INSIGHTS करेंट अफेयर्स+ पीआईबी नोट्स [ DAILY CURRENT AFFAIRS + PIB Summary in HINDI ] 31 August

विषय – सूची:

 सामान्य अध्ययन-I

1. ओणम

 

सामान्य अध्ययन-II

1. विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTGs)

2. राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC)

3. राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR)

4. विकलांग जनों हेतु सामाजिक न्याय पर संयुक्त राष्ट्र के दिशानिर्देश

 

सामान्य अध्ययन-III

1. प्रधानमंत्री जन धन योजना

2. दक्षिण पश्चिम रेलवे की RORO सेवा

 

प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य

1. नूर इनायत खान

2. ब्लू प्लाक स्कीम क्या है?

3. राष्ट्रीय खेल पुरस्कार

4. राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल्स मूल्य निर्धारण प्राधिकरण

5. शतरंज में आर्मगेडन’ क्या होता है?

6. ओडिशा की कंधमाल हल्दी

7. डोकलाम तथा नाकु ला

8. चन्नपटना खिलौने

 


सामान्य अध्ययन-I


  

विषय: भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।

ओणम


ओणम त्यौहार, केरल में प्रतिवर्ष मलयालम सौर कैलेंडर (कोल्लावर्षम) के अनुसार पहले महीने चिंगम (Chingam) की शुरुआत में मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian calendar)  के अनुसार यह अगस्त या सितंबर माह में पड़ता है।

यह त्योहार 10 दिनों तक चलता है तथा ‘थिरुओणम’ (Thiruvonam) के साथ संपन्न होता है। थिरुओणम, पूरे त्यौहार में सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है।

त्योहार के बारे में:

  • एक लोकप्रिय किंवदंती के अनुसार, ओणम का त्यौहार राजा महाबली का स्वागत करने के लिए मनाया जाता है।
  • मान्यता यह है कि थिरुओणम के दिन राजा महाबली अपनी समस्त प्रजा से मिलने केरल राज्य में आते है।
  • इसे धान की फसल के त्योहार के रूप में भी मनाया जाता है।

ओणम को किस प्रकार मनाया जाता है?

त्योहार के दौरान, केरलवासी अपने पारंपरिक परिधान में तैयार होते हैं तथा ओणम साध्या (Onam Sadhya) तैयार करते हैं। ओणम साध्या में 26 तरह के शाकाहारी व्यंजन बनाए जाते हैं, जिन्हें क्रमबद्ध तरीके से केले के पत्तों पर परोसा जाता है।

इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार की सामूहिक गतिविधियां, जैसे कि पूलकम (ताजे फूलों से बनी रंगोली), वल्लम काली (नौका दौड़), पुलकली (बाघ नृत्य), काईकोट्टू काली (ओणम नृत्य), कुम्मट्टिकली (मुखौटा नृत्य) आदि आयोजित की जाती हैं।

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प्रीलिम्स लिंक:

फसली त्यौहार देश के विभिन्न भागों में मनाए जाते हैं।

निम्नलिखित का संक्षिप्त विवरण:

  1. पुलकली
  2. वल्लम काली
  3. काईकोट्टू काली,
  4. कुम्मट्टिकली

स्रोत: पीआईबी

 


सामान्य अध्ययन-II


  

विषय: केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।

विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTGs)


(Particularly Vulnerable Tribal Groups)

संदर्भ:

हाल ही में ग्रेट अंडमानी जनजाति (Great Andamanese Tribe) के दस से अधिक सदस्य COVID-19 से संक्रमित पाए गए है। यह एक अधिसूचित ‘विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह’ (Particularly Vulnerable Tribal GroupsPVTG) है, जिसकी कुल आबादी मात्र 56 है।

इसके पश्चात से द्वीप प्रशासन द्वारा जनजातीय समूहों, ग्रेट अंडमानी जारवा, ओंगे, शोम्पेंस और नॉर्थ सेंटीनल, में परीक्षण को तेज कर दिया है।

विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के बारे में:

