विषयसूची
सामान्य अध्ययन-II
1. बीमा लोकपाल
2. राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर
3. भारत, ‘आंशिक रूप से स्वतंत्र’ के रूप में वर्गीकृत: अमेरिकी थिंकटैंक रिपोर्ट
सामान्य अध्ययन-III
1. चीनी का न्यूनतम विक्रय मूल्य
2. एंटी-डंपिंग ड्यूटी
सामान्य अध्ययन-IV
1. दो जिला कलेक्टरों के लिए अवमानना के आरोप में सजा
प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य
1. समुद्री स्थानिक योजना (MSP)
2. उद्योग मंथन
3. युद्धाभ्यास डेजर्ट फ्लैग VI
4. नाग नदी
सामान्य अध्ययन- II
विषय: सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्द्ध-न्यायिक निकाय।
बीमा लोकपाल / ओम्बड्समैन
(Insurance ombudsman)
संदर्भ:
हाल ही में, सरकार द्वारा बीमा लोकपाल नियमों में संशोधन किया गया है।
नए नियमों के अनुसार:
- बीमा ब्रोकर / एजेंट, दलाल को लोकपाल के दायरे में लाया गया है।
- पॉलिसीधारक, अब ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकेंगे।
- बीमा कंपनियों, एजेंट, दलाल और अन्य बिचौलियों की ओर से सेवा में कमियों के बीच विवादों को लोकपाल तक शिकायत पहुंचाने के दायरे में लाया गया है।
- लोकपाल सुनवाई के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का उपयोग कर सकता है।
बीमा लोकपाल के बारे में:
भारत सरकार द्वारा, निजी पॉलिसीधारकों की शिकायतों को, लागत प्रभावी, कुशल और निष्पक्ष तरीके से तथा अदालतों से बाहर हल करने के लिए बीमा लोकपाल अर्थात इंश्योरेंस ओम्बड्समैन (Insurance Ombudsman) स्कीम तैयार की गयी थी।
बीमा लोकपाल के समक्ष कौन शिकायत कर सकता है?
बीमाकर्ता के विरुद्ध शिकायत रखने वाला कोई भे व्यक्ति, स्वयं से या अपने कानूनी उत्तराधिकारी, नामित व्यक्ति अथवा संपत्ति-भागी (assignee) के माध्यम से बीमा लोकपाल के समक्ष लिखित रूप में शिकायत दर्ज कर सकता है।
कोई व्यक्ति लोकपाल में शिकायत दर्ज कर सकता है, यदि:
व्यक्ति ने बीमा कंपनी में शिकायत के सिलसिले में संपर्क किया हो और;
- बीमा कंपनी ने इसे अस्वीकार कर दिया हो;
- संतोषजनक समाधान नहीं किया हो, या
- शिकायत करने की तिथि से 30 दिनों तक कोई जवाब नहीं दिया हो।
इसके साथ ही, शिकायत करने में हुए व्यय सहित दावे की कुल राशि 30 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
लोकपाल (Ombudsman) की नियुक्ति:
बीमा लोकपाल पद पर नियुक्ति के लिए, बीमा उद्योग, नागरिक या न्यायिक सेवाओं से संबंधित व्यक्ति को चुना जाता है और इसकी नियुक्ति ‘बीमा परिषद’ द्वारा की जाती है।
बीमा लोकपाल की सेवा-अवधि तीन वर्ष होती है।
निपटान प्रक्रिया:
अनुशंसाएं:
लोकपाल एक मध्यस्थ के रूप में कार्य करेगा, और
- विवाद संबंधी तथ्यों के आधार पर उचित अनुशंसा करेगा।
- यदि शिकायतकर्ता इन अनुशंसाओं को पूर्ण और अंतिम निपटान के रूप में स्वीकार करता है, तो लोकपाल इस बारे में कंपनी को सूचित करेगा तथा इनका 15 दिनों के भीतर इन अनुशंसाओं का अनुपालन होना आवश्यक होगा।
फैसला:
यदि सिफारिश / अनुशंसाओं के द्वारा कोई समझौता नहीं होता है, तो लोकपाल, शिकायतकर्ता से सभी आवश्यकता दस्तावेजों को प्राप्त करने के 3 महीने के भीतर एक निर्णय पारित करेगा और यह निर्णय बीमा कंपनी के लिए बाध्यकारी होगा।
एक बार निर्णय पारित होने के बाद:
बीमाकर्ता, फैसले सुनाए जाने के 30 दिनों के भीतर इसका अनुपालन करेगा और लोकपाल को इस संबंध में सूचित।
प्रीलिम्स लिंक:
- बीमा लोकपाल योजना के बारे में
- प्रक्रिया
- नियुक्ति
- फैसले
मेंस लिंक:
बीमा लोकपाल की भूमिका एवं कार्यों पर चर्चा कीजिए।
स्रोत: द हिंदू
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR)
(National Population Register)
संदर्भ:
‘भारत के महापंजीयक’ (Registrar General of India- RGI) द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से जनगणना तथा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register – NPR) के पहले चरण हेतु क्षेत्र परीक्षण (field trials) करने की तैयारी की जा रही है।
इस मोबाइल ऐप में मकानों की सूची और मकान-गणना तथा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) पर प्रश्नावली शामिल की गयी है।
‘राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर’ (NPR) क्या है?
