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[इनसाइट्स सिक्योर STHIR – 2021] दैनिक सिविल सेवा मुख्य परीक्षा उत्तर लेखन अभ्यास: 28 जनवरी 2021

 

How to Follow Secure Initiative?

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सामान्य अध्ययन – 1


 

विषय: 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय।

1. जयप्रकाश नारायण द्वारा प्रस्तुत की गई सम्पूर्ण क्रांति की अवधारणा सात क्रांतियों अर्थात सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, वैचारिक एवं बौद्धिक, शैक्षिक तथा आध्यात्मिक क्रांति पर उनके विचारों का संगम है। स्पष्ट कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: स्वतंत्रता के पश्चात् भारत: बिपिन चंद्रा

निर्देशक शब्द:

 स्पष्ट कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह पूछे गए प्रश्न से संबंधित जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

जयप्रकाश नारायण की सम्पूर्ण क्रांति का वर्णन करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

सम्पूर्ण क्रांति के विभिन्न घटकों पर विस्तार से चर्चा कीजिए:

सामाजिक – समाजवाद, कल्याणवाद, सरकार, हरिजनों, आदिवासी लोगों तथा सामाजिक संरचना के सभी कमजोर वर्गों का विकास।

आर्थिक – औद्योगिक, कृषि, तकनीकी क्रांतियाँ, किसानों एवं श्रमिकों का विकास।

राजनीतिक – लोकतांत्रिक प्रक्रिया, राजनीतिक भ्रष्टाचार, न्याय, स्वतंत्रता, चुनाव सुधार।

सांस्कृतिक – राष्ट्रीय एकता, स्वतंत्र, प्रगतिशील और गांधीवादी भारत।

वैचारिक एवं बौद्धिक – वैज्ञानिक एवं दार्शनिक।

शैक्षिक – सभी के लिए शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण आदि।

आध्यात्मिक – व्यक्तिगत एवं सामाजिक नैतिकता और जीवन के मूल्य, नैतिक और आध्यात्मिक विकास।

निष्कर्ष:

सम्पूर्ण क्रांति के प्रभाव के महत्व पर बल देते हुए निष्कर्ष निकालिए।

  

विषय: 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय।

 2. 1975 में हमारे लोकतंत्र को चुनौती दी गई थी। अनेक सबक सीखे गए, ऐसे अन्य ‘आपातकाल’ को रोकने के लिए नियन्त्रण एवं संतुलन का प्रावधान किया गया। टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: स्वतंत्रता के पश्चात् भारत: बिपिन चंद्रा

 निर्देशक शब्द:

 टिप्पणी कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।

उत्तर की संरचना:

 परिचय:

1975 में लगाए गए आपातकाल की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि एवं आपातकाल की परिस्थितियों को संक्षेप में बताते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

इसके प्रमुख घटनाक्रमों पर प्रकाश डालिए।

इस प्रकार के अलोकतांत्रिक कृत्य के नकारात्मक पहलुओं पर चर्चा कीजिए।

इसने राजनीतिक प्रणाली में परिवर्तनकारी परिवर्तन कैसे किए? चर्चा कीजिए।

निष्कर्ष:

निष्कर्ष निकालिए कि भारत अब एक अधिक परिपक्व लोकतंत्र बन गया है; हालाँकि लोकतंत्र हमेशा प्रगतिशील कार्य है।

 


सामान्य अध्ययन – 2


 

विषय: शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ।

3. निजी संस्थाओं के लिए प्रकटीकरण के उच्च स्तर बेहतर पर्यवेक्षण को सक्षम बनायेंगे एवं बेहतर आंतरिक प्रशासन को भी प्रोत्साहित करेंगे। सरकार को व्यावसायिक पारदर्शिता के लिए एक साहसिक प्रेरणा प्रदान करनी होगी। स्पष्ट कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ:  Live Mint

 निर्देशक शब्द:

 स्पष्ट कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह पूछे गए प्रश्न से संबंधित जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

निजी संस्थाओं में पारदर्शिता के महत्व का उल्लेख करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

