HINDI - INSIGHTS CURRENT EVENTS QUIZ 2020
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Welcome to Current Affairs Quiz in HINDI Medium. Hope you are happy with our Hindi Current Affairs. The following Quiz is based on the Hindu, PIB and other news sources. It is a current events based quiz. Solving these questions will help retain both concepts and facts relevant to UPSC IAS civil services exam – 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
1 pointsनिम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:
हाल ही में चर्चित स्थान अवस्थिति
- कबरतल बिहार
- लोनार झील महाराष्ट्र
- सुर सरोवर केरल
उपर्युक्त में से कौन-से सही सुम्मेलित हैं?
Correct
उत्तर: a)
महाराष्ट्र में लोनार झील और आगरा में सुर सरोवर, जिसे केथम झील भी कहा जाता है, को मान्यता प्राप्त रामसर स्थलों की सूची में जोड़ा गया है।
बिहार के बेगूसराय जिले में कबरताल को अंतर्राष्ट्रीय महत्व की एक आर्द्रभूमि के रूप में मान्यता दी गई है – रामसर कन्वेंशन के तहत राज्य में इस तरह का पहली आर्द्रभूमि है।
देहरादून में आसन कंजर्वेशन रिजर्व, रामसर कन्वेंशन द्वारा मान्यता प्राप्त उत्तराखंड की पहली आर्द्रभूमि है जिसे हाल ही में सूची में जोड़ा गया था।
Incorrect
उत्तर: a)
महाराष्ट्र में लोनार झील और आगरा में सुर सरोवर, जिसे केथम झील भी कहा जाता है, को मान्यता प्राप्त रामसर स्थलों की सूची में जोड़ा गया है।
बिहार के बेगूसराय जिले में कबरताल को अंतर्राष्ट्रीय महत्व की एक आर्द्रभूमि के रूप में मान्यता दी गई है – रामसर कन्वेंशन के तहत राज्य में इस तरह का पहली आर्द्रभूमि है।
देहरादून में आसन कंजर्वेशन रिजर्व, रामसर कन्वेंशन द्वारा मान्यता प्राप्त उत्तराखंड की पहली आर्द्रभूमि है जिसे हाल ही में सूची में जोड़ा गया था।
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Question 2 of 5
2. Question
1 pointsहाल ही में चर्चित मेलघाट टाइगर रिजर्व स्थित है
Correct
उत्तर: b)
मेलघाट को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था और प्रोजेक्ट टाइगर के तहत 1973-74 में अधिसूचित प्रथम नौ टाइगर रिजर्व में से एक था। यह महाराष्ट्र राज्य के अमरावती जिले के उत्तरी भाग में स्थित है। इसके चारो ओर ताप्ती नदी और सतपुड़ा श्रेणी की गविलगढ़ रिज सीमा बनाते हैं।
Incorrect
उत्तर: b)
मेलघाट को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था और प्रोजेक्ट टाइगर के तहत 1973-74 में अधिसूचित प्रथम नौ टाइगर रिजर्व में से एक था। यह महाराष्ट्र राज्य के अमरावती जिले के उत्तरी भाग में स्थित है। इसके चारो ओर ताप्ती नदी और सतपुड़ा श्रेणी की गविलगढ़ रिज सीमा बनाते हैं।
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Question 3 of 5
3. Question
1 points‘अंतर्राष्ट्रीय महत्व के वेटलैंड्स पर रामसर कन्वेंशन‘ के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- अंतर्राष्ट्रीय महत्व के वेटलैंड्स पर रामसर कन्वेंशन विशेष रूप से वाटरफॉल हैबिटेट के रूप में वेटलैंड्स के संरक्षण और स्थायी उपयोग के लिए एक संधि है।
- इसका उद्देश्य जैविक विविधता के संरक्षण और मानव जीवन को बनाए रखने के लिए आर्द्रभूमि का वैश्विक नेटवर्क विकसित करना है।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) रामसर कन्वेंशन के अंतरराष्ट्रीय संगठन भागीदारों (IOP) में से एक है जो विशेषज्ञ तकनीकी सलाह और वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correct
उत्तर: d)
‘अंतर्राष्ट्रीय महत्व के वेटलैंड्स पर रामसर कन्वेंशन’ विशेष रूप से वाटरफॉल हैबिटेट के रूप में वेटलैंड्स के संरक्षण और स्थायी उपयोग के लिए एक संधि है। इसका नाम ईरानी शहर रामसर के नाम पर रखा गया है, जहां 1971 में संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे, और इसके तहत संरक्षण के लिए चुनी गई जगहों को रामसर साइट का नाम दिया गया था।
