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सामान्य अध्ययन – 1
विषय: 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय।
1. सविनय अवज्ञा आंदोलन में संघर्ष-संघर्षविराम संधि-संघर्ष की गांधीवादी रणनीति स्पष्ट रूप से और सही ढंग से प्रकट हुई। लेकिन क्या इस रणनीति के कारण भारतीय स्वतंत्रता में विलम्ब हुआ? आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: भारत का स्वतंत्रता संघर्ष: बिपिन चंद्र
निर्देशक शब्द:
आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिये- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
गांधीजी की संघर्ष-संघर्षविराम संधि-संघर्ष रणनीति का वर्णन करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
समझाइए कि सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान संघर्ष-संघर्षविराम संधि-संघर्ष का उपयोग क्यों किया गया था।
विश्लेषण कीजिए कि कैसे कुछ समकालीन राष्ट्रवादियों और इतिहासकारों ने संघर्ष-संघर्षविराम संधि-संघर्ष रणनीति को स्वतंत्रता प्राप्ति में विलम्ब का एक प्रमुख कारण बताया है।
निष्कर्ष:
संघर्ष-संघर्षविराम संधि-संघर्ष रणनीति एवं भारत की स्वतंत्रता में इसकी भूमिका के बारे में एक संतुलित निर्णय प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय।
2. 1920 और 1930 के दशक में भारतीय राष्ट्रवादियों के मध्य समाजवाद के उदय तथा इसकी लोकप्रियता पर एक लेख लिखिए। इसके पश्चात राष्ट्रीय आंदोलन में कौन से विविध आयाम जोड़े गए? (250 शब्द)
सन्दर्भ: भारत का स्वतंत्रता संघर्ष: बिपिन चंद्र
निर्देशक शब्द:
लेख लिखिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ के आधार पर उसके सभी पहलुओं को शामिल करते हुए उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
भारतीय राष्ट्रवादियों के मध्य समाजवादी आदर्शों एवं विचारधारा के उदय एवं बाद की लोकप्रियता का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
इसके प्रमुख कारणों का विस्तृत वर्णन कीजिए। बोल्शेविक क्रांति, समाजवाद का आदर्श, ब्रिटिश शासन के अधीन शोषण, सोवियत अर्थव्यवस्था की प्रारंभिक सफलता, भारत की आर्थिक स्थिति, महात्मा गांधी के प्रभाव आदि का उल्लेख कीजिए।
राष्ट्रीय आंदोलन पर समाजवाद के प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
निष्कर्ष:
राष्ट्रीय आंदोलन एवं नवीन स्वतंत्र भारत के लिए समाजवाद द्वारा छोड़ी गयी समग्र विरासत को संक्षेप में बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या एवं संबद्ध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय।
3. भारत में महिला श्रमबल की भागीदारी सतत रूप से घट रही है तथा यह भारत की विकासात्मक आकांक्षाओं को प्राप्त करने में एक प्रमुख चिंता का कारण है। इस अवनति के कारणों का विश्लेषण कीजिए एवं स्थिति में सुधार के लिए उपाय सुझाइए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: Live Mint
निर्देशक शब्द:
विश्लेषण कीजिये– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिये।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
भारत में महिलाओं की श्रमबल भागीदारी पर NSSO द्वारा जारी डेटा का उल्लेख करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
समझाइए कि महिलाओं की श्रमबल भागीदारी में कमी, लैंगिक रूप से वेतन में अंतर, सामाजिक सुरक्षा की कमी के साथ अनौपचारिक कार्यों की उच्च दर को भारत में लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तिकरण के लक्ष्य के लिए एक बाधा के रूप में देखा जाता है।
समझाइए कि उपरोक्त समस्याओं को लैंगिक समानता एवं सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की भारत की विकासात्मक आकांक्षाओं के लिए एक बाधा के रूप में क्यों समझा जाता है। वैश्विक लिंग-अंतराल सूचकांक अथवा किसी अन्य प्रासंगिक रिपोर्ट में भारत के प्रदर्शन को तथ्यों सहित स्पष्ट कीजिए।
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों को सूचीबद्ध कीजिए। उन्हें और बेहतर बनाने के लिए उपाय सुझाइए।
निष्कर्ष:
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन – 2
विषय: शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ; नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय।
4. डिजिटल कंपनियों के व्यवसायिक कार्यों में नागरिकों की निजता का ध्यान रखा जाना अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसलिए यह उचित है कि नागरिकों की निजता के मौलिक अधिकार की रक्षा के लिए शीघ्रातिशीघ्र एक सशक्त डेटा संरक्षण कानून बनाया जाए। टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: The Hindu
