INSIGHTS करेंट अफेयर्स+ पीआईबी नोट्स [ DAILY CURRENT AFFAIRS + PIB Summary in HINDI ] 5 January 2021

 

विषय – सूची

 सामान्य अध्ययन-II

1. संसद का बजट सत्र

2. सरकार, पशु क्रूरता निवारण (पशु संपत्ति की देखभाल और रखरखाव) नियम, 2017 को रद्द करे: उच्चतम न्यायालय

3. तीन राज्यों के तीन धर्मांतरण-रोधी क़ानून: समानताएं एवं भिन्नताएं

4. ईरान द्वारा परमाणु समझौते का उल्लंघन करते हुए यूरेनियम संवर्धन शुरू

 

सामान्य अध्ययन-III

1. फेसलेस टैक्स स्कीम

2. बर्ड फ्लू

3. फ्लू-गैस डिसल्फराइज़ेशन

 

प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य

1. पैंगोलिन

2.भारत के आर्कटिक अभियान की जून में शुरुआत

3. नई ‘स्कूल बैग नीति, 2020’

 


सामान्य अध्ययन- II


 

विषय: संसद और राज्य विधायिका- संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियाँ एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय।

संसद का बजट सत्र


संदर्भ:

संसद का बजट सत्र, मानसून सत्र की भांति, भौतिक दूरी मानदंडो सहित कोविड-19 सुरक्षा उपायों और प्रतिबंधों के साए में आयोजित किए जाने की संभावना है।

हालांकि, मानसून सत्र के दौरान निलंबित किये गए ‘प्रश्नकाल’ (Question Hour) को बजट सत्र में शुरू करने के संबंध में अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है।

संवैधानिक प्रावधान:

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 85 के अनुसार, संसद के दो सत्रों के मध्य छह माह से अधिक समय का अंतर नहीं होना चाहिए।
  • संविधान में यह निर्दिष्ट नहीं किया गया है, कि, संसद के सत्र कब और कितने दिन तक आयोजित किए जाने चाहिए।

संसदीय सत्र का महत्व

  • विधि-निर्माण अर्थात क़ानून बनाने के कार्य संसदीय सत्र के दौरान किए जाते है।
  • इसके अलावा, सरकार के कामकाज की गहन जांच और राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श केवल संसद के दोनों सदनों में जारी सत्र के दौरान ही किया जा सकता है।
  • एक अच्छी तरह से काम कर रहे लोकतंत्र के लिए संसदीय कार्य-पद्धति का पूर्वानुमान होना आवश्यक होता है।

प्रीलिम्स लिंक:

  1. संसद के सत्र को आहूत करने की शक्ति किसे प्राप्त है?
  2. अनुच्छेद 85
  3. ‘अनिश्चित काल के लिए स्थगन’ क्या होता है?
  4. ‘सदन का भंग होना’ क्या होता है?
  5. राज्यसभा को भंग क्यों नहीं किया जा सकता है?

मेंस लिंक:

संसद के दोनों सदनों की उत्पादिता बढ़ाने के लिए क्या किया जाना चाहिए? चर्चा कीजिए।

स्रोत: द हिंदू

 

विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।

सरकार, पशु क्रूरता निवारण (पशु संपत्ति की देखभाल और रखरखाव) नियम, 2017 को रद्द करे: उच्चतम न्यायालय


संदर्भ:

हाल ही में, उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार से पशु क्रूरता निवारण (पशु संपत्ति की देखभाल और रखरखाव) नियम, 2017 (Prevention of Cruelty to Animals (Care and Maintenance of Case Property Animals) Rules, 2017) पर पुनर्विचार कर रद्द करने को कहा है।

उच्चतम न्यायालय के इस आदेश का कारण

  • पशु क्रूरता निवारण अधिनियम में, पशुओं के प्रति क्रूरता का अपराधी साबित होने से पहले ही मवेशियों पर आजीविका के लिए निर्भर लोगों से, मवेशियों को जब्त करने और गौशालाओं में भेजने का प्रावधान किया गया है।
  • इस क़ानून में, अधिकारियों को, मवेशियों के प्रति इनके मालिकों द्वारा क्रूर व्यवहार किये जाने अथवा इनका वध किए जाने का मात्र संदेह होने पर, मवेशियों को जब्त करने की शक्ति प्रदान की गयी है।
  • इस क़ानून की वजह से, किसान, मवेशी मालिक या कोई पशु व्यापारी क्रूरता के आरोप के दोषी पाए जाने से पहले ही अपने पशुओं को गँवा देता है।