कन्वेंशन, 1971 में ईरानी शहर रामसर में हस्ताक्षरित, आर्द्रभूमि के पारिस्थितिक चरित्र के संरक्षण के लिए सबसे पुराने अंतर-सरकारी समझौते में से एक है।
यह वेटलैंड्स पर कन्वेंशन के रूप में भी जानी जाती है। इसका उद्देश्य जैविक विविधता के संरक्षण और मानव जीवन को बनाए रखने के लिए आर्द्रभूमि का एक वैश्विक नेटवर्क विकसित करना है। वेटलैंड्स भोजन, जल, फाइबर, भूजल पुनर्भरण, जल शोधन, बाढ़ संतुलन, कटाव नियंत्रण और जलवायु विनियमन जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हैं।
170 से अधिक देश रामसर कन्वेंशन के पक्षकार हैं और इसके तहत 2,000 से अधिक नामित स्थलों को कवर किया गया है।
रामसर कन्वेंशन छह अन्य संगठनों के साथ मिलकर कार्य करता है जिन्हें अंतरराष्ट्रीय संगठन भागीदार (IOP) कहा जाता है। य़े हैं:
बर्डलाइफ इंटरनेशनल
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature: IUCN)
अंतर्राष्ट्रीय जल प्रबंधन संस्थान (IWMI)
वेटलैंड्स इंटरनेशनल
WWF इंटरनेशनल
वाइल्डफॉल एंड वेटलैंड्स ट्रस्ट (WWT)
ये संगठन विशेषज्ञ तकनीकी सलाह प्रदान करके, क्षेत्र के अध्ययन को लागू करने और वित्तीय सहायता प्रदान करके सम्मेलन के कार्य का समर्थन करते हैं। IOP, पक्षकारों के सम्मेलन की सभी बैठकों में और वैज्ञानिक एवं तकनीकी समीक्षा पैनल के पूर्ण सदस्यों के रूप में पर्यवेक्षकों के रूप में नियमित रूप से भाग लेते हैं।
Incorrect
उत्तर: d)
‘अंतर्राष्ट्रीय महत्व के वेटलैंड्स पर रामसर कन्वेंशन’ विशेष रूप से वाटरफॉल हैबिटेट के रूप में वेटलैंड्स के संरक्षण और स्थायी उपयोग के लिए एक संधि है। इसका नाम ईरानी शहर रामसर के नाम पर रखा गया है, जहां 1971 में संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे, और इसके तहत संरक्षण के लिए चुनी गई जगहों को रामसर साइट का नाम दिया गया था।
कन्वेंशन, 1971 में ईरानी शहर रामसर में हस्ताक्षरित, आर्द्रभूमि के पारिस्थितिक चरित्र के संरक्षण के लिए सबसे पुराने अंतर-सरकारी समझौते में से एक है।
यह वेटलैंड्स पर कन्वेंशन के रूप में भी जानी जाती है। इसका उद्देश्य जैविक विविधता के संरक्षण और मानव जीवन को बनाए रखने के लिए आर्द्रभूमि का एक वैश्विक नेटवर्क विकसित करना है। वेटलैंड्स भोजन, जल, फाइबर, भूजल पुनर्भरण, जल शोधन, बाढ़ संतुलन, कटाव नियंत्रण और जलवायु विनियमन जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हैं।
170 से अधिक देश रामसर कन्वेंशन के पक्षकार हैं और इसके तहत 2,000 से अधिक नामित स्थलों को कवर किया गया है।
रामसर कन्वेंशन छह अन्य संगठनों के साथ मिलकर कार्य करता है जिन्हें अंतरराष्ट्रीय संगठन भागीदार (IOP) कहा जाता है। य़े हैं:
बर्डलाइफ इंटरनेशनल
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature: IUCN)
अंतर्राष्ट्रीय जल प्रबंधन संस्थान (IWMI)
वेटलैंड्स इंटरनेशनल
WWF इंटरनेशनल
वाइल्डफॉल एंड वेटलैंड्स ट्रस्ट (WWT)
ये संगठन विशेषज्ञ तकनीकी सलाह प्रदान करके, क्षेत्र के अध्ययन को लागू करने और वित्तीय सहायता प्रदान करके सम्मेलन के कार्य का समर्थन करते हैं। IOP, पक्षकारों के सम्मेलन की सभी बैठकों में और वैज्ञानिक एवं तकनीकी समीक्षा पैनल के पूर्ण सदस्यों के रूप में पर्यवेक्षकों के रूप में नियमित रूप से भाग लेते हैं।
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Question 4 of 5
4. Question
1 pointsनवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने कृषि क्षेत्र में अधिक सौर ऊर्जा उत्पादन को सक्षम करने के लिए प्रधानमंत्री-कुसुम योजना के दायरे का विस्तार किया है। योजना में निम्नलिखित में से कौन-से घटक शामिल हैं?
