विषय – सूची:
सामान्य अध्ययन-I
1. तमिलनाडु में जल्लीकट्टू: गौरव एवं राजनीति
सामान्य अध्ययन-II
1. ‘दुःसाध्य चार’ देश कौन से हैं और इनमे भारत को क्यों शामिल किया गया है?
2. ‘ओपन स्काई समझौता’ से रूस के अलग होने का तात्पर्य
3. शिनजियांग प्रांत में संयुक्त राष्ट्र को पहुँच प्रदान करने हेतु चीन से ब्रिटेन का आग्रह
4. G7 शिखर सम्मेलन
सामान्य अध्ययन-III
1. भारत को किस प्रकार की कृषि-खाद्य नीति की आवश्यकता है?
2. 5G क्या है और इस प्रौद्योगिकी के अनुकूल भारत की तैयारी
प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य
1. केवडिया
सामान्य अध्ययन- I
विषय: भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।
तमिलनाडु में जल्लीकट्टू: गौरव एवं राजनीति
(Jallikattu in Tamil Nadu: pride & politics)
संदर्भ:
कुछ समय पश्चात तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और राजनीतिक दलों का ध्यान पोंगल उत्सव तथा सांडों पर काबू पाने वाले पारंपरिक खेल, ‘जल्लीकट्टू’ की आकर्षित हो रहा है।
‘जल्लीकट्टू’ क्या है?
यह सांडों पर काबू पाने वाला एक पारंपरिक खेल है, जो मदुरै, तिरुचिरापल्ली, थेनी, पुदुक्कोट्टई और डिंडीगुल जिलों में लोकप्रिय है, इस क्षेत्र को जल्लीकट्टू पट्टिका अथवा जल्लीकट्टू बेल्ट भी कहा जाता है।
- जल्लीकट्टू को जनवरी के दूसरे सप्ताह में, तमिलनाडु के फसली त्यौहार ‘पोंगल’ के दौरान मनाया जाता है।
- जल्लीकट्टू एक 2,000 साल से अधिक पुरानी परंपरा और एक प्रतिस्पर्धी खेल है, साथ ही इसमें सांडो के मालिकों को भी सम्मानित किया जाता है। ये सांड गर्भाधान कराने के लिए पाले जाते हैं।
- यह एक हिंसात्मक खेल है जिसमें प्रतियोगी पुरस्कार जीतने के लिए सांडों पर काबू पाने की कोशिश करते हैं; यदि वे इसमें असफल हो जाते है, तो सांड का मालिक विजयी घोषित किया जाता है।
तमिल संस्कृति में जल्लीकट्टू क्यों महत्वपूर्ण है?
- जल्लीकट्टू के लिए, कृषक समुदाय द्वारा अपने शुद्ध नस्लों के सांडों को संरक्षित करने का एक पारंपरिक तरीका, समझा जाता है।
- संरक्षणवादियों और किसानों का तर्क है, अक्सर कृत्रिम प्रक्रिया द्वारा पशु प्रजनन कराए जाने के ज़माने में, जल्लीकट्टू, इन नर पशुओं के संरक्षण का तक तरीका है, क्योंकि ये जानवर, यदि जुताई के काम नहीं आते हैं तो इनका उपयोग केवल मांस के लिए किया जाता है।
जल्लीकट्टू, कानूनी लड़ाई का विषय क्यों बन रहा है?