यह ‘देश के सामान्य निवासियों’ की एक सूची होती है।
- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register- NPR) को नागरिकता कानून, 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान-पत्र जारी करना) नियम, 2003 के प्रावधानों के अनुसार स्थानीय, उप-ज़िला, ज़िला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है।
- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) में पंजीकरण कराना भारत के प्रत्येक ‘सामान्य निवासी’ के लिये अनिवार्य है।
उद्देश्य: देश के प्रत्येक आम नागरिक की विस्तृत पहचान का डेटाबेस तैयार करना।
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को पहली बार 2010 में संगृहीत किया गया था और फिर वर्ष 2015 में अद्यतन / अपडेट किया गया था।
‘देश के सामान्य निवासी’ कौन है?
गृह मंत्रालय के अनुसार, ‘देश का सामान्य निवासी’ को निम्नलिखित रूप से परिभाषित किया गया है- वह व्यक्ति, जो कम-से-कम पिछले छह महीनों से किसी स्थानीय क्षेत्र में रहता है अथवा अगले छह महीने या उससे अधिक समय तक के लिये किसी विशेष स्थान पर रहने का इरादा रखता है।
प्रीलिम्स लिंक:
- नागरिकता से संबंधित संवैधानिक प्रावधान
- NPR डेटा के घटक।
- सामान्य निवासी कौन है?
- NPR कौन तैयार करता है?
- कोई व्यक्ति भारतीय नागरिकता कैसे प्राप्त कर सकता है?
- क्या एक भारतीय नागरिक दोहरी नागरिकता रख सकता है?
मेंस लिंक:
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के तहत डेटा संग्रह के लिए राज्यों द्वारा विरोध क्यों किया जा रहा है। चर्चा कीजिए।
स्रोत: द हिंदू
विषय: भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय।
भारत, ‘आंशिक रूप से स्वतंत्र’ के रूप में वर्गीकृत: अमेरिकी थिंकटैंक रिपोर्ट
संदर्भ:
हाल ही में, अमेरिकी थिंक टैंक ‘फ्रीडम हाउस’ द्वारा ‘फ्रीडम इन द वर्ल्ड 2021: डेमोक्रेसी अंडर सीज’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की गयी है।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष:
- भारत में लोगों की स्वतंत्रता पहले से कुछ कम हुई है, जिसके परिणामस्वरूप भारत को ‘आंशिक रूप से स्वतंत्र’ (Partly Free) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- रिपोर्ट में भारत को 100 में से 67 नंबर दिए गए हैं, जबकि पिछले वर्ष भारत को 100 में से 71 नंबर दिए गए थे।
- दर्जे में गिरावट के कारण: भारत के अंक कम करने के पीछे का कारण सरकार और उसके सहयोगी पार्टियों की ओर से आलोचकों पर शिकंजा कसना बताया गया है।
- निजी मीडिया काफी ओजपूर्ण एवं विविधतापूर्ण है, और इसके द्वारा तहकीकात और राजनीतिज्ञों की छान-बीन की जाती रही है। हालांकि, मोदी सरकार के तहत प्रेस की स्वतंत्रता पर हमलों में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है, और हाल के वर्षों में रिपोर्टिंग काफी कम-महत्वाकांक्षी हो गई है।
- आलोचनात्मक मीडिया की आवाज को शांत करने के लिए सुरक्षा, मानहानि, देशद्रोह और अदालती कानूनों की अवमानना का इस्तेमाल किया गया है।
- एक ओर राजनेताओं, व्यापार अधिकारियों और लॉबिस्टों (lobbyists) के बीच घनिष्ठ संबंधों के खुलासे हुए हैं, और दूसरी तरफ मीडिया के प्रमुख व्यक्तियों और मीडिया आउटलेट्स के मालिकों ने प्रेस में जनता के विश्वास को क्षति पहुचाई है।
अमेरिका और चीन में स्वतंत्रता:
- फ्रीडम हाउस की इस रिपोर्ट में चीन को लोकतंत्र और नागरिकों की आजादी के मामले में सबसे बुरा बताया गया है।
- पिछले एक वर्ष में अमेरिका का स्थान तीन अंक नीचे गिरा है, और इसे को 100 में से 83 नंबर दिए गए हैं।
- संयुक्त राज्य अमेरिका को अपने संस्थागत सुरक्षा उपायों को मजबूत करने, नागरिक मानदंडों को बहाल करने और अपने मूल सिद्धांतों संबंधी वादों को बनाए रखने के लिए सख्ती से काम करने की आवश्यकता है।