- विकेन्द्रीकृत ग्राउंड माउंटेड ग्रिड से जुड़े ऊर्जा सयंत्र की स्थापना।
- स्टैंड-अलोन सौर ऊर्जा संचालित कृषि पंपों की स्थापना।
- ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा संचालित कृषि पंपों का सोलराइजेशन।
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correct
उत्तर: d)
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने कृषि क्षेत्र में अधिक से अधिक सौर ऊर्जा उत्पादन को सक्षम करने के लिए पीएम-कुसुम योजना के दायरे का विस्तार किया है।
मंत्रालय ने पहले वर्ष के दौरान इसके कार्यान्वयन से प्राप्त सीख के आधार पर योजना के दिशानिर्देशों में संशोधन किया है।
अब, बंजर, परती और कृषि भूमि के अलावा, किसानों के चरागाह और दलदली भूमि पर भी सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जा सकते हैं।
लघु किसानों का समर्थन करने के लिए, 500 किलोवाट से छोटे सौर परियोजनाओं को तकनीकी-व्यावसायिक व्यवहार्यता के आधार पर राज्यों द्वारा अनुमति दी जा सकती है।
इस योजना में अब तीन घटक हैं।
पहला, 10,000 मेगावाट की विकेन्द्रीकृत ग्राउंड माउंटेड ग्रिड से जुड़े 2 मेगावाट क्षमता वाले नवीकरणीय ऊर्जा सयंत्र की स्थापना।
दूसरा, 20 लाख (17.50 लाख से ऊपर) स्टैंड-अलोन सौर ऊर्जा संचालित कृषि पंपों की स्थापना है।
तीसरा, 15 लाख (10 लाख से ऊपर) का ग्रिड-कनेक्टेड सौर ऊर्जा संचालित कृषि पंपों का सोलराइजेशन।
Incorrect
उत्तर: d)
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने कृषि क्षेत्र में अधिक से अधिक सौर ऊर्जा उत्पादन को सक्षम करने के लिए पीएम-कुसुम योजना के दायरे का विस्तार किया है।
मंत्रालय ने पहले वर्ष के दौरान इसके कार्यान्वयन से प्राप्त सीख के आधार पर योजना के दिशानिर्देशों में संशोधन किया है।
अब, बंजर, परती और कृषि भूमि के अलावा, किसानों के चरागाह और दलदली भूमि पर भी सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जा सकते हैं।
लघु किसानों का समर्थन करने के लिए, 500 किलोवाट से छोटे सौर परियोजनाओं को तकनीकी-व्यावसायिक व्यवहार्यता के आधार पर राज्यों द्वारा अनुमति दी जा सकती है।
इस योजना में अब तीन घटक हैं।
पहला, 10,000 मेगावाट की विकेन्द्रीकृत ग्राउंड माउंटेड ग्रिड से जुड़े 2 मेगावाट क्षमता वाले नवीकरणीय ऊर्जा सयंत्र की स्थापना।
दूसरा, 20 लाख (17.50 लाख से ऊपर) स्टैंड-अलोन सौर ऊर्जा संचालित कृषि पंपों की स्थापना है।
तीसरा, 15 लाख (10 लाख से ऊपर) का ग्रिड-कनेक्टेड सौर ऊर्जा संचालित कृषि पंपों का सोलराइजेशन।
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Question 5 of 5
5. Question
1 pointsआनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों (Genetically modified crops) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- जेनेटिक इंजीनियरिंग का उद्देश्य एक एलियन जीन को स्थापित करना है जिसे वांछित प्रभाव प्राप्त करने के लिए केवल एक पौधे से बीज में ही स्थानांतरित किया जा सकता है।
- भारत में, जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति (Genetic Engineering Appraisal Committee: GEAC) जीएम फसलों की वाणिज्यिक खेती की अनुमति देने के लिए शीर्ष निकाय है।
- भारत का 95 प्रतिशत से अधिक कपास क्षेत्र बीटी कपास से प्राप्त किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: c)
आनुवंशिक रूप से संशोधित बीज क्या हैं?