सभी जनजातीय समूहों में PVTGs सबसे अधिक कमजोर होते हैं।

  • इन समूहों की जनसंख्या स्थिर अथवा घटती जा रही है, तथा इनमे साक्षरता का स्तर निम्न, इनकी तकनीके कृषि-पूर्व स्तर की होती है और इसके साथ ही ये समूह आर्थिक रूप से अत्याधिक पिछड़े हुए हैं।
  • ये समूह प्रायः दूरदराज के इलाकों में निवास करते हैं, जहाँ बुनियादी सुविधाओं तथा प्रशासनिक सहायता का लगभग अभाव होता है।

PVTGs की पहचान:

वर्ष 1973 में ढेबर आयोग द्वारा जनजातीय समूहों के मध्य सबसे कम विकसित जनजातियों को ‘आदिम जनजातीय समूह’ (Primitive Tribal GroupsPTG) की एक अलग श्रेणी के रूप वर्गीकृत किया गया था।

  • वर्ष 1975 में, भारत सरकार द्वारा सबसे कमजोर आदिवासी समूहों को PVTGs नामक एक अलग श्रेणी के रूप में चिंहित करने की पहल की गयी तथा 52 ऐसे समूहों को अधिसूचित किया गया।
  • वर्ष 1993 में एक 23 अन्य समूहों को PVTG श्रेणी में सम्मिलित किया गया।
  • वर्तमान PVTG श्रेणी में 75 समूह सम्मिलित है तथा यह देश में, वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार,18 से अधिक राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश (अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह) में फैले हुए हैं।
  • 75 सूचीबद्ध PVTG में से सबसे अधिक संख्या ओडिशा (13) में पाई जाती है, इसके बाद आंध्र प्रदेश (12) का स्थान आता है।
  • वर्ष 2006 में, भारत सरकार ने PTG का नाम बदलकर PVTG कर दिया था।

PVTGs के विकास हेतु योजनाएं:

जनजातीय मामलों का मंत्रालय, ‘विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों’ (PVTGs) के विकास के लिए विशेष योजनाएं लागू करता है।

  • इस योजना के अंतर्गत, PVTGs की आवश्यकताओं के अनुसार, संरक्षण-सह-विकास (Conservation-cum-DevelopmentCCD) /प्रत्येक राज्य तथा केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा वार्षिक योजनाएं तैयार की जाती है, जिन्हें मंत्रालय की परियोजना मूल्यांकन समिति द्वारा आंकलित तथा अनुमोदित किया जाता है।
  • आदिवासी उप-योजना (Tribal Sub-Scheme- TSS), संविधान के अनुच्छेद 275 (1) के तहत अनुदान, अनुसूचित जनजातियों के कल्याण हेतु काम कर रहे स्वैच्छिक संगठनों के लिए अनुदान तथा निम्न साक्षरता जिलों में अनुसूचित जनजाति की लड़कियों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष केंद्रीय सहायता (Special Central Assistance – SCA) के अंतर्गत भी विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों’ (PVTGs) को प्राथमिकता दी गई है।

PVTGs निर्धारण के लिए निम्नलिखित मानदंड अपनाए जाते हैं:

  1. कृषि-पूर्व स्तर की प्रौद्योगिकी का प्रयोग
  2. एक स्थिर अथवा घटती हुई जनसंख्या।
  3. बेहद कम साक्षरता।
  4. निर्वाह स्तर की अर्थव्यवस्था।

प्रीलिम्स लिंक:

  1. भारत में पी PVTGs
  2. PVTGs की सर्वाधिक संख्या वाला राज्य।
  3. संविधान का अनुच्छेद 275 (1) किससे संबंधित है?
  4. PVTGs के विकास हेतु योजना का अवलोकन।
  5. PVTGs के निर्धारण के लिए मानदंड
  6. अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूफ में पाए जाने वाले PVTGs

मेंस लिंक:

‘विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूह’ (PVTGs)  क्या हैं? उनके संरक्षण तथा उन्हें दिए गए वैधानिक अधिकारों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा कीजिए।

स्रोत:पीआईबी

 

विषय: केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।

राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC)


संदर्भ:

असम के अद्यतन ‘राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर’ (National Register of Citizens – NRC) की अंतिम सूची पिछले वर्ष 31 अगस्त को प्रकाशित हुई थी। किंतु, उस तारीख से एक साल बाद भी, प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी है।

  • कुल 30 करोड़ में से 19 लाख आवेदक राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की सूची से बाहर हो गए थे।
  • इन लोगों को अभी तक उनके आवेदनों की अस्वीकरण पर्चियां (Rejection Slips) नहीं मिली है, इस कारणवश वे अभी तक अभी तक अपील दायर नहीं कर पाए हैं।

देरी के कारण:

वर्तमान COVID-19 संकट तथा राज्य में आई बाढ़।

अस्वीकरण पर्चियां क्या हैं?

राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की सूची से बाहर हो गए व्यक्तियों के लिए विदेशी अधिकरणों (Foreigners tribunalsFTs) में अपील दायर करने के लिए ‘अस्वीकरण पर्चियां’ (Rejection Slips) की आवश्यकता होती है। विदेशी अधिकरण (FTs), वे अर्ध-न्यायिक संस्थाएं है जो ‘संदिग्ध विदेशी’ घोषित किये गए व्यक्तियों के भाग्य का फैसला करती है।

  • इन पर्चियों में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की सूची के तहत आवेदक का नाम सम्मिलित नहीं करने के कारणों का उल्लेख किया जाएगा।
  • अस्वीकरण पर्चियां’ को राज्य एनआरसी कार्यालय द्वारा जारी किया जाता है।

‘राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर’ क्या है?

राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC)  वह सूची है जिसमें सभी भारतीय नागरिकों का विवरण शामिल है। इसे वर्ष 1951 की जनगणना के बाद तैयार किया गया था।

  • सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, असम राज्य में ‘राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर’ के अद्यतन करने की प्रक्रिया वर्ष 2013 में शुरू की गयी थी।
  • बांग्लादेश तथा आस-पास के अन्य क्षेत्रों से आए हुए अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने के लिए, नागरिकता अधिनियम, 1955 तथा असम समझौते में तय किए गए नियमों के अनुसार, NRC को अद्यतन करने की प्रक्रिया शुरू की गयी है।

प्रीलिम्स लिंक:

  1. जनगणना और NPR के बीच संबंध।
  2. NPR बनाम NRC
  3. NRC, असम समझौते से किस प्रकार संबंधित है।
  4. नागरिकता प्रदान करने और रद्द करने के लिए संवैधानिक प्रावधान।
  5. जनगणना कौन करता है?
  6. अस्वीकरण पर्चियां क्या हैं? उन्हें कौन जारी करता है?
  7. विदेषी अधिकरणों की संरचना और कार्य

मेंस लिंक:

एक राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC)  प्रक्रिया क्यों नहीं संभव हो सकती है, चर्चा कीजिए।

स्रोत: द हिंदू

 

विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR)


संदर्भ:

जनगणना के पहले चरण तथा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population RegisterNPR) को अद्यतन करने की प्रक्रिया को इसी वर्ष पूरा किया जाना था, किंतु कोरोनोवायरस महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। अब इसमें संभवतः एक साल तक की देरी हो सकती है, क्योंकि महामारी कम होने के अभी तक संकेत नहीं मिले हैं।

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) क्या है?

यह ‘देश के सामान्य निवासियों’ की एक सूची होती है।

  • राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register- NPR) को नागरिकता कानून, 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्‍ट्रीय पहचान-पत्र जारी करना) नियम, 2003 के प्रावधानों के अनुसार स्थानीय, उप-ज़िला, ज़िला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है।
  • राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) में पंजीकरण कराना भारत के प्रत्येक ‘सामान्य निवासी’ के लिये अनिवार्य है।

उद्देश्य: देश के प्रत्येक आम नागरिक की विस्तृत पहचान का डेटाबेस तैयार करना।

देश के सामान्य निवासी कौन है?

