HINDI - INSIGHTS CURRENT EVENTS QUIZ 2020
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Welcome to Current Affairs Quiz in HINDI Medium. Hope you are happy with our Hindi Current Affairs. The following Quiz is based on the Hindu, PIB and other news sources. It is a current events based quiz. Solving these questions will help retain both concepts and facts relevant to UPSC IAS civil services exam – 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
1 pointsअंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय को मानवता के खिलाफ युद्ध अपराधों या अपराधों के अभियुक्तों पर कार्यवाही करने का कोई अधिकार क्षेत्र प्राप्त नहीं है।
- ICJ किसी भी अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के लिए अपील न्यायालय के रूप में कार्य करता है।
- ICJ का निर्णय अंतिम होता है और इसके विरुद्ध अपील नहीं की जा सकती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: c)
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) को मानवता के खिलाफ युद्ध अपराधों या अपराधों के अभियुक्तों पर कार्यवाही करने का कोई अधिकार क्षेत्र प्राप्त नहीं है। चूंकि यह एक आपराधिक न्यायालय नहीं है, इसलिए इसके पास अभियोजक कार्यवाही शुरू करने की शक्ति नहीं है।
यह व्यक्तियों के लिए अंतिम न्यायालय के रूप में कार्य नहीं करता है, न ही यह किसी अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के लिए अपीलीय न्यायालय है। हालांकि, यह मध्यस्थता निर्णयों की वैधता पर निर्णय कर सकता है।
न्यायालय केवल एक या अधिक राष्ट्रों द्वारा अनुरोध करने पर विवादों की सुनवाई कर सकता है। यह स्वयं की पहल पर विवादों की सुनवाई नहीं सकता है। इसे इसकी संविधि के तहत इसकी अनुमति नहीं है।
ICJ का निर्णय अंतिम होता है और इसके विरुद्ध अपील नहीं की जा सकती है। यदि किसी निर्णय के अर्थ या दायरे के बारे में कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो केवल पक्षकार देश ही इसकी व्याख्या करने के लिए न्यायालय से अनुरोध कर सकते हैं। न्यायालय के पास किसी तथ्य की जाँच की स्थिति में, जो कि निर्णायक हो सकता है, तो पक्षकार निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
Incorrect
उत्तर: c)
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) को मानवता के खिलाफ युद्ध अपराधों या अपराधों के अभियुक्तों पर कार्यवाही करने का कोई अधिकार क्षेत्र प्राप्त नहीं है। चूंकि यह एक आपराधिक न्यायालय नहीं है, इसलिए इसके पास अभियोजक कार्यवाही शुरू करने की शक्ति नहीं है।
यह व्यक्तियों के लिए अंतिम न्यायालय के रूप में कार्य नहीं करता है, न ही यह किसी अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के लिए अपीलीय न्यायालय है। हालांकि, यह मध्यस्थता निर्णयों की वैधता पर निर्णय कर सकता है।
न्यायालय केवल एक या अधिक राष्ट्रों द्वारा अनुरोध करने पर विवादों की सुनवाई कर सकता है। यह स्वयं की पहल पर विवादों की सुनवाई नहीं सकता है। इसे इसकी संविधि के तहत इसकी अनुमति नहीं है।
ICJ का निर्णय अंतिम होता है और इसके विरुद्ध अपील नहीं की जा सकती है। यदि किसी निर्णय के अर्थ या दायरे के बारे में कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो केवल पक्षकार देश ही इसकी व्याख्या करने के लिए न्यायालय से अनुरोध कर सकते हैं। न्यायालय के पास किसी तथ्य की जाँच की स्थिति में, जो कि निर्णायक हो सकता है, तो पक्षकार निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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Question 2 of 5
2. Question