पारंपरिक पौधे के प्रजनन में माता-पिता दोनों के वांछित लक्षणों को संतान में रूपांतरित करने के लिए एक ही जीनस की क्रॉसिंग प्रजातियां शामिल होती हैं। जेनेटिक इंजीनियरिंग का उद्देश्य वांछित प्रभाव प्राप्त करने के लिए बीजों में एक एलियन जीन की शुरुआत करके आनुवांशिक अवरोध को समाप्त करना है। एलियन जीन, पौधे, जीव अथवा मृदा के सूक्ष्म जीवाणु से भी हो सकते है।
बीटी कपास, भारत में अनुमति दी जाने वाली एकमात्र जीएम फसल में बेसिलस थुरिंगिनेसिस (Bacillus thuringiensis: BT), एक मृदा सूक्ष्मजीव के दो विदेशी जीन होते हैं, यह फसल को पिंक बोलवॉर्म (pink bollworm) कीट को नष्ट करने के लिए विषाक्त प्रोटीन विकसित करते है।
भारत में, जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति (Genetic Engineering Appraisal Committee: GEAC) जीएम फसलों की वाणिज्यिक खेती की अनुमति देने के लिए शीर्ष निकाय है। 2002 में, GEAC ने बीटी कॉटन के वाणिज्यिक उत्पादन की अनुमति दी थी। देश के कपास क्षेत्र का 95 प्रतिशत से अधिक बीटी कपास से प्राप्त होता है।
जुर्माना: अप्रमाणित GM संस्करण का उपयोग करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1989 के अंतर्गत 5 साल की जेल तथा 1 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है।
Incorrect
उत्तर: c)
आनुवंशिक रूप से संशोधित बीज क्या हैं?
पारंपरिक पौधे के प्रजनन में माता-पिता दोनों के वांछित लक्षणों को संतान में रूपांतरित करने के लिए एक ही जीनस की क्रॉसिंग प्रजातियां शामिल होती हैं। जेनेटिक इंजीनियरिंग का उद्देश्य वांछित प्रभाव प्राप्त करने के लिए बीजों में एक एलियन जीन की शुरुआत करके आनुवांशिक अवरोध को समाप्त करना है। एलियन जीन, पौधे, जीव अथवा मृदा के सूक्ष्म जीवाणु से भी हो सकते है।
बीटी कपास, भारत में अनुमति दी जाने वाली एकमात्र जीएम फसल में बेसिलस थुरिंगिनेसिस (Bacillus thuringiensis: BT), एक मृदा सूक्ष्मजीव के दो विदेशी जीन होते हैं, यह फसल को पिंक बोलवॉर्म (pink bollworm) कीट को नष्ट करने के लिए विषाक्त प्रोटीन विकसित करते है।
भारत में, जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति (Genetic Engineering Appraisal Committee: GEAC) जीएम फसलों की वाणिज्यिक खेती की अनुमति देने के लिए शीर्ष निकाय है। 2002 में, GEAC ने बीटी कॉटन के वाणिज्यिक उत्पादन की अनुमति दी थी। देश के कपास क्षेत्र का 95 प्रतिशत से अधिक बीटी कपास से प्राप्त होता है।
जुर्माना: अप्रमाणित GM संस्करण का उपयोग करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1989 के अंतर्गत 5 साल की जेल तथा 1 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है।