- वर्ष 2007 में, भारतीय पशु कल्याण बोर्ड और पशु अधिकार समूह ‘पेटा’ (PETA) द्वारा ‘जल्लीकट्टू’ तथा ‘बैलगाड़ी दौड़’ के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गयी थी, इसी के साथ ‘जल्लीकट्टू’ पहली बार कानूनी जांच के दायरे में आया।
- हालांकि, तमिलनाडु सरकार ने 2009 में एक कानून पारित करके इन खेलों पर लगाए गए प्रतिबंधो से बाहर निकलने का तरीका खोज निकला, इस कानून पर राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
- वर्ष 2011 में, केंद्र में UPA शासन काल के दौरान सांडो को ‘प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन’ निषिद्ध सूची के अंतर्गत आने वाले जानवरों में शामिल कर दिया गया।
- मई 2014 में, सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका पर निर्णय देने के दौरान, वर्ष 2011 की अधिसूचना का हवाला देते हुए, सांडो पर काबू पाने वाले (बुल-टैमिंग) खेल पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
जल्लीकट्टू के संबंध में वर्तमान वैधानिक स्थिति:
- जनवरी 2017 में, जल्लीकट्टू पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ पूरे तमिलनाडु में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। इस दौरान चेन्नई शहर में 15 दिन का जल्लीकट्टू-विद्रोह भी हुआ।
- उसी वर्ष, तमिलनाडु सरकार द्वारा केंद्रीय क़ानून में संशोधन करते हुए एक अध्यादेश जारी किया गया और राज्य में जल्लीकट्टू के लिए अनुमति दी गयी; बाद में इस अध्यादेश पर राष्ट्रपति द्वारा सहमति प्रदान कर दी गई।
- ‘पेटा’ द्वारा इस अध्यादेश को असंवैधानिक बताते हुए राज्य के इस फैसले को चुनौती दी गयी अनुच्छेद 29 (1)।
- वर्ष 2018 में, सुप्रीम कोर्ट द्वारा जल्लीकट्टू मामले पर एक संविधान पीठ गठित की गयी, जहाँ यह मामला अभी लंबित है।
प्रीलिम्स लिंक:
- जल्लीकट्टू के बारे में।
- संविधान का अनुच्छेद 29।
- अनुच्छेद 142 किससे संबंधित है?
- पशु क्रूरता निवारण अधिनियम- अवलोकन।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
सामान्य अध्ययन- II
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
‘दुःसाध्य चार’ देश कौन से हैं और इनमे भारत को क्यों शामिल किया गया है?
(Who are the ‘difficult four’ countries, and why is India one of them?)
रूस, तुर्की, सऊदी अरब और भारत को ‘दुःसाध्य चार’ (Difficult Four) देश का नाम दिया गया है।
- इन देशों में नागरिकों के पास अपने अधिकारों के लिए लड़ने की क्षमता नहीं है।
- इस वर्गीकरण को ब्रिटेन के, एक सदी पुराने नीति संस्थान, ‘चैटम हाउस’ (Chatham House) द्वारा किया गया है, इसे ‘रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स’ के नाम से भी जाना जाता है।
संदर्भ:
हाल ही में, ‘चैटम हाउस’ द्वारा, ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन की भावी विदेश नीति का खाका पेश करने वाली एक रिपोर्ट प्रकाशित की गयी है। ‘ग्लोबल ब्रिटेन, ग्लोबल ब्रोकर’ (Global Britain, Global Broker) शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में यूनाइटेड किंगडम के लिए भविष्य के मार्ग की एक सुस्पष्ट रूपरेखा प्रस्तुत की गयी है।
रिपोर्ट में भारत को इस प्रकार की श्रेणी में वर्गीकृत किए जाने का कारण:
भारत की घरेलू राजनीतिक घटनाओं की प्रत्यालोचना के कारण, इसे ‘दुःसाध्य चार’ देशों की श्रेणी में शामिल किया गया है ।
- रिपोर्ट में इस बारे में टिप्पणी की गई है, कि “किस प्रकार सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के हिंदू राष्ट्रवाद द्वारा मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यक धार्मिक समूहों के अधिकारों को कमजोर किया जा रहा है तथा किस प्रकार नेहरु द्वारा विरासत में छोड़े गए धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक भारत के दृष्टिकोण को असहिष्णु बहुलवाद द्वारा परिवर्तित किया जा रहा है”, यह चिंताजनक स्थिति उत्पन्न कर रहा है।
- भारत एक उदार लोकतंत्र का प्रतिकूल समर्थक है।
- भारत का अन्य देशों द्वारा मानवाधिकारों के हनन के बारे में “अस्पष्ट” नजरिया है, और इसका ‘पश्चिमी समूहों’ में शामिल होने का विरोध करने संबंधी एक लंबा और सिलसिलेवार रिकॉर्ड है।
प्रीलिम्स लिंक:
- ‘दुःसाध्य चार’ देश कौन से हैं?
- यह वर्गीकरण किस संस्था द्वारा किया गया है?
- वर्गीकरण के मानदंड?
मेंस लिंक:
भारत एक उदार लोकतंत्र का प्रतिकूल समर्थक है। चर्चा कीजिए।
स्रोत: द हिंदू
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
‘ओपन स्काई समझौता’ से रूस के अलग होने का तात्पर्य
(What Russia’s exit means for the Open Skies Treaty?)