निर्देशक शब्द:
टिप्पणी कीजिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
व्हाट्सएप के हालिया मुद्दे के साथ-साथ कंपनियों द्वारा डेटा संग्रह से सम्बंधित समग्र चिंताओं का सन्दर्भ प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
कंपनियों, विशेष रूप से तकनीकी दिग्गजों द्वारा डेटा संग्रह के कारण उत्पन्न होने वाले विभिन्न मुद्दों का उल्लेख कीजिए।
तर्क दीजिए कि वर्तमान में यह समय की आवश्यकता है कि एक सशक्त डेटा संरक्षण कानून का निर्माण किया जाए। डेटा सुरक्षा को अधिक सशक्त बनाने एवं उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता को सुरक्षित रखने के लिए यूरोपीय संघ के GDPR नियम की भांति आवश्यक विशेषताओं का सुझाव दीजिए।
निष्कर्ष:
नागरिकों के मौलिक अधिकारों के संरक्षण के साथ-साथ डेटा के दुरुपयोग के किसी भी गंभीर प्रभाव को रोकने की आवश्यकता पर बल देते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन – 1
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।
5. वास्तविक अर्थव्यवस्था में मंदी के साथ वित्तीय बाजार में जारी उछाल के कारण उत्पन्न विरोधाभास की स्थिति का वर्णन कीजिए। वित्तीय क्षेत्र में विश्वास में आने वाली अचानक गिरावट की संभावनाओं को रोकने के लिए भारत द्वारा अपनाये जानी वाली सावधानियों का उल्लेख कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: Business Standard , The Hindu
निर्देशक शब्द:
वर्णन कीजिये- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह पूछे गए प्रश्न से संबंधित जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
अर्थव्यवस्था में मंदी के बावजूद शेयर बाजार में उछाल के विरोधाभास को समझाते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
तुलना के रूप में प्रासंगिक आँकड़े एवं तथ्य प्रस्तुत कीजिए।
विरोधाभास के संभावित स्पष्टीकरण का उल्लेख कीजिए।
भविष्य के संकट को रोकने के उद्देश्य से बाजार में विश्वास के पतन को रोकने के लिए राज्यों द्वारा उठाये जाने वाले कदमों का उल्लेख कीजिए।
निष्कर्ष:
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन – 4
विषय: मानवीय मूल्य- महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से प्राप्त शिक्षा।
6. डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर के विचारों और उनके आंदोलन में एक चिरस्थायी अपील है, जो भारत में भी लागू होती है। चर्चा कीजिए। (150 शब्द)
सन्दर्भ: The Hindu
निर्देशक शब्द:
चर्चा कीजिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर के बारे में संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर के नागरिक अधिकार आंदोलनों और उन पर महात्मा गांधी के प्रभावों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
वर्तमान विश्व में विशेष रूप से अमेरिका के ब्लैक लाइव्स मैटर मूवमेंट, विश्व भर में महिलाओं के अधिकार, अल्पसंख्यकों के अधिकार, एलजीबीटीक्यूआई+ अधिकारों आदि नागरिक अधिकारों से सम्बंधित मुद्दों की पृष्ठभूमि में डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर के आदर्श कैसे प्रासंगिक हैं? समझाइए।
भारत में दलित, आदिवासी एवं अल्पसंख्यक समुदायों के बढ़ते मुद्दों का उल्लेख कीजिए और समझाइए कि कैसे इन परिस्थितियों पर डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर द्वारा समर्थित अधिकारों की समानता के आदर्श लागू होते हैं।
निष्कर्ष:
डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर की समग्र विरासत को सारांशित करते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में शामिल नैतिक मुद्दे।
7. अंतर्राष्ट्रीय नैतिकता, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर सीमा के एक कारक के रूप में कार्य करती है क्योंकि यह राष्ट्रीय शक्ति पर स्थापित एक सीमा होती है। जांच कीजिए। (150 शब्द)
संदर्भ: नैतिकता: लेक्सिकन प्रकाशन
निर्देशक शब्द:
जांच कीजिये- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
अंतर्राष्ट्रीय नैतिकता को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
समझाइए कि राज्यों के व्यवहार को अंतर्राष्ट्रीय कानून एवं अंतर्राष्ट्रीय नैतिकता द्वारा विनियमित किया जाता है। जिनमें से प्रथम को विधिक संहिता एवं द्वितीय को नैतिक संहिता के रूप में निर्धारित किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में इसकी प्रासंगिकता पर चर्चा कीजिए।
निष्कर्ष:
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
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