गृह मंत्रालय के अनुसार, ‘देश का सामान्य निवासी’ को निम्नलिखित रूप से परिभाषित किया गया है- वह व्यक्ति, जो कम-से-कम पिछले छह महीनों से किसी स्थानीय क्षेत्र में रहता है अथवा अगले छह महीने या उससे अधिक समय तक के लिये किसी विशेष स्थान पर रहने का इरादा रखता है।

संबंधित विवाद

  • राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) से संबंधित विवाद, असम में जारी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) प्रक्रिया में लाखों लोगों को बाहर किये जाने की पृष्ठभूमि से उत्पन्न होते हैं।
  • इसका उद्देश्य भारी मात्रा में भारत के निवासियों का विस्तृत व्यक्तिगत डेटा एकत्र करना है।
  • एकत्र किये हुए डेटा की विशाल मात्रा के संरक्षण के लिए प्रणाली पर अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है।

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प्रीलिम्स लिंक:

  1. नागरिकता से संबंधित संवैधानिक प्रावधान
  2. NPR डेटा के घटक।
  3. सामान्य निवासी कौन है?
  4. NPR कौन तैयार करता है?
  5. कोई व्यक्ति भारतीय नागरिकता कैसे प्राप्त कर सकता है?
  6. क्या एक भारतीय नागरिक दोहरी नागरिकता रख सकता है?

मेंस लिंक:

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के तहत डेटा संग्रह के लिए राज्यों द्वारा विरोध क्यों किया जा रहा है। चर्चा कीजिए।

स्रोत: द हिंदू

 

विषय: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।

विकलांग जनों हेतु सामाजिक न्याय पर संयुक्त राष्ट्र के दिशानिर्देश


(UN’s guidelines on access to social justice for people with disabilities)

संदर्भ:

हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र द्वारा विकलांग व्यक्तियों के लिए सामाजिक न्याय तक पहुंच के संदर्भ में अपने पहले दिशानिर्देश जारी किये गए है। यह दिशानिर्देश विकलांग व्यक्तियों के लिए पूरे विश्व में न्याय प्रणाली तक पहुंच को सुगम बनाने में सहायता करेंगे।

इन दिशानिर्देशों में दस सिद्धांत तथा इनके कार्यान्वयन हेतु आवश्यक विवरण दिया गया है।

ये दस सिद्धांत निम्नलिखित हैं:

  1. सिद्धांत 1: सभी विकलांग व्यक्तियों के पास कानूनी क्षमताएं है और इसलिए किसी भी व्यक्ति को विकलांगता के आधार पर न्याय तक पहुंच से वंचित नहीं किया जाएगा।
  2. सिद्धांत 2: विकलांगों के साथ बिना भेदभाव के न्याय तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सुविधाएं और सेवाएं सार्वभौमिक रूप से सुलभ होनी चाहिए।
  3. सिद्धांत 3: सभी विकलांग व्यक्तियों तथा विकलांग बच्चों को उचित प्रक्रियात्मक आवास का अधिकार है।
  4. सिद्धांत 4: विकलांग व्यक्तियों को अन्य व्यक्तियों की भांति कानूनी नोटिस तथा सूचनाओं तक  समय पर और सुलभ तरीके से पहुँच का अधिकार है।
  5. सिद्धांत 5: सभी विकलांग व्यक्ति, अन्य व्यक्तियों की भांति अंतरराष्ट्रीय कानून द्वारा मान्यता प्राप्त सभी मूलभूत और प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों के बराबर के हकदार हैं, तथा सभी देशों को इस संबंध में उचित प्रक्रिया की गारंटी देने हेतु आवश्यक स्थान प्रदान करना चाहिए।
  6. सिद्धांत 6: विकलांग व्यक्तियों को मुफ्त अथवा सस्ती कानूनी सहायता का अधिकार है।
  7. सिद्धांत 7: विकलांग व्यक्तियों को न्याय प्रशासन में दूसरों के साथ समान आधार पर भाग लेने का अधिकार है।
  8. सिद्धांत 8: विकलांग व्यक्तियों के लिए शिकायतों को दर्ज कराने और मानवाधिकार उल्लंघन तथा अपराध संबंधित कानूनी कार्यवाही शुरू कराने के अधिकार प्राप्त हैं।
  9. सिद्धांत 9: प्रभावी और मजबूत निगरानी तंत्र विकलांग लोगों के लिए न्याय तक पहुंच के सहयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  10. सिद्धांत 10: न्याय प्रणाली में कार्यरत सभी व्यक्तियों के लिए विकलांग लोगों के अधिकारों से संबंधित, विशेषकर न्याय तक पहुंच के संदर्भ में जागरूकता बढ़ाने तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार ‘विकलांग व्यक्ति’ की परिभाषा

