विषय – सूची
सामान्य अध्ययन-I
1. सुभाष चंद्र बोस
2. आकशीय बिजली से भारतीयों की अधिक संख्या में मौत का कारण
सामान्य अध्ययन-II
1. रक्ताल्पता / एनीमिया
सामान्य अध्ययन-III
1. वैश्विक आवासीय प्रौद्योगिकी चुनौती
2. कृष्णापट्टनम और तुमकुर में औद्योगिक गलियारा नोड्स
प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य
1. सहायक-एनजी
2. अर्जेंटीना में गर्भपात वैधीकरण
3. प्रमुख क्षेत्र के उद्योग
सामान्य अध्ययन- I
विषय: स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान।
सुभाष चंद्र बोस
संदर्भ:
प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 30 दिसंबर, 1943 को पोर्ट ब्लेयर में तिरंगे को फहराया था।
पृष्ठभूमि:
जापान द्वारा आजाद हिंद सरकार सौंपे जाने के बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस वर्ष 1943 में पोर्ट ब्लेयर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पहुंचे। जापान द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इन द्वीपों पर कब्जा कर लिया गया था।
आज़ाद हिंद सरकार के बारे में:
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने वर्ष 1943 में जापान के कब्जे वाले सिंगापुर में आज़ाद हिंद की अस्थायी सरकार का गठन करने की घोषणा की।
- इस सरकार को आरज़ी हुकुमत-ए-आज़ाद हिंद (Arzi Hukumat-e-Azad Hind) के नाम से भी जाना जाता है। इस सरकार को धुरी राष्ट्रों, जापान साम्राज्य, नाजी जर्मनी, सोशल रिपब्लिक इटली और इनके सहयोगियों का सर्मथन प्राप्त था।
- उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के उत्तरार्ध काल में अस्थाई निर्वासित सरकार (Provisional Government-in– Exile) के बैनर तले भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त करने के लिए संघर्ष शुरू किया।
आज़ाद हिंद सरकार में भागीदार:
सुभाष चंद्र बोस की अस्थाई सरकार के अंतर्गत विदेशों में रहने वाले भारतीय एकजुट होकर सम्मिलित हुए। भारतीय राष्ट्रीय सेना में मलाया (वर्तमान मलेशिया) और बर्मा (म्यांमार) में भारतीय प्रवासी आबादी के हजारों स्वयंसेवकों और पूर्व कैदियों को शामिल किया गया।
- अस्थाई सरकार के अंतर्गत, सुभाष चन्द्र बोस ने राज्य के प्रमुख, प्रधान मंत्री और युद्ध और विदेशी मामलों के मंत्री का कार्यभार संभाला हुआ था।
- कैप्टन लक्ष्मी सहगल ने महिलाओं के संगठन का नेतृत्व किया और एस ए अय्यर ने प्रचार तथा प्रसार का दायित्व संभाला।
- क्रांतिकारी नेता रासबिहारी बोस को सरकार के सर्वोच्च सलाहकार के रूप में नामित किया गया था।
सुभाष चंद्र बोस से संबंधित प्रमुख तथ्य:
- सुभाष चंद्र बोस को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का दो बार अध्यक्ष चुना गया, (हरिपुर अधिवेशन-1938 और त्रिपुरी अधिवेशन–1939)।
- उन्होंने 1939 में कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और बंगाल में कांग्रेस के भीतर ही ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया।
प्रीलिम्स लिंक:
- बोस और इण्डियन नेशनल आर्मी (INA)
- बोस और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- आजाद हिंद सरकार का गठन
- आजाद हिंद सरकार के अधीन विभिन्न विभागों का वितरण
मेंस लिंक:
आज़ाद हिंद सरकार पर एक टिप्पणी लिखिए।
स्रोत: पीआईबी
विषय: भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ, भौगोलिक विशेषताएँ और उनके स्थान आदि।
आकशीय बिजली से भारतीयों की अधिक संख्या में मौत का कारण
संदर्भ:
भारत में 1 अप्रैल, 2019 और 31 मार्च, 2020 के बीच आकशीय बिजली गिरने से 1,771 मौतें हुई हैं।
इस प्रकार की मौतों को किस प्रकार कम किया जा सकता है?
आकशीय बिजली गिरने की घटनाएं एक निश्चित अवधि के दौरान और लगभग समान भौगोलिक स्थानों पर समान पैटर्न में होती है।
- क्लाइमेट रेज़िलिएंट ओब्जर्विंग सिस्टम प्रमोशन काउंसिल (Climate Resilient Observing Systems Promotion Council-CROPC) के अनुसार, किसानों, पशु चराने वालों, बच्चों और खुले क्षेत्रों में लोगों की जान बचाने के लिए बिजली गिरने की पूर्व-जानकारी दिया जाना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
- बिजली गिरने से होने वाली मौतों को कम करने के लिए, तड़ित सुरक्षा यंत्रों (Lightning Protection Devices) को लगाने जैसे स्थानीय तड़ित सुरक्षा कार्य योजनाओं की आवश्यकता है।
बिजली गिरने का प्रभाव
केंद्र ने वर्ष 2015 में प्राकृतिक आपदा से पीड़ितों के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में 4 लाख रुपये तक की वृद्धि की थी।
- पिछले पांच वर्षों में आकशीय बिजली गिरने से 13,994 मौतें हुईं, जिसके लिए कुल मुआवजा राशि लगभग 359 करोड़ रुपये होगी।
- बिजली गिरने से पशु जीवन को भी अत्याधिक नुकसान हुआ है।
आकाशीय बिजली (तड़ित) क्या होती है?
- आकाशीय बिजली अथवा तड़ित, वातावरण में बिजली का एक तीव्र तथा व्यापक निस्सरण होती है। इसका कुछ भाग पृथ्वी की ओर निर्देशित होता है।
- सामन्यतः यह तड़ित निस्सरण, 10-12 किमी. ऊँचे आद्रता-युक्त बादलों में उत्पन्न होता है, तथा यह बादल के ऊपरी हिस्से और निचले हिस्से के बीच विद्युत आवेश के अंतर का परिणाम है।
प्रीलिम्स लिंक:
- पृथ्वी पर बिजली किस प्रकार गिरती है?
- मेगाफ्लैश क्या हैं?
- क्या पृथ्वी बिजली की एक सुचालक है?
- बादलों के प्रकार
- भारत में बिजली गिरने की घटनाएँ
मेंस लिंक:
आकाशीय बिजली की घटनाओं पर एक टिप्पणी लिखिए।
स्रोत: पीआईबी
सामान्य अध्ययन- II
विषय: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
रक्ताल्पता / एनीमिया
(Anaemia)
संदर्भ:
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family Health Survey) 2019-20 के अनुसार, भारतीय महिलाएं और बच्चों में अत्याधिक रक्ताल्पता / एनीमिया (Anaemia) पायी गयी है।
‘रक्ताल्पता’ क्या होती है?
- ‘रक्ताल्पता’, रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) की सामान्य स्तर से कमी अथवा हीमोग्लोबिन की मात्रा से कम होने की स्थिति होती है।
- एनीमिया से गर्स्त होने पर व्यक्ति को थकान, ठंड, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन और सांस लेने में कठिनाई आदि महसूस होती है।
- आहार में पर्याप्त मात्रा में आयरन, फोलिक एसिड या विटामिन बी 12 की कमी, व्यक्ति में रक्ताल्पता का एक आम कारण होती है।
देश में उच्च ‘रक्ताल्पता’ के कारण
- भारत में आम तौर पर दो प्रकार की ‘रक्ताल्पता’ पायी जाती है, ‘आयरन की कमी’ से होने वाली तथा ‘विटामिन B12 की कमी’ के कारण होने वाली रक्ताल्पता।
- महिलाओं में, ‘आयरन की कमी’ से होने वाली रक्ताल्पता, पुरुषों की अपेक्षा अधिक होती है, इसका कारण मासिक धर्म के दौरान रक्त में आयरन की कमी तथा गर्भावस्था के दौरान भ्रूण वृद्धि के लिए आयरन की अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है।
- आहार में चावल और गेहूं पर अधिक निर्भरता के कारण मोटे अनाजों की मात्रा में कमी, हरी और पत्तेदार सब्जियों का अपर्याप्त सेवन और कम पोषक तत्वों वाले पैकेज्ड और संसाधित खाद्य पदार्थों की अधिकता भारत में एनीमिया के उच्च स्तर के पीछे संभावित कारण हो सकते हैं।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
सामान्य अध्ययन- III
विषय: बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।
वैश्विक आवासीय प्रौद्योगिकी चुनौती
(Global Housing Technology Challenge)
संदर्भ:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, छह राज्यों में छह स्थानों पर वैश्विक आवासीय प्रौद्योगिकी चुनौती / ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज-इंडिया (Global Housing Technology Challenge-India: GHTC-India) के तहत लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स (Light House Projects– LHPs) की आधारशिला रखेंगे।
‘लाइट हाउस प्रोजेक्ट’ क्या हैं?
लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स (LHPs), आवास निर्माण के क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने के लिए एक समग्र परिवेश तैयार करने की परिकल्पना है।
- लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स (LHPs) का निर्माण इंदौर (मध्य प्रदेश), राजकोट (गुजरात), चेन्नई (तमिलनाडु), रांची (झारखंड), अगरतला (त्रिपुरा) और लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में किया जा रहा है।
- इसमें प्रत्येक स्थान पर संबद्ध बुनियादी ढांचा सुविधाओं के साथ लगभग 1,000 मकानों को शामिल किया गया है।
- ये परियोजनाएं पारंपरिक तौर पर ईंट एवं कंक्रीट वाले निर्माण के मुकाबले कहीं अधिक तेजी से यानी महज बारह महीने के भीतर रहने के लिए तैयार मकानों को प्रदर्शित और वितरित करेंगी। इसके अलावा ये मकान उच्च गुणवत्ता के साथ किफायती और टिकाऊ भी होंगे।
- हल्के मकानों की ये परियोजनाएं (Light house projects) कई प्रकार की तकनीकों का प्रदर्शन करती हैं। जिसमें इंदौर के LHP में प्रीफैब्रिकेटेड सैंडविच पैनल सिस्टम, टनल फॉर्मवर्क आदि का उपयोग शामिल है।
ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज (GHTC) की प्रमुख विशेषताएं:
- 2019 में शुरू की गई वैश्विक आवासीय प्रौद्योगिकी चुनौती, प्रधान मंत्री आवास योजना शहरी (PMAY-U) के तहत एक चुनौती कार्यक्रम है।
- GHTC का लक्ष्य किफायती आवास के निर्माण को तेजी से पूरा करके वर्ष 2022 तक 2 करोड़ घरों के निर्माण के लक्ष्य को पूरा करना है।
- GHTC, लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स के लिए उपयोगी साबित हो चुकी प्रदर्शन-योग्य प्रौद्योगिकियों की पहचान करना और उनके उपयोग को मुख्यधारा में लाने पर ध्यान केंद्रित करता है, इसके अलावा, ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज के तहत अफोर्डेबल सस्टेनेबल हाउसिंग एक्सेलेरेटर्स- इंडिया अर्थात (ASHA –India) के माध्यम से ऊष्मायन (incubation) और त्वरित सहयोग के लिए संभावित भविष्य की तकनीकों को चिह्नित किया जाता है।
प्रीलिम्स लिंक:
- GHTC क्या है?
- ASHA – India क्या है?
- प्रधान मंत्री आवास योजना शहरी (PMAY-U) के बारे में।
मेंस लिंक:
आपकी राय में, ‘वर्ष 2022 तक सभी के लिए आवास’ कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए क्या किया जाना चाहिए? चर्चा कीजिए।
स्रोत: पीआईबी
विषय: बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।
कृष्णापट्टनम और तुमकुर में औद्योगिक गलियारा नोड्स
(Industrial Corridor nodes at Krishnapatnam and Tumakuru)
संदर्भ:
हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमडल द्वारा कृष्णापट्टनम और तुमकुर में औद्योगिक गलियारा नोड्स को स्वीकृति दी गयी है।
‘औद्योगिक गलियारा’ क्या होता है?
- औद्योगिक गलियारा (Industrial Corridor), मूल रूप से, मुख्य मार्ग के रूप में राज्यों से होकर गुजरने वाला मल्टी मॉडल परिवहन सेवाओं से युक्त गलियारा होता है।
- औद्योगिक गलियारे, उद्योग और अवसंरचनाओं के मध्य प्रभावी समेकन उपलब्ध कराते हैं, जिससे समग्र रूप से आर्थिक और सामाजिक विकास में वृद्धि होती है।
औद्योगिक गलियारों में विश्व स्तरीय अवसंरचनाओं का निर्माण किया जाता है, जैसे:
- द्रुतगति परिवहन नेटवर्क – रेल और सड़क।
- अत्याधुनिक कार्गो हैंडलिंग उपकरणों सहित बंदरगाह।
- आधुनिक हवाई अड्डे।
- विशेष आर्थिक क्षेत्र / औद्योगिक क्षेत्र।
- लॉजिस्टिक पार्क / ट्रांसशिपमेंट हब।
- औद्योगिक जरूरतों को पूरा करने के लिए नॉलेज पार्क।
- टाउनशिप / रियल एस्टेट जैसी पूरक अवसंरचनाएं।
प्रीलिम्स लिंक:
- ग्रीनफील्ड बनाम ब्राउनफील्ड परियोजनाएं।
- औद्योगिक गलियारे क्या होते हैं?
- प्रमुख विशेषताएं।
स्रोत: पीआईबी
प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य
सहायक-एनजी
(SAHAYAK-NG)
- SAHAYAK-NG भारत का पहला स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया आकाश से सतह पर उतारा जा सकने वाले कंटेनर है।
- सहायक-एनजी, नव विकसित जीपीएस समर्थित कंटेनर 50 किलोग्राम तक वजन ले जाने में सक्षम है और इसे किसी भारी विमान से सतह पर उतारा जा सकता है।
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय नौसेना के साथ गोवा तट से कुछ दूर समुद्र में ‘सहायक-एनजी’ का पहला सफल उड़ान परीक्षण सम्पन्न किया गया।
अर्जेंटीना में गर्भपात वैधीकरण
(Argentina’s legalisation of abortion)
- अर्जेंटीना में गर्भावस्था के 14 वें सप्ताह तक गर्भपात को वैध कर दिया गया है।
- इससे पहले, लड़कियों और महिलाओं को अवैध और असुरक्षित प्रक्रियाओं के लिए मजबूर होना पड़ता था क्योंकि अर्जेंटीना में गर्भपात गैर-कानूनी था।
- इसके अलावा, सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि की लड़कियों और महिलाओं के लिए गर्भपात हेतु सुरक्षित चिकित्सा प्रक्रियाओं तक पहुंच का दायरा और भी संकीर्ण था।
प्रमुख क्षेत्र के उद्योग
(Core Sector Industries)
- प्रमुख क्षेत्र के आठ उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और विद्युत् सम्मिलित हैं।
- औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में शामिल वस्तुओं में आठ प्रमुख उद्योगों का भारांक लगभग 40% है।
- भारांक के घटते क्रम में आठ प्रमुख उद्योग: रिफाइनरी उत्पाद> विद्युत् > इस्पात> कोयला> कच्चा तेल> प्राकृतिक गैस> सीमेंट> उर्वरक हैं।