HINDI INSIGHTS STATIC QUIZ 2020-2021
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- Question 1 of 5
1. Question
हड़प्पा सभ्यता की धार्मिक प्रथाओं के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- हड़प्पा सभ्यता के दौरान लिंग पूजा प्रचलित थी।
- धर्म की प्रकृति पुरुष प्रधान और पितृसत्तात्मक था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correctउत्तर: a)
मुख्य पुरुष देवता पासुपति (proto-Siva) थे, जिसे सील पर त्रिमुख और दो सींगों के साथ योग मुद्रा में बैठे हुए दर्शाया गया था। बाद के समय में, लिंग पूजा भी प्रचलित हुई थी।
मुख्य रूप से देवी की पूजा की जाती थी, जो यह दर्शाता हैं कि धर्म की प्रकृति पुरुष प्रधान नहीं थी। टेराकोटा की मूर्तियों में इसका चित्रण किया गया था।
Incorrectउत्तर: a)
मुख्य पुरुष देवता पासुपति (proto-Siva) थे, जिसे सील पर त्रिमुख और दो सींगों के साथ योग मुद्रा में बैठे हुए दर्शाया गया था। बाद के समय में, लिंग पूजा भी प्रचलित हुई थी।
मुख्य रूप से देवी की पूजा की जाती थी, जो यह दर्शाता हैं कि धर्म की प्रकृति पुरुष प्रधान नहीं थी। टेराकोटा की मूर्तियों में इसका चित्रण किया गया था।
- Question 2 of 5
2. Question
बौद्ध इतिहास के संदर्भ में, महाजापपति गोतमी था
Correctउत्तर: d)
महाजापपति गोतमी बुद्ध की सौतेली माँ और मौसी (माँ की बहन) थीं। बौद्ध परंपरा में, वह दीक्षा प्राप्त करने वाली पहली महिला थीं, जो उसने सीधे गौतम बुद्ध से प्राप्त की थी, और वह पहली भिक्षुणी (बौद्ध नन) बन गईं।
Incorrectउत्तर: d)
महाजापपति गोतमी बुद्ध की सौतेली माँ और मौसी (माँ की बहन) थीं। बौद्ध परंपरा में, वह दीक्षा प्राप्त करने वाली पहली महिला थीं, जो उसने सीधे गौतम बुद्ध से प्राप्त की थी, और वह पहली भिक्षुणी (बौद्ध नन) बन गईं।
- Question 3 of 5
3. Question
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इंडो-ग्रीक ने शासकों के नाम और चित्र को दर्शाने वाले पहले सिक्के जारी किए गए थे।
- कुषाण और गुप्त दोनों ने सोने के सिक्के जारी किए।
- पंजाब और हरियाणा के आदिवासी गणराज्यों द्वारा भी सिक्के जारी किए गए थे।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correctउत्तर: b)
इंडो-ग्रीक ने शासकों के नाम और चित्र को दर्शाने वाले पहले सिक्के जारी किए गए थे।, जिन्होंने उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग पर नियंत्रण स्थापित किया था।
कुषाण और गुप्त दोनों ने सोने के सिक्के जारी किए।
आदिवासी गणराज्यों द्वारा भी सिक्के जारी किए गए थे जैसे कि पंजाब और हरियाणा के यौधेय (पहली शताब्दी ई.पू.)। पुरातत्वविदों ने यौधेय द्वारा जारी किए गए कई हजार तांबे के सिक्कों का पता लगाया है।
Incorrectउत्तर: b)
इंडो-ग्रीक ने शासकों के नाम और चित्र को दर्शाने वाले पहले सिक्के जारी किए गए थे।, जिन्होंने उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग पर नियंत्रण स्थापित किया था।
कुषाण और गुप्त दोनों ने सोने के सिक्के जारी किए।
आदिवासी गणराज्यों द्वारा भी सिक्के जारी किए गए थे जैसे कि पंजाब और हरियाणा के यौधेय (पहली शताब्दी ई.पू.)। पुरातत्वविदों ने यौधेय द्वारा जारी किए गए कई हजार तांबे के सिक्कों का पता लगाया है।
- Question 4 of 5
4. Question
1857 के विद्रोह और नेताओं के निम्नलिखित केंद्रों पर विचार कीजिए
केंद्र नेता
- दिल्ली नाना साहेब
- लखनऊ बेगम हजरत महल
- बिहार खान बहादुर
- फैजाबाद मौलवी अहमदुल्लाह
उपर्युक्त में से कौनसे युग्म सही सुम्मेलित हैं?
Correctउत्तर: c)
दिल्ली – जनरल बख्त खान
बिहार – कुंवर सिंह
Incorrectउत्तर: c)
दिल्ली – जनरल बख्त खान
बिहार – कुंवर सिंह
- Question 5 of 5
5. Question
स्वदेशी आंदोलन की विशेषताएँ निम्नलिखित में से कौन-सी हैं/हैं?
- आत्मनिर्भरता पर बल
- किसानों की व्यापक भागीदारी
- सांस्कृतिक पुनरुत्थानवाद
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correctउत्तर: c)
स्वदेशी आंदोलन की विशेषताएँ –
विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार: विदेशी कपड़ों का बहिष्कार और सार्वजनिक रूप से जलाना, विदेशी निर्मित नमक या चीनी का बहिष्कार, धोबी द्वारा विदेशी कपड़ों को धोने से मना करना।
सार्वजनिक बैठकें और जुलूस: ये जनसमूह के प्रमुख तरीकों और साथ ही लोकप्रिय अभिव्यक्ति के रूप में उभरे।
स्वयंसेवकों का समूह या समिति: अश्विनी कुमार दत्ता की स्वदेश बंधब समिति जैसी समितियां, जनसमूह की एक बहुत ही लोकप्रिय और शक्तिशाली पद्धति बनकर उभरी।
पारंपरिक लोकप्रिय त्योहारों और मेलों का उपयोग: इस तरह के अवसरों का उपयोग जनता तक पहुंचने और राजनीतिक संदेशों को फैलाने के साधन के रूप में किया गया। उदाहरण के लिए, तिलक के गणपति और शिवाजी त्यौहार न केवल पश्चिमी भारत में, बल्कि बंगाल में भी स्वदेशी प्रचार का माध्यम बन गए। बंगाल में, पारंपरिक लोक रंगमंच रूपों का उपयोग इस उद्देश्य के लिए किया गया था।
आत्म-निर्भरता या आत्म-शक्ति पर बल: यह राष्ट्रीय गरिमा, सम्मान और आत्मविश्वास और गांवों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान का संकेत देता है।
इसमें किसान की सीमित भागीदारी थी।
Incorrectउत्तर: c)
स्वदेशी आंदोलन की विशेषताएँ –
विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार: विदेशी कपड़ों का बहिष्कार और सार्वजनिक रूप से जलाना, विदेशी निर्मित नमक या चीनी का बहिष्कार, धोबी द्वारा विदेशी कपड़ों को धोने से मना करना।
सार्वजनिक बैठकें और जुलूस: ये जनसमूह के प्रमुख तरीकों और साथ ही लोकप्रिय अभिव्यक्ति के रूप में उभरे।
स्वयंसेवकों का समूह या समिति: अश्विनी कुमार दत्ता की स्वदेश बंधब समिति जैसी समितियां, जनसमूह की एक बहुत ही लोकप्रिय और शक्तिशाली पद्धति बनकर उभरी।
पारंपरिक लोकप्रिय त्योहारों और मेलों का उपयोग: इस तरह के अवसरों का उपयोग जनता तक पहुंचने और राजनीतिक संदेशों को फैलाने के साधन के रूप में किया गया। उदाहरण के लिए, तिलक के गणपति और शिवाजी त्यौहार न केवल पश्चिमी भारत में, बल्कि बंगाल में भी स्वदेशी प्रचार का माध्यम बन गए। बंगाल में, पारंपरिक लोक रंगमंच रूपों का उपयोग इस उद्देश्य के लिए किया गया था।
आत्म-निर्भरता या आत्म-शक्ति पर बल: यह राष्ट्रीय गरिमा, सम्मान और आत्मविश्वास और गांवों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान का संकेत देता है।
इसमें किसान की सीमित भागीदारी थी।