HINDI - INSIGHTS CURRENT EVENTS QUIZ 2020
Quiz-summary
0 of 5 questions completed
Questions:
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
Information
Welcome to Current Affairs Quiz in HINDI Medium. Hope you are happy with our Hindi Current Affairs. The following Quiz is based on the Hindu, PIB and other news sources. It is a current events based quiz. Solving these questions will help retain both concepts and facts relevant to UPSC IAS civil services exam – 2020-2021
To view Solutions, follow these instructions:
Click on – ‘Start Quiz’ button
Solve Questions
Click on ‘Quiz Summary’ button
Click on ‘Finish Quiz’ button
Now click on ‘View Questions’ button – here you will see solutions and links.
You have already completed the quiz before. Hence you can not start it again.
Quiz is loading...
You must sign in or sign up to start the quiz.
You have to finish following quiz, to start this quiz:
Results
0 of 5 questions answered correctly
Your time:
Time has elapsed
You have reached 0 of 0 points, (0)
Average score | |
Your score |
Categories
- Not categorized 0%
Pos. | Name | Entered on | Points | Result |
---|---|---|---|---|
Table is loading | ||||
No data available | ||||
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
- Answered
- Review
- Question 1 of 5
1. Question
1 pointsभारत की कर प्रणाली के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- विगत 10 वर्षों में, भारत का अप्रत्यक्ष कर-जीडीपी अनुपात प्रत्यक्ष कर-जीडीपी अनुपात से कम रहा है।
- OECD देशों में प्रत्यक्ष कर का औसत हिस्सा भारत से अधिक है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही हैं?
Correctउत्तर: b)
अप्रत्यक्ष कर पर अत्यधिक निर्भरता के साथ भारत की कर प्रणाली प्रतिगामी (regressive) है। अप्रत्यक्ष कर-जीडीपी अनुपात प्रत्यक्ष कर-जीडीपी अनुपात (2011-12 की श्रृंखला, मौजूदा कीमतों पर) की तुलना में लगातार अधिक रहा है।
OECD देशों में, प्रत्यक्ष कर का औसत हिस्सा कुल कर का लगभग दो-तिहाई है, जबकि यह भारत में एक तिहाई से थोड़ा अधिक है।
Incorrectउत्तर: b)
अप्रत्यक्ष कर पर अत्यधिक निर्भरता के साथ भारत की कर प्रणाली प्रतिगामी (regressive) है। अप्रत्यक्ष कर-जीडीपी अनुपात प्रत्यक्ष कर-जीडीपी अनुपात (2011-12 की श्रृंखला, मौजूदा कीमतों पर) की तुलना में लगातार अधिक रहा है।
OECD देशों में, प्रत्यक्ष कर का औसत हिस्सा कुल कर का लगभग दो-तिहाई है, जबकि यह भारत में एक तिहाई से थोड़ा अधिक है।
- Question 2 of 5
2. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-से कारक दावानल की घटना को प्रभावित कर सकते हैं?
