HINDI INSIGHTS STATIC QUIZ 2020-2021
Quiz-summary
0 of 5 questions completed
Questions:
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
Information
Welcome to Insights IAS Static Quiz in HINDI. We have already outlined details of this New Initiative HERE.
You have already completed the quiz before. Hence you can not start it again.
Quiz is loading...
You must sign in or sign up to start the quiz.
You have to finish following quiz, to start this quiz:
Results
0 of 5 questions answered correctly
Your time:
Time has elapsed
You have reached 0 of 0 points, (0)
Categories
- Not categorized 0%
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
- Answered
- Review
-
Question 1 of 5
1. Question
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इस गुफा को बराबर पहाड़ियों पर कठोर-एकाश्म ग्रेनाइट चट्टान से निर्मित किया गया है, जिसके निकट बाईं ओर छोटी सुदामा गुफा स्थित है।
- गुफा के ” घुमावदार प्रस्तरपाद” पर अलंकरण स्तूप के रास्ते में हाथियों की नक्काशी की गई है।
उपर्युक्त कथनों में निम्नलिखित में से किसका उल्लेख किया गया है?
Correct
उत्तर: d)
लोमश ऋषि गुफा (Lomas Rishi Cave) को बराबर पहाड़ियों पर कठोर-एकाश्म ग्रेनाइट चट्टान से निर्मित किया गया है, जिसके निकट बाईं ओर छोटी सुदामा गुफा स्थित है।
इस रॉक-कट गुफा को एक शरणस्थान (sanctuary) के रूप में निर्मित किया गया था। इसका निर्माण तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य साम्राज्य में अशोक के काल के दौरान किया गया था, जो कि अजीविका की पवित्र वास्तुकला के भाग के रूप में था।
यह भारत में कई अन्य बौद्ध और जैन गुफाओं में निर्मित ऐसे सभी धनुषाकार प्रवेश द्वार के लिए एक मॉडल बन गया था, जो संभवतः समकालीन लकड़ी की वास्तुकला का अनुकरण करता है।
Incorrect
उत्तर: d)
लोमश ऋषि गुफा (Lomas Rishi Cave) को बराबर पहाड़ियों पर कठोर-एकाश्म ग्रेनाइट चट्टान से निर्मित किया गया है, जिसके निकट बाईं ओर छोटी सुदामा गुफा स्थित है।
इस रॉक-कट गुफा को एक शरणस्थान (sanctuary) के रूप में निर्मित किया गया था। इसका निर्माण तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य साम्राज्य में अशोक के काल के दौरान किया गया था, जो कि अजीविका की पवित्र वास्तुकला के भाग के रूप में था।
यह भारत में कई अन्य बौद्ध और जैन गुफाओं में निर्मित ऐसे सभी धनुषाकार प्रवेश द्वार के लिए एक मॉडल बन गया था, जो संभवतः समकालीन लकड़ी की वास्तुकला का अनुकरण करता है।
-
Question 2 of 5
2. Question
विश्व विरासत स्थल पट्टदकल में स्मारक समूह के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- यह हिंदू मंदिर और बौद्ध विहार दोनों स्थित हैं।
- इसका निर्माण चोलों द्वारा किया गया था।
- यह भारत के उत्तर और दक्षिण दोनों के वास्तु रूपों का प्रतिनिधित्व करता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: c)
