HINDI INSIGHTS STATIC QUIZ 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
जैन धर्म की शिक्षाओं के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- महावीर के अनुसार, निर्जीव वस्तुओं में भी आत्मा और चेतना की अलग-अलग मात्रा विद्यमान होती हैं।
- जैन धर्म परम ज्ञान की प्रति करने के लिए कठोर तपस्या और वैराग्य में विश्वास करता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?
Correct
उत्तर: d)
- महावीर चेतन और निर्जीव सभी वस्तुओं के अस्तित्व में विश्वास करते थे, जिनमें आत्मा और चेतना की अलग-अलग मात्रा विद्यमान होती हैं। उनमें जीवन मौजूद होता है और पीड़ा महसूस करती हैं।
- यहां तक कि कृषि कार्य को भी पाप माना जाता था क्योंकि यह पृथ्वी, कृमियों और जानवरों को चोट पहुंचाता है।
- इसी तरह वैराग्य और त्याग के सिद्धांत को भी उपवास, निर्वस्त्रता और आत्म-यातना के रूप में माना गया है।
Incorrect
उत्तर: d)
- महावीर चेतन और निर्जीव सभी वस्तुओं के अस्तित्व में विश्वास करते थे, जिनमें आत्मा और चेतना की अलग-अलग मात्रा विद्यमान होती हैं। उनमें जीवन मौजूद होता है और पीड़ा महसूस करती हैं।
- यहां तक कि कृषि कार्य को भी पाप माना जाता था क्योंकि यह पृथ्वी, कृमियों और जानवरों को चोट पहुंचाता है।
- इसी तरह वैराग्य और त्याग के सिद्धांत को भी उपवास, निर्वस्त्रता और आत्म-यातना के रूप में माना गया है।
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Question 2 of 5
2. Question
मौर्य साम्राज्य के निम्नलिखित अधिकारियों और उनकी संबंधित भूमिकाओं पर विचार कीजिए।
- नगरिका : शहर का अधीक्षक
- गोपा : विधिवेत्ता
- राजुक : जिला प्रशासन
- युक्ता : केंद्रीय राजकोष
उपर्युक्त में से कौनसे सही सुम्मेलित हैं?
Correct
उत्तर: a)
- कौटिल्य और मेगस्थनीज दोनों ने मौर्य साम्राज्य में नगरपालिका प्रशासन की व्यवस्था प्रदान की थी।
- अर्थशास्त्र में नगरिका या नगर अधीक्षक की भूमिका के सम्बन्ध में एक सम्पूर्ण अध्याय को शामिल किया गया है। उनका मुख्य कर्तव्य कानून और व्यवस्था बनाए रखना था।
- जिला प्रशासन राजुकों के अधीन था, जिनकी स्थिति और कार्य आधुनिक कलेक्टर के समान थे। उन्हें युक्ता या अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा सहायता प्रदान की जाती थी।
- ग्राम प्रशासन ग्रामानी के अधीन होता था और उनके अधिकारी श्रेष्ठ को गोपा कहा जाता था जो दस या पंद्रह गांवों के प्रभारी होते थे।
Incorrect
उत्तर: a)
- कौटिल्य और मेगस्थनीज दोनों ने मौर्य साम्राज्य में नगरपालिका प्रशासन की व्यवस्था प्रदान की थी।
- अर्थशास्त्र में नगरिका या नगर अधीक्षक की भूमिका के सम्बन्ध में एक सम्पूर्ण अध्याय को शामिल किया गया है। उनका मुख्य कर्तव्य कानून और व्यवस्था बनाए रखना था।
- जिला प्रशासन राजुकों के अधीन था, जिनकी स्थिति और कार्य आधुनिक कलेक्टर के समान थे। उन्हें युक्ता या अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा सहायता प्रदान की जाती थी।
- ग्राम प्रशासन ग्रामानी के अधीन होता था और उनके अधिकारी श्रेष्ठ को गोपा कहा जाता था जो दस या पंद्रह गांवों के प्रभारी होते थे।
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Question 3 of 5
3. Question
पल्लव प्रशासन के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- पल्लवों द्वारा मंदिरों को दी जाने वाली भूमि अनुदान को ब्रह्मादेय कहा जाता था।
- ब्राह्मणों को दी गई भूमि को कर मुक्त रखा गया।
- व्यापारियों और कारीगरों को करों का भुगतान करना आवश्यक था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
- राजा ने देवधन के रूप में जाने वाले मंदिरों और ब्रह्मादेय के रूप में जाने वाले ब्रह्मणों को भूमि-अनुदान प्रदान किया।
