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[इनसाइट्स सिक्योर STHIR – 2021] दैनिक सिविल सेवा मुख्य परीक्षा उत्तर लेखन अभ्यास: 19 फरवरी 2021

 

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सामान्य अध्ययन – 1


 

विषय: संघ एवं उसका क्षेत्र

1. “केंद्रशासित प्रदेशों का निर्माण भारत के भूगोल की अभिव्यक्ति है।” लद्दाख तथा जम्मू एवं कश्मीर केंद्रशासित प्रदेशों के हालिया गठन की पृष्ठभूमि में चर्चा कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: भारतीय राजव्यवस्था: लक्ष्मीकांत

निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

भारत में संघ शासित प्रदेशों के बारे में संक्षिप्त चर्चा करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

विषय वस्तु:

उत्तर के मुख्य भाग में निम्नलिखित पहलुओं पर चर्चा कीजिए:

  1. भारत में केंद्र शासित प्रदेशों के अस्तित्व में आने के कारणों को संक्षेप में बताइए।
  2. प्रत्येक संघ शासित क्षेत्र के गठन के कारणों की व्याख्या कीजिए।
  3. इसने भौगोलिक निरंतरता में कैसे सहायता की? मूल्यांकन कीजिए एवं समझाइए कि वे भारत के भूगोल की अभिव्यक्ति कैसे हैं।
  4. देश के विभिन्न पहलुओं पर संघ शासित प्रदेशों के सामान्य प्रभावों पर चर्चा कीजिए।

निष्कर्ष:

निष्कर्ष निकालिए कि भारत के राजनीतिक मानचित्र को पुनः परिभाषित करने की शक्ति संसद में निहित है। इन वर्षों में, भौगोलिक और अन्य सामरिक कारकों को ध्यान में रखते हुए संघ शासित प्रदेशों का गठन किया गया है। केंद्र सरकार का प्रत्यक्ष नियंत्रण, संघ शासित प्रदेशों के सामाजिक-राजनीतिक एवं आर्थिक विकास में सहायक है।

 


सामान्य अध्ययन – 2


 

विषय: संसदीय प्रणाली एवं संघीय प्रणाली।

 2. भले ही राज्य अपने निर्धारित विधायी क्षेत्र में संप्रभु हों, एवं उनकी कार्यकारी शक्ति उनकी विधायी शक्तियों के साथ सह-व्यापक हो, लेकिन यह स्पष्ट है कि “राज्यों की शक्तियाँ संघ के साथ समन्वय नहीं करती हैं”। परीक्षण कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: भारतीय राजव्यवस्था: लक्ष्मीकांत

निर्देशक शब्द:

परीक्षण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

भारतीय संघवाद की परिभाषा एवं इसके महत्व को संक्षेप में प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

उत्तर के मुख्य भाग में भारतीय संविधान में निहित देश के संघीय ढांचे के बारे में विस्तार से चर्चा कीजिए।

देश में प्रचलित असममित संघवाद एवं इसके अनुसरण की व्याख्या कीजिए।

अपने उत्तर की पुष्टि के लिए उदाहरण भी प्रस्तुत कीजिए। जैसे- जम्मू एवं कश्मीर, पुदुचेरी,

दिल्ली आदि।

 निष्कर्ष:

भारत के संघवाद की विशिष्टता एवं इसके महत्व पर बल देते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्द्ध-न्यायिक निकाय।

3. भारत की अपीलीय न्यायाधिकरण प्रणाली का अवलोकन प्रस्तुत करते हुए इससे सम्बद्ध समस्याओं पर चर्चा कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: Business Standard  

 निर्देशक शब्द:

चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

भारत में न्यायाधिकरणों की स्थापना की पृष्ठभूमि को दर्शाते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

विषय वस्तु:

उत्तर निकाय में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल कीजिए:

भारत में न्यायाधिकरणों का एक अवलोकन प्रस्तुत कीजिए।

इस सन्दर्भ में उदाहरण प्रस्तुत कीजिए, जैसे – प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT), दूरसंचार विवाद निपटान अपीलीय न्यायाधिकरण (TDSAT) आदि।

भारत में अपीलीय न्यायाधिकरण प्रणाली की समस्याओं पर चर्चा कीजिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

  

विषय: भारत एवं इसके पड़ोसी- संबंध।

4. भारत एवं चीन के मध्य संपन्न हालिया सेना की वापसी प्रक्रिया, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करने की दिशा में एक आशाजनक शुरुआत है। हालांकि, कई अन्य मुद्दे हैं, जिन्हें स्थायी शांति स्थापित करने के लिए हल किया जाना आवश्यक है। टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: The Hindu

 निर्देशक शब्द:

 टिप्पणी कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

भारत-चीन सीमा पर होने वाली घटनाओं की संक्षिप्त पृष्ठभूमि प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

विषय वस्तु:

उत्तर निकाय में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए:

सेना की वापसी से सम्बंधित प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डालिए।

इन मुद्दों के समाधान के लिए सुझाव दीजिए।

वर्तमान वार्ताओं के साथ क्लबिंग देपसांग मामला, विरोधी प्रतिक्रिया का विस्तार, ताइवान कार्ड मामला, रक्षा सुधार आदि के आधार पर आगे की राह का सुझाव दीजिए।

निष्कर्ष:

निष्कर्ष निकालिए कि वर्तमान सेना की वापसी प्रक्रिया एक स्वागत योग्य कदम है क्योंकि दो परमाणु-सशक्त एशियाई शक्तियों के मध्य बढ़ता तनाव किसी के लिए भी उपयोगी सिद्ध नहीं होगा।