संदर्भ:
हाल ही में, रूस ने ‘ओपन स्काई समझौता’ (Open Skies Treaty- OST) से अलग होने संबंधी घोषणा की है।
‘ओपन स्काई समझौता’ (OST) क्या है?
‘ओपन स्काई समझौता’ (OST) में 30 से अधिक देश शामिल है, इसके तहत भागीदार देशों को समझौते में शामिल अन्य देशों के किसी भी भाग के ऊपर, हथियार-रहित टोही विमान उड़ाने की अनुमति दी गयी है।
- ‘मुक्त आकाश संधि’ (‘ओपन स्काई समझौता’- OST) को शीत युद्ध के दौरान तनाव कम करने के लिए, सबसे पहले वर्ष 1955 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ड्वाइट आइजनहावर (Dwight Eisenhower) द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
- इस ऐतिहासिक संधि पर नाटो (NATO) सदस्यों एवं सोवियत संघ के विघटन के पश्चात ‘वारसॉ संधि’ में शामिल देशों के मध्य अंततः वर्ष 1992 में हस्ताक्षर किए गए थे।
- यह समझौता वर्ष 2002 में प्रभावी हुआ, और इस पर अमेरिका और रूस जैसे प्रमुख देशों द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके अलावा, इस समझौते पर किर्गिस्तान ने भी हस्ताक्षर किये हैं किंतु अभी इसने अभिपुष्टि नहीं की है।
OST का उद्देश्य:
परस्पर निष्कपटता के माध्यम से सदस्य देशों के मध्य विश्वास पैदा करना और इस प्रकार आकस्मिक युद्ध होने की संभावना कम करना।
समझौते की विशेषताएं:
- समझौते के तहत, कोई भी सदस्य देश, मेजबान देश की सहमति से उसके किसी भी हिस्से पर ‘जासूसी’ कर सकता है।
- कोई देश, मेजबान देश को 72 घंटे पहले नोटिस देने और24 घंटे पहले अपने उड़ान मार्ग की सटीक जानकारी साझा करने के बाद, उसके किसी भाग का हवाई चित्रण कर सकता है।
- इस प्रकार एकत्रित की गयी जानकारी, जैसे कि सैन्य-संचालन, सैन्य अभ्यास और मिसाइल तैनाती आदि को सभी सदस्य राज्यों के साथ साझा किया जाना आवश्यक है।
- टोही विमानों पर केवल अनुमोदित इमेजिंग उपकरण उपयोग किये जाने की अनुमति दी जाती है, और नियोजित यात्रा के दौरान मेजबान देश के अधिकारी भी विमान पर उपस्थित रह सकते हैं।
अमेरिका के बाद रूस द्वारा समझौते से अलग होने के कारण:
- मई 2020 में, ट्रम्प प्रशासन ने ‘ओपन स्काई समझौता’ (OST) से हटने के अपने इरादे की घोषणा की थी। अमेरिका ने रूस पर आरोप लगाते हुए कहा कि, रूस कई सालों से, लगातार विभिन्न तरीकों से, समझौते की अवहेलना और उल्लंघन कर रहा है।
- अब, रूस ने अपने इस निर्णय के लिए ‘समझौते के अनवरत रूप से जारी रहने हेतु बाधाओं को दूर करने में प्रगति की कमी’ को जिम्मेदार ठहराया है।
- मास्को की चिंता का मुख्य कारण है, कि अमेरिका द्वारा समझौते से अलग हो जाने से अमेरिकी क्षेत्र तक रूस की पहुँच सीमित हो जाएगी, जबकि वाशिंगटन के यूरोप में सहयोगी देश रूसी क्षेत्र में टोही उड़ान भर सकने में सक्षम रहेंगे, जिससे एकत्रित की गयी खुफिया जानकारी अमेरिका को सौंपी जा सकती है।
निहितार्थ:
विशेषज्ञों द्वारा अमेरिका-रूस के मध्य होने वाले एक काफी महत्वपूर्ण ‘न्यू स्टार्ट’ (New START) परमाणु हथियार नियंत्रण समझौते के भविष्य पर चिंता व्यक्त की जा रही है। New START समझौता, 5 फरवरी, 2021 को समाप्त हो रहा है, हालाँकि, अमेरिका के निर्वाचित-राष्ट्रपति जो बिडेन ने समझौते को जारी रखने के पक्ष में बात की है।
प्रीलिम्स लिंक:
- ‘ओपन स्काई समझौता’ (OST) क्या है?