1 pointsआइसबर्ग (Icebergs) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- एक आइसबर्ग ताजे जल की बर्फ का एक विशाल खंड होता है जो एक हिमनद या बर्फ शेल्फ से टूट जाता है और खुले जल में स्वतंत्र रूप से तैरता है।
- महासागरीय धाराएँ आइसबर्ग की गति को प्रभावित नहीं करती हैं।
- आइसबर्ग धूल को प्रवाहित करते हैं जो महासागर में प्लैंकटन की वृद्धि में सहायक होती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
एक आइसबर्ग ताजे जल की बर्फ का एक विशाल खंड होता है जो एक हिमनद या बर्फ शेल्फ से टूट जाता है और खुले जल में स्वतंत्र रूप से तैरता है।
अंटार्कटिका से लगभग 5,800 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में आइसबर्ग A68 नामक बर्फ का विशाल खंड 2017 से अटलांटिक महासागर में मुक्त रूप से तैर रहा है।
इस वर्ष, महासागर की धारा ने आइसबर्ग को दक्षिण अटलांटिक महासागर की ओर प्रवाहित कर दिया है और तब से यह दक्षिण जॉर्जिया के दूरस्थ उप-अंटार्कटिक द्वीप की ओर तैर रहा है, जिससे आइसबर्ग द्वारा द्वीप पर निवास करने वाले वन्यजीवों पर प्रभाव पड़ सकता ह।
आइसबर्ग समुद्र की धाराओं के साथ तैरता है जिससे आइसबर्ग उथले जल में फंस जाते हैं।
दूसरी ओर, आइसबर्ग धूल को प्रवाहित करते हैं जो महासागर में प्लैंकटन की वृद्धि में सहायक होती है, जो वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड संग्रहित करने में सहायक है।
Incorrect
उत्तर: b)
एक आइसबर्ग ताजे जल की बर्फ का एक विशाल खंड होता है जो एक हिमनद या बर्फ शेल्फ से टूट जाता है और खुले जल में स्वतंत्र रूप से तैरता है।
अंटार्कटिका से लगभग 5,800 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में आइसबर्ग A68 नामक बर्फ का विशाल खंड 2017 से अटलांटिक महासागर में मुक्त रूप से तैर रहा है।
इस वर्ष, महासागर की धारा ने आइसबर्ग को दक्षिण अटलांटिक महासागर की ओर प्रवाहित कर दिया है और तब से यह दक्षिण जॉर्जिया के दूरस्थ उप-अंटार्कटिक द्वीप की ओर तैर रहा है, जिससे आइसबर्ग द्वारा द्वीप पर निवास करने वाले वन्यजीवों पर प्रभाव पड़ सकता ह।
आइसबर्ग समुद्र की धाराओं के साथ तैरता है जिससे आइसबर्ग उथले जल में फंस जाते हैं।
दूसरी ओर, आइसबर्ग धूल को प्रवाहित करते हैं जो महासागर में प्लैंकटन की वृद्धि में सहायक होती है, जो वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड संग्रहित करने में सहायक है।
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Question 3 of 5
3. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- भारत के संविधान के अनुसार, राज्यपाल, विधान मंडल के सदन या प्रत्येक सदन को ऐसे समय और स्थान पर, जो वह ठीक समझे, अधिवेशन के लिए आहूत करेगा।
- राज्यपाल को सदैव मंत्रीमंडल की सहायता और सलाह पर कार्य करना होता है और वह सदन की बैठक के बारे में निर्णय नहीं ले सकता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: a)
संविधान के अनुच्छेद 174 में कहा गया है, राज्यपाल, समय-समय पर, राज्य के विधान मंडल के सदन या प्रत्येक सदन को ऐसे समय और स्थान पर, जो वह ठीक समझे, अधिवेशन के लिए आहूत करेगा किन्तु उसके एक सत्र की अन्तिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के लिए नियत तारीख के बीच छह मास का अन्तर नहीं होगा।
यद्यपि सदन को आहूत करना राज्यपाल का विशेषाधिकार है, अनुच्छेद 163 के अनुसार, राज्यपाल को मंत्रिमंडल की “सहायता और सलाह” पर कार्य करना आवश्यक है। इसलिए जब राज्यपाल अनुच्छेद 174 के तहत सदन को आहूत करता हैं, तो यह उनकी इच्छा पर नहीं होता है बल्कि मंत्रिमंडल की सहायता और सलाह पर किया जाता है।
ऐसे कुछ उदाहरण हैं जहां राज्यपाल मुख्यमंत्री की सलाह के बिना भी सदन को आहूत कर सकता है। जब मुख्यमंत्री बहुमत खो देता है और सदन के विधायक सदस्य मुख्यमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करते हैं, तो राज्यपाल सदन को आहूत करने पर निर्णय कर सकता है।
