HINDI - INSIGHTS CURRENT EVENTS QUIZ 2020
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Welcome to Current Affairs Quiz in HINDI Medium. Hope you are happy with our Hindi Current Affairs. The following Quiz is based on the Hindu, PIB and other news sources. It is a current events based quiz. Solving these questions will help retain both concepts and facts relevant to UPSC IAS civil services exam – 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
1 pointsनैनोटेक्नोलॉजी का निम्नलिखित में से किन क्षेत्रों में अनुप्रयोग किया जाता है?
- खाद्य पैकेजिंग
- फ्यूल सेल और सोलर सेल
- बेहतर वायु और जल की गुणवत्ता
- रासायनिक सेंसर
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correct
उत्तर: d)
नैनो प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग:
चिकित्सा: शोधकर्ता अणुओं के आकार विशिष्ट नैनोकणों को विकसित कर रहे हैं जो शरीर में रोगग्रस्त कोशिकाओं को सीधे दवाएं पहुंचा सकते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स: आकार और बिजली की खपत को कम करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों की क्षमताओं को बढ़ा सकते हैं।
खाद्य: खाद्य प्रौद्योगिकी के कई पहलुओं पर नैनोटेक्नॉलॉजी का प्रभाव पड़ रहा है, जैसे खाद्य पदार्थ की पैकिंग। कंपनियां ऐसे नैनोमैटिरियल्स विकसित कर रही हैं जो न केवल भोजन के स्वाद को बनाये रखेंगे, बल्कि खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करेंगे।
फ्यूल सेल: फ्यूल सेल में उपयोग किए जाने वाले उत्प्रेरक की लागत को कम करने के लिए नैनो तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
बेहतर वायु गुणवत्ता: नैनो टेक्नोलॉजी कारों या औद्योगिक संयंत्रों से उत्सर्जित वाष्पों को हानिरहित गैसों में बदलने के लिए उपयोग किए जाने वाले उत्प्रेरकों में सुधार कर सकती है।
बेहतर जल गुणवत्ता: जल की गुणवत्ता में विभिन्न समस्याओं के समाधान को विकसित करने के लिए नैनो तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
Incorrect
उत्तर: d)
नैनो प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग:
चिकित्सा: शोधकर्ता अणुओं के आकार विशिष्ट नैनोकणों को विकसित कर रहे हैं जो शरीर में रोगग्रस्त कोशिकाओं को सीधे दवाएं पहुंचा सकते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स: आकार और बिजली की खपत को कम करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों की क्षमताओं को बढ़ा सकते हैं।
खाद्य: खाद्य प्रौद्योगिकी के कई पहलुओं पर नैनोटेक्नॉलॉजी का प्रभाव पड़ रहा है, जैसे खाद्य पदार्थ की पैकिंग। कंपनियां ऐसे नैनोमैटिरियल्स विकसित कर रही हैं जो न केवल भोजन के स्वाद को बनाये रखेंगे, बल्कि खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करेंगे।
फ्यूल सेल: फ्यूल सेल में उपयोग किए जाने वाले उत्प्रेरक की लागत को कम करने के लिए नैनो तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
बेहतर वायु गुणवत्ता: नैनो टेक्नोलॉजी कारों या औद्योगिक संयंत्रों से उत्सर्जित वाष्पों को हानिरहित गैसों में बदलने के लिए उपयोग किए जाने वाले उत्प्रेरकों में सुधार कर सकती है।
बेहतर जल गुणवत्ता: जल की गुणवत्ता में विभिन्न समस्याओं के समाधान को विकसित करने के लिए नैनो तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
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Question 2 of 5
2. Question
1 pointsकभी-कभी समाचारों में चर्चित स्पेसक्राफ्ट सेमटेरी (Spacecraft cemetery) अवस्थित है
Correct
उत्तर: c)
स्पेसक्राफ्ट सेमटेरी (Spacecraft cemetery), जिसे औपचारिक रूप से दक्षिण प्रशांत महासागर निर्जन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, दक्षिणी प्रशांत महासागर में स्थित एक क्षेत्र है, जहां अंतरिक्ष यान जो अपनी उपयोगिता के अंतिम चरण में पहुंच चुके हैं, उन्हें नियमित रूप से नष्ट कर दिया जाता है।
Incorrect
उत्तर: c)
स्पेसक्राफ्ट सेमटेरी (Spacecraft cemetery), जिसे औपचारिक रूप से दक्षिण प्रशांत महासागर निर्जन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, दक्षिणी प्रशांत महासागर में स्थित एक क्षेत्र है, जहां अंतरिक्ष यान जो अपनी उपयोगिता के अंतिम चरण में पहुंच चुके हैं, उन्हें नियमित रूप से नष्ट कर दिया जाता है।
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Question 3 of 5
3. Question
1 pointsफेलुदा परीक्षण ( Feluda test) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- फेलूदा परीक्षण कोविद –19 का पता लगाने के लिए एक निम्न लागत वाली कागज-आधारित परीक्षण पट्टी है।