वर्ष 2007 में, संयुक्त राष्ट्र विकलांग व्यक्ति अधिकार संधि (UN Convention on the Rights of Persons with Disabilities-UNCRPD) को 21वीं सदी में मानव अधिकारों के पहले प्रमुख उपकरणों के रूप में अपनाया गया था।

इसके अंतर्गत, विकलांग व्यक्तियों को ‘उन लोगों के रूप में’ परिभाषित किया गया है, ‘जो दीर्घकालिक शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक या संवेदी असमर्थता से पीड़ित है तथा पारस्परिक क्रिया में विभिन्न सीमाओं के कारण अन्य व्यक्तियों की भाति समान आधार पर समाज में अपनी पूर्ण तथा प्रभावी क्षमता के साथ भागीदारी करने में अवरोध उत्पन्न कर सकते हैं।‘   

विकलांगता के आधार पर भेदभाव का तात्पर्य

विकलांगता के आधार पर भेदभाव का अर्थ, राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, नागरिक या किसी अन्य क्षेत्र में दूसरों के साथ समान आधार पर सभी मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रताओं के प्रयोग को विकलांगता के आधार विभेद, बहिष्करण या प्रतिबंधित करना है। इसमें उचित सुविधाओं से वंचित करने सहित सभी प्रकार के भेदभाव सम्मिलित किये जाते हैं।

भारत में विकलांगता की स्थिति

संयुक्त राष्ट्र द्वारा तैयार किये गए आंकड़ों के अनुसार, भारत में सभी आयु वर्ग के 2.4 प्रतिशत पुरुष तथा दो प्रतिशत महिलाएँ विकलांगता से ग्रसित हैं।

  • विकलांगता में मनोवैज्ञानिक दुर्बलता, बौद्धिक दुर्बलता, वाक्, श्रवण, दृश्य तथा विविध दुर्बलताओं को सम्मिलित किया जाता है।
  • अमेरिका में विकलांगता का प्रसार महिलाओं में 9 प्रतिशत और पुरुषों में 12.7 प्रतिशत है। ब्रिटेन में विकलांगता का प्रसार महिलाओं में 22.7 प्रतिशत और पुरुषों में 18.7 प्रतिशत है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

 


सामान्य अध्ययन-III


  

विषय: समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय।

प्रधानमंत्री जन धन योजना (PM-JDY)


संदर्भ:

हाल ही में प्रधानमंत्री जन धन योजना (PM-JDY) के सफल कार्यान्वयन को छह साल पूरे हुए है।

  • वर्तमान में कुल PMJDY खातों की संख्या 40.35 करोड़ है।
  • इनमे से, ग्रामीण PMJDY खाते 63.6 प्रतिशत हैं।
  • महिला PMJDY खातों की संख्या 55.2 प्रतिशत हैं।

PMJDY के बारे में:

प्रधानमंत्री जन धन योजना की घोषणा,प्रधानमंत्री के द्वारा 15 अगस्त 2014 को की गयी थी। यह एक राष्ट्रीय वित्तीय समावेशन मिशन है जो वहनीय तरीके से वित्तीय सेवाओं, बैंकिंग/बचत तथा जमा खाते, विप्रेषण, ऋण, बीमा, पेंशन तक पहुंच सुनिश्चित करता है।

उद्देश्य:

  • किफायती लागत पर वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना।
  • कम लागत तथा व्यापक पहुंच के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग।

योजना के मूल तत्व:

  1. सभी के लिए बैंकिंग सुविधाएं (Banking the unbanked)- न्यूनतम कागजी कार्रवाई के साथ मूल बचत बैंक जमा (Basic Savings Bank Deposit- BSBD) खाता, आसान KYC, e-KYC, शिविर लगाकर खाता खोलना, जीरो बैलेंस और जीरो शुल्क पर खाता खोलना।
  2. सभी के लिए सुरक्षा (Securing the unsecured)– 2 लाख रुपये के मुफ्त दुर्घटना बीमा कवरेज सहित व्यापारिक स्थलों पर नकद निकासी एवं भुगतान के लिए स्वदेशी डेबिट कार्ड जारी करना।
  3. सभी के लिए वित्तीय सहायता (Funding the unfunded)- अन्य वित्तीय उत्पादों जैसे माइक्रो-इंश्योरेंस, उपभोग के लिए ओवरड्राफ्ट, माइक्रो-पेंशन और माइक्रो-क्रेडिट।