लेकिन राज्यपाल के कार्यों, जब वह विवेकाधीन शक्तियों का उपयोग करता है तो उसे न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है।
Incorrect
उत्तर: a)
संविधान के अनुच्छेद 174 में कहा गया है, राज्यपाल, समय-समय पर, राज्य के विधान मंडल के सदन या प्रत्येक सदन को ऐसे समय और स्थान पर, जो वह ठीक समझे, अधिवेशन के लिए आहूत करेगा किन्तु उसके एक सत्र की अन्तिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के लिए नियत तारीख के बीच छह मास का अन्तर नहीं होगा।
यद्यपि सदन को आहूत करना राज्यपाल का विशेषाधिकार है, अनुच्छेद 163 के अनुसार, राज्यपाल को मंत्रिमंडल की “सहायता और सलाह” पर कार्य करना आवश्यक है। इसलिए जब राज्यपाल अनुच्छेद 174 के तहत सदन को आहूत करता हैं, तो यह उनकी इच्छा पर नहीं होता है बल्कि मंत्रिमंडल की सहायता और सलाह पर किया जाता है।
ऐसे कुछ उदाहरण हैं जहां राज्यपाल मुख्यमंत्री की सलाह के बिना भी सदन को आहूत कर सकता है। जब मुख्यमंत्री बहुमत खो देता है और सदन के विधायक सदस्य मुख्यमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करते हैं, तो राज्यपाल सदन को आहूत करने पर निर्णय कर सकता है।
लेकिन राज्यपाल के कार्यों, जब वह विवेकाधीन शक्तियों का उपयोग करता है तो उसे न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है।
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Question 4 of 5
4. Question
1 pointsन्यूमोकोकल रोग ( Pneumococcal disease) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- न्यूमोकोकल रोग एक जीवाणु जनित रोग है और यह विश्व भर में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में मृत्यु दर का एक महत्वपूर्ण कारण है।
- न्यूमोकोकल रोग एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में श्वसन स्राव, जैसे लार या बलगम के सीधे संपर्क में आने से फैलता है।
- न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन भारत के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) में शामिल है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correct
उत्तर: d)
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने भारत के पहले स्वदेशी विकसित न्यूमोकोकल वैक्सीन लांच किया है।
यह वैक्सीन न्यूमोकोकल जीवाणु को लक्षित करता है, जो निमोनिया और अन्य गंभीर जानलेवा बीमारियों जैसे कि मेनिन्जाइटिस और सेप्सिस का कारण बनता है, और इसके कारण विश्व भर में लगभग चार लाख पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों कि मृत्यु हुई है।
न्यूमोकोकल रोग एक जीवाणु जनित रोग है और यह विश्व भर में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में मृत्यु दर का एक महत्वपूर्ण कारण है।
इसके व्यापक घातक परिणाम को देखते हुए, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2018 में सभी देशों में बच्चों के नियमित टीकाकरण कार्यक्रमों में न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) को शामिल करने की सिफारिश की।
न्यूमोकोकल रोग एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में श्वसन स्राव, जैसे लार या बलगम के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। बहुत से लोगों में, विशेष रूप से बच्चे, इसका जीवाणु इन्हें बीमार किय बिना उनकी नाक या गले रह सकता है।
Incorrect
उत्तर: d)
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने भारत के पहले स्वदेशी विकसित न्यूमोकोकल वैक्सीन लांच किया है।
