HINDI - INSIGHTS CURRENT EVENTS QUIZ 2020
Quiz-summary
0 of 5 questions completed
Questions:
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
Information
Welcome to Current Affairs Quiz in HINDI Medium. Hope you are happy with our Hindi Current Affairs. The following Quiz is based on the Hindu, PIB and other news sources. It is a current events based quiz. Solving these questions will help retain both concepts and facts relevant to UPSC IAS civil services exam – 2020-2021
To view Solutions, follow these instructions:
Click on – ‘Start Quiz’ button
Solve Questions
Click on ‘Quiz Summary’ button
Click on ‘Finish Quiz’ button
Now click on ‘View Questions’ button – here you will see solutions and links.
You have already completed the quiz before. Hence you can not start it again.
Quiz is loading...
You must sign in or sign up to start the quiz.
You have to finish following quiz, to start this quiz:
Results
0 of 5 questions answered correctly
Your time:
Time has elapsed
You have reached 0 of 0 points, (0)
Average score | |
Your score |
Categories
- Not categorized 0%
Pos. | Name | Entered on | Points | Result |
---|---|---|---|---|
Table is loading | ||||
No data available | ||||
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
- Answered
- Review
- Question 1 of 5
1. Question
1 pointsभारत के बाहरी ऋण स्टॉक में निम्नलिखित किस कारण वृद्धि हो सकती है
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
- बाहरी वाणिज्यिक उधार
- अनिवासी भारतीय जमा
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correctउत्तर: b)
बाहरी ऋण को मुख्य रूप से दीर्घकालिक और अल्पकालिक ऋण में वर्गीकृत किया जा सकता है।
दीर्घकालिक ऋण:
(a) बहुपक्षीय ऋण
(b) द्विपक्षीय ऋण
(c) ‘आईएमएफ’ में भारत का एसडीआर आवंटन
(d) एक्सपोर्ट क्रेडिट
(e) बाहरी वाणिज्यिक उधार
(f) अनिवासी भारतीय जमा (ग) रुपया डेट।
लघु अवधि ऋण:
(a) ट्रेड क्रेडिट (6 महीने तक तथा 6 महीने से अधिक और 1 वर्ष तक)
(b) विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) द्वारा सरकारी ट्रेज़री बिल और कॉर्पोरेट प्रतिभूति में निवेश
(c) विदेशी केंद्रीय बैंकों और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों आदि द्वारा ट्रेजरी-बिलों में निवेश और
(d) केंद्रीय बैंक और वाणिज्यिक बैंकों की बाहरी ऋण देयताएं।
एफडीआई से देश पर कोई कर्ज का भार उत्पन्न नहीं होता है।
Incorrectउत्तर: b)
बाहरी ऋण को मुख्य रूप से दीर्घकालिक और अल्पकालिक ऋण में वर्गीकृत किया जा सकता है।
दीर्घकालिक ऋण:
(a) बहुपक्षीय ऋण
(b) द्विपक्षीय ऋण
(c) ‘आईएमएफ’ में भारत का एसडीआर आवंटन
(d) एक्सपोर्ट क्रेडिट
(e) बाहरी वाणिज्यिक उधार
(f) अनिवासी भारतीय जमा (ग) रुपया डेट।
लघु अवधि ऋण:
(a) ट्रेड क्रेडिट (6 महीने तक तथा 6 महीने से अधिक और 1 वर्ष तक)
(b) विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) द्वारा सरकारी ट्रेज़री बिल और कॉर्पोरेट प्रतिभूति में निवेश
(c) विदेशी केंद्रीय बैंकों और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों आदि द्वारा ट्रेजरी-बिलों में निवेश और
(d) केंद्रीय बैंक और वाणिज्यिक बैंकों की बाहरी ऋण देयताएं।
एफडीआई से देश पर कोई कर्ज का भार उत्पन्न नहीं होता है।
- Question 2 of 5
2. Question
1 pointsआयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PM-JAY) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PM-JAY) को देश में सबसे कमजोर वर्गों तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के लिए 2018 में शुरू की गई थी।
- लाभार्थियों को क्रमशः ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011 (SECC 2011) के वंचित और व्यावसायिक मानदंडों के आधार पर शामिल किया गया है।
- यह योजना सार्वजनिक और सूचीबद्ध निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के नेटवर्क के माध्यम से माध्यमिक और तृतीयक अस्पताल में भर्ती होने की सुविधा प्रदान करती है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-से सही है/हैं?