 


सामान्य अध्ययन – 3


 

विषय: बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।

 5. सड़क दुर्घटना रुपी मूक महामारी को समाप्त करने के लिए शिक्षा, नागरिक समाज सहयोग एवं पेशेवर पुलिसिंग की आवश्यकता होगी। देश में हाल ही में देखी गई दुर्घटनाओं की सततता के आलोक में चर्चा कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ:  The Hindu

 निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

देश में सड़क सुरक्षा एवं प्रत्येक वर्ष होने वाली सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित कुछ प्रमुख आंकड़े प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:  

देश में सड़क सुरक्षा से संबंधित प्रत्येक मुद्दे को एक-एक करके प्रस्तुत कीजिए।

हाल ही में जारी विश्व बैंक की “ट्रैफिक क्रैश इंजरीज़ एंड डिसएबिलिटीज़ (Traffic Crash Injuries and Disabilities)” रिपोर्ट के अनुसार, भारत में विश्व के 1% वाहन उपलब्ध हैं लेकिन यहाँ कुल सड़क दुर्घटनाओं की 11% मौतें होती हैं।

केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के अनुसार, 2019 में मृतकों की संख्या 1,51,113 और घायलों की संख्या 4,51,361 थी।

भारत में सड़क दुर्घटनाओं के कारण सकल घरेलू उत्पाद के 3% भाग की क्षति होती है, जिनमें से अधिकांश रोकथाम योग्य हैं।

परिवहन विभाग नियम उल्लंघन के बारे में लगातार विचार कर रहा है।

इस सन्दर्भ में परिवर्तन लाने का प्रावधान मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 में किया गया है।

निष्कर्ष:

आगे की राह के लिए प्रासंगिक समाधान प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन – 4


 

विषय: केस स्टडी।

6. अरुण एक बहुत ही मेहनती व्यक्ति है एवं वह अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाला एकमात्र व्यक्ति है। उसने अनेक वर्षों तक एक तेल कंपनी की स्थानीय सहयोगी संस्था के साथ काम किया है एवं स्थानीय संस्था के प्रबंधक सुरेश के साथ उसने एक मजबूत, भरोसेमंद संबंध स्थापित किये हैं। सुरेश ने हाल ही में अरुण को कंपनी के कॉर्पोरेट परामर्श इंजीनियर के रूप में भर्ती करने की सिफारिश की है, जो एक स्थिर आय के साथ-साथ बड़ी जिम्मेदारी वाला पद है। अचानक हुई बातचीत के दौरान, सुरेश ने 1960 के दशक की एक घटना का उल्लेख किया, जिसमें कंपनी की लापरवाही के कारण 10,000 गैलन पेट्रोकेमिकल का स्थानीय वातावरण में रिसाव कर दिया गया था। हालांकि उस समय कोई क्षति नहीं हुई थी एवं प्रेस में भी इस रिसाव का कोई उल्लेख नहीं किया गया था। जब अरुण ने उल्लेख किया कि उसे राज्य कानून व्यवस्था को इस सन्दर्भ में जानकारी देनी चाहिए, तो सुरेश ने उसे बताया कि उस समय कोई नुकसान नहीं हुआ था एवं उसे स्मरण कराया कि एक ग़ैर-वफादार एवं गोपनीयता के महत्त्व का सम्मान न करने वाले व्यक्ति को कंपनी के एक परामर्शदाता के रूप में नियुक्त नहीं किया जा सकता है। (250 शब्द)

 (a) दिए गए मामले में शामिल नैतिक मुद्दों की पहचान कीजिए।

(b) इस परिस्थिति में अरुण के समक्ष कौन-कौन से विकल्प उपलब्ध हैं? उनमें से प्रत्येक का मूल्यांकन कीजिए।

(c) यदि आप अरुण के स्थान पर होते तो आपकी कार्रवाई का क्या तरीका होता? उसका कारण भी बताइए।

निर्देशक शब्द:

मूल्यांकन कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है की वह कथन अथवा विषय के महत्व को रेखांकित करते हुए उसकी समग्र उपयोगिता बताये।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

मामले का विश्लेषण कीजिए और इसमें शामिल प्रमुख नैतिक मुद्दों की पहचान कीजिए।

 विषय वस्तु:

दी गयी परिस्थिति में अरुण के समक्ष उपलब्ध विकल्पों की एक सूची तैयार कीजिए एवं प्रत्येक उपलब्ध विकल्प की सकारात्मकता एवं नकारात्मकता पर प्रकाश डालिए।

अपनी कार्रवाई का तरीका प्रस्तुत कीजिए एवं अपनी कार्रवाई की पुष्टि के लिए उचित तर्क भी प्रस्तुत कीजिए।

निष्कर्ष:

उपयुक्त सुझावों के साथ निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; उत्तरदायित्व तथा नैतिक शासन, शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण; अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कॉरपोरेट शासन व्यवस्था।

7. प्रशासनिक नैतिकता से आप क्या समझते हैं? प्रशासनिक तंत्र के कुशल कामकाज के लिए यह क्यों आवश्यक है? (250 शब्द)

 सन्दर्भ: नैतिकता: लेक्सिकन प्रकाशन

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

प्रशासनिक नैतिकता से आप क्या समझते हैं? उसे परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

प्रशासनिक नैतिकता के महत्व को स्पष्ट कीजिए।

लोक प्रशासन में इसके महत्व को समझाइए। यदि आवश्यक हो तो इसके पुष्टिकरण के लिए उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

निष्कर्ष:

प्रशासनिक तंत्र के कुशल कामकाज में इसके महत्व को बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।


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