- इसमें SARS-CoV-2 वायरस के लिए विशिष्ट जीन का पता लगाने के लिए CRISPR-Cas तकनीक का उपयोग किया जाता है।
- इसमें सकारात्मक और नकारात्मक मामलों का पता लगाने के लिए 100 प्रतिशत संवेदनशीलता और विशिष्टता मौजूद है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
फेलूदा (FNCAS9 Editor Linked Uniform Detection Assay: FELUDA):
यह 96 प्रतिशत की संवेदनशीलता और 98 प्रतिशत की विशिष्टता मौजूद है जिसका अर्थ है कि परीक्षण 96 या 98 प्रतिशत तक सकारात्मक और नकारात्मक मामलों का पता लगा सकता है।
परीक्षण में स्वदेशी रूप से विकसित CRISPR जीन-एडिटिंग तकनीक का उपयोग किया जाता है। यह विश्व का पहला नैदानिक परीक्षण है जो वायरस का सफलतापूर्वक पता लगाने के लिए विशेष रूप से अनुकूलित Cas9 प्रोटीन का उपयोग करता है।
Incorrect
उत्तर: b)
फेलूदा (FNCAS9 Editor Linked Uniform Detection Assay: FELUDA):
यह 96 प्रतिशत की संवेदनशीलता और 98 प्रतिशत की विशिष्टता मौजूद है जिसका अर्थ है कि परीक्षण 96 या 98 प्रतिशत तक सकारात्मक और नकारात्मक मामलों का पता लगा सकता है।
परीक्षण में स्वदेशी रूप से विकसित CRISPR जीन-एडिटिंग तकनीक का उपयोग किया जाता है। यह विश्व का पहला नैदानिक परीक्षण है जो वायरस का सफलतापूर्वक पता लगाने के लिए विशेष रूप से अनुकूलित Cas9 प्रोटीन का उपयोग करता है।
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Question 4 of 5
4. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से किसे एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (antimicrobial resistance) के मुख्य चालक के रूप में माना जाता है?
- रोगाणुरोधी का दुरुपयोग और अति प्रयोग
- पशुओं के लिए स्वच्छ जल और स्वच्छता तक पहुंच का अभाव
- स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में निम्न स्तरीय संक्रमण और बीमारी की रोकथाम की व्यवस्था
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correct
उत्तर: d)
एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (antimicrobial resistance: AMR) समय साथ के आमतौर पर आनुवंशिक परिवर्तनों के माध्यम से स्वाभाविक रूप से होता है। रोगाणुरोधी प्रतिरोधी जीव लोगों, जानवरों, भोजन, पौधों और पर्यावरण (पानी, मृदा और वायु में) में पाए जाते हैं। वे पशु मूल के भोजन से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति या लोगों और जानवरों के बीच संचरित हो सकते हैं। रोगाणुरोधी प्रतिरोध के मुख्य चालकों में रोगाणुरोधी के दुरुपयोग और अति प्रयोग; मनुष्यों और जानवरों दोनों के लिए स्वच्छ जल, सफाई एवं स्वच्छता (WASH) तक पहुंच का अभाव; स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं और खेतों में निम्न स्तरीय संक्रमण और बीमारी की रोकथाम एवं नियंत्रण की व्यवस्था; गुणवत्ता, सस्ती दवाओं, टीकों और डायग्नोस्टिक्स की खराब पहुंच; जागरूकता और ज्ञान की कमी; और कानून के प्रवर्तन का अभाव शामिल हैं।
Incorrect
उत्तर: d)
एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (antimicrobial resistance: AMR) समय साथ के आमतौर पर आनुवंशिक परिवर्तनों के माध्यम से स्वाभाविक रूप से होता है। रोगाणुरोधी प्रतिरोधी जीव लोगों, जानवरों, भोजन, पौधों और पर्यावरण (पानी, मृदा और वायु में) में पाए जाते हैं। वे पशु मूल के भोजन से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति या लोगों और जानवरों के बीच संचरित हो सकते हैं। रोगाणुरोधी प्रतिरोध के मुख्य चालकों में रोगाणुरोधी के दुरुपयोग और अति प्रयोग; मनुष्यों और जानवरों दोनों के लिए स्वच्छ जल, सफाई एवं स्वच्छता (WASH) तक पहुंच का अभाव; स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं और खेतों में निम्न स्तरीय संक्रमण और बीमारी की रोकथाम एवं नियंत्रण की व्यवस्था; गुणवत्ता, सस्ती दवाओं, टीकों और डायग्नोस्टिक्स की खराब पहुंच; जागरूकता और ज्ञान की कमी; और कानून के प्रवर्तन का अभाव शामिल हैं।
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Question 5 of 5
5. Question
1 pointsसरकारी प्रतिभूति (G-Sec) और ट्रेजरी बिल (T-bills) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- भारत में, केंद्र सरकार, ट्रेजरी बिल और बॉन्ड या दिनांकित प्रतिभूतियाँ दोनों जारी करती है, जबकि राज्य सरकारें केवल बॉन्ड या दिनांकित प्रतिभूतियाँ ही जारी करती हैं, जिन्हें राज्य विकास ऋण (SDL) कहा जाता है।
- ये छोटे और खुदरा निवेशकों के लिए उपलब्ध नहीं हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?
