INSIGHTS करेंट अफेयर्स+ पीआईबी नोट्स [ DAILY CURRENT AFFAIRS + PIB Summary in HINDI ] 5 February 2021

 

विषयसूची 

सामान्य अध्ययन-II

1. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना

2. अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय

 

सामान्य अध्ययन-III

1. राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM)

2. केंद्रीय बजट में ‘कर्मचारी भविष्य निधि’ के ब्याज पर कर प्रस्ताव

3. सीमित देयता भागीदारी अधिनियम (LLP Act)

4. स्क्वायर किलोमीटर एरे

 

प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य

1. मोनपा हस्तनिर्मित कागज

2. ‘कपिला’

 


सामान्य अध्ययन- II


 

विषय: केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY)


(Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana)

संदर्भ:

वित्तीय वर्ष 2020 तक, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंर्तगत पात्र लाभार्थी महिलाओं की संख्या 1.75 करोड़ से अधिक हो चुकी है।

‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’ के बारे में:

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) केंद्र सरकार की एक मातृत्व लाभ योजना है। इस योजना को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार देश के सभी जिलों में लागू किया गया है।

  • इस योजना के तहत, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को, कुछ शर्तों को पूरा करने के बाद, तीन किश्तों में पहले बच्चे के जन्म पर 5,000 रूपये की राशि प्रदान की जाती है।
  • योजना के तहत, प्रत्यक्ष लाभ नकद हस्तांतरण का उद्देश्य गर्भवती माताओं के लिए बढ़ी हुई पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करना और साथ ही साथ काम-काजी महिलाओं के लिए गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद होने वाली मजदूरी के नुकसान की आंशिक भरपाई करना है।
  • इस योजना की घोषणा 31 दिसंबर, 2016 को की गई थी।

पात्र लाभार्थियों को संस्थागत प्रसव के लिए जननी सुरक्षा योजना (JSY) के तहत प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। जननी सुरक्षा योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत एक सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य गरीब गर्भवती महिलाओं के संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देना है। केंद्र सरकार इसके लिए औसतन प्रत्येक गर्भवती महिला के लिए 6000 रुपए प्रदान किया जाते हैं।

स्रोत: द हिंदू

 

विषय: महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश।

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC)


(International Criminal Court)

संदर्भ:

हाल ही में, अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने युगांडा के कुख्यात विद्रोही समूह लॉर्ड्स रेजिस्टेंस आर्मी को दर्जनों युद्ध-अपराधों और मानवता के विरुद्ध कई अपराधों, जिनमे हत्याओं से लेकर जबरन विवाह आदि शामिल है, के लिए एक पूर्व कमांडर (डोमिनिक ओंगवेन) को दोषी ठहराया है।

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ICC के बारे में

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (International Criminal Court -ICC) हेग, नीदरलैंड में स्थित है। यह नरसंहार, युद्ध अपराधों तथा मानवता के खिलाफ अपराधों के अभियोजन के लिए अंतिम न्यायालय है।

  • ICC पहला स्थायी, संधि आधारित अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय है, जिसकी स्थापना अंतरराष्ट्रीय समुदायों से संबधित गंभीर अपराधों को करने वाले अपराधियों पर मुकदमा चलाने तथा उन्हें सजा देने के लिए की गयी है।
  • ICC की स्थापना ‘रोम क़ानून’ (Rome Statute) के अंतर्गत की गयी, जो 1 जुलाई 2002 से प्रभावी हुई।

फंडिंग (Funding): न्यायालय का खर्च मुख्य रूप से सदस्य देशों द्वारा उठाया जाता है, परन्तु इसे सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, निजी व्यक्तियों, निगमों तथा अन्य संस्थाओं से स्वैच्छिक योगदान भी प्राप्त होता है।

संरचना और मतदान शक्ति

  • अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के प्रबंधन, विधायी निकाय तथा सदस्य सभा में प्रत्येक सदस्य राज्य का एक प्रतिनिधि शामिल होता है।
  • प्रत्येक सदस्य का एक वोट होता है तथा सर्वसम्मति से निर्णय लेने के लिए “हर संभव प्रयास” किया जाता है। किसी विषय पर सर्वसम्मति नहीं होने पर वोटिंग द्वारा निर्णय किया जाता है।
  • ICC में एक अध्यक्ष तथा दो उपाध्यक्ष होते है, इनका चुनाव सदस्यों द्वारा तीन वर्ष के कार्यकाल के लिए किया जाता है।