- चीन, को ‘स्वतंत्र नहीं’ (Not Free) के रूप में वर्गीकृत किया गया है, और इसे पिछले साल से एक स्थान नीचे जगह दी गयी है, और इसे 100 में से 9 नंबर दिए गए हैं।
- विश्व में सर्वाधिक आबादी वाले तानाशाही देश चीन में शासन का विघातक प्रभाव, विशेष रूप से 2020 में काफी गंभीर देखा गया।
रिपोर्ट के बारे में:
वर्ष 1973 से, ‘फ्रीडम हाउस’, विश्व भर में राजनीतिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता की स्थिति का आकलन कर रही है। नीति निर्माताओं, पत्रकारों, शिक्षाविदों, कार्यकर्ताओं और कई अन्य लोगों द्वारा इसका उपयोग नियमित रूप से किया जाता है।
देशों की रैंकिंग किस प्रकार की जाती है?
रिपोर्ट की कार्यप्रणाली में व्यापक रूप से वर्ष 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाई गई मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा के मापकों का उपयोग किया जाता है।
‘फ्रीडम इन द वर्ल्ड’, वस्तुतः विश्व की सरकारों या सरकारी प्रदर्शन के बजाय प्रति व्यक्ति के लिए प्राप्त अधिकारों और स्वतंत्रता का आकलन करती है।
रिपोर्ट में दिए जाने वाले अंको के तहत किन विषय-क्षेत्रों को शामिल किया जाता है?
- चुनावी प्रक्रिया
- राजनीतिक बहुलवाद और भागीदारी
- सरकार का कार्य
- अभिव्यक्ति और विश्वास की स्वतंत्रता
- एसोसिएशन और संगठनात्मक अधिकार
- कानून का शासन
- व्यक्तिगत स्वायत्तता और व्यक्तिगत अधिकार
प्रीलिम्स लिंक:
- रिपोर्ट के बारे में
- नवीनतम निष्कर्ष
- देशों की रैंकिंग कैसे की जाती है?
मेंस लिंक:
भारत में लोगों की स्वतंत्रता पहले से कुछ कम हुई है, जिसके परिणामस्वरूप भारत को ‘आंशिक रूप से स्वतंत्र’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। टिप्पणी कीजिए।
स्रोत: द हिंदू
सामान्य अध्ययन- III
विषय: प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय; जन वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्य, सीमाएँ, सुधार; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन; पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र।
चीनी का न्यूनतम विक्रय मूल्य
(Minimum selling price for sugar)
संदर्भ:
हाल ही में, भारतीय चीनी-मिल संघ (Indian Sugar Mills’ Association- ISMA) ने सरकार से चीनी के न्यूनतम विक्रय मूल्य (MSP) को बढ़ाकर 34.50 रुपए प्रति किलोग्राम करने की मांग की है।
चीनी मूल्य निर्धारण नीति:
चीनी के मूल्य बाजार के रुझानों के अधीन होते हैं और चीनी की मांग एवं आपूर्ति पर निर्भर होते हैं। तथापि, वर्ष 2018 से, किसानों के हित-संरक्षण के उद्देश्य से चीनी के न्यूनतम विक्रय मूल्य (Minimum Selling Price– MSP) की अवधारणा लागू की गई है, ताकि यह उद्योग कम से कम, चीनी की न्यूनतम उत्पादन लागत निकाल सके, जिससे वह किसानों को गन्ने के मूल्य की बकाया राशि का भुगतान करने में समर्थ हो सके।
- सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए चीनी मूल्य (नियंत्रण) आदेश, 2018 अधिसूचित किया गया है।
- उक्त आदेश के प्रावधानों के तहत, सरकार न्यूनतम विक्रय मूल्य (MSP) तय करती है।
- चीनी के न्यूनतम विक्रय मूल्य (एमएसपी) का निर्धारण गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (Fair & Remunerative Price– FRP) तथा सर्वाधिक कार्य कुशल मिलों की न्यूनतम परिवर्तन लागत घटकों को ध्यान में रखकर किया जाता है।
पृष्ठभूमि:
संघीय / केंद्र सरकार द्वारा ‘उचित और लाभकारी मूल्य’ (FRP) की घोषणा की जाती है। इसका निर्धारण कृषि लागत और मूल्य आयोग (Commission for Agricultural Costs and Prices– CACP) की अनुशंसाओं के आधार प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा किया जाता है।
प्रीलिम्स लिंक:
- ‘न्यूनतम विक्रय मूल्य’ क्या है?
