HINDI INSIGHTS STATIC QUIZ 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
गुप्त युग के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- गुप्त युग को अक्सर “भारतीय वास्तुकला के स्वर्णिम काल” के रूप में जाना जाता है, जिसने सभी धर्मों के लिए अनुकरणीय सहिष्णुता विधमान थी।
- गुप्त काल के दौरान, गुफाओं के निर्माण का विकास किया गया था।
- गुफाओं में छवियों को फ्रेस्को पेंटिंग का उपयोग करके बनाया गया था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
चौथी शताब्दी में गुप्त साम्राज्य के उद्भव को अक्सर “भारतीय वास्तुकला के स्वर्णिम काल“ के रूप में जाना जाता है।
मंदिर वास्तुकला इस अवधि के दौरान अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंच गई थी। इसी तरह, बौद्ध और जैन कला भी गुप्त युग के दौरान अपने चरम पर थी।
गुप्त शासक, विशेष रूप से बाद के चरण में, ब्राह्मणवादी शासक थे। हालांकि, वे अन्य सभी धर्मों के प्रति अनुकरणीय सहिष्णुता रखते थे।
गुप्त काल के दौरान, गुफा निर्माण का विकास स्थिर रहा। हालांकि, गुफाओं की दीवारों पर भित्ति चित्रों का उपयोग किया गया। अजंता और एलोरा की गुफाओं में भित्ति चित्रों के कुछ सर्वश्रेष्ठ उदाहरण देखे जा सकते हैं।
अजंता की गुफाओं में छवियों को फ्रेस्को पेंटिंग का उपयोग करके चित्रित किया गया था।
Incorrect
उत्तर: b)
चौथी शताब्दी में गुप्त साम्राज्य के उद्भव को अक्सर “भारतीय वास्तुकला के स्वर्णिम काल“ के रूप में जाना जाता है।
मंदिर वास्तुकला इस अवधि के दौरान अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंच गई थी। इसी तरह, बौद्ध और जैन कला भी गुप्त युग के दौरान अपने चरम पर थी।
गुप्त शासक, विशेष रूप से बाद के चरण में, ब्राह्मणवादी शासक थे। हालांकि, वे अन्य सभी धर्मों के प्रति अनुकरणीय सहिष्णुता रखते थे।
गुप्त काल के दौरान, गुफा निर्माण का विकास स्थिर रहा। हालांकि, गुफाओं की दीवारों पर भित्ति चित्रों का उपयोग किया गया। अजंता और एलोरा की गुफाओं में भित्ति चित्रों के कुछ सर्वश्रेष्ठ उदाहरण देखे जा सकते हैं।
अजंता की गुफाओं में छवियों को फ्रेस्को पेंटिंग का उपयोग करके चित्रित किया गया था।
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Question 2 of 5
2. Question
लोक कला रूप थुदुम्बट्टम (thudumbattam) निम्नलिखित में से किस राज्य में प्रचलित है
Correct
उत्तर: d)
थुडुम्बु कोंगु क्षेत्र (जिसमें कोयंबटूर, इरोड, तिरुप्पुर, करूर, नामक्कल और सलेम जिले शामिल हैं) में प्रचलित एक आघात-वाद्ययंत्र है। थुदुम्बट्टम, लोक कला का रूप, कोयंबटूर से 26 किलोमीटर दूर एक छोटे से शहर करमदई के आसपास के गांवों में प्रचलित है।
Incorrect
उत्तर: d)
थुडुम्बु कोंगु क्षेत्र (जिसमें कोयंबटूर, इरोड, तिरुप्पुर, करूर, नामक्कल और सलेम जिले शामिल हैं) में प्रचलित एक आघात-वाद्ययंत्र है। थुदुम्बट्टम, लोक कला का रूप, कोयंबटूर से 26 किलोमीटर दूर एक छोटे से शहर करमदई के आसपास के गांवों में प्रचलित है।
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Question 3 of 5
3. Question
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- मंदिर परिसर को “विदर्भ के खजुराहो” के रूप में जाना जाता है।
- यह मंदिर मंदिर वास्तुकला की नागर शैली से संबंधित हैं।
- मंदिरों का संबंध शिव, वैष्णव और शक से है।
उपर्युक्त कथन संबंधित हैं
Correct
उत्तर: d)
“विदर्भ के खजुराहो” के रूप में प्रचलित मार्कंडेश्वर मंदिर परिसर महाराष्ट्र के जिला गढ़चिरौली में वैनगंगा नदी के तट पर स्थित है।
यह मंदिर उत्तर भारत के मंदिरों के नागर समूह से संबंधित हैं।