 आलोचना:

  • यह संदिग्ध अपराधियों को गिरफ्तार करने में सक्षम नहीं है इसके लिए ICC को सदस्य राज्यों पर निर्भर होना पड़ता है।
  • ICC के आलोचकों का तर्क है कि आईसीसी अभियोजक तथा न्यायाधीशों के अधिकार पर अपर्याप्त नियंत्रण और संतुलन हैं एवं अभियोगों के राजनीतिकरण होने के विरुद्ध अपर्याप्त प्रावधान है।
  • ICC पर पूर्वाग्रह का आरोप लगाया जाता है और पश्चिमी साम्राज्यवाद का एक उपकरण होने के नाते, समृद्ध तथा शक्तिशाली देशों द्वारा किए गए अपराधों की अनदेखी करता है तथा छोटे और कमजोर देशों के नेताओं को दंडित करता है।
  • ICC कई मामलों को राज्य सहयोग के बिना सफलतापूर्वक नहीं हल कर सकता है, इससे कई समस्याएं उत्पन्न होती है।

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 प्रीलिम्स लिंक:

  1. ICJ और ICC के मध्य अंतर
  2. इन संगठनों की भौगोलिक स्थिति
  3. यूएस और तालिबान के मध्य दोहा समझौता
  4. रोम क़ानून क्या है?
  5. अफगानिस्तान की अवस्थिति
  6. अमेरिकी तालिबान शांति समझौता

मेंस लिंक:

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) पर एक टिप्पणी लिखिए।

स्रोत: द हिंदू

 


सामान्य अध्ययन- III


 

विषय: प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय; जन वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्य, सीमाएँ, सुधार; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन; पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र।

राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM)


(National Agriculture Market)

संदर्भ:

अब तक 1.69 करोड़ से अधिक किसानों और 1.55 लाख व्यापारियों ने राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण किया जा चुका है।

e-NAM क्या है?

  • राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM), कृषि उपज के लिए एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य किसानों, व्यापारियों और खरीदारों की ऑनलाइन ट्रेडिंग में मदद करना और आसान मार्केटिंग के माध्यम से बेहतर कीमत दिलाना है।
  • भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में ‘लघु कृषक कृषि व्यापार संघ’ (Small Farmers Agribusiness Consortium- SFAC), e-NAMके कार्यान्वयन हेतु प्रमुख एजेंसी है।

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राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) के लाभ:

  • किसानों के लिए: e-NAM, कृषि उपज की बिक्री के अधिक विकल्प उपलब्ध कराता है। यह गोदाम-आधारित बिक्री के माध्यम से बाजारों तक कृषि उपज की पहुंच का विस्तार करता है और इस प्रकार कृषि उपज को मंडी तक ले जाने की आवश्यकता नहीं रह जाती।
  • मंडी / बाजार में स्थानीय व्यापारी के लिए: राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM), माध्यमिक स्तर के व्यापार हेतु, एक बड़े राष्ट्रीय बाजार तक पहुंच उपलब्ध कराता है।
  • थोक खरीदार, संसाधक, निर्यातक आदि, ‘e-NAM’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्थानीय मंडी / बाजार स्तर पर सीधे व्यापार करने में सक्षम होते है, जिससे उनकी मध्यस्थता लागत कम हो जाती है।

प्रीलिम्स लिंक:

  1. eNAM का कार्यान्वयन कौन करता है?
  2. ‘लघु कृषक कृषि व्यापार संघ’ (SFAC) की संरचना।
  3. किन राज्यों ने eNAM लागू नहीं किया है?
  4. APMC क्या हैं? इन्हें किस प्रकार प्रशासित किया जाता है?