Correctउत्तर: c)
2018 में, भारत सरकार ने देश में सबसे कमजोर वर्गों तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम के रूप में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PM JAY) को मंजूरी दी।
लाभार्थियों में 10.74 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों के लगभग 50 करोड़ व्यक्ति शामिल हैं, जो भारतीय आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा है।
परिवारों को क्रमशः ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011 (SECC 2011) के वंचित और व्यावसायिक मानदंडों के आधार पर शामिल किया गया है।
यह योजना पारिवारिक स्तर पर प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सेवा प्रदान करती है, जिसका अर्थ है कि इसका उपयोग परिवार के एक या सभी सदस्यों द्वारा किया जा सकता है।
यह योजना सार्वजनिक और सूचीबद्ध निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के नेटवर्क के माध्यम से माध्यमिक और तृतीयक अस्पताल में भर्ती होने की सुविधा प्रदान करती है।
इस योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने से 3 दिन पहले और 15 दिन बाद तक का नैदानिक उपचार, स्वास्थ्य इलाज व दवाइयाँ मुफ्त उपलब्ध होतीं हैं।
इस योजना के तहत परिवार के आकार, आयु या लिंग पर कोई सीमा नहीं है।
यह एक पोर्टेबल योजना हैं यानी की लाभार्थी इसका लाभ पूरे देश में किसी भी सार्वजनिक या निजी सूचीबद्ध अस्पताल में उठा सकतें हैं।
इसमें 23 सुविधाओं सहित 1573 प्रक्रियाएँ शामिल हैं। AB-PM-JAY का उद्देश्य संपूर्ण जनसंख्या को व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवा प्रदान करने के लिए 150,000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की स्थापना करना भी है।
Incorrectउत्तर: c)
2018 में, भारत सरकार ने देश में सबसे कमजोर वर्गों तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम के रूप में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PM JAY) को मंजूरी दी।
लाभार्थियों में 10.74 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों के लगभग 50 करोड़ व्यक्ति शामिल हैं, जो भारतीय आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा है।
परिवारों को क्रमशः ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011 (SECC 2011) के वंचित और व्यावसायिक मानदंडों के आधार पर शामिल किया गया है।
यह योजना पारिवारिक स्तर पर प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सेवा प्रदान करती है, जिसका अर्थ है कि इसका उपयोग परिवार के एक या सभी सदस्यों द्वारा किया जा सकता है।
यह योजना सार्वजनिक और सूचीबद्ध निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के नेटवर्क के माध्यम से माध्यमिक और तृतीयक अस्पताल में भर्ती होने की सुविधा प्रदान करती है।
इस योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने से 3 दिन पहले और 15 दिन बाद तक का नैदानिक उपचार, स्वास्थ्य इलाज व दवाइयाँ मुफ्त उपलब्ध होतीं हैं।
इस योजना के तहत परिवार के आकार, आयु या लिंग पर कोई सीमा नहीं है।
यह एक पोर्टेबल योजना हैं यानी की लाभार्थी इसका लाभ पूरे देश में किसी भी सार्वजनिक या निजी सूचीबद्ध अस्पताल में उठा सकतें हैं।
इसमें 23 सुविधाओं सहित 1573 प्रक्रियाएँ शामिल हैं। AB-PM-JAY का उद्देश्य संपूर्ण जनसंख्या को व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवा प्रदान करने के लिए 150,000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की स्थापना करना भी है।
- Question 3 of 5
3. Question
1 pointsपरिसंपत्ति मुद्रीकरण के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इसमें गैर उपयोग सार्वजनिक परिसंपत्ति का मुद्रीकरण करके राजस्व के नए स्रोतों का निर्माण किया जाता है।
- सरकार ने बुनियादी ढांचे के निवेश को बढ़ाने के लिए ब्राउन फील्ड परिसंपत्ति मुद्रीकरण रणनीति के हिस्से के रूप में इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (lnvITs) लॉन्च किया है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correctउत्तर: c)
इसमें गैर उपयोग अप्रयुक्त सार्वजनिक परिसंपत्ति का मुद्रीकरण करके राजस्व के नए स्रोतों का निर्माण किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, यह माना जाता है कि सार्वजनिक परिसंपत्ति सभी अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है।