- इसे किस प्रकार निर्धारित किया जाता है?
- न्यूनतम समर्थन मूल्य और न्यूनतम विक्रय मूल्य के बीच अंतर।
- FRP क्या है?
मेंस लिंक:
चीनी के लिए ‘न्यूनतम विक्रय मूल्य’ (MSP) के महत्व पर चर्चा कीजिए।
स्रोत: द हिंदू
विषय: उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव।
‘एंटी-डंपिंग शुल्क’
(Anti-dumping Duty)
संदर्भ:
अमेरिकी वाणिज्य विभाग द्वारा भारत सहित 18 देशों से एल्यूमीनियम की चादरों के निर्यातकों पर कर लगाने की तैयारी की जा रही है। वाणिज्य विभाग के अनुसार, इनके लिए अमेरिका द्वारा दी गयी सब्सिडी और डंपिंग से काफी लाभ हुआ है।
अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार आयोग (International Trade Commission-ITC), एक स्वतंत्र निकाय, द्वारा ‘एंटी-डंपिंग शुल्क’ अथवा प्रतिकारी शुल्क (countervailing duties- CVDs) लगाए जाने के संबंध में 15 अप्रैल तक अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
‘डंपिंग’ क्या होती है?
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पद्धति में, जब कोई देश अथवा फर्म अपने घरेलू बाजार में किसी उत्पाद की कीमत से कम कीमत पर उस उत्पाद का निर्यात करती है, तो इसे ‘डंपिंग’ कहा जाता है।
- डंपिंग, किसी उत्पाद को आयात करने वाले देश में भी उस उत्पाद की कीमत को प्रभावित करती है, जिससे स्थानीय विनिर्माण फर्मों के लाभ पर चोट पहुँचती है।
‘एंटी-डंपिंग शुल्क’ क्या है?
उत्पादों की डंपिंग और इसके द्वारा व्यापार पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव से उत्पन्न स्थिति को सुधारने के लिए ‘एंटी-डंपिंग शुल्क’ लगाया जाता है।
- विश्व व्यापार संगठन (WTO) व्यवस्था सहित वैश्विक व्यापार मानदंडों के अनुसार, किसी देश के लिए घरेलू निर्माताओं को बराबर का अवसर प्रदान करने के लिए ऐसे डंप किए जाने वाले उत्पादों पर ‘शुल्क’ लगाने की अनुमति है।
‘एंटी-डंपिंग शुल्क’ तथा ‘प्रतिकारी शुल्क’ में भिन्नता:
- एंटी-डंपिंग ड्यूटी, ‘प्रतिकारी शुल्क’ (Countervailing Duties- CVDs) से भिन्न होती है। घरेलू उत्पादकों की सुरक्षा हेतु आयात सब्सिडी के नकारात्मक प्रभाव को संतुलित करने के लिए ‘प्रतिकारी शुल्क’ (CVDs) लगाया जाता है।
- ‘प्रतिकारी शुल्क’ (CVD) आयातित सामानों पर लगाए जाने वाला शुल्क होता हैं। यह शुल्क निर्यातक देश में इन सामानों के उत्पादकों को दी जाने वाली सब्सिडी को संतुलित करने के लिए लगाया जाता है।
- ‘प्रतिकारी शुल्क’ का उद्देश्य किसी उत्पाद के घरेलू उत्पादकों और उसी उत्पाद के विदेशी उत्पादकों के बीच बराबर का अवसर प्रदान करना होता है। विदेशी उत्पादक, आयातक देश की सरकार से मिलने वाली सब्सिडी के कारण समान उत्पादों कम कीमत पर बेच सकते हैं।
प्रीलिम्स लिंक:
- ‘व्यापार उपचार महानिदेशालय’ (DGTR) के बारे में।
- ‘एंटी डंपिंग शुल्क’ क्या है?.