- भूमि कर राजस्व का प्राथमिक स्रोत था। ब्रह्मादेय और देवधन भूमि को कर मुक्त रखा गया।
- व्यापारियों और कारीगरों जैसे कि बढ़ई, सुनार, धोबी, तेली और बुनकरों द्वारा कर का भुगतान किया जाता था।
Incorrect
उत्तर: b)
- राजा ने देवधन के रूप में जाने वाले मंदिरों और ब्रह्मादेय के रूप में जाने वाले ब्रह्मणों को भूमि-अनुदान प्रदान किया।
- भूमि कर राजस्व का प्राथमिक स्रोत था। ब्रह्मादेय और देवधन भूमि को कर मुक्त रखा गया।
- व्यापारियों और कारीगरों जैसे कि बढ़ई, सुनार, धोबी, तेली और बुनकरों द्वारा कर का भुगतान किया जाता था।
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Question 4 of 5
4. Question
1879 के रम्पा विद्रोह के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- यह विजागापट्टम के पहाड़ी क्षेत्र में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह था।
- इसका नेतृत्व जमींदारों ने किया था।
- ताड़ी निकलने पर प्रतिबंध लगाना इसका एक महत्वपूर्ण कारण था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन/सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: c)
- यह ब्रिटिश सरकार की मद्रास प्रेसीडेंसी और जमींदारों के खिलाफ विजागापट्टम जिले के विजागापट्टम हिल ट्रैक एजेंसी के रम्पा क्षेत्र में पहाड़ी जनजातियों द्वारा किया गया एक विद्रोह था।
- विजागापट्टम के पहाड़ी क्षेत्रों में पहाड़ी जनजातियों का निवास स्थान था जो सदियों से यहाँ स्वतंत्र रूप से निवास करते थे।
- ये जनजातियां ब्रिटिश भारत के अधीन जमींदार या मनसबदार के प्रति सम्मान व्यक्त करती थी।
- इस क्षेत्र का तत्कालीन जमींदार एक अत्याचारी व्यक्ति था। पहले छोटे-मोटे दंगे और हुआ करते थे, लेकिन यह मामला और अधिक गंभीर हो गया जब मद्रास सरकार ने अवैध रूप से ताड़ी निकलने पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून पेश किया और ताड़ी कर आरोपित कर दिया। उल्लेलेखनीय है कि ताड़ी निकालना उनकी संस्कृति का हिस्सा था।
- इसके कारण 1879 की शुरुआत में व्यापक पैमाने पर विद्रोह उत्पन्न हो गया।
Incorrect
उत्तर: c)
- यह ब्रिटिश सरकार की मद्रास प्रेसीडेंसी और जमींदारों के खिलाफ विजागापट्टम जिले के विजागापट्टम हिल ट्रैक एजेंसी के रम्पा क्षेत्र में पहाड़ी जनजातियों द्वारा किया गया एक विद्रोह था।
- विजागापट्टम के पहाड़ी क्षेत्रों में पहाड़ी जनजातियों का निवास स्थान था जो सदियों से यहाँ स्वतंत्र रूप से निवास करते थे।
- ये जनजातियां ब्रिटिश भारत के अधीन जमींदार या मनसबदार के प्रति सम्मान व्यक्त करती थी।
- इस क्षेत्र का तत्कालीन जमींदार एक अत्याचारी व्यक्ति था। पहले छोटे-मोटे दंगे और हुआ करते थे, लेकिन यह मामला और अधिक गंभीर हो गया जब मद्रास सरकार ने अवैध रूप से ताड़ी निकलने पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून पेश किया और ताड़ी कर आरोपित कर दिया। उल्लेलेखनीय है कि ताड़ी निकालना उनकी संस्कृति का हिस्सा था।
- इसके कारण 1879 की शुरुआत में व्यापक पैमाने पर विद्रोह उत्पन्न हो गया।
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Question 5 of 5
5. Question
पब्लिक सेफ्टी बिल, 1928 का उद्देश्य था
Correct
उत्तर: c)
- पब्लिक सेफ्टी बिल का उद्देश्य भारत में साम्यवादी (कम्युनिस्ट) आंदोलन को ब्रिटिश और विदेशी साम्यवादी संगठनों से संबंधों नियंत्रित कर समाप्त करना था। इसने समाजवादी और साम्यवादी विचारों का प्रचार करने वाले संदिग्ध विदेशियों को निर्वासित करना है।
Incorrect
उत्तर: c)
- पब्लिक सेफ्टी बिल का उद्देश्य भारत में साम्यवादी (कम्युनिस्ट) आंदोलन को ब्रिटिश और विदेशी साम्यवादी संगठनों से संबंधों नियंत्रित कर समाप्त करना था। इसने समाजवादी और साम्यवादी विचारों का प्रचार करने वाले संदिग्ध विदेशियों को निर्वासित करना है।