पट्टदकल एक उदार कला के चरमोत्कर्ष रूप का प्रतिनिधित्व करता है, जिसने 7वीं और 8वीं शताब्दी में चालुक्य वंश के तहत उत्तरी और दक्षिणी भारत से वास्तुशिल्प रूपों का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण हासिल किया। नौ हिंदू मंदिरों और साथ ही एक जैन मंदिर की एक प्रभावशाली श्रृंखला वहां देखी जा सकती है।
कर्नाटक राज्य में तीन बहुत निकट स्थित स्थल धार्मिक स्मारकों का एक उल्लेखनीय उदाहरण प्रस्तुत करते हैं जो चोल के महान राजवंश (543-757 ई.) से संबंधित हैं। यहाँ पर दो राजधानी शहर स्थित हैं – एहोल (प्राचीन आर्यपुरा), बादामी, और पट्टदकल, ‘सिटी ऑफ द क्राउन रूबीज़‘ (पट्टादा किशुवलाल)।
ज्ञातव्य है कि कुछ समय के लिए ही चालुक्य साम्राज्य की तीसरी राजधानी शहर था; उस समय पल्लव ने बादामी (642-55) पर कब्जा कर लिया था। जबकि एहोल को पारंपरिक रूप से चालुक्य वास्तुकला की ‘प्रयोगशाला’ माना जाता है, जिसमें लड्खन के मंदिर (450 ई.) जैसे स्मारक स्थित हैं, जो राजा पुलकेशिन प्रथम के शासनकाल के दौरान वंश की राजनीतिक सफलताओं को प्रदर्शित करते हैं, 7वीं और 8वीं शताब्दी में निर्मित पट्टादकल शहर एक उदार कला रूप को दर्शाता है। यह भारत के उत्तर और दक्षिण के स्थापत्य रूपों का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण है।
Incorrect
उत्तर: c)
पट्टदकल एक उदार कला के चरमोत्कर्ष रूप का प्रतिनिधित्व करता है, जिसने 7वीं और 8वीं शताब्दी में चालुक्य वंश के तहत उत्तरी और दक्षिणी भारत से वास्तुशिल्प रूपों का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण हासिल किया। नौ हिंदू मंदिरों और साथ ही एक जैन मंदिर की एक प्रभावशाली श्रृंखला वहां देखी जा सकती है।
कर्नाटक राज्य में तीन बहुत निकट स्थित स्थल धार्मिक स्मारकों का एक उल्लेखनीय उदाहरण प्रस्तुत करते हैं जो चोल के महान राजवंश (543-757 ई.) से संबंधित हैं। यहाँ पर दो राजधानी शहर स्थित हैं – एहोल (प्राचीन आर्यपुरा), बादामी, और पट्टदकल, ‘सिटी ऑफ द क्राउन रूबीज़‘ (पट्टादा किशुवलाल)।
ज्ञातव्य है कि कुछ समय के लिए ही चालुक्य साम्राज्य की तीसरी राजधानी शहर था; उस समय पल्लव ने बादामी (642-55) पर कब्जा कर लिया था। जबकि एहोल को पारंपरिक रूप से चालुक्य वास्तुकला की ‘प्रयोगशाला’ माना जाता है, जिसमें लड्खन के मंदिर (450 ई.) जैसे स्मारक स्थित हैं, जो राजा पुलकेशिन प्रथम के शासनकाल के दौरान वंश की राजनीतिक सफलताओं को प्रदर्शित करते हैं, 7वीं और 8वीं शताब्दी में निर्मित पट्टादकल शहर एक उदार कला रूप को दर्शाता है। यह भारत के उत्तर और दक्षिण के स्थापत्य रूपों का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण है।
-
Question 3 of 5
3. Question
चित्रकला की अपभ्रंश शैली की विशेषताएं निम्नलिखित में से कौनसी हैं
- जैन धर्म इस चित्रकला का मुख्य विषय था।
- मानव चित्रण में तीखी नाक और दोहरी ठुड्डी (Double chin) का चित्रण किया गया है।
- पशु और पक्षियों की अनुपस्थिति थी
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correct
उत्तर: a)
चित्रकला की अपभ्रंश शैली
