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INSIGHTS करेंट अफेयर्स+ पीआईबी नोट्स [ DAILY CURRENT AFFAIRS + PIB Summary in HINDI ] 15 December

 

विषय – सूची

 सामान्य अध्ययन-I

1. यौन अपराधों के खिलाफ महाराष्ट्र के प्रस्तावित कानूनों की आलोचना

2. जेमिनीड उल्का वृष्टि

 

सामान्य अध्ययन-II

1. आदर्श आचार संहिता

2. ‘संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना’ (MPLADS)

3. आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY)

4. ‘विजन 2035: भारत में जन स्‍वास्‍थ्‍य निगरानी’

 

सामान्य अध्ययन-III

1. चीन द्वारा कृषि में सुधार और निर्धनता में कमी किस प्रकार की गयी?

 

सामान्य अध्ययन-IV

1. कोविड-19 वैक्सीन के वितरण हेतु चुनावी मतपत्र सूचियों के उपयोग की तैयारी

 

प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य

1. ब्‍लैक फंगस

2. हिमगिरी

3. सक्षम

4. अमेरिका की ‘आतंकवाद प्रायोजक राष्ट्र’ सूची

 


सामान्य अध्ययन- I


 

विषय: महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या एवं संबद्ध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय।

यौन अपराधों के खिलाफ महाराष्ट्र के प्रस्तावित कानूनों की आलोचना


संदर्भ:

हाल ही, महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रस्तावित दो विधेयकों, महाराष्ट्र शक्ति विधेयक (Maharashtra Shakti Bill), 2020 और महाराष्ट्र शक्ति आपराधिक कानून के कार्यान्वयन हेतु विशेष अदालत एवं प्रशासन (Special Court and Machinery for Implementation of Maharashtra Shakti Criminal Law), 2020, की महिला अधिकारों का समर्थन करने वाले प्रमुख संगठनों द्वारा ‘क्रूर’ तथा ‘महिला विरोधी बताते हुए आलोचना की जा रही है।

सामजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि, आंध्र प्रदेश दिशा अधिनियम, 2019 (Andhra Pradesh Disha Act, 2019) की तर्ज पर बनाए गए दोनों कानूनों पर राज्य मंत्रिमंडल द्वारा पारित किए जाने से पहले महिला संबंधी मुद्दों पर कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों के साथ चर्चा की जानी चाहिए थी।

संबंधित चिंताएं:

  • एक ‘स्पष्टीकरण’ को जोड़ने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 375 (बलात्कार) में एक संशोधन प्रस्तावित किया गया है, जिसमें कहा गया है कि जिन मामलों में दोनों पक्षकार व्यस्क हैं और उनके आचार-व्यवहार से ‘सहमति या निहित सहमति’ का संकेत मिलता है, तो ऐसे मामलों में सहमति की परिकल्पना की जाएगी। कार्यकर्ताओं का कहना है, कि, यह प्रावधान ‘सहमति और महिलाओं के आचरण के संबंध में पितृसत्तात्मक नजरिए का समर्थन करता है।
  • महाराष्ट्र शक्ति आपराधिक कानून के कार्यान्वयन हेतु विशेष अदालत एवं प्रशासन, 2020 की धारा 12, के तहत झूठी शिकायतों के संदर्भ में सजा का प्रावधान किया गया है। कार्यकर्ताओं के अनुसार, यह प्रावधान, महिलाओं को शक की निगाह से देखने और विश्वास के लायक नहीं समझने की पितृसत्तात्मक धारणा को जारी रखता है, और यह, पीड़ितों को यौन अपराधों की रिपोर्ट करने से रोकेगा।
  • इसके अलावा, 15 दिनों की समय-सीमा सभी साक्ष्य जुटाने के लिए पर्याप्त नहीं होगी और पुलिस के लिए उचित जांच नहीं करने के लिए बहाना मिल जाएगा। जल्दबाजी में की गयी जाँच और सुनवाई से घोर अन्याय (miscarriage of justice) होने की संभावना है।
  • साथ ही, नए कानून में मृत्युदंड का प्रावधान, यौन अपराधों की रिपोर्ट करने और दोष-सिद्धि, दोनों की दर कम करेगा।

प्रीलिम्स लिंक और मेंस लिंक:

चूंकि ये राज्य-विशिष्ट क़ानून हैं, अतः इन विधेयकों से संबंधित प्रमुख प्रावधानों और चिंताओं का संक्षिप्त अवलोकन किया जाना पर्याप्त होगा।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

 

विषय: भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ, भौगोलिक विशेषताएँ और उनके स्थान।

जेमिनीड उल्का वृष्टि


(Geminids meteor shower)

संदर्भ:

इस वर्ष की सबसे प्रबल मानी जा रही ‘जेमिनीड उल्का वृष्टि’ (Geminids meteor shower) 4 दिसंबर से 20 दिसंबर तक जारी रहेगी, 13 और 14 दिसंबर की रात्रि में इस उल्का वृष्टि को सर्वाधिक स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

‘उल्का वृष्टि’ क्या होती है?

  • उल्काएं, सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षाओं में गति करने के दौरान धूमकेतु से बाहर निकले हुए चट्टान और वर्फ के टुकड़े होते हैं।
  • जब पृथ्वी, धूमकेतु या क्षुद्रग्रह द्वारा छोड़े गए मलबे से होकर गुज़रती है, तो ‘उल्का वृष्टि’ (Meteor showers) की घटनाएँ देखी जाती है।

जेमिनीड उल्कापात को वर्ष का सबसे बड़ा उल्कापात क्यों माना जा रहा है?

जेमिनीड्स उल्कापात (Geminids meteor showers) की उत्पत्ति किसी धूमकेतु से नहीं होती है, बल्कि इसका कारण किसी क्षुद्रग्रह अथवा किसी विलुप्त धूमकेतु को माना जाता है। इसलिए ये अद्वितीय होती है। जेमिनीड्स की उत्पत्ति 3200 ‘फीथोन’ (Phaethon) से होती है, जिसे उल्का वैज्ञानिकोण द्वारा एक क्षुद्रग्रह माना जाता है।

  • इस क्षुद्रग्रह का व्यास 5 किमी से अधिक है और इसका नाम ग्रीक मिथकों के अनुसार सूर्य देवता हेलिओस के पुत्र ‘फीथोन’ के नाम पर रखा गया था।
  • नासा के अनुसार, इस वर्ष जेमिनीड्स उल्कापात को सबसे सही तरह से देखा जा सकेगा क्योंकि सर्वोच्च उल्कापात का समय अमावस्या की रात्रि को होगा, अर्थात आसमान अँधेरा और स्वच्छ होगा और इससे सुदूर होने वाले उल्कापात को भी देखा जा सकेगा।

क्षुद्रग्रह, धूमकेतु, उल्का, उल्कापात तथा उल्कापिंड में अंतर

  1. क्षुद्रग्रह (Asteroid): यह एक अपेक्षाकृत छोटा, निष्क्रिय, चट्टानी पिंड होता है जो सूर्य की परिक्रमा करता है।
  2. धूमकेतु (Comet): धूमकेतु जमी हुई गैस, पत्थर और धूल से निर्मित, सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करने वाले खगोलीय पिंड होते हैं। सूर्य के नजदीक पहुचने पर इनकी सतह वाष्पित होकर गैस और धूल भरे परिमंडल का निर्माण करती है, जिसे कोमा (Coma) कहा जाता है, जो कभी-कभी पुच्छल (पूंछ) की आकृति में विस्तारित हो जाती है
  3. उल्का (Meteoroid): यह आकार में धूमकेतु अथवा क्षुद्रग्रह से पिंड होते हैं, जो सूर्य की परिक्रमा करते है।
  4. उल्कापात (Meteor): जब कोई उल्का पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते समय वाष्पित हो जाती है, उस समय होने वाली इस प्रकाशीय घटना को उल्कापात कहा जाता है, जिसे ‘टूटता तारा’ भी कहते है।
  5. उल्कापिंड (Meteorite): यह वह उल्का होती है, जो पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करते समय नष्ट होने से बच जाती है तथा पृथ्वी की सतह पर आकर टकराती है।

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प्रीलिम्स लिंक:

  1. क्षुद्रग्रह क्या होते है?
  2. धूमकेतु क्या होते है?
  3. कोमा क्या है?
  4. क्षुद्रग्रह, धूमकेतु, उल्का, उल्कापात और उल्कापिंड के बीच अंतर।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

 


सामान्य अध्ययन- II


 

विषय: जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ।

आदर्श आचार संहिता


(Model code of conduct)

संदर्भ:

राज्य चुनाव आयोग (State Election Commission SEC) ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से आदर्श आचार संहिता (Model code of conductMCC) का उल्लंघन करने संबंधी शिकायत पर स्पष्टीकरण मांगा है। मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में सभी के लिए कोविड-19 के मुफ्त टीकाकरण की घोषणा की गयी थी।

मुख्यमंत्री द्वारा स्पष्टीकरण दिए जाने के पश्चात इस मामले पर निर्णय लिया जाएगा।

आदर्श आचार संहिता (MCC)

MCC क्या होती है?

आदर्श आचार संहिता (MCC), भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए भाषण, मतदान दिवस, मतदान केंद्र, चुनाव घोषणापत्र, जुलूस और सामान्य आचरण के संबंध में जारी किए गए दिशा-निर्देश होते हैं।

  • आदर्श आचार संहिता, संविधान के अनुच्छेद 324 को ध्यान में रखते हुए जारी की जाती है।
  • अनुच्छेद 324 में निर्वाचन आयोग (EC) को संसद और राज्य विधानसभाओं के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की शक्ति प्रदान की गयी है।

उद्देश्य: स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना।

आदर्श आचार संहिता कब लागू की जाती है?

वर्तमान में, निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के तुरंत बाद आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है और यह चुनावी प्रक्रिया के अंत तक लागू रहती है।

आदर्श आचार संहिता का आधार:

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के हित में इस तरह की संहिता आवश्यक होती है। हालाँकि, आदर्श आचार संहिता का कोई विशिष्ट वैधानिक आधार नहीं है। यह प्रभाव में मात्र प्रत्ययकारी (Persuasive) होती है। इसमें ‘चुनावी नैतिकता के नियम’ समाहित होते हैं। हालांकि, वैधानिक आधार न होने पर भी निर्वाचन आयोग द्वारा इसे लागू किया जाता है।

‘आदर्श आचार संहिता’ का विकास

‘आदर्श आचार संहिता’ पहली बार निर्वाचन आयोग द्वारा वर्ष 1971 (5वें आम चुनाव) में जारी की गयी थी और इसके पश्चात समय-समय पर इसमें संशोधन किए जाते रहे हैं। चुनावी मानदंडों का यह समुच्चय राजनीतिक दलों की सर्वसम्मति के साथ विकसित किया गया है। राजनीतिक दलों के द्वारा संहिता में सन्निहित सिद्धांतों का पालन करने की सहमति दी गयी है और यह सहमति, संहिता को को संपूर्ण रूप से पालन करने को बाध्य भी करती है।

संहिता में प्रावधान

आदर्श आचार संहिता में राजनीतिक दलों, चुनाव में उम्मीदवार और सत्ताधारी दलों के लिए चुनाव प्रक्रिया के दौरान आचरण के संबंध में दिशा-निर्देशों का विवरण होता है, अर्थात सभाओं और जुलूसों को आयोजित करने, मतदान के दिन की गतिविधियों और सत्ताधारी दलों की कार्यप्रणाली के संबंध में दिशा-निर्देश होते है।

आचार संहिता का प्रवर्तन:

निर्वाचन आयोग द्वारा संहिता के उल्लंघन पर ध्यान देने हेतु कई तंत्र तैयार किए गए हैं, जिसमें प्रवर्तन एजेंसियां और फ्लाइंग स्क्वॉड के संयुक्त कार्य बल शामिल हैं। हाल ही में, ‘cVIGIL’ नामक मोबाइल ऐप की शुरूआत की गयी है, जिसके माध्यम से चुनावों के दौरान होने वाली किसी भी गड़बड़ी ऑडियो-विजुअल साक्ष्यों को रिपोर्ट किया जा सकता है।

प्रीलिम्स लिंक:

  1. MCC क्या है?
  2. MCC का वैधानिक आधार
  3. ‘आदर्श आचार संहिता’ कौन जारी करता है?
  4. ‘आदर्श आचार संहिता’ का उल्लंघन होने पर प्रक्रिया
  5. ‘आदर्श आचार संहिता’ का विकास

मेंस लिंक:

‘आदर्श आचार संहिता’ की आवश्यकता और महत्व पर चर्चा कीजिए।

स्रोत: द हिंदू

 

विषय: संसद और राज्य विधायिका- संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियाँ एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय।

‘संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना’ (MPLADS)


(MP Local Area Development Scheme)

संदर्भ:

सभी राजनीतिक दलों के संसद सदस्यों द्वारा एकमत होकर सरकार से वर्ष 2018 और 2019 में स्वीकृत परियोजनाओं के लिए धन जारी करने की मांग की है। इस स्वीकृत की जा चुकी राशि को कोविड-19 महामारी के कारण निलंबित कर दिया गया था।

अपने अभ्यावेदन में सांसदों ने कहा है, कि महामारी के दौरान यह राशि अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गयी है।

पृष्ठभूमि:

केंद्र सरकार द्वारा इस साल अप्रैल में संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MP Local Area Development SchemeMPLADS) को आपदा प्रबंधन अधिनियम का प्रयोग करते हुए निलंबित कर दिया था।

संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना’ (MPLADS) के बारे में:

  • इस योजना की शुरुआत दिसंबर, 1993 में की गयी थी।
  • इसका उद्देश्य संसद सदस्यों के लिए, स्थानीय जरूरतों के आधार पर सामुदायिक अवसंरचनाओं सहित मूलभूत सुविधाओं और स्थाई सामुदायिक परिसंपत्तियों का विनिर्माण करने के लिए विकासात्मक प्रकृति के कार्यों की सिफारिश करने हेतु एक तंत्र प्रदान करना था।
  • MPLAD योजना, पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित योजना है।
  • इसके तहत प्रत्येक संसदीय क्षेत्र को वार्षिक रूप से 5 करोड़ रुपए की MPLADS निधि प्रदान की जाती है।

विशेष बिंदु:

  • सांसदों के लिए, वार्षिक रूप से दी जाने वाली MPLADS निधि का न्यूनतम 15 प्रतिशत अनुसूचित जाति की आबादी वाले क्षेत्रों में, तथा 5 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति की आबादी वाले क्षेत्रों में कराए जाने वाले कार्यों पर व्यय करना अनिवार्य है।
  • आदिवासी लोगों की भलाई के लिए कार्यरत, ट्रस्टों और सोसाइटीज को प्रोत्साहित करने हेतु, योजना दिशानिर्देशों में निर्धारित शर्तों के अधीन इनके द्वारा परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए 75 लाख रुपये की अधिकतम सीमा निर्धारित की गयी है।

निधि का वितरण

  • इस योजना के तहत, सांसद निधि, सीधे जिला अधिकारियों को सहायता अनुदान (Grants- in-Aid) के रूप में जारी की जाती है।
  • योजना के तहत जारी की गयी निधि गैर-व्यपगत (Non-Lapsable) होती है।
  • यदि किसी विशेष वर्ष में निधि जारी नहीं जाती है तो इसे पात्रता के अनुसार, अगले वर्षो में कराए जाने वालों कार्यों में जोड़ दिया जाएगा। इस योजना के तहत सांसदों की भूमिका अनुसंशा करने की होती है
  • जिला प्राधिकरण के लिए, कार्यों संबंधी पात्रता की जांच करने, निधि स्वीकृत करने और कार्यान्वयन हेतु एजेंसियों का चयन करने, कार्यों को प्राथमिकता देने, समग्र निष्पादन का निरीक्षण करने और योजना की जमीनी स्तर पर निगरानी करने का अधिकार होता है
  • जिला प्राधिकरण द्वारा, सम्बंधित जिले में कार्यान्वयित की जा रही कम से कम 10% परियोजनाओं का प्रति वर्ष निरीक्षण किया जाएगा।

कार्यों के लिए अनुसंशा:

  1. लोकसभा सदस्य अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में कराए जाने वाले कार्यों की सिफारिश कर सकते हैं।
  2. राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य, संबंधित राज्य में कहीं भी कराए जाने वाले कार्यों की सिफारिश कर सकते हैं।
  3. लोकसभा और राज्यसभा के नामित सदस्य, देश में कहीं भी कराए जाने वाले कार्यों का चयन व सिफारिश कर सकते हैं।

प्रीलिम्स लिंक:

  1. MPLADS संसद आदर्श ग्राम योजना से किस प्रकार सम्बद्ध है?
  2. नामित सांसद अपने कार्यों की सिफारिश किन क्षेत्रों में कर सकते हैं?
  3. क्या एससी और एसटी कल्याण पर कोई विशेष ध्यान केंद्रित है?
  4. अनुदान और ऋण के बीच अंतर?
  5. कार्यान्वयन करने वाली एजेंसीज

मेंस लिंक:

क्या MPLADS द्वारा सार्वजनिक सेवाओं को प्रदान किए जाने वाले प्रावधानों में मौजूदा अंतराल को पाटने में सहायता की गयी है? आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।

स्रोत: द हिंदू

 

विषय: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY)


संदर्भ:

हाल ही में, राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी (National Health Agency NHA) द्वारा ‘निजी अस्पतालों की भूमिका’ पर अपना डेटा जारी किया गया है।

प्रमुख निष्कर्ष:

  • निजी अस्पतालों में ईलाज कराने हेतु भर्ती होने वाले मरीजों में अधिक उम्र के लोगों का अनुपात अधिक था और निजी अस्पतालों में ईलाज करने वालों में पुरुषों का अनुपात सार्वजनिक अस्पतालों की अपेक्षा अधिक था।
  • सूचीबद्ध अस्पतालों के तहत आने वाले आधे से अधिक निजी अस्पतालों में चिकित्सा व्यय संबंधी लगभग दो-तिहाई दावे और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के तहत तीन चौथाई दावे किये जाते हैं।
  • निजी अस्पतालों द्वारा PM-JAY पैकेज के तहत महंगे इलाजों में घुटना-प्रतिस्थापन, मोतियाबिंद, हेमोडायलिसिस (Haemodialysis), ह्रदवाहिनी (cardiovascular) सर्जरी आदि का सर्वाधिक संख्या में ईलाज किया जाता है।
  • मात्र सात राज्यों, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब और कर्नाटक, में 72 प्रतिशत से अधिक सूचीबद्ध निजी अस्पताल स्थित हैं।

चुनौतियाँ और चिंताएँ:

  1. मेडिकल ऑडिट में यह भी पता चला है कि निजी अस्पतालों में सार्वजनिक अस्पतालों की तुलना में धोखाधड़ी और मरीजों से अधिक दुर्व्यवहार होता है। अधिकतर निजी अस्पतालों में, व्यय में कटौती करने के लिए सर्जरी के बाद रोगियों को जल्दी छुट्टी दे दी जाती है।
  2. कुशल और उच्च-गुणवत्ता की देखभाल प्रदान करने हेतु निजी अस्पतालों की जवाबदेही सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के कार्यान्वयन में एक बड़ी चुनौती है।
  3. विभिन्न राज्यों में सूचीबद्ध निजी अस्पतालों की संख्या में काफी भिन्नता है। अधिकांश उत्तरपूर्वी और पहाड़ी राज्यों में सूचीबद्ध निजी अस्पतालों की संख्या 25% से कम है, जबकि महाराष्ट्र में इनकी संख्या लगभग 80% है।
  4. निजी अस्पतालों में सार्वजनिक अस्पतालों की तुलना में विस्तरों की संख्या कम होती है किंतु सर्जिकल पैकेज और सुपर-स्पेशिएलिटी के लिए सूचीबद्ध होने की संभावना अधिक होती है।

आवश्यकता:

उच्च प्रदर्शन करने वाले सरकारी अस्पतालों के रूप में एक मजबूत सार्वजनिक क्षेत्र के विकल्प को पेशकश करना, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के उद्देश्यों की सफलता हेतु प्रमुख तत्व हो सकता है।

PM-JAY की प्रमुख विशेषताएं:

  1. आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY), सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्तपोषित विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा / आश्वासन योजना है।
  2. यह योजना भारत में सार्वजनिक व निजी सूचीबद्ध अस्पतालों में माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य उपचार के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक की धन राशि लाभार्थियों को मुहया कराती है।
  3. कवरेज:74 करोड़ से भी अधिक गरीब व वंचित परिवार (या लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) इस योजना के तहत लाभ प्राप्त कर सकतें हैं।
  4. इस योजना में सेवा-स्थल पर लाभार्थी के लिए कैशलेस स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को उपलब्ध कराया जाता है।

पात्रता:

  • इस योजना के तहत परिवार के आकार, आयु या लिंग पर कोई सीमा नहीं है।
  • इस योजना के तहत पहले से मौजूद विभिन्न चिकित्सीय परिस्थितियों और गम्भीर बीमारियों को पहले दिन से ही शामिल किया जाता है।
  • इस योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने से 3 दिन पहले और 15 दिन बाद तक का नैदानिक उपचार, स्वास्थ्य इलाज व दवाइयाँ मुफ्त उपलब्ध होतीं हैं।
  • यह एक पोर्टेबल योजना हैं यानी की लाभार्थी इसका लाभ पूरे देश में किसी भी सार्वजनिक या निजी सूचीबद्ध अस्पताल में उठा सकतें हैं।
  • इस योजना में लगभग 1,393 प्रक्रियाएं और पैकिज शामिल हैं जैसे की दवाइयाँ, आपूर्ति, नैदानिक सेवाएँ, चिकित्सकों की फीस, कमरे का शुल्क, ओ-टी और आई-सी-यू शुल्क इत्यादि जो मुफ़्त उपलब्ध हैं।
  • स्वास्थ्य सेवाओं के लिए निजी अस्पतालों की प्रतिपूर्ति सार्वजनिक अस्पतालों के बराबर की जाती है।

प्रीलिम्स लिंक:

  1. आयुष्मान भारत के घटक
  2. PMJAY- मुख्य विशेषताएं
  3. पात्रता
  4. राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी के बारे में

मेंस लिंक:

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के महत्व और संभावानाओं पर चर्चा कीजिए।

स्रोत: द हिंदू

 

विषय: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।

विजन 2035: भारत में जन स्‍वास्‍थ्‍य निगरानी’


(Vision 2035: Public Health Surveillance in India)

संदर्भ:

हाल ही में, नीति आयोग द्वारा ‘विजन 2035 : भारत में जन स्‍वास्‍थ्‍य निगरानी ’(Vision 2035: Public Health Surveillance in India) नाम से एक श्‍वेत पत्र जारी किया गया है। इसका लक्ष्‍य है-

  1. भारत में जन स्‍वास्‍थ्‍य निगरानी प्रणाली को अधिक प्रतिक्रियाशील और भविष्‍योन्‍मुखी बनाकर हर स्‍तर पर कार्रवाई की तैयारी को बढ़ाना।
  2. नागरिकों के अनुकूल जन स्‍वास्‍थ्‍य निगरानी प्रणाली ग्राहक फीडबैक तंत्र का निर्माण कर व्‍यक्ति की निजता और गोपनीयता को सुनिश्चित करना।
  3. बीमारी की पहचान, बचाव और नियंत्रण को बेहतर बनाने के लिए केन्‍द्र और राज्‍यों के मध्य एक संशोधित आंकड़ा भागीदारी तंत्र का निर्माण।
  4. अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर चिंता उत्पन्न करने वाली जन स्‍वास्‍थ्‍य आपदा के प्रबंधन के लिए भारत क्षेत्रीय और वैश्विक नेतृत्‍व प्रदान करने का लक्ष्‍य।

श्‍वेत पत्र का उद्देश्‍य एवं महत्व:

  • इसमें व्यक्तिगत इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड को निगरानी का आधार बनाकर निगरानी किए जाने का सुझाव दिया गया है।
  • प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तर पर देखभाल मुहैया कराने हेतु जन स्वास्थ्य निगरानी एक महत्वपूर्ण कार्य है। इस प्रकार की निगरानी ‘कार्रवाई के लिए सूचना’ प्रदान करती है।
  • इसमें, नागरिकों के अनुकूल जन स्वास्थ्य व्‍यवस्‍था की परिकल्‍पना की गयी है, जिसमें सभी स्तरों पर व्‍यक्ति की निजता और गोपनीयता को सुरक्षित रखते हुए सभी हितधारकों- व्यक्ति, समुदाय, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं या प्रयोगशालाएं- को शामिल किया गया है।
  • यह श्वेत पत्र त्रिस्‍तरीय जन स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था को आयुष्‍मान भारत की परिकल्‍पना में शामिल करते हुए जन स्‍वास्‍थ्‍य निगरानी के लिए भारत के विजन 2035 को पेश करता है।
  • इसमें एक विस्तारित रेफरल नेटवर्क और प्रयोगशालाओं की क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता के बारे में भी बताया गया है।

विजन 2035 का मुख्य अंग:

इस परिकल्‍पना का मुख्‍य अंग केंद्र और राज्यों के बीच प्रशासन की परस्‍पर निर्भर संघीय व्‍यवस्‍था है। जिसके तहत नए विश्‍लेषण, स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी जानकारी और आंकड़ा विज्ञान का इस्‍तेमाल करके नया आंकड़ा भागीदारी तंत्र का निर्माण करना और कार्रवाई के लिए ‘सूचना का प्रसार करने के नये तरीके’ शामिल किये गए हैं।

प्रीलिम्स लिंक और मेंस लिंक:

श्वेत पात्र के घटक और मुख्य विशेषताएं।

स्रोत: पीआईबी

 


सामान्य अध्ययन- III


 

विषय: मुख्य फसलें- देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न- सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली- कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएँ; किसानों की सहायता के लिये ई-प्रौद्योगिकी।

चीन द्वारा कृषि में सुधार और निर्धनता में कमी किस प्रकार की गयी?


संदर्भ:

चीन द्वारा किये गए कृषि सुधारों का अवलोकन।

भारत और चीन के बीच दृष्टिकोण में अंतर:

विकास दर में समान रुझान के बावजूद, भारत और चीन, दोनों देशों द्वारा सुधार हेतु भिन्न मार्ग अपनाए गए हैं;

  1. चीन द्वारा विकास दर में कृषि क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों में सुधारों के साथ शुरुआत की गयी, जबकि भारत ने विनिर्माण क्षेत्र के उदारीकरण और सुधारों के साथ शुरुआत की।
  2. इन आरंभिक भिन्नताओं से असमान विकास दर को जन्म दिया है और साथ ही निर्धनता-उन्मूलन की दर में भी अंतर आया है।

चीन द्वारा किये गए सुधार:

  1. चीन के द्वारा कृषि को बाजार-उन्मुख सुधारों का प्रारंभिक बिंदु बनाया गया। अधिकांश लोगों को आजीविका देने वाले कृषि क्षेत्र में सुधार करके ‘लाभ’ का व्यापक वितरण सुनिश्चित किया गया, जिससे चीन में सुधारों को जारी रखने के लिए आम सहमति और राजनीतिक समर्थन का निर्माण किया गया।
  2. प्रोत्साहन’ में किये गए सुधारों के परिणामस्वरूप किसानों को अधिक लाभ मिला और अधिक कुशल तरीके से संसाधनों का आवंटन किया गया। इससे घरेलू उत्पादन आधार मजबूत और अधिक प्रतिस्पर्धी बना।
  3. इसके अलावा, कृषि में समृद्धि से एक गतिशील ग्रामीण गैर-कृषि (rural non-farm RNF) क्षेत्र के विकास में सहायता मिली, जिसे चीन में तेजी से निर्धनता-उन्मूलन के मुख्य कारणों में से एक माना जाता है। ग्रामीण गैर-कृषि क्षेत्र द्वारा कृषि के अलावा आय के अतिरिक्त स्रोत प्रदान किए गए।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

 


सामान्य अध्ययन- IV


 

कोविड-19 वैक्सीन के वितरण हेतु चुनावी मतपत्र सूचियों के उपयोग की तैयारी


हाल ही में, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा COVID टीके के वितरण हेतु प्रक्रियात्मक दिशा-निर्देश जारी किए गए।

तदनुसार:

  1. सूचीबद्ध लाभार्थियों और कोविड-19 टीकों को ट्रैक करने हेतु एक डिजिटल प्लेटफॉर्म, कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (Co-WIN) प्रणाली का उपयोग किया जाएगा।
  2. प्राथमिकता प्राप्त 50 वर्ष से अधिक आयु वाली आबादी को चिह्नित करने के लिए लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए नवीनतम मतदाता सूची का उपयोग किया जाएगा।
  3. टीकाकरण स्थल पर, केवल पूर्व-पंजीकृत लाभार्थियों को प्राथमिकता के अनुसार टीका लगाया जाएगा, और ऑन-द-स्पॉट पंजीकरण के लिए कोई प्रावधान नहीं होगा।
  4. सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम मोर्चे के कर्मियों और 50 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। इसके पश्चात गंभीर रोग से ग्रस्त 50 साल से कम उम्र के लोगों का टीकाकरण किया जाएगा, और अंत में महामारी की स्थिति और टीके की उपलब्धता के आधार बाकी आबादी का टीकाकरण हो सकेगा।
  5. महामारी की स्थिति और टीके की उपलब्धता के आधार पर 50 साल से अधिक उम्र वाली आबादी को बांटा जा सकता है। इसके तहत, चरणबद्ध टीकाकरण के लिए प्राथमिकता वाले समूह को 60 साल की आयु से अधिक और 50 से 60 साल के आयु समूह में विभाजन किया किया जा सकता है।

स्रोत: द हिंदू

 


प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य


ब्‍लैक फंगस

(Black Fungus)

  • इसे म्युकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) अथवा ज्यगोमाइकोसिस (zygomycosis) भी कहा जाता है।
  • यह एक गंभीर लेकिन दुर्लभ कवक संक्रमण है।
  • यह, वातावरण में मौजूद म्युकोरमाइकेट्स (mucormycetes) नामक मोल्‍ड्स की वजह से होने वाले इन्‍फेक्‍शन से होता है।
  • म्युकोरमाइकोसिस, मुख्यतः उन लोगों को प्रभावित करता है जिन्‍हें स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी परेशानियां होती हैं या जो ऐसी दवाएं लेते हैं जिनसे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता कम होती है।
  • म्युकोरमाइकोसिस से पीड़ित होने पर चेहरा सुन्‍न हो जाता है। एक तरफ नाक बंद हो सकती है या आंखों में सूजन हो सकती है, दर्द भी होता है।

चर्चा का कारण

कोविड महामारी के कारण म्युकोरमाइकोसिस से पीड़ित होने वाले रोगियों की संख्या और मृत्यु दर में वृद्धि हुई है।

हिमगिरी

  • हिमगिरी (Himgiri), नौसेना के लिए प्रोजेक्ट 17 के तहत गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता द्वारा बनाए जा रहे तीन स्टील्थ फ्रिगेट्स में से पहला है।
  • प्रोजेक्ट 17 ए के अंतर्गत सात जहाज निर्मित किए जा रहे हैं। चार जहाज मजगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) तथा तीन जहाज जीआरएसई में बनाए जा रहे हैं। इन जहाजों में रडार से बच निकलने की तरकीब, अग्रणी स्वदेशी हथियार और अन्य सुधारों के साथ-साथ सेंसर फिट किया गया है।

सक्षम

(Saksham)

  • हाल ही में, ‘सक्षम’ (Saksham), नामक अपतटीय गश्ती पोत को लांच किया गया है।
  • यह भारतीय तटरक्षक बल के लिए गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) द्वारा डिजाइन और निर्मित 5 वां और अंतिम अपतटीय गश्ती पोत (Offshore Patrol Vessel) है।
  • ये अपतटीय गश्ती पोत तटरक्षक बेड़े का एक दुर्जेय हिस्सा बनेगा और इसका उपयोग राष्ट्र के क्षेत्रीय जल के अनन्य आर्थिक क्षेत्र के संरक्षण के लिए किया जाएगा।

अमेरिका की ‘आतंकवाद प्रायोजक राष्ट्र’ सूची

अमेरिकी विदेश मंत्री के लिए, ‘अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी कृत्यों को अक्सर समर्थन प्रदान करने वाले देशों’ को आतंकवाद प्रायोजक राष्ट्र’ (State Sponsors of Terrorism) घोषित करने की शक्ति प्रदान की गयी है।

‘आतंकवाद प्रायोजक राष्ट्र’ सूची में शामिल देशों पर अमेरिका चार श्रेणियों में प्रतिबंध लगा सकता है:

  1. अमेरिकी विदेशी सहायता पर प्रतिबंध
  2. रक्षा निर्यात और बिक्री पर प्रतिबंध
  3. दोहरे उपयोग की वस्तुओं के निर्यात पर नियंत्रण
  4. विविध वित्तीय और अन्य प्रतिबंध

चर्चा का कारण:

हाल ही में, अमेरिका ने सूडान को अपनी ‘आतंकवाद प्रायोजक राष्ट्र’ सूची (State Sponsor of Terrorism list) से हटा दिया है।

सूडान को हटाये जाने के पश्चात, ‘आतंकवाद प्रायोजक राष्ट्र’ सूची में तीन देश बने हुए हैं: सीरिया (1979 में सूचीबद्ध), ईरान (1984) और उत्तर कोरिया (2017)


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