मेंस लिंक:

राष्ट्रीय कृषि बाजार (eNAM) पर एक टिप्पणी लिखिए।

स्रोत: पीआईबी

 

विषय: सरकारी बजट

केंद्रीय बजट में ‘कर्मचारी भविष्य निधि’ के ब्याज पर कर प्रस्ताव


(Budget proposes tax on EPF interest)

संदर्भ:

केंद्रीय बजट 2021 में, वित्त मंत्री ने ‘कर्मचारी भविष्य निधि’ (Employees’ Provident Fund- EPF) और ऐच्छिक भविष्य निधि (Voluntary Provident Fund- VPF) में 2.5 लाख रुपये से अधिक के वार्षिक अंशदान से प्राप्त होने वाले ब्याज पर कर लगाने का फैसला किया है।

निहितार्थ:

  • किसी व्यक्ति द्वारा ‘कर्मचारी भविष्य निधि’ (EPF) में प्रति वर्ष 5 लाख रुपये से अधिक का अंशदान किया जाता है, तो इसके ब्याज के रूप प्राप्त होने वाली आय पर वर्तमान आयकर दरों के अनुसार ‘कर’ लगाया जाएगा। यही नियम ऐच्छिक भविष्य निधि (VPF) योगदान पर भी लागू होगा।
  • यह नियम केवल कर्मचारियों द्वारा भविष्य निधि में जमा किये जाने वाले अंश पर लागू होगा, नियोक्ता इस नियम से मुक्त रहेंगे।

प्रभाव:

इस कदम से उच्च-आय वाले अथवा उच्च निवल संपत्ति वाले व्यक्ति (high net-worth individuals- HNI) प्रभावित होंगे, जो सालाना भविष्य निधि में काफी अधिक ऐच्छिक योगदान करते हैं।

आवश्यकता:

अब तक, काफी लोग ‘कर्मचारी भविष्य निधि’ (EPF) में प्रतिवर्ष बड़ी रकम जमा करते थे और बिना कोई कर चुकाए उस पर ब्याज से आय अर्जित करते थे। इस कारण एक विसंगति उत्पन्न हो जाती है। सरकार के इस नए कदम से समानता बहाल करने और उच्च निवल संपत्ति वाले व्यक्तियों (high net-worth individuals- HNI) को भविष्य निधि में सालाना उच्च योगदान करने से हतोत्साहित करने में सहायता मिलेगी।

‘कर्मचारी भविष्य निधि’ (EPF) क्या होती है?

20 से अधिक कर्मचारियों वाली किसी भी कंपनी के लिए सरकार की ‘कर्मचारी भविष्य निधि’ (Employees’ Provident Fund- EPF) योजनाओं का अनुपालन करना अनिवार्य होता है।

इस योजना के तहत, नियोक्ता और कर्मचारी के लिए, ‘कर्मचारी भविष्य निधि’ निवेश खाते में, कर्मचारी के मासिक वेतन (आमतौर पर 12%) का कुछ अंश जमा करना आवश्यक होता है।

ऐच्छिक भविष्य निधि (VPF) क्या होती है?

जैसा कि नाम से ज्ञात होता है, कि यह एक स्वैच्छिक योजना है, जिसके तहत कर्मचारियों के लिए EPF दिशानिर्दशों के अनुसार 12% योगदान करने के पश्चात स्वेच्छा से अपने ‘भविष्य निधि’ (Provident Fund-PF) खाते में जमा करने की अनुमति होती है।

ऐच्छिक भविष्य निधि में ‘कर्मचारी भविष्य निधि’ के समान ब्याज प्राप्त होता है, और कर्मचारी अपना पूरा वेतन भी VPF में जमा कर सकते हैं।

प्रमुख विशेषताऐं:

प्रयोज्यता: केवल वेतनभोगी कामकाजी पेशेवर ही ‘कर्मचारी भविष्य निधि’ और ‘ऐच्छिक भविष्य निधि’ में खाता खोल सकते हैं।

अंशदान: ‘कर्मचारी भविष्य निधि’ में, कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों के लिए, कर्मचारी के मूल वेतन + महंगाई भत्ते का 12 प्रतिशत न्यूनतम योगदान करना अनिवार्य होता है।

ऐच्छिक भविष्य निधि’ में, कोई कर्मचारी अपने वेतन का 100% तक + महंगाई भत्ता, का योगदान कर सकता है।

प्रीलिम्स लिंक:

  1. ‘कर्मचारी भविष्य निधि’ (EPF) क्या है?
  2. ऐच्छिक भविष्य निधि (VPF) क्या है?
  3. प्रमुख विशेषताएं।
  4. EPFO क्या है?