पशु क्रूरता निवारण (पशु संपत्ति की देखभाल और रखरखाव) नियम, 2017 के बारे में:

  • इन नियमों को ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’ (Prevention of Cruelty to Animals Act), 1960 के अंतर्गत निर्मित किया गया था।
  • 2017 के नियमों के अनुसार, मजिस्ट्रेट को पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत मुकदमे में अभियुक्त व्यक्ति के मवेशियों को जब्त करने का अधिकार प्राप्त है।
  • जब्त किये गए जानवरों को फिर ‘चिकित्सालयों’, ‘गौशालाओं,’ पिंजरापोल’ (Pinjrapole), आदि में भेज दिया जाता है। इसके बाद में संबंधित अधिकारी इन जानवरों को ‘पालने के लिए’ किसी को दे सकते हैं।

स्रोत: द हिंदू

 

विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।

तीन राज्यों के तीन धर्मांतरण-रोधी क़ानून: समानताएं एवं भिन्नताएं


संदर्भ:

मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा ‘धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक’ 2020 को अध्यादेश के रूप में सहमति प्रदान कर दी गयी है।

इससे पहले, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश द्वारा इसी प्रकार के कानून पारित किए जा चुके हैं।

समानताएं:

तीनों कानूनों में, इस प्रकार के विवाह को ‘अमान्य’ घोषित किया गया है और राज्य की पूर्व स्वीकृति के बिना धर्मांतरण के लिए दंड का प्रावधान किया गया है।

भिन्नताएं:

तीनों कानूनों में, निर्धारित सजा की मात्रा भिन्न है तथा धर्मांतरण को वैध साबित करने का दायित्व अलग-अलग पक्षकारों पर सौंपा गया है।

‘पूर्व सूचना’ के संबंध में प्रावधान:

  • मध्यप्रदेश के कानून में धर्मांतरण की वैधता के लिए ‘धर्मांतरण करने के इरादे’ संबंधी सूचना जिला मजिस्ट्रेट को 60 दिन पूर्व देनी आवश्यक है, इसके बाद ही विभिन्न धर्मों के व्यक्ति कानूनी रूप से परस्पर विवाह कर सकते हैं।
  • उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 के तहत भी 60 दिनों के नोटिस को अनिवार्य किया गया है और साथ ही मजिस्ट्रेट द्वारा धर्मांतरण के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस जांच की जानी आवश्यक है।
  • हाल ही में लागू किये गए ‘हिमाचल प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2019 में ‘धर्मांतरण करने के इरादे’ संबंधी सूचना 30 दिन पहले देने को अनिवार्य किया गया है।

जांच करने की शक्ति:

  • मध्यप्रदेश कानून: अध्यादेश की धारा 4 के अनुसार, धर्मांतरण के मामले में केवल धर्मांतरित व्यक्ति या उसके माता-पिता / भाई-बहन की लिखित शिकायत पर ही किसी पुलिस अधिकारी द्वारा जांच की सकती है। इस क़ानून के तहत सब-इंस्पेक्टर के रैंक से नीचे का कोई पुलिस अधिकारी अपराध की जांच नहीं कर सकता है।
  • हिमाचल प्रदेश कानून के अनुसार, सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट अथवा इससे ऊपर के पदाधिकारी के पूर्व अनुमोदन के बिना अभियोजन की कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है।
  • जांच करने की शक्ति के संबंध में उत्तरप्रदेश के क़ानून में मध्यप्रदेश के समान प्रावधान किये गए हैं।

वैधता साबित करने का दायित्व (Burden of proof):