यह वैक्सीन न्यूमोकोकल जीवाणु को लक्षित करता है, जो निमोनिया और अन्य गंभीर जानलेवा बीमारियों जैसे कि मेनिन्जाइटिस और सेप्सिस का कारण बनता है, और इसके कारण विश्व भर में लगभग चार लाख पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों कि मृत्यु हुई है।
न्यूमोकोकल रोग एक जीवाणु जनित रोग है और यह विश्व भर में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में मृत्यु दर का एक महत्वपूर्ण कारण है।
इसके व्यापक घातक परिणाम को देखते हुए, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2018 में सभी देशों में बच्चों के नियमित टीकाकरण कार्यक्रमों में न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) को शामिल करने की सिफारिश की।
न्यूमोकोकल रोग एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में श्वसन स्राव, जैसे लार या बलगम के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। बहुत से लोगों में, विशेष रूप से बच्चे, इसका जीवाणु इन्हें बीमार किय बिना उनकी नाक या गले रह सकता है।
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Question 5 of 5
5. Question
1 pointsदुर्लभ मृदा तत्त्व ( Rare Earth elements) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- दुर्लभ मृदा तत्व रेडियोधर्मी नहीं होते हैं।
- इन तत्वों का उपयोग स्वच्छ ऊर्जा, स्वास्थ्य देखभाल, पर्यावरणीय शमन और राष्ट्रीय रक्षा में किया जाता है।
- चीन के पास दुर्लभ मृदा तत्वों का 80% भंडार मौजूद है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correct
उत्तर: c)
दुर्लभ मृदा तत्त्व आवर्त सारणी में 17 रासायनिक तत्वों का एक सेट हैं – इनमें से 15 लैंथेनाइड्स, प्लस स्कैंडियम और येट्रियम, जो लैंथेनाइड्स के समान अयस्क निक्षेपों में पाए जाते हैं, और समान रासायनिक गुणों वाले होते हैं।
इनके वर्गीकरण के बावजूद, इनमें से अधिकांश तत्व वास्तव में “दुर्लभ” नहीं हैं। दुर्लभ मृदा तत्वों में से एक, प्रोमीथियम, रेडियोधर्मी है।
ये तत्व इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर और नेटवर्क, संचार, स्वच्छ ऊर्जा, उन्नत परिवहन, स्वास्थ्य सेवा, पर्यावरणीय शमन और राष्ट्रीय रक्षा आदि तकनीकों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
स्कैंडियम का उपयोग टीवी और फ्लोरोसेंट लैंप में किया जाता है और इनका उपयोग गठिया एवं कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है।
दुर्लभ मृदा तत्वों का उपयोग अंतरिक्ष शटल घटकों, जेट इंजन टर्बाइन और ड्रोन में किया जाता है। सेरियम नामक दुर्लभ मृदा तत्त्व का अत्यधिक उपयोग नासा के स्पेस शटल प्रोग्राम में किया गया है।
चीन के पास दुर्लभ मृदा तत्वों का 80% भंडार मौजूद है।
Incorrect
उत्तर: c)
दुर्लभ मृदा तत्त्व आवर्त सारणी में 17 रासायनिक तत्वों का एक सेट हैं – इनमें से 15 लैंथेनाइड्स, प्लस स्कैंडियम और येट्रियम, जो लैंथेनाइड्स के समान अयस्क निक्षेपों में पाए जाते हैं, और समान रासायनिक गुणों वाले होते हैं।
इनके वर्गीकरण के बावजूद, इनमें से अधिकांश तत्व वास्तव में “दुर्लभ” नहीं हैं। दुर्लभ मृदा तत्वों में से एक, प्रोमीथियम, रेडियोधर्मी है।
ये तत्व इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर और नेटवर्क, संचार, स्वच्छ ऊर्जा, उन्नत परिवहन, स्वास्थ्य सेवा, पर्यावरणीय शमन और राष्ट्रीय रक्षा आदि तकनीकों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
स्कैंडियम का उपयोग टीवी और फ्लोरोसेंट लैंप में किया जाता है और इनका उपयोग गठिया एवं कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है।
दुर्लभ मृदा तत्वों का उपयोग अंतरिक्ष शटल घटकों, जेट इंजन टर्बाइन और ड्रोन में किया जाता है। सेरियम नामक दुर्लभ मृदा तत्त्व का अत्यधिक उपयोग नासा के स्पेस शटल प्रोग्राम में किया गया है।
चीन के पास दुर्लभ मृदा तत्वों का 80% भंडार मौजूद है।