[इनसाइट्स सिक्योर – 2020] दैनिक सिविल सेवा मुख्य परीक्षा उत्तर लेखन अभ्यास: 10 सितम्बर 2020

How to Follow Secure Initiative?

How to Self-evaluate your answer? 

INSIGHTS NEW SECURE – 2020: YEARLONG TIMETABLE

 


सामान्य अध्ययन – 2


 

विषय: संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।

1. शासन के लोकतान्त्रिक स्वरुप की चुनौतियों पर चर्चा कीजिए एवं भारत में लोकतांत्रिक शासन संरचना को सशक्त बनाने के लिए आवश्यक उपाय भी सुझाएं। (250 शब्द)

सन्दर्भ: The Hindu 

 निर्देशक शब्द: 

चर्चा कीजिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना: 

परिचय:

शासन के लोकतान्त्रिक स्वरुप की चुनौतियों का वर्णन करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

समझाइये कि प्रतिनिधि लोकतंत्र की चुनौतियों के कारण, यह राजनीतिक दलों और संसदों को त्यागने और लोकतंत्र के प्रत्यक्ष रूप की ओर लौटने की ओर आकर्षित करता है, जहां प्रत्येक निर्णय जनता द्वारा प्रत्यक्ष मतदान के माध्यम से लिया जा सकता है। इसे संभव बनाने के लिए नई इंटरनेट प्रौद्योगिकियां प्रासंगिक साधन प्रदान कर सकती हैं। हालांकि, प्रत्यक्ष लोकतंत्र के संबंध में चुनौतियां भी हैं।

इन चुनौतियों के समाधान के लिए उपयुक्त एवं प्रासंगिक समाधान भी सुझाइये।

 निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय। भारत एवं इसके पड़ोसी- संबंध।

2. हाल ही के दिनों में इस धारणा में वृद्धि हुई है कि भारत ने गुटनिरपेक्षता की नीति को त्याग दिया है। क्या हमने वास्तव में गुटनिरपेक्षता की नीति को त्याग दिया है? विदेशी राजनीति में चल रही गतिशीलता पर चर्चा कीजिए एवं आगे की राह सुझाएँ। (250 शब्द)

 सन्दर्भ: The Hindu

 निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

गुट निरपेक्षता की नीति को संक्षेप में समझाइये।

 विषय वस्तु:

चर्चा कीजिए कि क्या वर्तमान समय में गुट निरपेक्ष आंदोलन की प्रासंगिकता में कमी आई है।

भारत के भू-रणनीतिक उद्देश्य एवं उनसे संबंधित चुनौतियों का उल्लेख करते हुए समझाइये कि इन्हें कैसे संबोधित किया जाना चाहिए।

विदेशी राजनीति में चल रही गतिशीलता के आलोक में गुट निरपेक्ष आंदोलन की वर्तमान स्थति पर चर्चा कीजिए।

 निष्कर्ष:

भारत के लिए आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

  

विषय: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय। सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।

3. COVID-19 महामारी ने अशिक्षा के खतरों को उजागर किया है। इस संदर्भ में देश में साक्षरता के लिए एक जन आंदोलन की आवश्यकता पर चर्चा कीजिए। पढ़ना लिखना अभियान की प्रमुख विशेषताओं का भी उल्लेख कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: Indian Express 

 निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना: 

परिचय:

भारत में साक्षरता और इसकी वर्तमान स्थिति से संबंधित कुछ प्रमुख तथ्यों पर चर्चा कीजिए।

 विषय वस्तु:

भारत में साक्षरता पर COVID-19 महामारी के पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा कीजिए।

देश में साक्षरता के लिए जन आंदोलन की आवश्यकता पर प्रकाश डालिये।

भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित “पढ़ना लिखना अभियान” की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।

 निष्कर्ष:

देश में साक्षरता के महत्व को पहचानने की आवश्यकता पर बल देते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन – 3


 

विषय: मुख्य फसलें- देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न- सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली- कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएँ; किसानों की सहायता के लिये ई-प्रौद्योगिकी।

4. देश में बागवानी फसलों पर बढ़ता ध्यानकेंद्रण जीत का फार्मूला सिद्ध होगा क्योंकि यह कृषि आय में वृद्धि करने एवं पोषण सुरक्षा का समर्थन करने में सहायक होगा। टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ:  Financial Express 

  निर्देशक शब्द: 

टिप्पणी कीजिये ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।

उत्तर की संरचना: 

परिचय:

प्रमुख तथ्यों एवं प्रासंगिक डाटा की सहायता से भारत में बागवानी फसलों के वर्तमान स्वरुप को दर्शाइए।

 विषय वस्तु:

समझाइये कि देश में बागवानी फसलों पर बढ़ता ध्यानकेंद्रण, किसानों की आय में वृद्धि के साथ-साथ पोषण सुरक्षा के लिए सरकार के प्रयासों को पूरा करने में यह शीर्ष स्तर के साथ-साथ निचले स्तर के लिए भी जीत का फॉर्मूला कैसे सिद्ध होगा।

इस दिशा में सरकार द्वारा किये गए प्रयासों पर भी चर्चा कीजिए।

 निष्कर्ष:

