HINDI INSIGHTS STATIC QUIZ 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
माउंटबेटन योजना के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- योजना ने रियासतों की स्वतंत्रता को अस्वीकार कर दिया था।
- हैदराबाद का पाकिस्तान में विलय।
- यदि विभाजन किया जाता था तो एक सीमा आयोग का गठन किया जायेगा।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
माउंटबेटन योजना
(i) रियासतों की स्वतंत्रता को अस्वीकार कर दिया था – वे या तो भारत या पाकिस्तान में शामिल हो सकेंगी;
(ii) बंगाल की स्वतंत्रता को अस्वीकार;
(iii) हैदराबाद का पाकिस्तान में विलय को अस्वीकार कर दिया गया
(iv) 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्रता; तथा
(v) यदि विभाजन किया जाता था तो एक सीमा आयोग का गठन किया जायेगा।
Incorrect
उत्तर: b)
माउंटबेटन योजना
(i) रियासतों की स्वतंत्रता को अस्वीकार कर दिया था – वे या तो भारत या पाकिस्तान में शामिल हो सकेंगी;
(ii) बंगाल की स्वतंत्रता को अस्वीकार;
(iii) हैदराबाद का पाकिस्तान में विलय को अस्वीकार कर दिया गया
(iv) 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्रता; तथा
(v) यदि विभाजन किया जाता था तो एक सीमा आयोग का गठन किया जायेगा।
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Question 2 of 5
2. Question
प्रिवी पर्स प्रणाली ने अनुमति दी
Correct
उत्तर: c)
स्वतंत्र भारत में प्रिवी पर्स का उन्मूलन एक प्रमुख मुद्दा था।
भारत के एकीकरण के बाद रियासतो को यह आश्वासन दिय गया था, कि शासकों को कुछ निजी संपत्ति को बनाए रखने और सीमा के आधार पर मापा गया, उसका वंशानुगत हस्तांतरण करने की अनुमति होगी और सरकारीभत्ता भी दिया जायेगा जो कि रियासतों के विस्तार, राजस्व और क्षमता पर आधारित होगा।
इस अनुदान को प्रिवी पर्स कहा जाता था।
Incorrect
उत्तर: c)
स्वतंत्र भारत में प्रिवी पर्स का उन्मूलन एक प्रमुख मुद्दा था।
भारत के एकीकरण के बाद रियासतो को यह आश्वासन दिय गया था, कि शासकों को कुछ निजी संपत्ति को बनाए रखने और सीमा के आधार पर मापा गया, उसका वंशानुगत हस्तांतरण करने की अनुमति होगी और सरकारीभत्ता भी दिया जायेगा जो कि रियासतों के विस्तार, राजस्व और क्षमता पर आधारित होगा।
इस अनुदान को प्रिवी पर्स कहा जाता था।
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Question 3 of 5
3. Question
रेडक्लिफ रेखा थी
Correct
उत्तर: a)
रेडक्लिफ रेखा ब्रिटिश भारत के पंजाब और बंगाल प्रांतों के भारतीय और पाकिस्तानी हिस्सों के बीच सीमारेखा थी।
सीमांकन रेखा को भारत के विभाजन पर 17 अगस्त 1947 को प्रकाशित किया गया थी। वर्तमान में इसका पश्चिमी हिस्सा भारत-पाकिस्तान सीमा के रूप में निर्धारित है और पूर्वी हिस्सा भारत-बांग्लादेश सीमा के रूप में निर्धारित है।
Incorrect
उत्तर: a)
रेडक्लिफ रेखा ब्रिटिश भारत के पंजाब और बंगाल प्रांतों के भारतीय और पाकिस्तानी हिस्सों के बीच सीमारेखा थी।
सीमांकन रेखा को भारत के विभाजन पर 17 अगस्त 1947 को प्रकाशित किया गया थी। वर्तमान में इसका पश्चिमी हिस्सा भारत-पाकिस्तान सीमा के रूप में निर्धारित है और पूर्वी हिस्सा भारत-बांग्लादेश सीमा के रूप में निर्धारित है।
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Question 4 of 5
4. Question
संविधान सभा की संरचना के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- संविधान सभा का गठन नवंबर 1946 में अगस्त प्रस्ताव द्वारा बनाई गई योजना के तहत किया गया था।
- संविधान सभा आंशिक रूप से निर्वाचित और आंशिक रूप से मनोनीत निकाय थी।
- उस समय जनसंख्या के आधार पर सीटें आवंटित की गई थीं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: d)
नवंबर 1946 में कैबिनेट मिशन योजना द्वारा बनाई गई योजना के तहत संविधान सभा का गठन किया गया था।
रियासतों के प्रतिनिधियों को रियासतों के प्रमुखों द्वारा नामित किया जाना था।
संविधान सभा एक आंशिक रूप से निर्वाचित और आंशिक रूप से मनोनीत निकाय थी। इसके अलावा, सदस्यों को अप्रत्यक्ष रूप से प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा चुना जाना था, जो स्वयं सीमित मताधिकार द्वारा चुने गए थे।
उस समय जनसंख्या के आधार पर सीटें आवंटित की गई थीं।
Incorrect
उत्तर: d)
नवंबर 1946 में कैबिनेट मिशन योजना द्वारा बनाई गई योजना के तहत संविधान सभा का गठन किया गया था।
रियासतों के प्रतिनिधियों को रियासतों के प्रमुखों द्वारा नामित किया जाना था।
संविधान सभा एक आंशिक रूप से निर्वाचित और आंशिक रूप से मनोनीत निकाय थी। इसके अलावा, सदस्यों को अप्रत्यक्ष रूप से प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा चुना जाना था, जो स्वयं सीमित मताधिकार द्वारा चुने गए थे।
उस समय जनसंख्या के आधार पर सीटें आवंटित की गई थीं।
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Question 5 of 5
5. Question
निम्नलिखित में से कौन-से ऐतिहासिक कमीशन भारत में राज्यों के पुनर्गठन से संबंधित है?