- औसत तापमान में वृद्धि
- हीटवेव की तीव्रता में वृद्धि
- सूखे की आवृत्ति में वृद्धि
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correctउत्तर: d)
2013 में प्रकाशित इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन द क्लाइमेट चेंज (IPCC) की पांचवीं आकलन रिपोर्ट के अंतर्गत कुछ कारकों की पहचान की गई, जो कि दावानल को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें औसत तापमान में वैश्विक वृद्धि, हीटवेव की तीव्रता, प्रसार और आवृत्ति में वैश्विक वृद्धि (ऐतिहासिक रूप से अत्यधिक तापमान सीमा से अधिक प्रसार) और सूखे की आवृत्ति, अवधि और तीव्रता में क्षेत्रीय वृद्धि शामिल हैं।
Incorrectउत्तर: d)
2013 में प्रकाशित इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन द क्लाइमेट चेंज (IPCC) की पांचवीं आकलन रिपोर्ट के अंतर्गत कुछ कारकों की पहचान की गई, जो कि दावानल को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें औसत तापमान में वैश्विक वृद्धि, हीटवेव की तीव्रता, प्रसार और आवृत्ति में वैश्विक वृद्धि (ऐतिहासिक रूप से अत्यधिक तापमान सीमा से अधिक प्रसार) और सूखे की आवृत्ति, अवधि और तीव्रता में क्षेत्रीय वृद्धि शामिल हैं।
- Question 3 of 5
3. Question
1 pointsभाभा कवच के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- भाभा कवच भारत की सबसे हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट है जो एके –47 असॉल्ट राइफल की गोलियों का सामना कर सकती है।
- इसे DRDO द्वारा विकसित किया गया है।
- यह जैकेट भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र द्वारा विकसित नैनो तकनीक पर आधारित है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correctउत्तर: b)
भाभा कवच को, जिसे “भारत का सबसे हल्का बुलेट-प्रूफ जैकेट” कहा जाता है, अंतर्राष्ट्रीय पुलिस एक्सपो 2019 में लॉन्च किया गया था।
आयुध निर्माणी बोर्ड और सार्वजनिक क्षेत्र की धातु और मिश्र धातु निर्माता MIDHANI द्वारा संयुक्त रूप से विकसित बुलेट-प्रूफ जैकेट, एके -47 असॉल्ट राइफल (7.62 मिमी हार्ड स्टील कोर बुलेट) और 5.56 मिमी इंसास राइफल की गोलियों का सामना कर सकती है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा निर्धारित बुलेट-प्रूफ जैकेट के वजन के मुकाबले इस कवच का वजन 9.2 किलोग्राम है।
यह जैकेट भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र द्वारा विकसित नैनो तकनीक पर आधारित है और इसकी पांच वर्ष की वारंटी है।
Incorrectउत्तर: b)
भाभा कवच को, जिसे “भारत का सबसे हल्का बुलेट-प्रूफ जैकेट” कहा जाता है, अंतर्राष्ट्रीय पुलिस एक्सपो 2019 में लॉन्च किया गया था।
आयुध निर्माणी बोर्ड और सार्वजनिक क्षेत्र की धातु और मिश्र धातु निर्माता MIDHANI द्वारा संयुक्त रूप से विकसित बुलेट-प्रूफ जैकेट, एके -47 असॉल्ट राइफल (7.62 मिमी हार्ड स्टील कोर बुलेट) और 5.56 मिमी इंसास राइफल की गोलियों का सामना कर सकती है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा निर्धारित बुलेट-प्रूफ जैकेट के वजन के मुकाबले इस कवच का वजन 9.2 किलोग्राम है।
यह जैकेट भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र द्वारा विकसित नैनो तकनीक पर आधारित है और इसकी पांच वर्ष की वारंटी है।
- Question 4 of 5
4. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- वैश्विक रूप से वर्ष 2018 में केंद्रीय बैंकों द्वारा पिछले 50 वर्षों में स्वर्ण की सर्वाधिक खरीद की गई।
- कुल स्वर्ण के भंडार के मामले में भारत शीर्ष पांच देशों की सूची में शामिल है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correctउत्तर: a)
वैश्विक रूप से वर्ष 2018 में केंद्रीय बैंकों द्वारा पिछले 50 वर्षों में स्वर्ण की सर्वाधिक खरीद (4% की वृद्धि) की गई।
भारत के स्वर्ण भंडार में पिछले कुछ दशकों में अर्थात् 2000 की पहली तिमाही के 357.8 टन से अगस्त 2020 में 657 टन की वृद्धि हुई है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व स्वर्ण परिषद के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2020 तक उच्चतम स्वर्ण भंडार वाले देशों की सूची निम्नलिखित है।