बेहतर पर्यवेक्षण एवं बेहतर आंतरिक शासन के साथ प्रकटीकरण के उच्च मानकों के मध्य एक सम्बन्ध स्थापित कीजिए। पारदर्शिता के अभाव के कारण हुए कुछ घोटालों के उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

सरकार व्यवसायिक पारदर्शिता के लिए एक साहसिक प्रेरणा कैसे प्रदान कर सकती है? सुझाव दीजिए।

इसके अलावा, प्रकटीकरण मानकों पर अत्यधिक विनियमन एवं अत्यधिक बल देने से सम्बद्ध जोखिमों पर चर्चा कीजिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन – 3


 

विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।

4. नई विघटनकारी प्रौद्योगिकियों के आगमन के साथ वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की गुणवत्ता द्वारा निर्धारित की जाएगी, जो बदले में भारतीय अनुसंधान / शिक्षा केंद्रों के मानकों में वृद्धि करने एवं अनुसंधान तथा विकास व्यय की मात्रा पर निर्भर करेगा। कथन के आलोक में मसौदा विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति (STIP) का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: The Hindu

निर्देशक शब्द:

 आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति (STIP) के लक्ष्यों एवं उद्देश्यों पर चर्चा करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:  

अनुसन्धान एवं विकास पर खर्च करने एवं देश की वैश्विक प्रतिस्पर्धा पर अनुसंधान एवं विकास की गुणवत्ता के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए।

विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति (STIP) के प्रारूप के बारे में उल्लेख कीजिए।

मसौदा नीति के सकारात्मक पहलुओं का मूल्यांकन कीजिए।

नीति की कमियों का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

  

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।

5. खराब ऋणों के लिए एक ‘बैड बैंक’ की स्थापना करना गैर-निष्पादित आस्तियों को कम करने के लिए सही दिशा में एक कदम हो सकता है लेकिन हमें निजी हित को आकर्षित करने के लिए जोखिम हस्तांतरण नियमों का अनुकूलन करना चाहिए। विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: : Live Mint

 निर्देशक शब्द:

 विश्लेषण कीजिएऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।

उत्तर की संरचना:

 परिचय:

बैड बैंक और उसके उद्देश्य को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

संदर्भित लेख की सहायता से बढ़ते एनपीए और उनके भविष्य की परियोजनाओं से संबंधित आंकड़े प्रस्तुत कीजिए।

बैड बैंक की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए एवं समझाइए कि यह परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी (ARC) से कैसे पृथक है।

इसके गुणों एवं अवगुणों पर प्रकाश डालिए।

समझाइए कि बैड बैंक निजी पूंजी को आकर्षित करने के लिए पूरक होना चाहिए और ऐसा करने के लिए सुझाव भी दीजिए।

निष्कर्ष:

बढ़ते एनपीए से निपटने के लिए आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन – 4


 

विषय: सामाजिक प्रभाव और धारण।

6. सामाजिक प्रभाव के तीन क्षेत्र अनुरूपता, अनुपालन एवं आज्ञाकारिता हैं। विस्तृत वर्णन कीजिए। (150 शब्द)

सन्दर्भ: नैतिकता: लेक्सिकन प्रकाशन

 निर्देशक शब्द:

 वर्णन कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह पूछे गए प्रश्न से संबंधित जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

सामाजिक प्रभाव को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

विषय वस्तु:

अनुरूपता, अनुपालन एवं आज्ञाकारिता पर सामाजिक प्रभाव की भूमिका पर विस्तार से चर्चा कीजिए।

निष्कर्ष:

अनुरूपता, अनुपालन एवं आज्ञाकारिता के महत्व को संक्षेप में बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: उद्धरण।

 7. निम्नलिखित उद्धरण से आप क्या समझते हैं? 

“अपनी आदतों में परिवर्तन करके जीवन को मनचाहे रूप में आकार दिया जा सकता है।” (150 शब्द)

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

उद्धरण को अपने शब्दों में समझाते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

विषय वस्तु:

उद्धरण की विस्तार से व्याख्या कीजिए।

अपने उत्तर की पुष्टि के लिए उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

निष्कर्ष:

स्वस्थ सद्गुण होने के महत्व का उल्लेख करते हुए निष्कर्ष निकालिए।


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