[इनसाइट्स सिक्योर STHIR – 2021] दैनिक सिविल सेवा मुख्य परीक्षा उत्तर लेखन अभ्यास: 5 मार्च 2021

 

How to Follow Secure Initiative?

How to Self-evaluate your answer? 

INSIGHTS NEW SECURE – 2020: YEARLONG TIMETABLE

 


सामान्य अध्ययन – 1


 

विषय: लैंगिक समता।

1. लैंगिक समानता के विरुद्ध निहित गहन पूर्वाग्रह, देश में महिला अधिकारों की खराब मान्यता के लिए उत्तरदायी कारक है। आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ:  The Hindu 

 निर्देशक शब्द:

 आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

प्रश्न के संदर्भ को संक्षेप में समझाते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

विषय वस्तु:

हमारे भारतीय समाज के अतीत से लेकर वर्तमान तक के संकुचित स्वरूप की व्याख्या कीजिए।

लैंगिक समानता के विरुद्ध निहित गहन पूर्वाग्रह, देश में महिला अधिकारों की खराब मान्यता के लिए उत्तरदायी कारक कैसे है? समझाइए। उदाहरण भी दीजिए।

इस प्रकार के पूर्वाग्रहों के क्या परिणाम होते हैं? चर्चा कीजिए एवं कुछ प्रमुख डेटा / तथ्यों की सहायता से उपर्युक्त की पुष्टि कीजिए।

निष्कर्ष:

इस समस्या को हल करने के लिए प्रासंगिक उपाय बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन – 2


 

विषय: कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य- सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका।

 2. जब न्यायपालिका न्यायिक सक्रियता के नाम पर अपनी निर्धारित शक्तियों की रेखा को पार कर जाती है, तो यह कहा जा सकता है कि न्यायपालिका तब संविधान में निर्धारित शक्तियों के पृथक्करण की अवधारणा को अमान्य करने लगती है। आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: भारतीय राजव्यवस्था: लक्ष्मीकांत

 निर्देशक शब्द:

 आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

न्यायिक सक्रियता से आप क्या समझते हैं? बताते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

विषय वस्तु:

इस तथ्य की व्याख्या कीजिए कि यदि न्यायालय का उद्देश्य नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना एवं उनका संरक्षण करना हो, न कि केवल सरकार की आलोचना करना, तो न्यायिक सक्रियता अच्छी हो सकती है।

इस तथ्य पर प्रकाश डालिए कि यह दावा किया जाता है कि हाल के अनेक निर्णयों में, सर्वोच्च न्यायालय कानून निर्माण में अत्यधिक-सक्रिय हो गया है।

शक्ति के पृथक्करण के सिद्धांत को स्पष्ट कीजिए। न्यायिक सक्रियता के अवगुणों को प्रस्तुत कीजिए।

उपर्युक्त की पुष्टि के लिए उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य- सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका।

3. भारत में न्यायिक समीक्षा एवं न्यायिक सक्रियता के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए। क्या आपको लगता है कि भारतीय न्यायपालिका के लिए न्यायिक सक्रियता का अधिकाधिक उपयोग करना संभव है? स्पष्ट कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: भारतीय राजव्यवस्था: लक्ष्मीकांत

 निर्देशक शब्द:

स्पष्ट कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह पूछे गए प्रश्न से संबंधित जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

न्यायिक समीक्षा, न्यायिक सक्रियता एवं न्यायिक अतिरेक को संक्षेप में परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

विषय वस्तु:

न्यायिक समीक्षा एवं न्यायिक सक्रियता के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।

न्यायपालिका की इन दोनों विशेषताओं की तुलना कीजिए एवं एक निष्पक्ष एवं संतुलित राय प्रस्तुत कीजिए।

समझाइए कि क्या भारतीय न्यायपालिका के लिए न्यायिक सक्रियता का अधिकाधिक उपयोग करना संभव है।

निष्कर्ष:

समझाइए कि आदर्श रूप में क्या किया जाना चाहिए एवं उपयुक्त उदाहरणों के साथ निष्कर्ष निकालिए।

  

विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।

 4. डिजिटल सामग्री को विनियमित करने के लिए जारी किये गए नवीन दिशानिर्देश, बिना किसी नियंत्रण एवं संतुलन के, कार्यपालिका को निरंकुश शक्ति प्रदान करते हैं एवं इसे प्रति-संवैधानिक बनाते हैं। विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ:  The Hindu

 निर्देशक शब्द:

 विश्लेषण कीजिएऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

डिजिटल सामग्री के विनियमन के लिए जारी किये गए नवीन दिशानिर्देशों की विशेषताओं का वर्णन करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