- सदस्य
- उद्देश्य
- विशेषताएं
मेंस लिंक:
‘ओपन स्काई समझौता’ (OST) समझौते की प्रमुख विशेषताओं पर चर्चा कीजिए।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
विषय: भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय।
शिनजियांग प्रांत में संयुक्त राष्ट्र को पहुँच प्रदान करने हेतु चीन से ब्रिटेन का आग्रह
संदर्भ:
उइघुर अल्पसंख्यक लोगों के खिलाफ मानवाधिकारों की ‘भयावह’ स्थिति के नए आरोप लगने के बाद, हाल ही में, ब्रिटेन की सरकार ने चीन पर ‘संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार-निरीक्षकों’ को शिनजियांग का दौरा करने की अनुमति देने के लिए दबाव डाला है।
हालिया घटनाक्रम:
हाल ही में, यूनाइटेड किंगडम ने, उत्तर-पश्चिम चीन के क्षेत्रों में मुस्लिम उइघुर समुदाय के बलात श्रम से उत्पादित वस्तुओं का उपयोग करने वाली कंपनियों से आयात पर प्रतिबंध लागू किये है।
इन क्षेत्रों में ‘दास श्रम, जबरन नसबंदी, मानवाधिकारों का भयावह उल्लंघन’ संबंधी खबरें प्राप्त हो रही हैं।
उइघुर कौन हैं?
- उइघुर (Uighurs), चीन के उत्तर-पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में निवास करने वाले अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय हैं। शिनजियांग प्रांत में इनकी जनसंख्या तकरीबन 40 प्रतिशत है।
- उइघुर, चीन की तुलना में तुर्की तथा अन्य मध्य एशियाई देशों से करीबी नृजातीय संबंधों का दावा करते हैं।
चीन उइगरों को क्यों निशाना बना रहा है?
शिनजियांग तकनीकी रूप से चीन का एक स्वायत्त क्षेत्र है। शिनजियांग, चीन का सबसे बड़ा क्षेत्र है तथा खनिजों से समृद्ध है इसके साथ ही इस प्रांत की सीमायें भारत, पाकिस्तान, रूस और अफगानिस्तान सहित आठ देशों के साथ मिलती है।
- पिछले कुछ दशकों में, शिनजियांग प्रांत आर्थिक रूप से समृद्ध हुआ है, इसके साथ ही बड़ी संख्या में बहुसंख्यक ‘हान चीनी’ (Han Chinese) इस क्षेत्र में आकर बस गए तथा बेहतर नौकरियों पर कब्जा कर लिया है। हान चीनीयों ने उइगरों के लिए आजीविका तथा पहचान के लिए संकट उत्पन्न कर दिया है।
- इन्ही कारणों से, छिटपुट हिंसा की शुरुआत हुई तथा वर्ष 2009 में शिनजियांग प्रांत की राजधानी उरुमकी में 200 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर हान चीनी थे। तब से कई अन्य हिंसक घटनाएं हुई हैं।
- बीजिंग का कहना है कि उइघुर समुदाय एक स्वतंत्र राज्य स्थापित करना चाहता है और, उइगरों के तुर्की तथा अन्य मध्य एशियाई देशों से सांस्कृतिक संबंधों के कारण, चीनी नेताओं को डर है कि पाकिस्तान जैसी जगहों से संचालित होने वाले उग्रवादी तत्व शिनजियांग में अलगाववादी आंदोलन को प्रोत्साहन व सहयोग दे सकते हैं।
- इसलिए, चीन की नीति पूरे समुदाय को संदिग्ध मानने तथा उइगरों की अलग पहचान को समाप्त करने हेतु एक व्यवस्थित परियोजना के आरम्भ करने की प्रतीत होती है।
प्रीलिम्स लिंक:
- उइघुर कौन हैं?
- शिनजियांग कहाँ है?
- हान चीनी कौन हैं?
- शिनजियांग प्रांत की सीमा से लगे भारतीय राज्य।
मेंस लिंक:
उइघुर कौन हैं? हाल ही में इनके समाचारों में होने संबंधी कारणों पर चर्चा कीजिए।
स्रोत: द हिंदू
विषय: महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश।
G7 शिखर सम्मेलन:
संदर्भ:
यूनाइटेड किंगडम द्वारा भारत, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को जून में होने वाले G7 शिखर सम्मेलन में ‘अतिथि देश’ के रूप में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।
G7 क्या है?