यह शैली की उत्पत्ति गुजरात और राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र में हुई थी। यह 11वीं से 15वीं शताब्दी के दौरान पश्चिमी भारत में चित्रकला की एक प्रमुख शैली थी। इन चित्रों के सबसे सामान्य विषय जैन थे और बाद के समय में वैष्णव शैली में भी इसे अपनाया गया था।
चित्रों में चित्रित मानव आकृतियों की विशेषताओं में मछली के आकार की उभरी हुई आँखों; तीखी नाक और दोहरी ठुड्डी (Double chin) को चित्रित किया गया है।
चित्रों में पशु और पक्षियों के चित्रों को खिलौने के रूप में दर्शाया गया है। सबसे प्रसिद्ध उदाहरण 15वीं शताब्दी के कल्पसूत्र और कालकाचार्य कथा हैं।
Incorrect
उत्तर: a)
चित्रकला की अपभ्रंश शैली
यह शैली की उत्पत्ति गुजरात और राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र में हुई थी। यह 11वीं से 15वीं शताब्दी के दौरान पश्चिमी भारत में चित्रकला की एक प्रमुख शैली थी। इन चित्रों के सबसे सामान्य विषय जैन थे और बाद के समय में वैष्णव शैली में भी इसे अपनाया गया था।
चित्रों में चित्रित मानव आकृतियों की विशेषताओं में मछली के आकार की उभरी हुई आँखों; तीखी नाक और दोहरी ठुड्डी (Double chin) को चित्रित किया गया है।
चित्रों में पशु और पक्षियों के चित्रों को खिलौने के रूप में दर्शाया गया है। सबसे प्रसिद्ध उदाहरण 15वीं शताब्दी के कल्पसूत्र और कालकाचार्य कथा हैं।
-
Question 4 of 5
4. Question
निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए
पारंपरिक साड़ी संबंधित क्षेत्र
- पोटोला गुजरात
- जामदानी राजस्थान
- इलकल कर्नाटक
उपर्युक्त में से कौन-से युग्म सही सुम्मेलित हैं?
Correct
उत्तर: b)
पटोला – पाटन, गुजरात
जामदानी – पश्चिम बंगाल
इलक – कर्नाटक
Incorrect
उत्तर: b)
पटोला – पाटन, गुजरात
जामदानी – पश्चिम बंगाल
इलक – कर्नाटक
-
Question 5 of 5
5. Question
हिंदुस्तानी संगीत में निम्नलिखित में से कौन सी शैलियाँ मुख्य हैं?
- ध्रुपद
- तराना
- खयाल
- टप्पा
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correct
उत्तर: d)
हिंदुस्तानी संगीत: भारत के उत्तरी भागों में प्रचलित है। संगीत की हिंदुस्तानी शाखा संगीत संरचना और उसमें आशुरचना की संभावनाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करती है। हिंदुस्तानी शाखा में शुद्ध स्वर सप्तक या प्राकृतिक स्वरों के सप्टक को अपनाया गया है।
हिंदुस्तानी संगीत में ‘ध्रुपद‘, ‘धमार‘, ‘होरी‘, ‘ख्याल‘, ‘टप्पा‘, ‘चतुरंग‘, ‘रागसागर‘, ‘तराना‘, ‘सरगम‘ और ‘ठुमरी‘ गायन की दस मुख्य शैलियाँ हैं।
Incorrect
उत्तर: d)
हिंदुस्तानी संगीत: भारत के उत्तरी भागों में प्रचलित है। संगीत की हिंदुस्तानी शाखा संगीत संरचना और उसमें आशुरचना की संभावनाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करती है। हिंदुस्तानी शाखा में शुद्ध स्वर सप्तक या प्राकृतिक स्वरों के सप्टक को अपनाया गया है।
हिंदुस्तानी संगीत में ‘ध्रुपद‘, ‘धमार‘, ‘होरी‘, ‘ख्याल‘, ‘टप्पा‘, ‘चतुरंग‘, ‘रागसागर‘, ‘तराना‘, ‘सरगम‘ और ‘ठुमरी‘ गायन की दस मुख्य शैलियाँ हैं।