भारत सरकार के परिसंपत्ति विमुद्रीकरण कार्यक्रम का उद्देश्य, जिसके लिए यह प्रक्रियाओं और तंत्र को निर्धारित करता है, सार्वजनिक परिसंपत्तियों में किए गए निवेश के मूल्य का लाभ प्राप्त करना है, जो अब तक उचित या संभावित रिटर्न नहीं दे रही हैं। यह कंपनी और उसके शेयरधारकों के लिए आय के अनेक स्रोत उत्पन्न करता और सार्वजनिक संपत्ति के अधिक सटीक अनुमान में योगदान करता है जो समय के साथ सरकार / सार्वजनिक संसाधनों के बेहतर वित्तीय प्रबंधन में मदद करेगा।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (lnvITs) मॉडल के माध्यम से विद्युत मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, पावरग्रिड की परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण को मंजूरी दी थी। परिसंपत्ति मुद्रीकरण से प्राप्त आय को पावरग्रिड द्वारा अपनी नई और निर्माणाधीन परियोजनाओं में निवेश किया जाएगा। बजट 2019-20 में निवेश में वृद्धि पर बल दिया गया और संकेत दिया गया कि इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (lnvITs) सहित नए और नवोन्मेषी वित्तीय साधनों को बुनियादी ढांचे के निवेश को बढ़ाने के लिए ब्राउन फील्ड परिसंपत्ति मुद्रीकरण रणनीति के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया है। InvIT इस निवेश के अवसर से लाभान्वित होने के लिए आम जनता और संस्थागत निवेशकों जैसे पेंशन फंड, म्युचुअल फंड को एक अवसर प्रदान करेगा और भारतीय अवसंरचना क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा देगा।
Incorrectउत्तर: c)
इसमें गैर उपयोग अप्रयुक्त सार्वजनिक परिसंपत्ति का मुद्रीकरण करके राजस्व के नए स्रोतों का निर्माण किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, यह माना जाता है कि सार्वजनिक परिसंपत्ति सभी अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है।
भारत सरकार के परिसंपत्ति विमुद्रीकरण कार्यक्रम का उद्देश्य, जिसके लिए यह प्रक्रियाओं और तंत्र को निर्धारित करता है, सार्वजनिक परिसंपत्तियों में किए गए निवेश के मूल्य का लाभ प्राप्त करना है, जो अब तक उचित या संभावित रिटर्न नहीं दे रही हैं। यह कंपनी और उसके शेयरधारकों के लिए आय के अनेक स्रोत उत्पन्न करता और सार्वजनिक संपत्ति के अधिक सटीक अनुमान में योगदान करता है जो समय के साथ सरकार / सार्वजनिक संसाधनों के बेहतर वित्तीय प्रबंधन में मदद करेगा।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (lnvITs) मॉडल के माध्यम से विद्युत मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, पावरग्रिड की परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण को मंजूरी दी थी। परिसंपत्ति मुद्रीकरण से प्राप्त आय को पावरग्रिड द्वारा अपनी नई और निर्माणाधीन परियोजनाओं में निवेश किया जाएगा। बजट 2019-20 में निवेश में वृद्धि पर बल दिया गया और संकेत दिया गया कि इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (lnvITs) सहित नए और नवोन्मेषी वित्तीय साधनों को बुनियादी ढांचे के निवेश को बढ़ाने के लिए ब्राउन फील्ड परिसंपत्ति मुद्रीकरण रणनीति के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया है। InvIT इस निवेश के अवसर से लाभान्वित होने के लिए आम जनता और संस्थागत निवेशकों जैसे पेंशन फंड, म्युचुअल फंड को एक अवसर प्रदान करेगा और भारतीय अवसंरचना क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा देगा।
- Question 4 of 5
4. Question
1 points‘ईसंजीवनी (eSanjeevani)’ के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- ‘ईसंजीवनी‘, एक वेब-आधारित व्यापक टेलीमेडिसिन समाधान है जो ग्रामीण क्षेत्रों और एकाकी समुदायों दोनों को विशेष स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है।
- ईसंजीवनी का उपयोग विभिन्न सामान्य सेवा केंद्रों (CSCs) में प्रशिक्षुओं और लोगों को चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने के लिए भी किया जा सकता है।
- यह रेडियोलॉजी, कार्डियोलॉजी और स्त्री रोग जैसी कई चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करता है
उपरोक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correctउत्तर: d)
‘ईसंजीवनी‘, एक वेब-आधारित व्यापक टेलीमेडिसिन समाधान है। ‘ईसंजीवनी’ ग्रामीण क्षेत्रों और एकाकी समुदायों में विशेष स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को जन-जन तक पहुंचाती है। चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के अलावा, असमान वितरण और बुनियादी ढांचे की कमी के साथ-साथ मानव संसाधन से संबंधित मुद्दों को संबोधित करते हुए, ईसंजीवनी का उद्देश्य शहरी बनाम ग्रामीण, अमीर बनाम गरीब आदि के बीच मौजूद डिजिटल विभाजन को कम करके स्वास्थ्य सेवाओं को न्यायसंगत बनाना है। ईसंजीवनी का उपयोग विभिन्न सामान्य सेवा केंद्रों (CSCs) में प्रशिक्षुओं और लोगों को चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने के लिए भी किया जा सकता है।
