HINDI - INSIGHTS CURRENT EVENTS QUIZ 2020
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Welcome to Current Affairs Quiz in HINDI Medium. Hope you are happy with our Hindi Current Affairs. The following Quiz is based on the Hindu, PIB and other news sources. It is a current events based quiz. Solving these questions will help retain both concepts and facts relevant to UPSC IAS civil services exam – 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
1 pointsप्रधानमंत्री स्वनिधि (PM SVANidhi) योजना के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- पीएम स्वनिधि योजना, एक क्रेडिट सुविधा है जो स्ट्रीट वेंडर्स को एक वर्ष की अवधि के लिए निम्न ब्याज दरों पर 1,00,000 रुपये का संपार्श्विक-मुक्त ऋण प्रदान करती है।
- यह योजना आत्मनिर्भर भारत पैकेज का हिस्सा है।
- लघु उद्योग विकास बैंक ऑफ इंडिया (SIDBI) योजना के लिए कार्यान्वयन एजेंसी है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: c)
आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने स्ट्रीट वेंडर्स को सशक्त बनाने और समग्र विकास एवं आर्थिक उत्थान के लिए भी पीएम स्ट्रीट वेंडर की आत्मनिर्भर निधि (PM SVANidhi) योजना शुरू की। यह योजना शहरी क्षेत्रों में अपने व्यवसायों को फिर से शुरू करने में मदद करने के लिए लगभग 50 लाख स्ट्रीट वेंडरों को 10,000 रूपए तक के संपार्श्विक मुक्त कार्यशील पूंजी ऋणों की सुविधा प्रदान करेगी, जिसमें आसपास के शहरी / ग्रामीण क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है।
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) इसकी कार्यान्वयन एजेंसी है।
Incorrect
उत्तर: c)
आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने स्ट्रीट वेंडर्स को सशक्त बनाने और समग्र विकास एवं आर्थिक उत्थान के लिए भी पीएम स्ट्रीट वेंडर की आत्मनिर्भर निधि (PM SVANidhi) योजना शुरू की। यह योजना शहरी क्षेत्रों में अपने व्यवसायों को फिर से शुरू करने में मदद करने के लिए लगभग 50 लाख स्ट्रीट वेंडरों को 10,000 रूपए तक के संपार्श्विक मुक्त कार्यशील पूंजी ऋणों की सुविधा प्रदान करेगी, जिसमें आसपास के शहरी / ग्रामीण क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है।
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) इसकी कार्यान्वयन एजेंसी है।
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Question 2 of 5
2. Question
1 pointsहाल ही में समाचारों में चर्चित ‘शूलपनेश्वर वन्यजीव अभयारण्य‘ स्थित है
Correct
उत्तर: b)
शूलपनेश्वर वन्यजीव अभयारण्य भारत के गुजरात राज्य में एक संरक्षित क्षेत्र है, जो नर्मदा नदी के दक्षिण में पश्चिमी सतपुड़ा श्रेणी में स्थित है। यह मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के साथ सीमा साझा करता है।
Incorrect
उत्तर: b)
शूलपनेश्वर वन्यजीव अभयारण्य भारत के गुजरात राज्य में एक संरक्षित क्षेत्र है, जो नर्मदा नदी के दक्षिण में पश्चिमी सतपुड़ा श्रेणी में स्थित है। यह मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के साथ सीमा साझा करता है।
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Question 3 of 5
3. Question
1 pointsकभी-कभी समाचारों में चर्चित ‘प्रॉक्सिमा सेंटॉरी (Proxima Centauri)’ है
Correct
उत्तर: a)
एलियन के जीवन की तलाश के लिए विश्व की सबसे बड़ी पहल चलाने वाले खगोलविदों ने हाल ही में हमारे सूर्य के सबसे निकट तारे प्रॉक्सिमा सेंटौरी से उत्सर्जित “विशिष्ट” रेडियो तरंग का पता लगाया है।
Incorrect
उत्तर: a)
एलियन के जीवन की तलाश के लिए विश्व की सबसे बड़ी पहल चलाने वाले खगोलविदों ने हाल ही में हमारे सूर्य के सबसे निकट तारे प्रॉक्सिमा सेंटौरी से उत्सर्जित “विशिष्ट” रेडियो तरंग का पता लगाया है।
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Question 4 of 5
4. Question
1 pointsसूर्य कलंक (Sun Spots) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- सूर्य कलंक ऐसे क्षेत्र होते हैं जहां सौर चुंबकीय क्षेत्र बहुत मजबूत होता है।
- सूर्य कलंक अपने परिवेश की तुलना में अधिक गहरे दिखाई देते हैं क्योंकि इना तापमान अपने परिवेश की तुलना में कुछ हज़ार डिग्री कम होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: c)
सूर्य कलंक (Sun Spots) ऐसे क्षेत्र होते हैं जहां सौर चुंबकीय क्षेत्र बहुत मजबूत होता है।
सूर्य कलंक अपने परिवेश की तुलना में अधिक गहरे दिखाई देते हैं क्योंकि इना तापमान अपने परिवेश की तुलना में कुछ हज़ार डिग्री कम होता है।
सूर्य की अधिकांश दृश्य सतह में लगभग 5400 डिग्री सेल्सियस का तापमान होता है, लेकिन एक विशाल सूर्य कलंक का तापमान लगभग 4000 डिग्री सेल्सियस कम हो सकता है।
Incorrect
उत्तर: c)
सूर्य कलंक (Sun Spots) ऐसे क्षेत्र होते हैं जहां सौर चुंबकीय क्षेत्र बहुत मजबूत होता है।
सूर्य कलंक अपने परिवेश की तुलना में अधिक गहरे दिखाई देते हैं क्योंकि इना तापमान अपने परिवेश की तुलना में कुछ हज़ार डिग्री कम होता है।
सूर्य की अधिकांश दृश्य सतह में लगभग 5400 डिग्री सेल्सियस का तापमान होता है, लेकिन एक विशाल सूर्य कलंक का तापमान लगभग 4000 डिग्री सेल्सियस कम हो सकता है।
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Question 5 of 5
5. Question
1 pointsट्रांसजेनिक फसल (transgenic crop) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- भारत में, बीटी कपास व्यावसायिक खेती के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पहली ट्रांसजेनिक फसल थी।
- ट्रांसजेनिक फसलें अधिक विषैली और पर्यावरण में हमेशा विस्तार करने वाली होती हैं।
- भारत में, ट्रांसजेनिक फसलों को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 और बीज नीति, 2002 के तहत विनियमित किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
प्लांट जेनेटिक इंजीनियरिंग के तरीके 30 वर्ष पहले विकसित किए गए थे, और तब से, आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) फसलें या ट्रांसजेनिक फसलें व्यावसायिक रूप से उपलब्ध हैं और कई देशों में व्यापक रूप से इनकी खेती की जा रही है।
भारत में, बीटी कपास को मार्च 2002 में भारत सरकार द्वारा वाणिज्यिक खेती के लिए पहली ट्रांसजेनिक फसल के रूप में मंजूरी दी गई थी।
हालांकि, यह व्यापक रूप से दावा किया जाता है कि ट्रांसजेनिक फसलें कुछ बड़ी चुनौतियों समाधान कर सकती हैं, लेकिन सभी नई तकनीकों की तरह, यह कुछ जोखिम भी पैदा करती हैं, क्योंकि इस तथ्य के कारण कि ट्रांसजेनिक फसलें एक साथ नए जीन संयोजन को बढ़ावा दे सकती हैं जिनके स्वास्थ्य, पर्यावरण और गैर-लक्ष्य प्रजातियों पर संभावित हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं।
ट्रांसजेनिक फसलें न तो विषैली होती हैं और न ही पर्यावरण में इनके विस्तार करने की संभावना होती है। हालांकि, कुछ विशिष्ट फसलें उन गुणों के संयोजन के आधार पर हानिकारक हो सकती हैं।
Incorrect
उत्तर: b)
प्लांट जेनेटिक इंजीनियरिंग के तरीके 30 वर्ष पहले विकसित किए गए थे, और तब से, आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) फसलें या ट्रांसजेनिक फसलें व्यावसायिक रूप से उपलब्ध हैं और कई देशों में व्यापक रूप से इनकी खेती की जा रही है।
भारत में, बीटी कपास को मार्च 2002 में भारत सरकार द्वारा वाणिज्यिक खेती के लिए पहली ट्रांसजेनिक फसल के रूप में मंजूरी दी गई थी।
हालांकि, यह व्यापक रूप से दावा किया जाता है कि ट्रांसजेनिक फसलें कुछ बड़ी चुनौतियों समाधान कर सकती हैं, लेकिन सभी नई तकनीकों की तरह, यह कुछ जोखिम भी पैदा करती हैं, क्योंकि इस तथ्य के कारण कि ट्रांसजेनिक फसलें एक साथ नए जीन संयोजन को बढ़ावा दे सकती हैं जिनके स्वास्थ्य, पर्यावरण और गैर-लक्ष्य प्रजातियों पर संभावित हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं।
ट्रांसजेनिक फसलें न तो विषैली होती हैं और न ही पर्यावरण में इनके विस्तार करने की संभावना होती है। हालांकि, कुछ विशिष्ट फसलें उन गुणों के संयोजन के आधार पर हानिकारक हो सकती हैं।