- CVD क्या है?
स्रोत: द हिंदू
सामान्य अध्ययन- IV
विषय: शासन व्यवस्था में ईमानदारीः लोक सेवा की अवधारणा; शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता।
दो जिला कलेक्टरों के लिए अवमानना के आरोप में सजा
संदर्भ:
तेलंगाना हाई कोर्ट ने अदालत के आदेश की जानबूझ कर अवमानना करने के लिए सिरसिला जिले के कलेक्टर और उनके दो अधीनस्थों को तीन महीने की जेल की सजा सुनाई है।
अदालन ने उन्हें दोषी मानते हुए 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही, अदालत ने दोषी अधिकारियों को सभी 11 किसानों में से प्रत्येक को 10,000 रुपये भुगतान करने को भी कहा है जो किसानों ने इस केस के दौरान कोर्ट में खर्च किए।
संबंधित प्रकरण:
- याचिकाकर्ताओं के अनुसार, कालेश्वरम सिंचाई परियोजना के तहत अनंतगिरी जलाशय के निर्माण के लिए राज्य ने उनके भूमि और मकानों को ले लिया था।
- इन किसानों को भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के तहत निर्धारित मुआवजे और पुनर्वासन के बगैर ही उनके खेतों से बेदखल कर दिया गया।
- जलाशय का निर्माण पूरा होने पर, इसमें पानी छोड़ा गया, जिससे किसानों के खेत और घर जलमग्न हो गए।
स्रोत: द हिंदू
प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य
समुद्री स्थानिक योजना (MSP)
(Marine Spatial Planning)
- भारत और नॉर्वे ने अगले पांच वर्षों के लिए समुद्री स्थानिक योजना के क्षेत्र में संयुक्त रूप से काम करने के लिए सहमति जताई है।
- यह, 2019 में दोनों देशों के बीच हुए समझौता ज्ञापन के तहत भारत-नॉर्वे एकीकृत महासागर पहल का हिस्सा है।
- परियोजना के लिए पायलट स्थलों के रूप में लक्षद्वीप और पुदुचेरी की पहचान की गई है।
उद्योग मंथन
- वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्द्धन और आतंरिक व्यापार विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade- DPIIT) द्वारा आयोजित।
- उद्योग मंथन, भारतीय उद्योगों में गुणवत्ता और उत्पादकता को बढ़ावा देने पर केंद्रित वेबिनार की एक श्रृंखला है।
- इसके तहत फार्मा, चिकित्सा उपकरणों, क्लोज सर्किट कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, रोबोटिक्स, एयरोस्पेस और रक्षा, खिलौने, फर्नीचर, आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों को कवर किया जाएगा।
युद्धाभ्यास डेजर्ट फ्लैग VI
(EX Desert FLAG VI)
- डेजर्ट फ्लैग युद्धाभ्यास संयुक्त अरब अमीरात वायु सेना की मेजबानी में आयोजित एक वार्षिक बहुराष्ट्रीय युद्धाभ्यास है।
- भारतीयवायु सेना पहली बार, संयुक्त अरब अमीरात, संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया और बहरीन की वायु सेनाओं के साथ अभ्यास डेजर्ट फ्लैग-VI में भाग ले रही है।
नाग नदी
- नाग नदी, महाराष्ट्र के नागपुर शहर से होकर बहने वाली नदी है।
- इस नदी के नाम पर ही नागपुर शहर का नामकरण किया गया है।
- नाग नदी का उद्गम वाड़ी (wadi) के निकट लावा पहाड़ियों से होता है, और यह कान्हां-पेंच नदी-प्रणाली का एक भाग है।
संदर्भ: कुल 2,117.54 करोड़ रुपये की लागत से नाग नदी प्रदूषण नियंत्रण परियोजना को मंजूरी दी गई है।
राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के तहत अनुमोदित इस परियोजना को राष्ट्रीय नदी संरक्षण निदेशालय, (NRCD) द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा।