HINDI INSIGHTS STATIC QUIZ 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- पृथ्वी की क्रस्ट पृथ्वी की सभी प्रमुख परतों में से सबसे पतली है।
- महासागरीय क्रस्ट की तुलना में महाद्वीपीय क्रस्ट मोटी होता है।
- महासागरीय क्रस्ट में मुख्य रूप से मैंगनीज और लोहा पाया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correct
उत्तर: a)
पृथ्वी की सतह की ऊपरी परत को क्रस्ट कहा जाता है। यह सभी परतों में सबसे पतली होती है। इसकी मोटाई महाद्वीपों पर लगभग 35 कि.मी. और महासागरों पर केवल 5 किमी है।
महाद्वीपीय क्रस्ट के मुख्य खनिज सिलिका और एलुमिना हैं। इस प्रकार इसे सियाल (सी-सिलिका और अल-एल्यूमिना) कहा जाता है। महासागरीय क्रस्ट में मुख्य रूप से सिलिका और मैग्नीशियम पाया जाता हैं; इसलिए इसे सीमा (सी-सिलिका और मा-मैग्नीशियम) कहा जाता है।
Incorrect
उत्तर: a)
पृथ्वी की सतह की ऊपरी परत को क्रस्ट कहा जाता है। यह सभी परतों में सबसे पतली होती है। इसकी मोटाई महाद्वीपों पर लगभग 35 कि.मी. और महासागरों पर केवल 5 किमी है।
महाद्वीपीय क्रस्ट के मुख्य खनिज सिलिका और एलुमिना हैं। इस प्रकार इसे सियाल (सी-सिलिका और अल-एल्यूमिना) कहा जाता है। महासागरीय क्रस्ट में मुख्य रूप से सिलिका और मैग्नीशियम पाया जाता हैं; इसलिए इसे सीमा (सी-सिलिका और मा-मैग्नीशियम) कहा जाता है।
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Question 2 of 5
2. Question
पृथ्वी के भीतर हॉट स्पॉट भूतापीय ऊर्जा का उत्पादन करने में मदद करते हैं। ये ‘हॉट स्पॉट’ क्या हैं?
Correct
उत्तर: b)
भूगर्भीय परिवर्तनों के कारण, पृथ्वी की क्रस्ट की गहराई से पिघली हुई चट्टानें ऊपर की ओर धकेल दी जाती हैं और कुछ क्षेत्रों में फंस जाती हैं जिन्हें ‘हॉट स्पॉट’ कहा जाता है।
जब भूमिगत जल गर्म स्थान के संपर्क में आता है, तो भाप उत्पन्न होती है। कभी-कभी उस क्षेत्र का गर्म जल सतह पर निकलने लगता है। इसे हॉट स्प्रिंग्स के रूप में जाना जाता है।
Incorrect
उत्तर: b)
भूगर्भीय परिवर्तनों के कारण, पृथ्वी की क्रस्ट की गहराई से पिघली हुई चट्टानें ऊपर की ओर धकेल दी जाती हैं और कुछ क्षेत्रों में फंस जाती हैं जिन्हें ‘हॉट स्पॉट’ कहा जाता है।
जब भूमिगत जल गर्म स्थान के संपर्क में आता है, तो भाप उत्पन्न होती है। कभी-कभी उस क्षेत्र का गर्म जल सतह पर निकलने लगता है। इसे हॉट स्प्रिंग्स के रूप में जाना जाता है।
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Question 3 of 5
3. Question
मानसूनी वर्षा के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- भारत की आधी वर्षा उत्तर-पूर्वी मानसून से प्राप्त होती है।
- भारत में उत्तर-पूर्वी मानसून दक्षिणी प्रायद्वीप तक ही सीमित है।
- मालदीव, श्रीलंका और म्यांमार भी उत्तर-पूर्वी मानसून के दौरान वर्षा प्राप्त करते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: c)
भारत में दो मौसमों के दौरान वर्षा होती है। देश की वार्षिक वर्षा का लगभग 75 प्रतिशत दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून और सितंबर के बीच) से प्राप्त होता है। दूसरी ओर, उत्तर-पूर्वी मानसून अक्टूबर से दिसंबर के दौरान सक्रीय होता है, और तुलनात्मक रूप से छोटे पैमाने का मानसून होता है, जो दक्षिणी प्रायद्वीप तक ही सीमित रहता है।
इसे शीतकालीन मानसून भी कहा जाता है, उत्तर-पूर्वी मानसून से संबंधित वर्षा तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, यनम, तटीय आंध्र प्रदेश, केरल, उत्तर कर्नाटक के आंतरिक भाग, माहे और लक्षद्वीप के लिए महत्वपूर्ण है।
कुछ दक्षिण एशियाई देश जैसे मालदीव, श्रीलंका और म्यांमार भी अक्टूबर से दिसंबर के दौरान प्राप्त वर्षा करते हैं।
तमिलनाडु इन महीनों के दौरान अपनी वार्षिक वर्षा (943.7 मिमी) का लगभग 48 प्रतिशत (447.4 मिमी) प्राप्त करता है, जो राज्य में कृषि गतिविधियों और जलाशय प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण कारक है।
Incorrect
उत्तर: c)
भारत में दो मौसमों के दौरान वर्षा होती है। देश की वार्षिक वर्षा का लगभग 75 प्रतिशत दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून और सितंबर के बीच) से प्राप्त होता है। दूसरी ओर, उत्तर-पूर्वी मानसून अक्टूबर से दिसंबर के दौरान सक्रीय होता है, और तुलनात्मक रूप से छोटे पैमाने का मानसून होता है, जो दक्षिणी प्रायद्वीप तक ही सीमित रहता है।
इसे शीतकालीन मानसून भी कहा जाता है, उत्तर-पूर्वी मानसून से संबंधित वर्षा तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, यनम, तटीय आंध्र प्रदेश, केरल, उत्तर कर्नाटक के आंतरिक भाग, माहे और लक्षद्वीप के लिए महत्वपूर्ण है।
कुछ दक्षिण एशियाई देश जैसे मालदीव, श्रीलंका और म्यांमार भी अक्टूबर से दिसंबर के दौरान प्राप्त वर्षा करते हैं।
तमिलनाडु इन महीनों के दौरान अपनी वार्षिक वर्षा (943.7 मिमी) का लगभग 48 प्रतिशत (447.4 मिमी) प्राप्त करता है, जो राज्य में कृषि गतिविधियों और जलाशय प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण कारक है।
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Question 4 of 5
4. Question
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- विश्व के लगभग सभी मरुस्थल भूमध्य रेखा के 30 से 45 डिग्री उत्तर और दक्षिण अक्षांशों के समांतर ही सीमित हैं।
- मरुस्थल महाद्वीपों के पश्चिमी भागों में व्यापारिक पवनों के क्षेत्र में स्थित हैं, जहां व्यापारिक पवनें अपतटीय रूप से प्रवाहित होती हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
विश्व के लगभग सभी मरुस्थल भूमध्य रेखा के 15 से 30 डिग्री उत्तर और दक्षिण अक्षांशों तक ही सीमित हैं।
मरुस्थल महाद्वीपों के पश्चिमी भागों में व्यापारिक पवनों के क्षेत्र में स्थित हैं, जहां व्यापारिक पवनें अपतटीय रूप से प्रवाहित होती हैं। इन किनारों पर ठंडी धाराएँ प्रवाहित होती हैं, जो ‘डेसिकेशॅन इफ़ेक्ट (desiccating effect)’ उत्पन्न करती हैं जिससे वर्षा नहीं होती हैं।
यहाँ की शुष्कता प्रमुख विशेषता है। इस तरह के मरुस्थल उष्णकटिबंधीय गर्म मरुस्थल (Trade wind deserts) कहलाते हैं। इनमें विशाल सहारा मरुस्थल; अरब, ईरानी और थार रेगिस्तान; कालाहारी, नामिब, और अटाकामा रेगिस्तान; ग्रेट ऑस्ट्रेलियन डेसर्ट और दक्षिण-पश्चिम यू.एस.ए. और उत्तरी मेक्सिको का मरुस्थल शामिल हैं।
मध्य अक्षांशों के महाद्वीपों के आंतरिक भागों में स्थित गोबी और तुर्केस्तान जैसे मरुस्थलों में उच्च तापमान होता है।
Incorrect
उत्तर: b)
विश्व के लगभग सभी मरुस्थल भूमध्य रेखा के 15 से 30 डिग्री उत्तर और दक्षिण अक्षांशों तक ही सीमित हैं।