ईसंजीवनी कई चिकित्सा विशिष्टताओं को पूरा करता है, इनमें शामिल हैं
कार्डियलजी
मधुमेह
डर्माटोलॉजी
स्त्री रोग विशेषज्ञ
नेत्र विशेषज्ञ
बाल रोग विशेषज्ञ
रोग निदान
रेडियोलोजी
पल्मोनरी
Incorrectउत्तर: d)
‘ईसंजीवनी‘, एक वेब-आधारित व्यापक टेलीमेडिसिन समाधान है। ‘ईसंजीवनी’ ग्रामीण क्षेत्रों और एकाकी समुदायों में विशेष स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को जन-जन तक पहुंचाती है। चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के अलावा, असमान वितरण और बुनियादी ढांचे की कमी के साथ-साथ मानव संसाधन से संबंधित मुद्दों को संबोधित करते हुए, ईसंजीवनी का उद्देश्य शहरी बनाम ग्रामीण, अमीर बनाम गरीब आदि के बीच मौजूद डिजिटल विभाजन को कम करके स्वास्थ्य सेवाओं को न्यायसंगत बनाना है। ईसंजीवनी का उपयोग विभिन्न सामान्य सेवा केंद्रों (CSCs) में प्रशिक्षुओं और लोगों को चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने के लिए भी किया जा सकता है।
ईसंजीवनी कई चिकित्सा विशिष्टताओं को पूरा करता है, इनमें शामिल हैं
कार्डियलजी
मधुमेह
डर्माटोलॉजी
स्त्री रोग विशेषज्ञ
नेत्र विशेषज्ञ
बाल रोग विशेषज्ञ
रोग निदान
रेडियोलोजी
पल्मोनरी
- Question 5 of 5
5. Question
1 pointsवन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) निम्नलिखित में से किसके लिए अधिदेशित है
- संगठित वन्यजीव अपराध गतिविधियों से संबंधित खुफिया जानकारी एकत्र करना और राज्य एवं इन्हें अन्य प्रवर्तन एजेंसियों के लिए प्रचारित करना।
- एक केंद्रीकृत वन्यजीव अपराध डेटा बैंक की स्थापना करना।
- वनस्पतिजात और प्राणिजात की खेप के निरीक्षण हेतु सीमा शुल्क अधिकारियों की सहायता करना और सलाह देना।
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correctउत्तर: d)
वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो देश में संगठित वन्यजीव अपराध से निपटने के लिए पर्यावरण और वन मंत्रालय के तहत भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वैधानिक बहु-विषयक निकाय है।
वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38 (Z) के तहत,
यह संगठित वन्यजीव अपराध गतिविधियों से संबंधित खुफिया जानकारी एकत्र करने और अपराधियों को पकड़ने के लिए राज्य और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों को तत्काल कार्रवाई करने के लिए इस डेटा को प्रदान करने के लिए अधिदेशित है ;
एक केंद्रीकृत वन्यजीव अपराध डेटा बैंक स्थापित करना;
अधिनियम के प्रावधानों के प्रवर्तन के संबंध में विभिन्न एजेंसियों द्वारा कार्रवाई का समन्वय;
वन्यजीव अपराध नियंत्रण के लिए समन्वय और सार्वभौमिक कार्रवाई की सुविधा के लिए संबंधित विदेशी अधिकारियों और अंतर्राष्ट्रीय संगठन की सहायता करना;
भारत सरकार को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव वाले वन्यजीव अपराधों से संबंधित मुद्दों, प्रासंगिक नीति और कानूनों के सम्बन्ध में सलाह देना।
यह वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, CITES और EXIM पॉलिसी के अनुसार वनस्पतिजात और प्राणिजात की खेप के निरीक्षण में सीमा शुल्क अधिकारियों की सहायता करता है और सलाह भी देता है।
Incorrectउत्तर: d)
वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो देश में संगठित वन्यजीव अपराध से निपटने के लिए पर्यावरण और वन मंत्रालय के तहत भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वैधानिक बहु-विषयक निकाय है।
वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38 (Z) के तहत,
यह संगठित वन्यजीव अपराध गतिविधियों से संबंधित खुफिया जानकारी एकत्र करने और अपराधियों को पकड़ने के लिए राज्य और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों को तत्काल कार्रवाई करने के लिए इस डेटा को प्रदान करने के लिए अधिदेशित है ;
एक केंद्रीकृत वन्यजीव अपराध डेटा बैंक स्थापित करना;
अधिनियम के प्रावधानों के प्रवर्तन के संबंध में विभिन्न एजेंसियों द्वारा कार्रवाई का समन्वय;
वन्यजीव अपराध नियंत्रण के लिए समन्वय और सार्वभौमिक कार्रवाई की सुविधा के लिए संबंधित विदेशी अधिकारियों और अंतर्राष्ट्रीय संगठन की सहायता करना;
भारत सरकार को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव वाले वन्यजीव अपराधों से संबंधित मुद्दों, प्रासंगिक नीति और कानूनों के सम्बन्ध में सलाह देना।
यह वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, CITES और EXIM पॉलिसी के अनुसार वनस्पतिजात और प्राणिजात की खेप के निरीक्षण में सीमा शुल्क अधिकारियों की सहायता करता है और सलाह भी देता है।