- जेवीपी समिति
- धर आयोग
- फजल अली आयोग
- गोखले समिति
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correct
उत्तर: a)
शेष भारत के साथ रियासतों का एकीकरण एक तदर्थ व्यवस्था थी। भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के लिए विभिन्न क्षेत्रों, विशेषकर दक्षिण भारत से मांग उठने लगी थी।
तदनुसार, जून 1948 में, भारत सरकार ने इस की व्यवहार्यता की जांच करने के लिए S K धर की अध्यक्षता में भाषाई प्रांत आयोग की नियुक्ति की।
आयोग ने दिसंबर 1948 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की और भाषाई कारक के बजाय प्रशासनिक सुविधा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की सिफारिश की।
इसने अत्यधिक रोष उत्पन्न हुआ और दिसंबर 1948 में कांग्रेस द्वारा इसकी जाँच करने हेतु एक और भाषाई प्रांत समिति की नियुक्ति की गई। इसमें जवाहरलाल नेहरू, वल्लभभाई पटेल और पट्टाभि सीतारमैय्या शामिल थे और इसलिए, यह जेवीपी समिति के रूप में लोकप्रिय है
इसने अप्रैल 1949 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की और इसने भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन को औपचारिक रूप से अस्वीकार कर दिया । आंध्र राज्य के निर्माण ने भाषाई आधार पर राज्यों के निर्माण के लिए अन्य क्षेत्रों से मांग को तेज कर किया।
इसने भारत सरकार को (दिसंबर 1953 में) फजल अली की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय राज्यों पुनर्गठन आयोग की नियुक्ति करने के लिए बाध्य किया।
लेकिन, इसने एक भाषा-एक राज्य के सिद्धांत को अस्वीकार कर दिया। इसका विचार यह था कि भारत की एकता को देश की राजनीतिक इकाइयों के किसी भी पुनर्विकास में प्राथमिक विचार के रूप में माना जाना चाहिए।
Incorrect
उत्तर: a)
शेष भारत के साथ रियासतों का एकीकरण एक तदर्थ व्यवस्था थी। भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के लिए विभिन्न क्षेत्रों, विशेषकर दक्षिण भारत से मांग उठने लगी थी।
तदनुसार, जून 1948 में, भारत सरकार ने इस की व्यवहार्यता की जांच करने के लिए S K धर की अध्यक्षता में भाषाई प्रांत आयोग की नियुक्ति की।
आयोग ने दिसंबर 1948 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की और भाषाई कारक के बजाय प्रशासनिक सुविधा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की सिफारिश की।
इसने अत्यधिक रोष उत्पन्न हुआ और दिसंबर 1948 में कांग्रेस द्वारा इसकी जाँच करने हेतु एक और भाषाई प्रांत समिति की नियुक्ति की गई। इसमें जवाहरलाल नेहरू, वल्लभभाई पटेल और पट्टाभि सीतारमैय्या शामिल थे और इसलिए, यह जेवीपी समिति के रूप में लोकप्रिय है
इसने अप्रैल 1949 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की और इसने भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन को औपचारिक रूप से अस्वीकार कर दिया । आंध्र राज्य के निर्माण ने भाषाई आधार पर राज्यों के निर्माण के लिए अन्य क्षेत्रों से मांग को तेज कर किया।
इसने भारत सरकार को (दिसंबर 1953 में) फजल अली की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय राज्यों पुनर्गठन आयोग की नियुक्ति करने के लिए बाध्य किया।
लेकिन, इसने एक भाषा-एक राज्य के सिद्धांत को अस्वीकार कर दिया। इसका विचार यह था कि भारत की एकता को देश की राजनीतिक इकाइयों के किसी भी पुनर्विकास में प्राथमिक विचार के रूप में माना जाना चाहिए।