Correct
उत्तर: a)
सरकारी प्रतिभूति (G-Sec) क्या है?
एक सरकारी प्रतिभूति (G-Sec) केंद्र सरकार या राज्य सरकारों द्वारा जारी किया जाने वाला एक पारंपरिक उपकरण हैं। यह सरकार के ऋण दायित्व को पहचान करता है। ऐसी प्रतिभूतियां, अल्पकालिक (ट्रेजरी बिल – एक वर्ष से कम अवधि की मूल परिपक्वता सहित) अथवा दीर्घकालिक (सरकारी बांड या दिनांकित प्रतिभूतियां – एक वर्ष या अधिक अवधि की मूल परिपक्वता सहित) दोनों प्रकार की हो सकती हैं। भारत में, केंद्र सरकार, ट्रेजरी बिल और बॉन्ड या दिनांकित प्रतिभूतियां जारी करती है जबकि राज्य सरकारें केवल बॉन्ड या दिनांकित प्रतिभूतियां ही जारी करती हैं, जिन्हें राज्य विकास ऋण (SDL) कहा जाता है। चूंकि इन्हें सरकार द्वारा जारी किया जाता है, अतः इनके डिफ़ॉल्ट होने का कोई जोखिम नहीं होता है, और इसलिए, उन्हें जोखिम-मुक्त सुरक्षित उपकरण (Gilt-Edged Instruments) कहा जाता है।
ट्रेजरी बिल (T-bills)
ट्रेजरी बिल या टी-बिल, जो मुद्रा बाज़ार के उपकरण हैं, भारत सरकार द्वारा जारी किए गए शॉर्ट टर्म डेट इंस्ट्रूमेंट हैं और वर्तमान में तीन अवधियों अर्थात् 91 दिन, 182 दिन और 364 दिन के लिए जारी किए गए हैं। ट्रेजरी बिल शून्य कूपन प्रतिभूतियां हैं और इनसे किसी प्रकार का ब्याज प्राप्त नहीं होता है। इसके बजाय, उन्हें छूट पर जारी किया जाता है और परिपक्वता पर अंकित मूल्य पर भुनाया जाता है।
कई वर्षों से सरकारी प्रतिभूतियों में खुदरा भागीदारी की अनुमति दी गई है। लेकिन इसके खरीददारों की कमी है।
Incorrect
उत्तर: a)
सरकारी प्रतिभूति (G-Sec) क्या है?
एक सरकारी प्रतिभूति (G-Sec) केंद्र सरकार या राज्य सरकारों द्वारा जारी किया जाने वाला एक पारंपरिक उपकरण हैं। यह सरकार के ऋण दायित्व को पहचान करता है। ऐसी प्रतिभूतियां, अल्पकालिक (ट्रेजरी बिल – एक वर्ष से कम अवधि की मूल परिपक्वता सहित) अथवा दीर्घकालिक (सरकारी बांड या दिनांकित प्रतिभूतियां – एक वर्ष या अधिक अवधि की मूल परिपक्वता सहित) दोनों प्रकार की हो सकती हैं। भारत में, केंद्र सरकार, ट्रेजरी बिल और बॉन्ड या दिनांकित प्रतिभूतियां जारी करती है जबकि राज्य सरकारें केवल बॉन्ड या दिनांकित प्रतिभूतियां ही जारी करती हैं, जिन्हें राज्य विकास ऋण (SDL) कहा जाता है। चूंकि इन्हें सरकार द्वारा जारी किया जाता है, अतः इनके डिफ़ॉल्ट होने का कोई जोखिम नहीं होता है, और इसलिए, उन्हें जोखिम-मुक्त सुरक्षित उपकरण (Gilt-Edged Instruments) कहा जाता है।
ट्रेजरी बिल (T-bills)
ट्रेजरी बिल या टी-बिल, जो मुद्रा बाज़ार के उपकरण हैं, भारत सरकार द्वारा जारी किए गए शॉर्ट टर्म डेट इंस्ट्रूमेंट हैं और वर्तमान में तीन अवधियों अर्थात् 91 दिन, 182 दिन और 364 दिन के लिए जारी किए गए हैं। ट्रेजरी बिल शून्य कूपन प्रतिभूतियां हैं और इनसे किसी प्रकार का ब्याज प्राप्त नहीं होता है। इसके बजाय, उन्हें छूट पर जारी किया जाता है और परिपक्वता पर अंकित मूल्य पर भुनाया जाता है।
कई वर्षों से सरकारी प्रतिभूतियों में खुदरा भागीदारी की अनुमति दी गई है। लेकिन इसके खरीददारों की कमी है।