ये दिशानिर्देश, कार्यपालिका को निरंकुश शक्ति कैसे प्रदान करते हैं? विस्तार से समझाइए।

इनसे सम्बंधित प्रमुख प्रावधानों का वर्णन कीजिए।

इसकी कमियों को सूचीबद्ध कीजिए एवं सुझाव दीजिए कि आगे क्या किया जाना चाहिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन – 3


 

विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।

 5. जब तक जलवायु परिवर्तन को चरम मौसम की घटनाओं के प्राथमिक उत्तरदायी कारक के रूप में चिह्नित नहीं किया जाता है, तब तक जलवायु कार्रवाई का कमजोर होना जारी रहेगा। स्पष्ट कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ:  The Hindu

 निर्देशक शब्द:

 स्पष्ट कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह पूछे गए प्रश्न से संबंधित जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।

उत्तर की संरचना:

 परिचय:

प्रश्न के संदर्भ को संक्षेप में समझाते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।

 विषय वस्तु:  

भारत एवं विश्व दोनों परिप्रेक्ष्यों में वैश्विक तापन एवं जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की व्याख्या कीजिए।

इससे संबंधित चिंताओं पर प्रकाश डालिए।

उपर्युक्त की पुष्टि के लिए उदाहरण भी प्रस्तुत कीजिए।

आगे की राह बताइए।

 निष्कर्ष:

निष्कर्ष निकालिए कि धारणीय विकास, समयबद्ध जलवायु कार्रवाई पर निर्भर करता है। ऐसा करने के लिए, नीतिनिर्माताओं को कार्बन उत्सर्जन, वायुमंडलीय तापन, हिमनदों का पिघलना, अत्यधिक बाढ़ एवं तूफान आदि पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।

 


सामान्य अध्ययन – 4


 

विषय: अभिवृत्तिः सारांश (कंटेन्ट), संरचना, वृत्ति; विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध; नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि; सामाजिक प्रभाव और धारण।

6. क्या किसी कार्य की नैतिकता, कार्य की परिस्थितियों पर निर्भर करती है या यह परिस्थितियों से स्वतंत्र होती है? जांच कीजिए। क्या कोई कार्य सदाचारपूर्ण होते हुए भी अनैतिक हो सकता है? (250 शब्द)

सन्दर्भ: नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभिवृत्ति: लेक्सिकन प्रकाशन

 निर्देशक शब्द:

 जांच कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।

उत्तर की संरचना:

परिचय:

नैतिकता क्या है? परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

नैतिकता परिस्थितियों पर निर्भर करती है, ऐसा मानने वाले सिद्धांत नैतिकता को सापेक्ष दृष्टि से देखते हैं एवं इसका महत्वपूर्ण निहितार्थ यह है कि हम अपने जीवन का संचालन कैसे करते हैं, अपने समाज को कैसे व्यवस्थित करते हैं और दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं।

क्या कोई कार्य सदाचारपूर्ण होते हुए भी अनैतिक हो सकता है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।

निष्कर्ष:

एक निष्पक्ष एवं संतुलित राय प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।

         

विषय: अभिवृत्तिः सारांश (कंटेन्ट), संरचना, वृत्ति; विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध; नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि; सामाजिक प्रभाव और धारण।

7. “अनुनय, समाज के कार्य को सुचारू बनाता है जबकि भौतिक दबाव इसे रोकता है।“ इस संदर्भ में, समाज में परिवर्तन लाने के लिए एक प्रभावी रणनीति एवं दबाव के रूप में अनुनय की प्रभावशीलता की तुलना कीजिए। सिविल सेवकों द्वारा समाज में विद्यमान सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए अनुनय का प्रयोग कैसे किया जा सकता है? उदाहरण दीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभिवृत्ति: लेक्सिकन प्रकाशन

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

अनुनय को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

प्रश्न का मूल विषय दूसरों को प्रभावित करने एवं समाज में परिवर्तन लाने के लिए अनुनय एवं भौतिक दबाव के महत्व की तुलना करना है। उत्तर के मुख्य भाग को निम्नलिखित तरीके से तैयार किया जा सकता है:

अनुनय एवं भौतिक दबाव को संक्षेप में परिभाषित कीजिए।

उदाहरणों की सहायता से उन परिस्थितियों की जांच कीजिए, जिनके माध्यम से भौतिक दबाव की तुलना में अनुनय एक बेहतर रणनीति हो सकता है।

सिविल सेवकों के द्वारा अनुनय का उपयोग करते हुए सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए आवश्यक उपायों/ मार्गों का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।


  • Join our Official Telegram Channel HERE for Motivation and Fast Updates
  • Subscribe to our YouTube Channel HERE to watch Motivational and New analysis videos