मेंस लिंक:

‘कर्मचारी भविष्य निधि’ (EPF) के महत्व पर चर्चा कीजिए।

स्रोत: द हिंदू

 

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।

सीमित देयता भागीदारी अधिनियम (LLP Act)


(Limited Liability Partnership Act)

संदर्भ:

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs-MCA) द्वारा क़ानून का पालन करने वाली सीमित देयता भागीदारियों (LLPs) हेतु व्यापार में सुगमता के लिए सीमित देयता भागीदारी (LLP) अधिनियम, 2008 के तहत आपराधिक दायित्व संबंधी एक प्रावधान को रद्द करने के साथ-साथ 12 अपराधों को गैर-अपराध घोषित करने की योजना बनाई जा रही है।

LLP क्या है?

सीमित देयता भागीदारी (Limited Liability Partnerships- LLPs) व्यापार संगठन का एक स्वरूप होती है, जिसमें प्रत्येक भागीदार की देयता कानूनी रूप से सीमित होती है। अतएव, यह भागीदारी और निगमों के तत्वों को प्रदर्शित करता है।

सीमित देयता भागीदारी (LLP) में एक भागीदार, किसी दूसरे भागीदार के कदाचार अथवा लापरवाही के लिए जिम्मेदार या उत्तरदायी नहीं होता है।

‘सीमित देयता भागीदारी’ की प्रमुख विशेषताएं:

  • एलएलपी, एक नैगम निकाय (Body Corporate) और एक कानूनी इकाई होती है, जो इसके भागीदार से यह अलग होगी। इसमें एक सतत अनुक्रमण होता है।
  • एक पृथक कानून (अर्थात एलएलपी अधिनियम, 2008) होने के नाते, भारतीय भागीदारी अधिनियम, 1932 के प्रावधान एलएलपी पर लागू नहीं होते हैं और यह भागीदारों के मध्य अनुबंध संबंधी समझौते द्वारा विनियमित होता है।
  • प्रत्येक सीमित देयता भागीदारी द्वारा “सीमित देयता भागीदारी” शब्द अथवा इसका संक्षिप्त नाम ‘एलएलपी’ (LLP) का उपयोग अपने नाम के अंत में किया जाएगा।

संरचना:

प्रत्‍येक एलएलपी में कम से कम दो भागीदार होंगे और इसमें कम से कम दो व्‍यक्ति नामनिर्दिष्‍ट भागीदार के रूप में होंगे, जिसमें से कम से कम एक भारत का निवासी होगा और सभी भागीदार, ‘सीमित देयता भागीदारी’ के प्रतिनिधि होंगे।

एलएलपी की आवश्यकता और महत्व:

  • एलएलपी प्रारूप एक वैकल्पिक कॉर्पोरेट व्यावसायिक संस्करण है, जिसमे किसी कंपनी के सीमित दायित्व का लाभ प्रदान किया जाता है, किन्तु साझेदारी फर्म की भांति इसके सदस्यों के लिए पारस्परिक सहमति के आधार पर आंतरिक प्रबंधन को व्यवस्थित करने की अनुमति होती है।
  • सामान्यतः यह प्रारूप लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए और विशेष रूप से सेवा क्षेत्र उद्यमों के लिए काफी उपयोगी होगा।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, विशेष रूप से सेवा उद्योग के लिए अथवा पेशेवरों से संबंधित गतिविधियों वाले व्यवसायों के लिए सीमित देयता भागीदारी (LLP) एक लोकप्रिय प्रारूप है।

प्रीलिम्स लिंक:

  1. एलएलपी और कंपनियों के मध्य अंतर।
  2. देयता भागीदारी (Liability Partnerships- LP) और एलएलपी के मध्य अंतर।
  3. नैगम निकाय (Body Corporate) क्या होता है?
  4. एलएलपी भागीदारों के कार्य और भूमिकाएं।

मेंस लिंक:

सीमित देयता भागीदारी (LLP) पर एक टिप्पणी लिखिए।

स्रोत: द हिंदू

 