  • मध्यप्रदेश के कानून में, धर्मांतरण को कानूनी तरीके से और गैर-जबरदस्ती किए जाने को साबित करने का दायित्व धर्मांतरित व्यक्ति पर निर्धारित किया गया है।
  • हिमाचल प्रदेश के कानून में भी इसी प्रकार का प्रावधान है।
  • उत्तरप्रदेश के क़ानून में धर्मांतरण की वैधता साबित करने का दायित्व, धर्मांतरित व्यक्ति पर नहीं बल्कि धर्मांतरण के लिए जिम्मेवार अथवा धर्मांतरण कराने वाले लोगों पर निर्धारित किया गया है।

प्रीलिम्स लिंक:

  1. अनुच्छेद 21 के बारे में
  2. अनुच्छेद 25
  3. सलामत अंसारी-प्रियंका खरवार मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय का निर्णय
  4. इन तीन कानूनों के बीच समानता और अंतर

मेंस लिंक:

किसी साथी को चुनने का अधिकार अथवा अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ रहने का अधिकार, नागरिकों के ‘जीवन और स्वतंत्रता संबंधी मूल अधिकार’ का भाग है। चर्चा कीजिए।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

 

विषय: भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय।

ईरान द्वारा परमाणु समझौते का उल्लंघन करते हुए यूरेनियम संवर्धन शुरू


संदर्भ:

हाल ही में, ईरान ने अपने संवेदनशील फोर्दो परमाणु सुविधा केंद्र (Fordow Nuclear Facility) में फिर से  20 प्रतिशत यूरेनियम का संवर्धन शुरू कर दिया है। यह वर्ष 2015 में वैश्विक ताकतों के मध्य किये गए परमाणु समझौते के विपरीत ईरान का एक बड़ा कदम है।

निहितार्थ:

  • संवर्धित यूरेनियम का उपयोग नाभिकीय भट्टी का ईंधन बनाने के अलावा परमाणु बम के निर्माण में भी किया जा सकता है। हथियार-स्तर की यूरेनियम के लिए 90% शुद्धता आवश्यक होती है।
  • ईरान का यह कदम, बिडेन प्रशासन द्वारा परमाणु वार्ता दोबारा शुरू करने संबंधी योजनाओं में कठिनाई पैदा कर सकता है।

ईरान का बदलता रवैया:

  • ईरान, जोर देकर कहता है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है, फिर भी परमाणु समझौते के तहत कई प्रतिबद्धताओं से पीछे हट गया है।
  • यह कहा जा रहा है कि ईरान द्वारा यह कदम, वर्ष 2018 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा अमेरिका के संयुक्त व्यापक कार्य योजना (Joint Comprehensive Plan of ActionJCPOA) समझौते से अलग होने के बाद लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के विरोध में उठाया गया है।

‘संवर्धित यूरेनियम’ क्या होता है?

  • परमाणु विखंडन हेतु सर्वाधिक U-235 परमाणु समस्थानिक को पृथक करने हेतु अपकेन्द्रण यंत्र (Centrifuges) में यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड (Uranium Hexafluoride) गैस प्रवाहित करने पर ‘संवर्धित यूरेनियम’ (Enriched uranium) का उत्पादन होता है।
  • निम्न-संवर्धित यूरेनियम में सामान्यतः शुद्ध U-235 की 3-5% मात्रा होती है और इसका उपयोग वाणिज्यिक परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के ईंधन उत्पादन के लिए किया जा सकता है।
  • अत्यधिक संवर्धित यूरेनियम में 20% या इससे अधिक सांद्रता होती है और इसका उपयोग अनुसंधान रिएक्टरों में किया जाता है।

centrifuge

20% शुद्धता का अभिप्राय:

  • आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के विशेषज्ञों का मानना है कि, 120 किलोग्राम यूरेनियम को 20% तक संवर्धित किये जाने पर, एक परमाणु बम बनाने के लिए आवश्यक (90% या अधिक) संवर्धित यूरेनियम प्राप्त की जा सकती है।
  • विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है, कि अत्यधिक संवर्धित यूरेनियम का उत्पादन निकट भविष्य में इसके प्रसरण-जोखिम को और अधिक गंभीर बना देगा।

प्रीलिम्स लिंक:

  1. JCPOA क्या है? हस्ताक्षरकर्ता
  2. ईरान और उसके पड़ोसी।
  3. IAEA क्या है? संयुक्त राष्ट्र के साथ संबंध
  4. IAEA के सदस्य
  5. IAEA के कार्यक्रम।
  6. बोर्ड ऑफ गवर्नर- रचना, मतदान और कार्य
  7. यूरेनियम संवर्धन क्या है?