यह योजना निम्नलिखित 6 स्तंभों पर आधारित है:

  1. बैंकिंग सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच – शाखा और बैंकिंग सुविधादाता/सुविधाप्रदाता, प्रतिनिधि।
  2. प्रत्येक परिवार के लिए 10,000/- रु. की ओवरड्राफ्ट सुविधा (OD) सहित मूल बचत बैंक खाता।
  3. वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम- बचत को बढ़ावा देना, एटीएम का उपयोग, ऋण प्राप्त करने हेतु जानकारी, बीमा और पेंशन लाभ, बैंकिंग के लिए मोबाइल फोन का उपयोग करना।
  4. क्रेडिट गारंटी फंड की स्थापना – भुगतान में चूक होने पर बैंकों के लिए गारंटी प्रदान करना।
  5. बीमा – 15 अगस्त 2014 से 31 जनवरी 2015 के बीच खोले गए खातों पर 1 लाख रूपये तक का दुर्घटना बीमा तथा प्रधानमंत्री जन धन योजना के अंतर्गत 30,000 रुपये का जीवन बीमा लाभार्थी को उसकी मृत्यु पर सामान्य शर्तों की प्रतिपूर्ति पर देय होगा।
  6. असंगठित क्षेत्र के लिए पेंशन योजना।

प्रधानमंत्री जन धन योजना में नई सुविधाएं तथा विस्तार

  1. योजना के तहत, मुख्य ध्यान प्रत्येक घर में बैंक खाता के बजाय प्रत्येक गैर-खाताधारक व्यस्क व्यक्ति पर किया जायेगा।
  2. RuPay कार्ड बीमा 28 अगस्त 2018 के बाद खोले गए PMJDY खातों के लिए RuPay कार्ड पर मुफ्त आकस्मिक बीमा कवर को 1 लाख रु से 2 लाख रु किया जायेगा।
  3. ओवरड्राफ्ट सुविधाओं में वृद्धि – ओवरड्राफ्ट सुविधाओं की सीमा में 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये की दो गुनी वृद्धि; 2,000 रुपये तक ओवरड्राफ्ट की बिना शर्त सुविधा। ओवरड्राफ्ट सुविधाओं के लिए ऊपरी आयु सीमा में 60 से 65 वर्ष तक की वृद्धि।

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प्रीलिम्स लिंक:

  1. जन धन योजना कब शुरू की गई थी?
  2. पात्रता
  3. योजना के तहत ओवरड्राफ्ट सुविधा
  4. योजना के तहत दुर्घटना बीमा कवर
  5. योजना के विभिन्न घटक

मेंस लिंक:

प्रधान मंत्री जन धन योजना के महत्व पर चर्चा कीजिए।

स्रोत: पीआईबी

 

विषय: बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।

दक्षिण पश्चिम रेलवे की RORO सेवा


संदर्भ:

हाल ही में, दक्षिण पश्चिम रेलवे के नेलमंगला (बेंगलुरु के पास) से बेल (सोलापुर के पास) तक पहली बार रोल ऑन रोल ऑफ़ (Roll on Roll off- RORO) सेवा शुरू की गयी है।

बेंगलुरू – सोलापुर खंड पर रो-रो रेल सेवाएं भारतीय रेलवे में केवल निजी तौर पर संचालित RORO ट्रेन सेवाएं होंगी।

RORO क्या है?

  • रोल ऑन रोल ऑफ़ (Roll on Roll off- RORO) विभिन्न वस्तुओं से भरे सड़क वाहनों को खुले समतल रेलवे वैगनों पर ले जाने की एक अवधारणा है।
  • रो-रो सेवाएं इस अर्थ में सड़क और रेल परिवहन की सर्वोत्तम विशेषताओं का संयोजन हैं कि वे बड़े और प्रत्यक्ष रेल लिंक द्वारा न्यूनतम हैंडलिंग के साथ घर-घर सेवाएं प्रदान करती हैं।

RO-RO के लाभ:

रो-रो सेवा एक मल्टीमॉडल डिलीवरी मॉडल है, तथा इसके मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं:

माल और आवश्यक वस्तुएं लाने – ले जाने  की तेज़ गतिविधि, शहरों के बीच सड़कों पर जाम की वजह से ट्रकों का गंतव्य तक पहुंचने में लगने वाले समय को कम करता है

  • सड़कों पर भीड़ को कम करता है।
  • कीमती ईंधन बचाता है।
  • कार्बन उत्सर्जन को कम करता है।
  • ट्रक के चालक दल के लिए राहत क्योंकि यह लंबी दूरी की ड्राइविंग से बचाता है।
  • चेक पोस्ट / टोल गेट आदि का कोई झंझट नहीं।
  • मौजूदा ट्रैक पर रोडवेज और रेलवे-इंटर-मोडल परिवहन के बीच निर्बाध अंतर-संचालन।
  • आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना।
  • किसानों को उनकी उपज के लिए सही बाजार और सही मूल्य को सुनिश्चित करता है।
  • वस्तुओं की कमी वाले और अधिकता वाले बाज़ारों को आपस में जोड़ता है और दोनों में संतुलन बनाए रखता है।

इंस्टा फैक्ट्स:

भारतीय रेल में रो-रो ट्रेन सेवाओं को पहली बार 1999 में कोंकण रेलवे में शुरू किया गया था और तब से यह सफलतापूर्वक चल रहा है।

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प्रीलिम्स लिंक:

  1. RORO क्या है?
  2. हाल ही में दक्षिण पश्चिम रेलवे की पहली RORO सेवा किसके बीच शुरू की गई थी?
  3. भारतीय रेलवे पर केवल निजी तौर पर संचालित RORO ट्रेन सेवाएं?
  4. भारतीय रेलवे में सर्वप्रथम RORO ट्रेन सेवा कब शुरू की गई थी?

मेंस लिंक:

RORO सुविधा के लाभों पर चर्चा कीजिए।

स्रोत: पीआईबी

 


प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य


 नूर इनायत खान

नूर इनायत खान, द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटेन की जासूस थी।

  • हाल ही में, नूर इनायत खान, सेंट्रल लंदन में एक ‘ब्लू प्लाक’ (Blue Plaque) से सम्मानित होने वाली पहली भारतीय मूल की महिला बन गयी हैं।
  • ‘ब्लू प्लाक’ को महात्मा गांधी, राजा राम मोहन रॉय और बी आर अंबेडकर सहित कई भारतीय महापुरुषों से सबंधित घरों तथा स्थानों पर भी लगाया गया है।

ब्लू प्लाक स्कीम क्या है?

  • इसे अंग्रेज हेरिटेज चैरिटी (English Heritage charity) द्वारा संचालित किया जाता है।
  • इसके तहत लंदन भर में विशेष इमारतों से जुड़े उल्लेखनीय लोगों और संगठनों को सम्मानित किया जाता है।

राष्ट्रीय खेल पुरस्कार

भारत के राष्ट्रपति द्वारा ने 74 भारतीयों को राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

पुरस्कारों के बारे में:

इन पुरस्कारों को प्रतिवर्ष खेलों में उत्कृष्टता को पहचान देने और पुरस्कृत करने के लिए प्रदान किया जाता है:

  1. राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, खिलाड़ी द्वारा चार वर्षों की अवधि में खेल के क्षेत्र में शानदार और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है;
  2. अर्जुन पुरस्कार, चार वर्षों में निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है;
  3. द्रोणाचार्य पुरस्कार, प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में पदक विजेता के कोच को दिया जाता है;
  4. ध्यानचंद पुरस्कार, खेल विकास के लिए जीवन काल (लाइफ टाइम) योगदान के लिए है और
  5. राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार कॉर्पोरेट संस्थाओं (निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में) और व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने खेल को बढ़ावा देने और विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  6. अंतर-विश्वविद्यालयीय टूर्नामेंट में कुल मिलाकर शीर्ष प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालय को मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ट्रॉफी दी जाती है।
  7. इन खेल पुरस्कारों के अलावा, तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड देकर देश के लोगों में रोमांच की भावना को पहचान दी जाती है।

राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल्स मूल्य निर्धारण प्राधिकरण

दिवस हाल ही में राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल्स मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) का स्थापना मनाया गया।

NPPA के बारे में:

दवाओं के मूल्य निर्धारण और सस्ती कीमत पर दवाओं की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करने के लिए के लिए NPPA की स्थापना 29 अगस्त, 1997 को एक स्वतंत्र नियामक के रूप में की गयी थी।

  • NPPA, औषधि विभाग (डीओपी), रसायन और उर्वरक मंत्रालय के एक संलग्न कार्यालय के रूप कार्य करता है, जिसे भारत सरकार के प्रस्ताव के तहत गठित किया गया था।
  • NPPA के कार्यों में समय-समय पर जारी दवा (मूल्य नियंत्रण) आदेशों के तहत अनुसूचित दवाओं की कीमतों का निर्धारण और संशोधन शामिल है, साथ ही कीमतों की निगरानी और प्रवर्तन और गैर-अनुसूचित दवाओं सहित सभी दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करता है।

शतरंज में आर्मगेडन’ क्या होता है?

यह क्रिकेट में सुपर ओवर अथवा हॉकी या फुटबॉल में पेनल्टी शूटआउट के समान होता है।

  • एक आर्मगेडन (Armageddon) गेम में ‘सफ़ेद मोहरों’ के पास काले मोहरों की तुलना में सोचने का समय अधिक होता है लेकिन बोर्ड पर ड्रा स्कोर होने पर काले मोहरों को विजयी अंक मिल जाता है।
  • इसमें काले मोहरों के लिए ‘नुकसान’ होता है, तथा उन्हें खेल को समझाने के लिए एक मिनट कम दिया जाता है और यह अड़चन ‘सफ़ेद मोहरों’ की जीत के लिए लाभकारी साबित हो जाती है।

ओडिशा की कंधमाल हल्दी

  • इसे जीआई टैग प्राप्त है।
  • यह एक शुद्ध जैविक उत्पाद है।
  • आदिवासी इस कंद को बिना उर्वरक या कीटनाशक लगाए उगाते हैं।

चर्चा का कारण

जीआई टैग के बावजूद, लॉकडाउन ने इस जैविक कंद की बिक्री पर काफी नकारात्मक प्रभाव डाला है।

डोकलाम तथा नाकु ला

चर्चा का कारण

चीन द्वारा दो वायु रक्षा स्थानों को विकसित किया जा रहा है, ये दोनों डिफेन्स पोजीशंस डोकलाम स्टैंड-ऑफ क्षेत्र, तथा सिक्किम में नाकू ला (Naku La) को कवर करेंगी।

प्रमुख तथ्य

नाकू ला सेक्टर सिक्किम राज्य में औसत समुद्र तल से (MSL) से 5,000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित एक दर्रा है। यह तीस्ता नदी के उद्गम स्रोत, मुग़ुथांग या चो लामू (Cho Lhamu) से आगे स्थित है।

डोकलाम (डोंगलोंग): यह एक पठार और घाटी युक्त क्षेत्र है जो भारत के पास भूटान-चीन सीमा पर स्थित है। डोकलाम भूटान के हा घाटी, भारत के पूर्व सिक्किम जिला, और चीन के यदोंग काउंटी के बीच में है।

dokala

चन्नपटना खिलौने

चन्नापटना खिलौने (Channapatna toys), लकड़ी के खिलौने और गुड़ियों का एक विशेष प्रकार है, तथा कर्नाटक राज्य के रामनगर जिले के चन्नपटना शहर में निर्मित होते हैं।

  • यह पारंपरिक शिल्प एक भौगोलिक संकेत (जीआई) के रूप में संरक्षित है।
  • इन खिलौनों की लोकप्रियता के परिणामस्वरूप, चन्नपटना को कर्नाटक के गोम्बेगला ओरू (Gombegala Ooru)/खिलौना-शहर के रूप में जाना जाता है।

चर्चा का कारण

COVID-19 महामारी ने इस उद्योग को एक गंभीर झटका दिया है। इसने चन्नापटना खिलौने बनाने बाले कई कारीगरों को आजीविका के लिए विविध नौकरियों की तलाश करने पर विवश कर दिया है।

Channapatna_Toys


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