विषय: अंतरिक्ष में जागरूकता।

स्क्वायर किलोमीटर एरे (SKA)


(Square Kilometre Array)

संदर्भ:

स्क्वायर किलोमीटर ऐरे ऑब्जर्वेटरी (SKAO) परिषद द्वारा, 4 फरवरी को, अपनी पहली बैठक के दौरान विश्व के सबसे बड़े रेडियो टेलिस्कोप की स्थापना करने को मंजूरी दे दी गयी है।

‘स्क्वायर किलोमीटर ऐरे ऑब्जर्वेटरी’ (SKAO) के बारे में:

  • SKAO रेडियो खगोल विज्ञान को समर्पित एक नया अंतर-सरकारी संगठन है, इसका मुख्यालय ब्रिटेन में है।
  • फिलहाल, SKAO में दस देशों की संस्थाएं सम्मिलित हैं।
  • इनमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, भारत, इटली, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन, नीदरलैंड और यूके शामिल हैं।

‘रेडियो टेलिस्कोप’ क्या है?

  • ऑप्टिकल टेलीस्कोप के विपरीत, रेडियो टेलीस्कोप अदृश्य गैसों का पता लगाने में सक्षम होते हैं और इसलिए, ये ब्रह्मांडीय धूल के कारण न दिखाई देने वाले अंतरिक्षीय क्षेत्रों की भी खोज कर सकते हैं।
  • 1930 के दशक में भौतिक विज्ञानी कार्ल जानस्की (Karl Jansky) द्वारा सबसे पहले रेडियो संकेतों का पता लगाया गया था।
  • इससे पहले, प्यूर्टो रिको स्थित विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सिंगल-डिश रेडियो टेलीस्कोप ‘आर्सीबो टेलिस्कोप (Arecibo telescope)’ दिसंबर 2020 में नष्ट हो गया था।
  • आर्सीबो टेलिस्कोप का निर्माण वर्ष 1963 में किया गया था।

SKA टेलीस्कोप के बारे में:

  • इसके लिए विश्व का सबसे बड़े रेडियो टेलीस्कोप के रूप में प्रस्तावित किया गया है।
  • इसको अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में स्थापित किया जाएगा, तथा इसका संचालन, रखरखाव और निर्माण SKAO द्वारा किया जाएगा।
  • इसके पूरा होने में लगभग8 बिलियन पाउंड की लागत तथा एक दशक का समय लगने की संभावना है।

SKA

प्रीलिम्स लिंक:

  1. SKA के बारे में।
  2. SKAO के बारे में।
  3. रेडियो टेलिस्कोप क्या होता है?
  4. ये ऑप्टिकल टेलीस्कोप से किस प्रकार भिन्न होते हैं?

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

 


प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य


मोनपा हस्तनिर्मित कागज

(Monpa handmade paper)

यह अरुणाचल प्रदेश की 1000 साल पुरानी विरासत कला है।

  • मोनपा हस्तनिर्मित कागज निर्माण कला की शुरूआत 1000 वर्ष पूर्व हुई थी।
  • धीरे-धीरे यह कला अरुणाचल प्रदेश के तवांग में स्थानीय रीति-रिवाजों और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बन गई।
  • उत्कृष्ट बनावट वाला यह हस्तनिर्मित कागज, तवांग की स्थानीय जनजातियों के जीवंत संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, जिसे स्थानीय भाषा में मोन शुगु कहा जाता है।
  • मोनपा हस्तनिर्मित कागज, शुगु शेंग नामक स्थानीय पेड़ की छाल से बनाया जाता है, जिसका अपना औषधीय मूल्य भी है।

‘कपिला’

(KAPILA)

  • हाल ही में, भारत सरकार ने बौद्धिक संपदा साक्षरता और जागरूकता अभियान कपिला (Kalam Program for Intellectual Property Literacy and Awareness CampaignKAPILA) नामक एक अभियान शुरू किया है।
  • इस योजना के उद्देश्य: उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) में बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) के बारे में जागरूकता पैदा करना, HEI के संकाय और छात्रों के आविष्कारों के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार सुरक्षित करना, बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) पर पाठ्यक्रम का विकास, प्रशिक्षण कार्यक्रम आदि हैं।

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