के लिए पर्यावास प्रदान करना
- कई तटीय समुदायों के लिए खाद्य सुरक्षा प्रदान करना
- वायुमंडल से तटीय ब्लू कार्बन का प्रच्छादन और भंडार करना
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correct
उत्तर: d)
मैंग्रोव, ज्वार के दलदल और समुद्री घास के मैदान जैसे तटीय पारिस्थितिक तंत्र कई लाभ और सेवाएं प्रदान करते हैं जो विश्व भर में तटीय क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन हेतु आवश्यक हैं, जिसमें तूफान और समुद्र जलस्तर में वृद्धि से संरक्षण, तटरेखा के कटाव की रोकथाम, तटीय जल की गुणवत्ता का संरक्षण, व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण मत्स्य पालन और लुप्तप्राय समुद्री प्रजातियों के लिए पर्यावास और कई तटीय समुदायों के लिए खाद्य सुरक्षा प्रदान करना प्रावधान शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, ये पारिस्थितिक तंत्र वायुमंडल और महासागर से तटीय ब्लू कार्बन का प्रच्छादन और भंडार करते हैं तथा इसलिए इनकी भूमिका जलवायु परिवर्तन में कमी करने में महत्वपूर्ण है।
Incorrect
उत्तर: d)
मैंग्रोव, ज्वार के दलदल और समुद्री घास के मैदान जैसे तटीय पारिस्थितिक तंत्र कई लाभ और सेवाएं प्रदान करते हैं जो विश्व भर में तटीय क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन हेतु आवश्यक हैं, जिसमें तूफान और समुद्र जलस्तर में वृद्धि से संरक्षण, तटरेखा के कटाव की रोकथाम, तटीय जल की गुणवत्ता का संरक्षण, व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण मत्स्य पालन और लुप्तप्राय समुद्री प्रजातियों के लिए पर्यावास और कई तटीय समुदायों के लिए खाद्य सुरक्षा प्रदान करना प्रावधान शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, ये पारिस्थितिक तंत्र वायुमंडल और महासागर से तटीय ब्लू कार्बन का प्रच्छादन और भंडार करते हैं तथा इसलिए इनकी भूमिका जलवायु परिवर्तन में कमी करने में महत्वपूर्ण है।