G7 की स्थापना वर्ष 1975 में मूलतः G8 के रूप में हुई थी, यह विश्व के अग्रणी औद्योगिक देशों को एक साथ लाने वाला एक अनौपचारिक फोरम है।
जी-7 शिखर सम्मेलन में यूरोपीय संघ (European Union -EU)) तथा निम्नलिखित देशों के प्रतिनधि एकत्र होते हैं:
- कनाडा
- फ्रांस
- जर्मनी
- इटली
- जापान
- यूनाइटेड किंगडम
- संयुक्त राज्य अमेरिका
जी –7 का प्रमुख उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर चर्चा और विचार-विमर्श करना है। समय-समय यह आर्थिक मुद्दों पर विशेष ध्यान देने के अलावा अन्य वैश्विक समस्याओं का समाधान करने के लिए सहमति से कार्य करता है।
G7 का G8 में रूपांतरण
- वर्ष 1998 में रूस को औपचारिक रूप से G-7 समूह में एक सदस्य के रूप में सम्मिलित किया गया था, इसके पश्चात G-7 समूह G-8 में परिवर्तित हो गया।
- वर्ष 2014 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा पूर्वी उक्रेन में रूसी सैनिकों की तैनाती तथा क्रीमिया पर कब्जे को लेकर अन्य जी 8 राष्ट्रों ने इन कार्यवाहियों की कड़ी आलोचना की।
- G-8 समूह के अन्य राष्ट्रों द्वारा रूस की इन कार्यवाहियों परिणामस्वरूप रूस को जी-8 समूह से निलंबित करने का निर्णय किया गया तथा वर्ष 2014 में पुनः जी-7 समूह बन गया।
प्रीलिम्स लिंक:
- G7, G8, G10, G15, G20, G24 समूह देश।
- सदस्य देशों की भौगोलिक स्थिति
मेंस लिंक:
वर्तमान में जी-7 देशों की प्रासंगिकता पर चर्चा कीजिए। समूह को अधिक प्रभावी बनाने के लिए क्या सुधार आवश्यक हैं?
स्रोत: द हिंदू
सामान्य अध्ययन- III
विषय: मुख्य फसलें- देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न- सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली- कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएँ; किसानों की सहायता के लिये ई-प्रौद्योगिकी।
भारत को किस प्रकार की कृषि-खाद्य नीति की आवश्यकता है?
इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस (Indian Council for Research on International Economic Relations-ICRIER) में कृषि संबंधी इन्फोसिस पीठ के अध्यक्ष प्रोफेसर अशोक गलाती के अनुसार:
- भारत को अपनी विशाल आबादी के लिए पर्याप्त भोजन, चारा और फाइबर (Food, Feed and Fibre) का उत्पादन करने में सक्षम होना चाहिए।
इसके लिए, कृषि संबंधी अनुसंधान एवं विकास तथा प्रयोगशालाओं से खेतों तक इसकी शाखाओं और सिंचाई सुविधाओं में निवेश करना सबसे उपयुक्त कदम होगा।
ऐसा माना जाता है कि विकासशील देशों के लिए अपने कृषि-सकल घरेलू उत्पाद (agri-GDP) का न्यूनतम एक प्रतिशत कृषि- अनुसंधान एवं विकास (agri-R&D) तथा इसकी शाखाओं में निवेश करना चाहिए। भारत में इसका लगभग आधा निवेश किया जाता है।
- यह निवेश इस प्रकार से किया जाना चाहिए कि यह पर्यावरण, मृदा, पानी, वायु और जैव विविधता के संरक्षण के साथ-साथ वैश्विक प्रतिस्पर्धा-युक्त उच्च उत्पादन प्राप्त करने में सक्षम बने।
इसके लिए, अत्यधिक रियायती लागत नीति (बिजली, पानी, उर्वरक) और धान, गेहूं और गन्ने के लिए MSP/FRP नीति के बदले जल-संरक्षण, मृदा और वायु-गुणवत्ता से जुडी अधिक आय प्रदान करने वाली समर्थन नीतियों को लागू किया जाना चाहिए।
- भारत को, विपणन लागत कम रखते हुए, आपूर्ति श्रृंखलाओं में खाद्य पदार्थो की क्षति को कम करते हुए और खेत से चम्मच तक खाने की निर्बाध आपूर्ति करने तथा उपभोक्ताओं को सुरक्षित और ताजा भोजन प्रदान करने में सक्षम होना चाहिए।
- उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर सुरक्षित और पौष्टिक भोजन मिलना चाहिए।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से खाद्य सामग्री का सार्वजनिक वितरण, जिसमे मुख्यतः चावल और गेहूं का वितरण किया जाता है, और इसके लिए खरीद, भंडारण और वितरण हेतु 90 प्रतिशत से अधिक सब्सिडी भी प्रदान की जाती है, फिर भी यह बहुत प्रभावी नहीं हो पा रहा है।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
विषय: सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरुकता।
5G क्या है और इस प्रौद्योगिकी के अनुकूल भारत की तैयारी
संदर्भ:
हाल ही में, दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications DoT) द्वारा आगामी 10 वर्षों के लिए 5G बैंड सहित रेडियो फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम की बिक्री और उपयोग के संबंध में दूरसंचार कंपनियों और अन्य उद्योग विशेषज्ञों से राय माँगी गयी है।
5G क्या है?