देश की समग्र अर्थव्यवस्था के लिए इस क्षेत्र के महत्व को स्पष्ट करते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन – 4


 

विषय: लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; उत्तरदायित्व तथा नैतिक शासन, शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण; अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कॉरपोरेट शासन व्यवस्था।

5. नैतिकता के सभी प्रवचन अन्ततोगत्वा नौकरशाही की अक्षमता का ही अन्य पक्ष है। विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभिवृत्ति: जी सुब्बाराव और पी एन चौधरी

 निर्देशक शब्द:

विश्लेषण कीजियेऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिये।

 उत्तर की संरचना: 

परिचय:

नौकरशाही की अक्षमता से आपका क्या तात्पर्य है, समझाते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

समझाइये की किसप्रकार नैतिकता के सभी प्रवचन, नौकरशाही की अक्षमता का अन्य पक्ष है।

नौकरशाही के नैतिक पहलुओं पर भी चर्चा कीजिए।

 निष्कर्ष:

बेहतर प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए नैतिकता और नौकरशाही के मध्य पूर्ण सामंजस्य स्थापित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए निष्कर्ष निकालिये।

 

विषय: नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंधः मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्त्व, इसके निर्धारक और परिणाम; नीतिशास्त्र के आयाम; निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र, मानवीय मूल्य- महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा; मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका।

6. क्या हमारे राष्ट्र ने अपनी नैतिक पहचान खो दी है? आज विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के संदर्भ में, देश में आत्महत्याओं की ओर ले जाने वाले प्रमुख कारक के रूप में भारतीय समाज की भूमिका का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)

 सन्दर्भ: Indian Express 

 निर्देशक शब्द: 

आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिये- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।

 उत्तर की संरचना: 

परिचय:

देश में आत्महत्या एवं उसके बढ़ते मामलों से सम्बंधित प्रमुख तथ्यों का उल्लेख करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

समझाइये कि दुःखी परिवार और दोस्तों के प्रति करुणा एवं सहानुभूति और मृत व्यक्ति की गरिमा और गोपनीयता के प्रति सम्मान के स्थान पर समाज का एक विशाल वर्ग उनके सहयोगियों, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ क्रोधपूर्ण आचरण करता है और यदि यह पर्याप्त न लगे, तो व्यक्ति के चरित्र पर टिप्पणियां भी की जाती हैं।

चर्चा कीजिए कि किस प्रकार हमारे समाज ने अपनी नैतिक पहचान खो दी है। उपयुक्त केस स्टडी जैसे- सुशांत सिंह राजपूत मामला, की सहायता से उपर्युक्त को समझाइये।  

देश में आत्महत्या के मामलों में वृद्धि में समाज के योगदान का विश्लेषण कीजिए।

निष्कर्ष:

समाज की नैतिक पहचान को पुनः संरेखित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालिये और इस हेतु उपयुक्त सुझाव देते हुए निष्कर्ष निकालिये।

 

विषय: केस स्टडी (मामला अध्ययन) ।

7. आप एक बहुत बड़ी सड़क परियोजना के प्रभारी वरिष्ठ सिविल इंजीनियर हैं। आप पाते हैं कि प्रोजेक्ट ठेकेदार कार्य-अनुसूची के अनुसार ईमानदारी से और दृढ़ता से कार्य कर रहा है और उसने कार्य की गुणवत्ता को भी बनाए रखा है। उसके इकलौते बेटे की अचानक दुर्घटना हो गयी और इसलिए वह, अपने बेटे के इलाज में व्यस्त हो गया। फलस्वरूप परियोजना में विलम्ब हुआ है और कार्य की गुणवत्ता भी थोड़ी प्रभावित हुई है। आपके अधीनस्थ, ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए आप पर दबाव डाल रहे हैं। आपके पास कौन- कौन से विकल्प उपलब्ध हैं? प्रत्येक विकल्प के गुण एवं दोषों का मूल्यांकन कीजिए और आपके द्वारा अपनाये जाने वाले विकल्प का चुनाव कीजिए एवं उसका कारण भी बताइये। (250 शब्द)

 निर्देशक शब्द: 

मूल्यांकन कीजिये- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है की वह कथन अथवा विषय के महत्व को रेखांकित करते हुए उसकी समग्र उपयोगिता बताये।

 उत्तर की संरचना: 

परिचय:

इस तथ्य के साथ प्रारम्भ कीजिए कि अपने बेटे की दुर्घटना से पहले प्रोजेक्ट ठेकेदार कार्य-अनुसूची के अनुसार ईमानदारी से और दृढ़ता से कार्य कर रहा था और उसने कार्य की गुणवत्ता को भी बनाए रखा था।

 विषय वस्तु:

सिविल इंजीनियर के समक्ष उपलब्ध विकल्पों पर चर्चा कीजिए।

प्रत्येक विकल्प की जांच कीजिए और अपनी राय प्रस्तुत कीजिए।

निष्कर्ष:

एक निष्पक्ष एवं संतुलित राय के साथ निष्कर्ष निकालिए। 


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