मेंस लिंक:

संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCPOA)  पर एक टिप्पणी लिखिए।

स्रोत: द हिंदू

 


सामान्य अध्ययन- III


 

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।

फेसलेस टैक्स स्कीम


(Faceless tax scheme)

संदर्भ:

अगस्त 2020 में शुरू होने के बाद से, सरकार की फेसलेस टैक्स असेसमेंट / चेहरा-रहित कर निर्धारण (faceless tax assessment) योजना अब तक लगभग 24,000 अंतिम ऑर्डर पूरे करने में सफल रही है।

फेसलेस टैक्स स्कीम के बारे में:

वित्त मंत्री द्वारा केंद्रीय बजट 2019 में, फेसलेस ई- कर निर्धारण योजना का आरंभ करने संबधी प्रस्ताव पेश किया गया था।

  • फेसलेस का अर्थ है कि करदाता को कर अधिकारी से मिलने की और आयकर कार्यालय जाने की कोई जरूरत नहीं है।
  • इसके तहत आयकरदाताओं के लिए कर-अधिकारियों की मनमर्जी और इनके द्वारा संभावित उत्पीड़न को समाप्त करने का प्रयास किया गया है।
  • इस योजना में सुनवाई की आवश्यकता वाले मामलों पर, यथोचित प्रोटोकॉल का पालन करने के बाद, शीघ्र सुनवाई की जाती है।
  • इसका प्रमुख उद्देश्य, कर संबंधी मामलों में कर-अधिकारियों से यथासंभव प्रत्यक्ष- संपर्क को कम करना है।

स्रोत: द हिंदू

 

विषय: प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय; जन वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्य, सीमाएँ, सुधार; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन; पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र।

बर्ड फ्लू


(Bird Flu)

संदर्भ:

हाल ही में, दो जिलों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने बाद केरल सरकार ‘सतर्क’ हो गई है।

राज्य में, बतखों में इन्फ्लुएंजा ए के उपप्रकार H5N8 (H5N8 subtype of Influenza A) विषाणु का संक्रमण पाया गया है।

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एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) के बारे में:

  • एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian influenza-AI) पक्षियों, मनुष्यों और अन्य जानवरों को संक्रमित करने में सक्षम एक एक वायरल संक्रमण है। हालांकि इस वायरस के अधिकांश प्रकार केवल पक्षियों को संक्रमित करने तक सीमित हैं।
  • यह एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है जो खाद्य पदार्थो के रूप में उपयोग होने वाले पक्षियों (मुर्गियों, टर्की, बटेर, गिनी फाउल, आदि) सहित पालतू पक्षियों और जंगली पक्षियों की कई प्रजातियों को प्रभावित करती है।
  • कभी-कभी यह वायरस मानव सहित अन्य स्तनधारियों को भी संक्रमित कर सकता है।
  • ‘इन्फ्लूएंजा ए’ वायरस को दो प्रकार के प्रोटीन हेमाग्लगुटिनिन (Hemagglutinin- HA) और न्यूरोमिनिडेस (Neuraminidase- NA) के आधार पर उप-प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है।

इन्फ्लुएंजा ए (H5N8) विषाणु:

पेरिस स्थित वर्ल्ड आर्गेनाईजेशन फॉर एनिमल हेल्थ के अनुसार, H5N8 एवियन इन्फ्लूएंजा पक्षियों का एक रोग है।

  • यह टाइप “ए” इन्फ्लूएंजा वायरस (Type “A” influenza viruses) के कारण फैलता है।
  • इस वायरस से पालतू पक्षी, जंगली प्रवासी पक्षी, जल-मुर्गाबी, घरेलू मुर्गियों की कई प्रजातियां जैसे मुर्गियां, टर्की, बटेर, गिनी फाउल, बतख आदि प्रभावित हो सकते हैं।

इस वायरस का प्रसरण:

अब तक मनुष्यों में H5N8 विषाणु संक्रमण के मामले नहीं पाए गए है। आम जनता के लिए इसके संक्रमण का जोखिम काफी कम है।

  • अभी तक, मुर्गी के मांस या अंडे के सेवन से मनुष्यों में वायरस पहुचने संबंधी कोई प्रमाण नहीं मिले हैं।
  • किंतु नियंत्रण और निवारण कार्यों के दौरान बीमार / मृत पक्षियों और दूषित पदार्थो के प्रबंधन करते समय आवश्यक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
  • उचित ढंग से पके हुए पोल्ट्री उत्पादों को खाने के लिए सुरक्षित माना जाता है।

नियंत्रण उपाय:

जानवरों में वायरस संक्रमण का पता चलने पर, सामान्यतः संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए इनको मारना (Culling) शुरू किया जाता है।

  • जानवरों की हत्या करने के अलावा, मारे गए सभी जानवरों तथा अन्य संबंधित उत्पादों का सुरक्षित निपटान भी महत्वपूर्ण होता है।
  • अधिकारियों द्वारा संक्रमित परिसरों को सख्ती से परिशोधन कराया जाना और दूषित वाहनों और कर्मियों को संगरोध (Quarantine) किया जाना आवश्यक है।

प्रीलिम्स लिंक:

  1. किसी देश के ’एवियन इन्फ्लुएंजा से मुक्त’ होने की घोषणा किसके द्वारा की जाती है?
  2. H5N1 बनाम H5N6 बनाम H9N2 बनाम H5N8।

मेंस लिंक:

बर्ड फ्लू पर एक टिप्पणी लिखिए। इसे किस प्रकार रोका जा सकता है? चर्चा कीजिए।

स्रोत: द हिंदू

 

विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।

फ्लू-गैस डिसल्फराइज़ेशन


(Flue Gas Desulphurization)

संदर्भ:

हाल ही में, विद्युत् मंत्रालय द्वारा कोयला-चालित विद्युत् संयंत्रों द्वारा नए उत्सर्जन मानदंडों को अपनाने के लिए समय सीमा को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। मंत्रालय का कहना है कि, ‘एक अव्यवहारिक समय सारणी’ से इन संयंत्रों पर अतिरिक्त भार पड़ेगा जो विद्युत्-दरों में वृद्धि का कारण बन सकता है।

विवरण:

  • केंद्र सरकार द्वारा शुरू में तापीय विद्युत् संयंत्रों के लिए उत्सर्जन मानदंडो का पालन करने हेतु फ्लू-गैस डिसल्फराइज़ेशन / गैस ईंधन को सल्‍फर मुक्‍त (FGD) करने वाली इकाईयों की स्थापना करने के लिए वर्ष 2017 की समयसीमा निर्धारित की गयी थी। जिससे कि विषाक्त सल्फर डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कटौती हो सके।
  • बाद में इसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए, वर्ष 2022 तक समाप्त होने वाली, अलग-अलग समय सीमाओं में बदल दिया गया था। नवीनतम प्रस्ताव के तहत, कोई नई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है।
  • मंत्रालय का मानना है कि, ताप विद्युत संयंत्रों के लिए एक समान उत्सर्जन मानदंडो की बजाय, पूरे देश में एक समान परिवेशी वायु गुणवत्ता बनाए रखने का लक्ष्य होना चाहिए।

‘फ्लू-गैस डिसल्फराइज़ेशन’ क्या है?

  • सयंत्रों से उत्सर्जित गैसों को सल्फर डाइऑक्साइड से मुक्त करने को फ्लु-गैस डिसल्फराइजेशन अथवा दहन गैस निर्गंधकीकरण (FGD) कहा जाता है।
  • फ्लु-गैस डिसल्फराइजेशन के द्वारा तापीय प्रसंस्करण और दहन के कारण भट्टियों, बॉयलरों और अन्य औद्योगिक प्रक्रियाओं द्वारा उत्सर्जित गैसों से सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) आदि गैसीय प्रदूषकों को हटाने का प्रयास किया जाता है ।

दहन गैस निर्गंधकीकरण में प्रयुक्त सामान्य विधियाँ:

  • गैसों को साफ़ करने हेतु क्षारीय पदार्थो, आमतौर पर गीले चूने, या समुद्री जल के घोल का उपयोग किया जाता है;
  • अपघर्षक घोल के स्प्रे से ड्राई स्क्रबिंग;
  • व्यावसायिक गुणवत्ता युक्त सल्फ्यूरिक एसिड को प्राप्त करने हेतु आर्द सल्फ्यूरिक एसिड प्रक्रिया;
  • SNOX फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन द्वारा सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और अन्य सूक्ष्म गैसों का निष्कर्षण किया जाता है;
  • उत्सर्जन प्रक्रिया में SO2 और SO3 को खत्म करने हेतु शुष्क अपघर्षक इंजेक्शन प्रणालियों का प्रयोग।

प्रीलिम्स लिंक:

  1. ‘फ्लू-गैस डिसल्फराइज़ेशन’ क्या है?
  2. विधियाँ
  3. SO2 क्या है? यह किस प्रकार उत्पादित की जाती है?

स्रोत: द हिंदू

 


प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य


पैंगोलिन

(Pangolin)

संदर्भ:

ओडिशा वन विभाग द्वारा पैंगोलिन के अवैध शिकार और व्यापार की रोकथाम हेतु सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की सख्त निगरानी की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है।

प्रमुख तथ्य:

पैंगोलिन, पृथ्वी पर पाया जाने वाला एकमात्र सशल्क स्तनपायी जीव है।

  • CITES के अनुसार, पैंगोलिन ऐसा स्तनपायी जीव है जिसकी खाने और पारंपरिक दवाओं में इस्तेमाल के लिए सबसे अधिक अवैध तस्करी होती है।
  • दुनिया भर में पायी जाने वाली पैंगोलिन की आठ प्रजातियों में से दो भारत में पाई जाती हैं।
  • ये प्रजातियाँ है: चीनी पैंगोलिन तथा इन्डियन पैंगोलिन, ये अधिकतर पूर्वोत्तर भारत में पाए जाती हैं।

संरक्षण स्थिति

  • IUCN की रेड लिस्ट में चीनी पैंगोलिन को गंभीर संकटग्रस्त (Critically Endangered) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
  • भारतीय पैंगोलिन (Manis crassicaudata) को “संकटग्रस्त (endangered)” के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
  • पैंगोलिन वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (1972) के तहत एक परिशिष्ट- I श्रेणी में सूचीवद्ध संरक्षित जीव है।

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भारत के आर्कटिक अभियान की जून में शुरुआत

भारत द्वारा आर्कटिक में पहले वैज्ञानिक अभियान की शुरुआत अगस्त 2007 के पहले सप्ताह में की गयी थी। इस अभियान में नॉर्वे के स्पिट्सबर्गेन द्वीप में स्थित अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान सुविधा केंद्र का उपयोग किया गया था।

इसके बाद से, भारत से प्रत्येक गर्मियों और सर्दियों में वैज्ञानिक टीमों को आर्कटिक में मुख्यतः हाइड्रोकैमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी और वायुमंडलीय विज्ञान के क्षेत्र में अध्ययन करने के लिए भेजा जाता है।

पृष्ठभूमि:

भारत अंटार्कटिक संधि और पर्यावरण संरक्षण पर अंटार्कटिक संधि के प्रोटोकॉल पर एक हस्ताक्षरकर्ता है। भारत के अंटार्कटिका में दो अनुसंधान स्टेशन हैं: भारती (2012) और मैत्री (1988)।

भारत को आर्कटिक परिषद में पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है।

नई स्कूल बैग नीति, 2020′

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा जारी किया गया।

  • नई ‘स्कूल बैग नीति’ के अनुसार, कक्षा I और II के छात्रों के लिए 1.6 से 2.2 किलोग्राम, कक्षा III, IV और V के लिए 1.7 से 2.5 किलोग्राम, कक्षा VI और VII के लिए 2 से 3 किलोग्राम होना चाहिए।
  • कक्षा VIII के लिए 2.5 से 4 किग्रा, IX और X के लिए 2.5 से 4.5 किग्रा और कक्षा XI और XII के लिए 3.5 से 5 किग्रा होना चाहिए।

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