मरुस्थल महाद्वीपों के पश्चिमी भागों में व्यापारिक पवनों के क्षेत्र में स्थित हैं, जहां व्यापारिक पवनें अपतटीय रूप से प्रवाहित होती हैं। इन किनारों पर ठंडी धाराएँ प्रवाहित होती हैं, जो ‘डेसिकेशॅन इफ़ेक्ट (desiccating effect)’ उत्पन्न करती हैं जिससे वर्षा नहीं होती हैं।
यहाँ की शुष्कता प्रमुख विशेषता है। इस तरह के मरुस्थल उष्णकटिबंधीय गर्म मरुस्थल (Trade wind deserts) कहलाते हैं। इनमें विशाल सहारा मरुस्थल; अरब, ईरानी और थार रेगिस्तान; कालाहारी, नामिब, और अटाकामा रेगिस्तान; ग्रेट ऑस्ट्रेलियन डेसर्ट और दक्षिण-पश्चिम यू.एस.ए. और उत्तरी मेक्सिको का मरुस्थल शामिल हैं।
मध्य अक्षांशों के महाद्वीपों के आंतरिक भागों में स्थित गोबी और तुर्केस्तान जैसे मरुस्थलों में उच्च तापमान होता है।
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Question 5 of 5
5. Question
उष्ण आर्द्र ग्रीष्मकाल, शीत शुष्क शीतकाल, अत्यधिक वार्षिक तापान्तर, वर्षभर वर्षा किस प्रकार की जलवायु की विशेषताएं हैं?
Correct
उत्तर: d)
इस प्रकार की जलवायु उष्ण कटिबन्धीय अक्षांशों में महाद्वीपों के पूर्वी सीमांत क्षेत्रों पर, उष्णकटिबंध के निकट पाई जाती है। इसमें ग्रीष्मकाल के दौरान, समान अक्षांश पर
पाई जाने वाली भूमध्यसागरीय जलवायु की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक वर्षा होती है। वास्तव में, यह चीन के अधिकांश हिस्सों में पाई जाती है जो मानसूनी जलवायु का ही संशोधित रूप है। इस प्रकार इसे शीतोष्ण मानसून या चीन तुल्य जलवायु भी कहा जाता है।
जलवायु की स्थिति: उष्ण आर्द्र ग्रीष्मकाल, शीत शुष्क शीतकाल, शुष्क सर्दियों। औसत मासिक तापमान 5 डिग्री सेल्सियस और 25 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है और समुद्री प्रभाव से इसमें परिवर्तन होता है। मध्य ग्रीष्मकाल में सापेक्षिक आर्द्रता थोड़ी अधिक होती है। वर्षा मध्यम (25 इंच से 60 इंच) से अधिक होती है। एक और महत्वपूर्ण विशेषता पूरे वर्ष में वर्षा का काफी समान वितरण पाया जाता है। मध्य चीन के भीतरी इलाकों को छोड़कर (पृथक शुष्क मौसम होता है) प्रत्येक माह में वर्षा होती है।
Incorrect
उत्तर: d)
इस प्रकार की जलवायु उष्ण कटिबन्धीय अक्षांशों में महाद्वीपों के पूर्वी सीमांत क्षेत्रों पर, उष्णकटिबंध के निकट पाई जाती है। इसमें ग्रीष्मकाल के दौरान, समान अक्षांश पर
पाई जाने वाली भूमध्यसागरीय जलवायु की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक वर्षा होती है। वास्तव में, यह चीन के अधिकांश हिस्सों में पाई जाती है जो मानसूनी जलवायु का ही संशोधित रूप है। इस प्रकार इसे शीतोष्ण मानसून या चीन तुल्य जलवायु भी कहा जाता है।
जलवायु की स्थिति: उष्ण आर्द्र ग्रीष्मकाल, शीत शुष्क शीतकाल, शुष्क सर्दियों। औसत मासिक तापमान 5 डिग्री सेल्सियस और 25 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है और समुद्री प्रभाव से इसमें परिवर्तन होता है। मध्य ग्रीष्मकाल में सापेक्षिक आर्द्रता थोड़ी अधिक होती है। वर्षा मध्यम (25 इंच से 60 इंच) से अधिक होती है। एक और महत्वपूर्ण विशेषता पूरे वर्ष में वर्षा का काफी समान वितरण पाया जाता है। मध्य चीन के भीतरी इलाकों को छोड़कर (पृथक शुष्क मौसम होता है) प्रत्येक माह में वर्षा होती है।