- 5G तकनीक, मोबाइल ब्रॉडबैंड की अगली पीढ़ी है। यह तकनीक अंततः 4G LTE कनेक्शन को प्रतिस्थापित करेगी या इसमें महत्वपूर्ण वृद्धि करेगी।
- 5G तकनीक से डाउनलोड और अपलोड गति में चरघातांकी तरीके से (exponentially) तेजी आएगी।
- 5G, मल्टी-जीबीपीएस ट्रान्सफर रेट, अत्याधिक कण विलंबता (ultra-low latency), भारी क्षमता, और उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक समान अनुभव प्रदान करेगा।
5G तकनीक की दौड़ में भारत की अवस्थिति:
दूरसंचार क्षेत्र की सभी तीनों खिलाड़ी, रिलायंस जिओ इंफोकॉम, भारती एयरटेल, और वोडाफ़ोन-आईडिया, दूरसंचार विभाग (DoT) से स्पेक्ट्रम आवंटन और 5G फ़्रीक्वेंसी बैंड के लिए एक स्पष्ट रूपरेखा बनाने का आग्रह कर रहे हैं, ताकि वे अपनी सेवाओं के अनुसार अपनी कार्य-योजना बना सकें।
- हालांकि, एक सबसे बड़ी बाधा, इन तीनों में से दो कंपनियों, भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के पास पूंजी की कमी है।
- दूसरी ओर, रिलायंस जियो की योजना इस साल की शुरुआत में देश के लिए स्वदेश निर्मित 5G नेटवर्क शुरू करने की है।
5G तकनीक के संदर्भ में वैश्विक प्रगति:
सरकारों से ज्यादा, वैश्विक दूरसंचार कंपनियों द्वारा 5G नेटवर्क का निर्माण शुरू किया जा रहा है और अपने ग्राहकों के लिए परीक्षण के आधार पर चालू कर दिया गया है। अमेरिका जैसे देशों में, AT&T, टी-मोबाइल और वेरिज़ोन जैसी कंपनियों ने अपने उपयोगकर्ताओं के लिए वाणिज्यिक 5G को शुरू करने में अग्रणी भूमिका निभा रही है।
निष्कर्ष:
भारत की राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति 2018 में 5G के महत्व पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें कहा गया है कि एक वृद्धिशील स्टार्ट-अप समुदाय सहित 5G, क्लाउड, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और डेटा एनालिटिक्स, अवसरों के एक नए क्षितिज को खोलने तथा डिजिटल जुड़ाव को तीव्र एवं गहन करने का वादा करता है।
प्रीलिम्स लिंक:
- 5G क्या है?
- 3G, 4G और 5G के बीच अंतर।
- अनुप्रयोग
- ‘स्पेक्ट्रम’ क्या होता है?
मेंस लिंक:
5G तकनीक के महत्व पर चर्चा कीजिए।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य
केवडिया
(Kevadia)
हाल ही में, प्रधानमंत्री ने देश के विभिन्न भागों को केवड़िया से जोड़ने वाली 8 रेलगाड़ियों को झंडी दिखाकर रवाना किया। इन रेल गाड़ियों के चलने के बाद देश के विभिन्न क्षेत्रों से केवड़िया का निरंतर संपर्क स्थापित हो जाएगा।