शैलीगत आधार पर, इस्नका निर्माण 9-12वीं शताब्दी के बीच किया गया था।
मंदिर शैव, वैष्णव और शक आस्था से संबंधित हैं। अधिकांश मंदिरों का निर्माण एक सरल सतह पर किया गया है, जिसमें अर्धमंडप, मंडप, अंतराखंड गर्भगृह निर्मित है जो संपूर्ण मंदिर के घटक हैं।
Incorrect
उत्तर: d)
“विदर्भ के खजुराहो” के रूप में प्रचलित मार्कंडेश्वर मंदिर परिसर महाराष्ट्र के जिला गढ़चिरौली में वैनगंगा नदी के तट पर स्थित है।
यह मंदिर उत्तर भारत के मंदिरों के नागर समूह से संबंधित हैं।
शैलीगत आधार पर, इस्नका निर्माण 9-12वीं शताब्दी के बीच किया गया था।
मंदिर शैव, वैष्णव और शक आस्था से संबंधित हैं। अधिकांश मंदिरों का निर्माण एक सरल सतह पर किया गया है, जिसमें अर्धमंडप, मंडप, अंतराखंड गर्भगृह निर्मित है जो संपूर्ण मंदिर के घटक हैं।
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Question 4 of 5
4. Question
विजयनगर काल के दौरान निम्नलिखित में से कौन से मंदिर निर्मित किये गए थे
- वरधराज
- एकमंपरनाथ
- चिदंबरम
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correct
उत्तर: c)
कांचीपुरम में वरधराज और एकमंपरनाथ मंदिर मंदिर वास्तुकला की विजयनगर शैली की भव्यता के लिए उदाहरण हैं।
तिरुवनमलाई और चिदंबरम में राया गोपुरम विजयनगर के शानदार युग को प्रदर्शित करते हैं। बाद के समय में नायक शासकों द्वारा इसे जारी रखा गया था।
Incorrect
उत्तर: c)
कांचीपुरम में वरधराज और एकमंपरनाथ मंदिर मंदिर वास्तुकला की विजयनगर शैली की भव्यता के लिए उदाहरण हैं।
तिरुवनमलाई और चिदंबरम में राया गोपुरम विजयनगर के शानदार युग को प्रदर्शित करते हैं। बाद के समय में नायक शासकों द्वारा इसे जारी रखा गया था।
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Question 5 of 5
5. Question
गुरु नानक के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- गुरु नानक हिंदू धर्म और इस्लाम को नहीं मानते थे और इसलिए वे एक नया धर्म स्थापित करना चाहते थे, जिसे उन्होंने सिख धर्म नाम दिया।
- उन्होंने यज्ञ, अनुष्ठान स्नान, मूर्ति पूजा, तपस्या और शास्त्रों को अस्वीकार कर दिया था।
- उन्होंने पांच प्रतीकों यथा: केश, कंघा, कड़ा, कृपाण और कच्छा को निर्धारित किया जिसे उनके अनुयायियों द्वारा धारण करना अनिवार्य था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
गुरु नानक एक नया धर्म स्थापित नहीं करना चाहते थे, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उनके अनुयायियों ने अपनी प्रथाओं को समेकित किया और स्वयं को हिंदू और मुस्लिम दोनों से अलग कर लिया।
साथ ही उन्होंने सिख धर्म नाम भी नहीं रखा था। उन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों दोनों के त्याग, अनुष्ठान स्नान, मूर्ति पूजा, तपस्या और शास्त्रों को अस्वीकार कर दिया।
गुरु गोबिंद सिंह ने पांच प्रतीकों यथा: केश, कंघा, कड़ा, कृपाण और कच्छा को निर्धारित किया जिसे उनके अनुयायियों द्वारा धारण करना अनिवार्य था।
Incorrect
उत्तर: b)
गुरु नानक एक नया धर्म स्थापित नहीं करना चाहते थे, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उनके अनुयायियों ने अपनी प्रथाओं को समेकित किया और स्वयं को हिंदू और मुस्लिम दोनों से अलग कर लिया।
साथ ही उन्होंने सिख धर्म नाम भी नहीं रखा था। उन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों दोनों के त्याग, अनुष्ठान स्नान, मूर्ति पूजा, तपस्या और शास्त्रों को अस्वीकार कर दिया।
गुरु गोबिंद सिंह ने पांच प्रतीकों यथा: केश, कंघा, कड़ा, कृपाण और कच्छा को निर्धारित किया जिसे उनके अनुयायियों द्वारा धारण करना अनिवार्य था।