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सामान्य अध्ययन – 1
विषय: सामाजिक सशक्तिकरण, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता।
1. सांप्रदायिकता के विकास के लिए उत्तरदायी कारक एवं भारतीय समाज पर इसके पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: Hindustan Times
निर्देशक शब्द:
चर्चा कीजिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
सांप्रदायिकता को परिभाषित कीजिए।
विषय वस्तु:
भारत में सांप्रदायिकता का मामला प्रस्तुत कीजिए।
आधुनिक भारत में सांप्रदायिकता के उद्भव और विकास में योगदान देने वाले प्रमुख कारकों पर चर्चा कीजिए।
वर्तमान स्थिति को प्रस्तुत कीजिए।
सांप्रदायिकता से निपटने के उपाय सुझाइए।
निष्कर्ष:
हमारे समाज पर साम्प्रदायिकता के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभावों को बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: विश्व के इतिहास में 18वीं सदी तथा बाद की घटनाएँ यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनःसीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव।
2. औपनिवेशिक प्रणाली से आप क्या समझते हैं? इसे प्रोत्साहित करने वाले कारकों को चिह्नित कीजिए। उपनिवेशवाद से लाभान्वित होने वाले प्रमुख देशों एवं उसके कारणों को विस्तार से समझाइए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: आधुनिक भारतीय इतिहास: बिपिन चंद्र
निर्देशक शब्द:
समझाइये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न से संबंधित सूचना अथवा जानकारी को सरल भाषा में प्रस्तुत कीजिये।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
उपनिवेशवाद को परिभाषित कीजिए।
विषय वस्तु:
उन कारकों को प्रस्तुत कीजिए, जो विश्व भर में उपनिवेशवाद का कारण बने जैसे; कच्चे माल की मांग, बाजार की आवश्यकता, ईसाई धर्म एवं पश्चिमी विचारधारा का प्रसार आदि।
इसके द्वारा लाभान्वित देशों एवं इसके अंतर्निहित कारणों के बारे में बताएं।
निष्कर्ष:
इसके समग्र प्रभाव को दर्शाते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन – 2
विषय: गरीबी एवं भूख से संबंधित विषय।
3. क्या आपको लगता है कि भारत को 1970 के दशक के अपने ‘गरीबी हटाओ’ के नारे को प्रत्याह्वान करने की आवश्यकता है? चर्चा कीजिए कि किस प्रकार से गरीबी-रोधी कार्यक्रम सार्वभौमिक होना चाहिए, न कि केवल गरीबी रेखा से नीचे या उससे ऊपर। (250 शब्द)
सन्दर्भ: Down to Earth
निर्देशक शब्द:
चर्चा कीजिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
देश में गरीबी की स्थिति को दर्शाने वाले प्रमुख आँकड़े प्रस्तुत कीजिए।
विषय वस्तु:
देश में गरीबी की परिभाषा से सम्बद्ध मुद्दों पर आलोचनात्मक चर्चा कीजिए।
वर्तमान और अतीत के गरीबी-निवारण कार्यक्रमों और उनकी खामियों पर चर्चा कीजिए।
सुझाव दीजिए कि वर्तमान दृष्टिकोण से सम्बद्ध मुद्दों और चिंताओं को दूर करने के लिए क्या किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष:
निष्कर्ष निकालिए कि गरीबी, ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों एवं बीपीएल और गरीबी रेखा से ऊपर के लोगों दोनों के लिए चिंता का विषय है। यदि इसे अभी संबोधित नहीं किया जाता है, तो यह पिछले 70 वर्षों में हमने जो कुछ भी हासिल किया है उसे पूर्ववत कर देगा।
विषय: सा.अ.-2: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
सा.अ.-3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव आकलन।
4. सर्वसाधारण की भागीदारी और जागरूकता प्रभावी ई-कचरा प्रबंधन समाधान का एक महत्वपूर्ण भाग है। टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ Down to Earth
निर्देशक शब्द:
टिप्पणी कीजिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
संक्षेप में समझाइए कि ई-कचरे का उत्पादन और कुप्रबंधन देश को कैसे प्रभावित कर रहा है।
विषय वस्तु:
इलेक्ट्रॉनिक कचरे (ई-कचरे) का निर्माण कैसे होता है, चर्चा कीजिए;
सर्वसाधारण की भागीदारी और जागरूकता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए ई-कचरे को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए उपाय भी सुझाइए।
निष्कर्ष:
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन – 3
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।
5. “कृषि आत्मनिर्भरता के बिना औद्योगीकरण नहीं हो सकता”। उपरोक्त कथन के आलोक में जापान के मामले का परीक्षण कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: https://eh.net
निर्देशक शब्द:
परीक्षण कीजिये- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
प्रश्न के संदर्भ को संक्षेप में समझाइए।
विषय वस्तु:
जापान ने कृषि वर्चस्व को कैसे हासिल किया और किस प्रकार से औद्योगीकरण की ओर अग्रसर हुआ, इसके इतिहास पर चर्चा कीजिए।
हम भारत के मामले को भी समझा सकते हैं कि वर्तमान परिदृश्य में हम कहां खड़े हैं।
निष्कर्ष:
औद्योगीकरण के लिए कृषि आत्मनिर्भरता के महत्व पर बल देते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।
6. जलवायु परिवर्तन के शमन पर जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के निहितार्थों का आकलन कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: science direct
निर्देशक शब्द:
आकलन कीजिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के सर्वकालिक और तात्कालिक दोनों महत्त्व को स्पष्ट करते हुए उसकी सारगर्भित उपयोगिता बताइये।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के परिदृश्य एवं अंतर्निहित कारकों पर चर्चा कीजिए।
विषय वस्तु:
जलवायु परिवर्तन के शमन पर जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के निहितार्थों पर विस्तार से चर्चा कीजिए।
इसके लाभ एवं हानि दोनों पर चर्चा कीजिए।
जलवायु परिवर्तन के शमन पर उनके पड़ने वाले प्रभावों पर प्रकाश डालिए।
निष्कर्ष:
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: सा.अ.-2: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
सा.अ.-3: विज्ञान और प्रौद्योगिकी- विकास और उनके अनुप्रयोग और दैनिक जीवन पर प्रभाव।
7. सहायक प्रजनन तकनीक नियमन विधेयक से सम्बद्ध प्रमुख चिंताओं पर विस्तार से चर्चा कीजिए। आगे की राह भी सुझाइए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: Indian Express
निर्देशक शब्द:
चर्चा कीजिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
विधेयक की पृष्ठभूमि को संक्षेप में समझाते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
विधेयक की विशेषताओं के बारे में संक्षेप में लिखिए।
इससे सम्बंधित प्रमुख चिंताएं क्या हैं, समझाइए।
निष्कर्ष:
इन चिंताओं के समाधान के लिए सुझाव् देते हुए एवं आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।