Incorrectउत्तर: a)
वैश्विक रूप से वर्ष 2018 में केंद्रीय बैंकों द्वारा पिछले 50 वर्षों में स्वर्ण की सर्वाधिक खरीद (4% की वृद्धि) की गई।
भारत के स्वर्ण भंडार में पिछले कुछ दशकों में अर्थात् 2000 की पहली तिमाही के 357.8 टन से अगस्त 2020 में 657 टन की वृद्धि हुई है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व स्वर्ण परिषद के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2020 तक उच्चतम स्वर्ण भंडार वाले देशों की सूची निम्नलिखित है।
- Question 5 of 5
5. Question
1 pointsमहामारी रोग अधिनियम, 1897 के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- महामारी रोग अधिनियम, 1897 बुबोनिक प्लेग की महामारी से निपटने के लिए पेश किया गया था जो 1890 के दशक में बॉम्बे प्रेसीडेंसी में फैल गया था।
- यह कानून विशेष शक्तियों को प्रदान करके महामारी की रोकथाम करता है जो रोग के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए रोकथाम के उपायों के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक हैं।
- बाल गंगाधर तिलक ने अपने केसरी और मराठा अखबारों में प्लेग महामारी अधिनियम और इसके निपटने के लिए प्रशंसा की थी।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correctउत्तर: a)
1897 के महामारी रोग अधिनियम का इतिहास
औपनिवेशिक सरकार ने 1890 में तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी में फैले बुबोनिक प्लेग की महामारी से निपटने के लिए इस अधिनियम को लागू किया था।
इस अधिनियम द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए, उपनिवेशों के अधिकारी घरों में और यात्रियों के बीच प्लेग मामलों की खोज कर सकते हैं, उन्हें जबरन अलग कर सकते हैं और संक्रमित स्थानों को ध्वस्त कर सकते हैं।
इतिहासकारों ने इसके संभावित दुरुपयोग के कारण इस अधिनियम की आलोचना की थी।
1897 में, जिस वर्ष यह कानून लागू किया गया था, स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक को प्लेग महामारी से शाही अधिकारियों द्वारा निपटने के संबंध में अपने केसरी और मराठा अखबारों में खबर छापना के कारण 18 महीने के कठोर कारावास की सजा दी गई थी।
1897 महामारी रोग अधिनियम के प्रावधान
इस अधिनियम, जिसमें चार खंड शामिल हैं, का उद्देश्य “खतरनाक महामारी के प्रसार को बेहतर तरीके से रोकथाम करना” है।
धारा 2 राज्य सरकारों / केंद्रशासित प्रदेशों को विशेष उपाय करने और प्रकोप से निपटने के लिए नियम बनाने का अधिकार प्रदान करती है। इसके अनुसार:
“खतरनाक महामारी रोग के रूप में विशेष उपाय करने और नियमों को निर्धारित करने की शक्ति”।
Incorrectउत्तर: a)
1897 के महामारी रोग अधिनियम का इतिहास
औपनिवेशिक सरकार ने 1890 में तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी में फैले बुबोनिक प्लेग की महामारी से निपटने के लिए इस अधिनियम को लागू किया था।
इस अधिनियम द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए, उपनिवेशों के अधिकारी घरों में और यात्रियों के बीच प्लेग मामलों की खोज कर सकते हैं, उन्हें जबरन अलग कर सकते हैं और संक्रमित स्थानों को ध्वस्त कर सकते हैं।
इतिहासकारों ने इसके संभावित दुरुपयोग के कारण इस अधिनियम की आलोचना की थी।
1897 में, जिस वर्ष यह कानून लागू किया गया था, स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक को प्लेग महामारी से शाही अधिकारियों द्वारा निपटने के संबंध में अपने केसरी और मराठा अखबारों में खबर छापना के कारण 18 महीने के कठोर कारावास की सजा दी गई थी।
1897 महामारी रोग अधिनियम के प्रावधान
इस अधिनियम, जिसमें चार खंड शामिल हैं, का उद्देश्य “खतरनाक महामारी के प्रसार को बेहतर तरीके से रोकथाम करना” है।
धारा 2 राज्य सरकारों / केंद्रशासित प्रदेशों को विशेष उपाय करने और प्रकोप से निपटने के लिए नियम बनाने का अधिकार प्रदान करती है। इसके अनुसार:
“खतरनाक महामारी रोग के रूप में विशेष उपाय करने और नियमों को निर्धारित करने की शक्ति”।